युद्ध नशे के विरुद्ध: शाहकोट क्षेत्र में चल रहे 2 अनाधिकृत नशा मुक्ति केंद्रों पर बड़ी कार्रवाई

76 लोगों को छुड़ाया, संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज पंजाब सरकार द्वारा शुरू किए ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान के तहत जालंधर प्रशासन जिले से नशे को खत्म करने के लिए वचनबद्ध: डिप्टी कमिश्नर कहा, जमशेर और समराय में चलाए जा रहे अवैध नशा मुक्ति केंद्रों से भी 137 लोगों को छुड़ाया अवैध सेंटर चलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी: एस.एस.पी.

जालंधर (अरोड़ा) :- पंजाब सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘ युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान के तहत आज जालंधर में एक और बड़ी कार्रवाई की गई। डिप्टी कमिश्नर डा.हिमांशु अग्रवाल और एस.एस.पी. हरविंदर सिंह विर्क के नेतृत्व में सिविल प्रशासन और जिला ग्रामीण पुलिस ने शाहकोट क्षेत्र में दो अनधिकृत नशा मुक्ति केंद्रों पर छापेमारी की और 76 लोगों को बचाया गया। डिप्टी कमिश्नर और एस.एस.पी. के निर्देश पर सिविल, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमों के निर्देशों पर गांव ढंडवाल (शाहकोट पुलिस स्टेशन) में बाबा दीप सिंह वेलफेयर सोसायटी द्वारा चलाए जा रहे एक अनाधिकृत नशा मुक्ति केंद्र की जांच की गई और वहां से 47 लोगों को बचाया गया। इस मामले में मकान मालिक और सोसायटी के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। दूसरा ऑपरेशन गांव बाजवा कलां के टर्निंग प्वाइंट नशा मुक्ति केंद्र में किया गया, जहां से 29 लोगों को छुड़ाया गया और आरोपियों के खिलाफ शाहकोट थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। इसी प्रकार, शाहकोट शहर और इसके आस-पास के अन्य नशा मुक्ति केंद्रों की भी जांच और वेरिफिकेशन किया गया।

डिप्टी कमिश्नर डा.हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि पुलिस द्वारा की गई जांच में पता चला कि अवैध केन्द्रों में रखे गए व्यक्तियों को बंदी बनाकर रखा जाता था, उनके साथ मारपीट की जाती थी तथा कई लोगों को 7 महीने से अधिक समय तक जबरन कैद में रखा जाता था। उन्होंने बताया कि लोगों को यहां से बचाकर मकान मालिक और सोसायटी के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पंजाब सरकार द्वारा नशे के विरुद्ध अपनाई जा रही जीरो टॉलरेंस नीति पर जोर देते हुए डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि जालंधर प्रशासन पूरी ताकत के साथ जिले से नशे को खत्म करने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि ‘ युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान के तहत जहां प्रशासन अवैध नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा है, वहीं नशे पर निर्भर लोगों के पुनर्वास पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में अवैध नशा मुक्ति केन्द्रों को बंद करने के लिए निरंतर निगरानी की जाएगी। डा.अग्रवाल ने बताया कि इससे पहले जिला प्रशासन ने ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान के तहत जमशेर और समराय में अवैध रूप से चलाए जा रहे नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए क्रम अनुसार: 34 और 103 लोगों को छुड़ाया था। उन्होंने जिलावासियों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार की सहायता व जानकारी के लिए जिला नशा मुक्ति हेल्पलाइन नंबर 0181-2911969 का अधिक से अधिक उपयोग करें। उन्होंने बताया कि इसके अलावा जिलानिवासी नशे से संबंधित किसी भी तरह की गतिविधि की जानकारी पंजाब सरकार द्वारा जारी किए गए व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर 9779-100-200 पर सांझा कर सकते है। उन्होंने कहा कि नशे के व्यापार के संबंध में सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम व पहचान गोपनीय रखी जाएगी। एस.एस.पी. हरविंदर सिंह विर्क ने कड़े शब्दों में कहा कि अवैध रूप से नशा मुक्ति केंद्र चलाने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे केंद्र न केवल कानून का उल्लंघन करते है बल्कि मरीजों की जान को भी खतरे में डालते है। उन्होंने कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी तथा अवैध गतिविधियों में संलिप्त किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई एस.पी. (जांच) सरबजीत राय के नेतृत्व में डी.एस.पी. सब डिवीजन शाहकोट ओंकार सिंह बराड़, तहसीलदार हरमिंदर सिंह सिद्धू, एस.एम.ओ. चंद्र दीपक, ड्रग इंस्पेक्टर डा. लजविंदर कुमार, मनोचिकित्सक डा. अभयराज सिंह, डा. राजदीप कौर, डा.तरनजीत आदि की टीम द्वारा की गई।

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