कासा ने की एनुअल जनरल मीटिंग
-अगर सरकार अपने स्कूल नहीं चला पा रही तो इनको चलाने का निजी संसथान दे अधिकार:कासा
-सी.बी.एस.ई स्कूलों की शिक्षा है बेहतरीन हर व्यक्ति चाहता है अपने बच्चों को इनमें पढ़ना :अनिल चोपड़ा
-शिक्षा की देवी का करना चाहिए सन्मान: निसा कुलभूषण शर्मा
जालंधर:- सी.बी.एस.ई एफिलिएटेड स्कूल्ज एसोसिएशन (कासा) द्वारा अध्यक्ष अनिल चोपड़ा की अध्यक्षता में एनुअल जनरल मीटिंग का आयोजन किया गया। जिसमें नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्ज एलाइंस (निसा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा, निसा से अमित चंद्रा विशेष रूप से शामिल हुए जिनका स्वागत सभी कासा मेंबर्स द्वारा किया गया। इस अवसर पर अध्यक्ष अनिल चोपड़ा ने मीटिंग को संबोधित करते हुए वर्ष 2017 में कासा द्वारा स्कूलों, छात्रों और शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए किए गए कार्यों से सभी को अवगत करवाया। इसके अतिरक्त उन्होंने सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों को बिना वजह परेशान करने के लिए बनाए नियमों का विरोध करते हुए कहा कि स्कूलों में छात्रों को बेहतरीन शिक्षा देने में सबसे ज्यादा महिला अध्यापकें हैं लेकिन निजी स्कूलों में सालों से टीचर्स, प्रिंसिपल व अन्य अहम पदों पर बैठी महिलाओं में केंद्र सरकार की नीतियों जैसे पुलिस वैरिफिकेशन, दिमागी टेस्ट, हर बस के साथ फीमेल अध्यापक का होना, ऑनलाइन कोर्स आदि से महिलाओं को भयतीत कर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने प्राइवेट स्कूलों में टीचर्स की नियुक्ति को लेकर जो नियम बनाए हैं, उससे निश्चिततौर पर देशभर से लाखों टीचर्स बेरोजगार हो जाएंगे। अनिल चोपड़ा ने कहा कि सी.बी.एस.ई स्कूलों की शिक्षा इतनी बेहतरीन है कि हर व्यक्त अपने बच्चे को सरकारी स्कूल छोड़ प्राइवेट स्कूल में पढ़ना चाहता है। अध्यक्ष अनिल चोपड़ा ने सभी सी.बी.एस.ई स्कूलों को एक साथ होकर शिक्षा को ओर बेहतर बनाने की अपील की।
निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि सी.बी.एस.ई स्कूल छात्रों को बेहतरीन शिक्षा प्रदान कर इस काबिल बना दिया है कि वह सरकार से एक अच्छी नौकरी की मांग करते लेकिन जब सरकार नौकरियाँ नहीं दे पाती तो सरकार नहीं चाहती कि वैसे और भी छात्र क्षेत्र में आए इस लिए सरकार इस प्रकार की नीतियां बनाती है। उन्होंने कहा कि सरकार के हिसाब से 62% छात्र सरकारी 38% प्राइवेट स्कूलों में लेकिन आज के समय में 62% छात्र प्राइवेट स्कूलों में है। साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा की देवी का सन्मान करना चाहिए, ना की महिला अध्यायकों के लिए ऐसी नीतियाँ बना उन्हें अपमानित करना चाहिए।निसा से डॉ.अमित चंद्रा ने कहा कि सरकार के पास स्कूलों में अच्छी बिल्डिंग, अध्यापक और अच्छी शिक्षा ना होने के कारण स्कूल बंद करने पड़ते है जिन्हें वह मर्ज का नाम दे देती है और प्राइवेट स्कूलों में छात्रों को दी जा रही बेहतरीन शिक्षा को देख इस प्रकार की नीतियां तैयार करती है। सभी कासा सदस्यों ने कहा कि हर छात्र का ट्रांसपोर्ट का कम से कम खर्च 2 हज़ार रुपए है लेकिन प्राइवेट स्कूल छात्रों से बहुत कम ट्रांसपोर्ट फीस लेती है उन्होंने सरकार से ट्रांसपोर्ट फीस निश्चित करना को कहा। इसके अतिरिक्त सभी मेंबर्स ने कहा कि अगर सरकार अपने स्कूल नहीं चला पा रही तो इनको चलाने का अधिकार प्राइवेट स्कूलों को दे सकती है और जितना भी एक छात्र की पढाई का खर्च है वो खर्च सरकार अदा करे। उन्होंने कहा कि वह उन सरकारी स्कूलों में छात्रों को बेहतरीन शिक्षा भी देगी उनकी ईमारतें को भी बखूबी बनाएंगे। कासा मेंबर्स ने कहा कि अगर सरकार ने अपनी नीतियां को ना बदला तो आल इंडिया सी.बी.एस.ई एफिलिएटेड स्कूल्ज एसोसिएशन द्वारा सख्त कदम उठाए जाएगें।
इस अवसर पर संरक्षक सुरजीत सिंह चीमा, चरणजीत सिंह चन्नी, सीनियर वाईस प्रेजिडेंट जोध राज गोता, वाईस प्रेजिडेंट डॉ.नरोत्तम सिंह, मेंबर डॉ.सर्व मोहन टंडन, डॉ. बैरी,सीमा हांडा,निशा रावत,ममता बेहल, आरआर पॉल शर्मा, प्रदीप शर्मा, पंकज कपूर, सरबराज कौर, वंदना मर्रिया, गिविश कुमार, मोहिंदर सिंह, ललित, एम.एस गिल्ल, आदि उपस्थित रहे।