(Date : 26/April/2424)

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डी ए वी मैनज्मेंट द्वारा 'कल्पना चावला शगुन स्कीम' को इस साल और भी प्रभावशाली बनाने की तैयारी पूरी






 

" एजुकेशन से दूर न रहें बेटिंयां, इसी के तहत डी ए वी मैनज्मेंट ने इस साल प्रवेश ले रही सिंगल गर्ल चाइल्ड को शताब्दी वर्ष के तहत लाभ देने के लिए पिछले साल निकाली स्कॉलरशिप, " कल्पना चावला शगुन स्कीम " को और भी प्रभावशाली बनाने की पूरी तैयारी कर ली है, जिसके  तहत इस साल सिंगल गर्ल चाइल्ड फैमिली को दाख़िला , दाख़िला शुल्क और किताबों  पर स्कीम के तहत काफ़ी रियायते दी जाएँगी"

-इस साल बड़ा परिवर्तन, अगर परिवार में दो लड़कियाँ भी हो तो भी वो सिंगल गर्ल चाइल्ड की परिभाषा में मान्य होंगी "

-सिंगल गर्ल चाइल्ड परिवारों को इस योजना से जहां मदद मिलेगी, वहीं इकलौती बेटी को आगे बढ़ाने और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत लोगों को और प्रेरित किया जा सकेगा। मैनज्मेंट के इस कदम से बेटियों को पढ़ाने में परिवारों को काफी मदद मिलेगी। इसके अलावा स्टूडेंट्स के बीच भी पढ़ाई की ओर रुझान बढ़ेगा:- प्रिन्सिपल डॉ एस के अरोड़ा

 
                               

जालंधर (साहिल): -डी ए वी कॉलेज जहाँ अपने मेधावी छात्रों और छात्राओं को  छात्रवृत्ति के तहत हर साल वित्तीय छूट देता है, वहीँ अन्य लाभकारी योजनाओं के ज़रिये स्टूडेंट्स और भी छूट प्राप्त करते है, जिसके चलते शताब्दी वर्ष में कॉलेज मैनज्मेंट की पिछले साल लाँच की गई योजना " कल्पना चावला शगुन स्कीम  " को और भी अधिक प्रभावशाली बनाने की पूरी तैयारी कर ली है। इस स्कीम का लक्ष्‍य है कि अभिभावकों को बच्‍ची की पढ़ाई जारी रखने की प्रेरणा मिले। 

कॉलेज की इस स्कीम पर प्रिंसिपल डॉ एस के अरोड़ा नें कहा, आंकड़ों के अनुसार , देश के कई राज्यों में लड़कियों की संख्या लड़को की तुलना में बहुत कम होती जा रही है , जो की एक विशेष समस्या बनती जा रही है, यहाँ तक की लड़कियों से अमूमन ज़बरदस्ती लड़को को जन्म देने के लिए बोला जाता है, ऐसे हालातो में लड़कियों के लिए उनकी एजुकेशन ही एक मात्र हथियार है जिससे वह अपनी सुरक्षा कर सकती हैं तथा अपनी ज़िन्दगी को अपने तौर तरीकों से जी सकती है तथा महज़  एजुकेशन से ही महिलाओं का भी सशक्तिकरण संभव है। आगे डॉ अरोड़ा ने कहा रूढ़ि वादी सोच जो इंसान को लड़कियों के विरुद्ध प्रेरित करता है , ऐसी सोच का खातमा पढ़ाई से ही संभव है। साक्षरता और आर्थिक विकास ही लड़कियों के सुरक्षा के लिए अनिवार्य हैं। एजुकेशन हर हिंदुस्तानी बच्चे का जन्म सिद्ध अधिकार है , तथा महिलाओं और लड़कियों के सुरक्षा हेतु , भारत की सरकार ने बहुत से कदम उठाये हैं जिसमे से "एजुकेशन फॉर गर्ल्स " , सबसे अहम कदम है। गर्ल्स एजुकेशन का स्तर आगे बढ़ाने के लिए डी ए वी कॉलेज कल्पना चावला शगुन स्कीम  अपने कॉलेज में पिछले साल से चला रहा है, जिसके तहत

1. इस साल कॉलेज अपनी इस स्कीम " कल्पना चावला शगुन स्कीम " के ज़रिये सिंगल गर्ल चाइल्ड को उनकी पढ़ाई का अधिक्तम खर्च 2100 से 5100 शगुन के द्वारा दे कर उनकी मदद करेगा।

2. इस साल कॉलेज अपनी " बुक बैंक स्कीम " के तहत भी सिंगल गर्ल चाइल्ड को प्राथमिकता पर निशुल्क किताबें भी देगा।

3. इस साल दाख़िले पर सिंगल गर्ल चाइल्ड को प्राथमिकता दी जाएगी।

कॉलेज में पढ़ रही आशिमा ने बताया, की कॉलेज ने अपनी इस महत्वकांक्षी स्कीम के तहत उन्हें  कॉलेज नें आर्थिक मदद की, जिससे उसकी एमकॉम की पढ़ाई का वित्तीय बोझ काफी काम हो गया है। इस साल ऐसी कितनी ही लड़कियाँ कॉलेज में स्कीम से लाभ ले सकेंगी। प्रिंसिपल डॉ अरोड़ा ने कहा, यह स्कीम कॉलेज में लड़कियों और उनके उज्जवल भविष्य के लिए एक बेहतरीन स्कीम है और इससे कॉलेज में गर्ल्स एजुकेशन का स्तर इसी तरह आगे बढ़ाता जायेगा। आगे प्रिन्सिपल अरोड़ा ने यूनिवर्सिटी से भी अपील की, कि वो हर कॉलेज को हर यूनिट में दो या तीन अतिरिक्त सीटें सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए आरक्षित करे ताकि सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए उच्च शिक्षा की राह आसान बन सके और उनकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके। 

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