चंडीगढ़ (ब्यूरो) :- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रोपड़ ने भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के राष्ट्रीय अंतःविषय साइबर-फिजिकल सिस्टम्स मिशन (एनएम-आईसीपीएस) के अंतर्गत एक्रोपोलिस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च (एआईटीआर), इंदौर में अपनी 15वीं साइबर-फिजिकल सिस्टम्स (सीपीएस) लैब का उद्घाटन किया है। यह मध्य प्रदेश और मध्य भारत की पहली सीपीएस लैब है, जो उभरती प्रौद्योगिकियों में उन्नत अनुसंधान, नवाचार और कौशल विकास तक पहुँच बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। कार्यक्रम की शुरुआत सीपीएस लैब के अनावरण के साथ हुई, जहाँ आईआईटी रोपड़ की तकनीकी टीम ने अत्याधुनिक सेटअप और उपकरणों का प्रदर्शन किया, और बताया कि कैसे ये सुविधाएँ छात्रों और शोधकर्ताओं को व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने और वास्तविक दुनिया की सीपीएस परियोजनाओं पर काम करने में सक्षम बनाएँगी। इस अवसर पर एआईटीआर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष अशोक सोजतिया, एआईटीआर के अध्यक्ष इंजी. गौरव सोजतिया और एआईटीआर के मानव संसाधन विभाग के प्रमुख ललित दुबे सहित आईआईटी रोपड़ और एक्रोपोलिस संस्थान के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।


स्वागत संबोधन में एआईटीआर के निदेशक प्रो. (डॉ.) एस. सी. शर्मा ने छात्रों और शिक्षकों को भविष्य के लिए तैयार कौशल से लैस करने में इस तरह के सहयोग के महत्व पर बल दिया। आईआईटी रोपड़ के निदेशक डॉ. राजीव आहूजा ने सीपीएस लैब्स को मध्य भारत में पहली और डीएसटी के एनएम-आईसीपीएस के तहत 15वीं लैब के रूप में रेखांकित किया, जिसका उद्देश्य स्वदेशी टूलकिट के माध्यम से व्यावहारिक शिक्षा और नवाचार को आगे बढ़ाना है। प्रो. निशा राठी ने सीपीएस लैब का परिचय दिया और मुख्य अतिथि, आईआईटी रोपड़ टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फाउंडेशन की सीईओ डॉ. राधिका त्रिखा का स्वागत किया, जिन्होंने सीपीएस प्रौद्योगिकियों तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाने और नवाचार-आधारित विकास को बढ़ावा देने के बारे में बात की। आईआईटी रोपड़-टीआईएफ के मुख्य नवाचार अधिकारी डॉ. मुकेश केस्टवाल ने विशेष अतिथि के रूप में भाग लिया और इस पहल की सहयोगात्मक प्रकृति पर ज़ोर दिया। इस समारोह में शिक्षा-उद्योग संबंधों को मज़बूत करने, संयुक्त अनुसंधान, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और नवाचार के अवसरों को सक्षम बनाने हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए गए। एआईटीआर स्थित सीपीएस लैब, आईआईटी रोपड़ द्वारा विकसित उन्नत आईओटी किट से सुसज्जित है, जो 24/7 प्लग-एंड-प्ले सुविधा प्रदान करती है। प्रमुख संसाधनों में टेराफैक टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित वोल्टेरा वी-वन सर्किट प्रोटोटाइपिंग मशीन, बीएलई विकास उपकरण, कम-शक्ति वाले कैमरा मॉड्यूल, पर्यावरण सेंसर और एआई/एमएल वर्कस्टेशन शामिल हैं, जो छात्रों और पेशेवरों को सीपीएस और स्मार्ट प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों का अन्वेषण करने में सक्षम बनाते हैं। कार्यक्रम का समापन औपचारिक उद्घाटन के साथ हुआ, जिसके बाद एक निर्देशित भ्रमण और लैब की क्षमताओं को प्रदर्शित करने वाले लाइव प्रदर्शन हुए। उच्च-प्रभावी प्रशिक्षण, अनुसंधान और नवाचार के केंद्र के रूप में डिज़ाइन की गई यह सुविधा छात्रों, शोधकर्ताओं, नवप्रवर्तकों, उद्यमियों और उद्योग के पेशेवरों, सभी को समान रूप से लाभान्वित करेगी। आईआईटी रोपड़ की तकनीकी टीम ने पहला प्रशिक्षण और अभिविन्यास सत्र भी आयोजित किया, जिसमें प्रतिभागियों को प्रयोगशाला के सीपीएस-आधारित टूलकिट और व्यावहारिक शिक्षण अवसरों से परिचित कराया गया।