(Date : 26/April/2424)

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डीएवी के संस्कृत विभाग की अध्यक्षा प्रोफेसर डॉ. विजय कुमारी गुप्ता 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो गईं






समाज से बहुत कुछ मिला , अब समाज को लौटाने का वक़्त आ गया , सेवानिवृत्त होकर भी तन, मन और धन से समाज सेवा करती रहूंगी: डा. विजय कुमारी गुप्ता

जालंधर:- डीएवी कॉलेज, जालंधर के संस्कृत विभाग की अध्यक्षा प्रोफेसर डॉ. विजय कुमारी गुप्ता 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो गईं। डॉ. विजय कुमारी गुप्ता 25 सालों से कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रही थीं। वहीं, साल 2011 में वह संस्कृत विभाग की बतौर हेड ऑफ द डिपार्टमेंट (विभाग प्रमुख) बनीं थी। उनके रिटायरमेंट के उपलक्ष्य में कॉलेज द्वारा उनके सम्मान में पार्टी का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रिंसिपल डा. एस. के. अरोड़ा, वाईस प्रिंसिपल प्रो. वी.के. सरीन, वाईस प्रिंसिपल प्रो. टी.डी. सैनी, जॉइंट सेक्रेटरी, स्टाफ कौंसिल प्रो. शरद मनोचा , डीन हॉस्पिटैलिटी प्रो. सोनिका, रजिस्ट्रार प्रो. अरुण मेहरा, डिप्टी रजिस्ट्रार डा. किरणजीत रंधावा, कॉलेज के टीचर यून्यन के प्रधान  प्रो सुखदेव सिंह रंधावा, डा. जीवन आशा एवम अन्य अध्यापकों द्वारा स्मृतिचिन्ह देकर उन्हें समान्नित किया।
 
उनकी सेवानिवृत्ति के अवसर पर कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. एस.के अरोड़ा ने कहा कि डॉ. विजय कुमारी गुप्ता ने अपने कार्यकाल के दौरान कॉलेज में एक अमिट छाप छोड़ी है। उन्होनें अपने कार्यकाल के दौरान संस्कृत विभाग को अपने परिवार की तरह रखा है। डा. गुप्ता एक हंसमुख स्वभाव की महिला है। जो हमेशा हर किसी को मुस्करा के मिलती है। उन्होंने कहा कि डा. गुप्ता एक अद्भुत वक्ता,जानकार और शांतिप्रिय महिला और सबसे ऊपर पूर्ण शिक्षक हैँ जिन्होनें सभी क्षेत्रों में सकारात्मक योगदान दिया। उनके लिये दिलों के और कॉलेज के दरवाजे हमेशा खुले रहेँगे और कॉलेज उनका हमेशा खुली बाँहों से स्वागत करता रहेगा।
 
अपनी रिटायरमेंट पर बोलते हुए डॉ. विजय कुमारी गुप्ता ने कॉलेज में बीते दिनों को याद करते हुए कहा कि कॉलेज के सभी फैकल्टी मेंबर भी उनका प्रत्येक काम में सहयोग करते थे। इस मौके पर उन्होंने संस्कृत भाषा के प्रति अपने झुकाव के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्होंने दस साल केवल साहित्य का अध्ययन किया और बाद में उन्होंने दर्शनशास्त्र का अध्ययन भी किया। जिसके बाद उन्हें  संस्कृत के प्रति लगाव और बढ़ता गया। उन्होंने कहा कि जब वह डीएवी कॉलेज में थीं तो उस वक्त केवल यह लडकों का ही कॉलेज हुआ करता था और सिर्फ स्नाकोत्तर विभाग में ही कुछ चुनिंदा लड़कियां थीं, लेकिन साल 2006 में कॉलेज में लड़के और लड़कियां पढ़ने आने लगे। इसके साथ उन्होंने ये भी कहा कि आज वो जिस मुकाम पर हैं वो सिर्फ और सिर्फ साहित्य के अध्ययन के बल पर हैं। उन्होंने कहा कि साहित्य और दर्शनशात्र उनके जीवन के मार्गदर्शन हैं। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि आज की युवा पीढ़ी आधुनिकीकरण की तरफ बढ़ रही है, जिस कारण वह अपने नैतिक कृतव्य को भूलते जा रहे हैं। उन्होंने 'जैसा साहित्य, वैसा व्यक्तित्व' की कहावत को सार्थक सिद्ध करते हुए कहा कि सभी आधुनिकता की दौड़ में बने रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद वह अपनी सीमा में तन, मन और धन से समाज सेवा करेंगी। इसके साथ ही उन्होंने कॉलेज के छात्रों को संदेश देते हुए कहा कि उन्हें अपने लक्ष्य पर केन्द्रित होना चाहिए और पूरी लगन तथा मेहनत से इसकी प्राप्ति करने के लिए आगे बढ़ते रहना चाहिए। 
 
 
डॉ. विजय कुमारी गुप्ता के सेवानिवृत्त होने के बाद प्रोफेसर डॉ. जीवन आशा को संस्कृत विभाग की प्रमुख बनाया गया।डॉ. विजय कुमारी गुप्ता के सेवानिवृत्त होने के मौके पर डॉ. जीवन आशा कहा कि डॉ. विजय कुमारी गुप्ता ने सिर्फ शिक्षक ही नहीं बल्कि एक अभिभावक की भूमिका में कॉलेज को प्रारंभ से सींचा है। अपने सेवा काल के दौरान उनमें कभी भी अहंकार नहीं देखा गया। उन्होंने उम्मीद जताई कि सेवानिवृत्ति के पश्चात भी कालजे से इनका जुड़ाव आगे भी जारी रहेगा। इस मौके पर संस्कृत विभाग की नई प्रमुख डॉ. विजय कुमारी गुप्ता भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि विगत 19 वर्षो से डॉ. विजय कुमारी गुप्ता से जुड़े होने के कारण काफी अपनापन महसूस कर रही हूं लेकिन इसे रोक पाना संभव नहीं होगा। उनकी रिटायरमेंट को यादगार बनाते हुए संस्कृत विभाग द्वारा उनके कार्यकाल की एक प्रेजेंटेशन चलाई। जिसमें उनके कॉलेज में एक अध्यापक के रूप में सेवाकाल आरम्भ करने से लेकर अध्यक्ष बनने एवम रिटायर होने तक कि सारी यादें दिखाई गई। मंच का संचालन स्टाफ़ सेक्रेटेरी प्रो. शरद मनोचा द्वारा किया गया। 
 
इस दौरान वाईस प्रिंसिपल प्रो. वी.के. सरीन, वाईस प्रिंसिपल प्रो. टी.डी. सैनी, जॉइंट स्टाफ सेक्रेटरी कौंसिल प्रो. अमित शर्मा, डीन हॉस्पिटैलिटी प्रो. सोनिका, रजिस्ट्रार प्रो. अरुण मेहरा, डिप्टी रजिस्ट्रार डा. किरणजीत रंधावा, बर्सर प्रो अजय कुमार अग्रवाल, नवीन सेनी, डॉक्टर निश्चय बहल, प्रो आशा वर्मा, प्रो कमलदीप, प्रो रेणु गुप्ता भी इस मौके पर मौजूद रहे।
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