डिप्टी कमिश्नर ने कौशल विकास कोर्स संचालित कर कौशल लोगों को तैयार करने पर दिया जोर

कहा, शिक्षार्थियों को स्व-रोजगार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए

जालंधर (अरोड़ा) :- डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने आज कौशल विकास प्रोग्राम तहत विभिन्न गतिविधियों से संबंधित प्रतिभागी विभागों की प्रगति की समीक्षा की और नए कौशल विकास कोर्स तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया। यहां जिला प्रशासकीय परिसर में अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण विकास) बुद्धि राज सिंह और भाग लेने वाले विभागों के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक के दौरान, डिप्टी कमिश्नर ने अधिकारियों से स्थानीय उद्योग की आवश्यकता के अनुसार नए कौशल तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस कोर्स को करने से युवाओं की तकनीकी क्षमता बढ़ेगी, जिससे उन्हें अधिक रोजगार मिलेंगे। कोर्स पूरा करने वाले छात्रों के प्लेसमेंट की समीक्षा करने के बाद, डा. अग्रवाल ने कहा कि कोर्स पूरा करने वाले प्रशिक्षणार्थियों का शत-प्रतिशत प्लेसमेंट सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा, जो लोग अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू करना चाहते है उन्हें मार्गदर्शन प्रदान किया जाए, साथ ही शिक्षार्थियों को स्व-रोजगार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

उन्होंने पंजाब कौशल विकास मिशन के तहत चलाए जा रहे विभिन्न कोर्स की भी समीक्षा की। इस प्रोग्राम के तहत, विभिन्न प्रशिक्षण भागीदारों के सहयोग से बिधिपुर, नकोदर, नूरमहल, सुरानुस्सी, लाडोवाली रोड जालंधर, वरियाना, जालंधर कैन्टऔर भोगपुर में पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी, स्वास्थ्य देखभाल, इलेक्ट्रॉनिक और हार्डवेयर, लॉजिस्टिक्स से संबंधित कोर्स संचालित किए जा रहे है वर्तमान में 1050 छात्र विभिन्न कोर्स के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियां आई.बी.एम.और माइक्रोसॉफ्ट के सहयोग से युवाओं को 20 से 320 घंटे तक के ऑनलाइन कोर्स करवाएं जा रहे है। ये सभी कोर्स टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी, ई-कॉमर्स, कंप्यूटर आदि से संबंधित हैं। जापा वर्कर्स के लिए शुरू की जाने वाली ट्रेनिंग का जायजा लेते हुए इस पायलट प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया जल्द पूरी करने का निर्देश दिया। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि पंजाब राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद, विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण विभाग ने राज्य में जमीनी स्तर के इनोवेटर्स के नवाचारों को सशक्त बनाने के लिए इनोवेशन फाउंडेशन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से एक अग्रणी पहल के तौर पर ग्रीप (GRIP) प्रोग्राम शुरू किया है। उन्होंने कहा कि GRIP 3.0 ऑडिशन नए उत्पादों और प्रक्रियाओं से संबंधित जमीनी स्तर के नवाचारों को चुनने और बढ़ावा देने के लिए शुरू किया जा रहा है, जिनमें व्यक्तियों या समाज की जरूरतों या समस्याओं को हल करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि इनोवेटर्स किसान, छात्र (स्कूल/कॉलेज/आईटीआई/पॉलिटेक्निक/डिप्लोमा धारक), स्वरोजगार करने वाले व्यक्ति (कारीगर, मैकेनिक आदि), गृहिणियां, औद्योगिक श्रमिक, ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के कोई अन्य व्यक्ति भी आवेदन कर सकते है। उन्होंने कहा कि चयनित इनोवेटर्स को पुरस्कार राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रीप 3.0 ऑडिशन के संबंध में जानकारी पीएससीएसटी की वेबसाइट www.pscst.punjab.gov.in पर अपलोड की जाएगी। इस दौरान डिप्टी कमिश्नर ने अन्य योजनाओं के अलावा शाहकोट में एसपीरेसशनल ब्लॉक के तहत किए जा रहे प्रयासों की भी समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी डा. रणधीर सिंह ठाकुर के अलावा संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।

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