जालंधर (अरोड़ा) :- भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बी. आर. अंबेडकर को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए, स्वामी संत दास पब्लिक स्कूल जालंधर के छात्रों ने एक विचारोत्तेजक माइम प्रदर्शन प्रस्तुत किया, जिसमें महान दूरदर्शी डॉ. बी. आर. अंबेडकर के जीवन, संघर्ष और शिक्षाओं को प्रस्तुत किया गया। भावपूर्ण हाव-भाव, भावपूर्ण संगीत और प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व के माध्यम से छात्रों ने डॉ. अंबेडकर की यात्रा के महत्वपूर्ण क्षणों को कुशलता से चित्रित किया। उनकी शुरुआती जीवन की कठिनाइयों और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई से लेकर सभी के लिए समानता, न्याय और शिक्षा की वकालत करने के उनके अथक प्रयासों तक का चित्रण बहुत कुशलता से किया गया। मौन लेकिन प्रभावशाली प्रदर्शन ने राष्ट्र के लिए उनके अमूल्य योगदान और एक समाज सुधारक के रूप में उनकी स्थायी विरासत की मार्मिक याद दिलाई।



माइम ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और उनके हृदय पर एक स्थायी छाप छोड़ी और अपना पूरा जीवन दूसरों के लिए काम करने वाले इस महान व्यक्तित्व के लिए प्रशंसा और सम्मान पैदा किया। यह प्रदर्शन न केवल एक कलात्मक प्रस्तुति थी, बल्कि एक शैक्षणिक अनुभव भी था, जिसने सभी को न्याय, स्वतंत्रता और बंधुत्व के मूल्यों पर विचार करने के लिए प्रेरित किया। वैशाखी के शुभ अवसर पर बच्चों के द्वारा भाँगड़ा तथा नृत्य भी प्रस्तुत किया गया। बच्चों ने बहुत जोश और उत्साह से वैसाखी का त्योहार भी मनाया। इस अवसर प्रिंसिपल डॉ. सोनिया मागो ने छात्रों को वैसाखी की शुभकामनाएँ दीं तथा विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ. अंबेडकर द्वारा किए गए संघर्षों पर प्रकाश डाला और समाज में उनके अपार योगदान को याद रखने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने और समानता, शिक्षा और सामाजिक न्याय के मूल्यों को बनाए रखने के लिए भी प्रोत्साहित किया।