अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए बैंकों को कमजोर वर्गों को अधिक से अधिक वित्तीय सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए

जिला सलाहकार समिति एवं बैंकों की जिला स्तरीय समीक्षा समिति की त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता की

जालंधर (अरोड़ा) :- अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (जनरल) अपर्णा एम.बी. ने आज बैंकों से जिले में सामाजिक और आर्थिक विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत कमजोर वर्गों को अधिक से अधिक वित्तीय सहायता प्रदान करने को कहा। स्थानीय जिला प्रशासकीय परिसर में बैंकों की जिला स्तरीय सलाहकार समिति और जिला स्तरीय समीक्षा समिति की तिमाही बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने बैंकों से अपील की कि कृषि और अन्य सहायक धंधों, एम.एस.एम.ई. तथा अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर अधिक से अधिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाए।


उन्होंने बैंकों से विभिन्न योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता के लिए आवेदनों की शून्य लंबितता सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए ताकि सरकार द्वारा इनके लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह योजनाएं अधिक से अधिक वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराकर गरीबी स्तर को कम करने के लिए बनाई गई है।
अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने बैंकिंग संस्थानों को सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत समाज के गरीब एवं जरूरतमंद वर्गों के कल्याण पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि बैंक इन योजनाओं और लोन के जरिए जरूरतमंदों तक मदद का हाथ बढ़ा सकते है।उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं/ऋणों का मुख्य उद्देश्य समाज के गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को सम्मान के साथ जीवन जीने का अवसर प्रदान करना है। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि लोगों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में अधिक से अधिक जागरूक किया जाए ताकि वे इन योजनाओं का लाभ उठा सकें।
अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने हाल की तिमाही के दौरान जिले में बैंकिंग क्षेत्र की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले में बैंकों ने 21,405 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान कर लक्ष्य का 141.51 प्रतिशत हासिल कर लिया है। इसमें कृषि और अन्य सहायक उद्योगों के लिए 3596 करोड़ रुपये एमएसएमई क्षेत्र के लिए 9294 करोड़ रुपये और अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए 475 करोड़ रुपये और कुल मिलाकर प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए 13365 करोड़ रुपये और गैर-प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए 8040 करोड़ रुपये शामिल है।
इस अवसर पर नाबार्ड प्रायोजित योजनाओं के तहत बैंकिंग क्षेत्र, डेयरी, मछली पालन, कृषि विभाग, पंजाब एस.सी. लेंड विकास निगम, आजीविका मिशन, उद्यानिकी के अलावा अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की गई ।इस अवसर पर रूडसेट के पदाधिकारियों द्वारा संस्था की वार्षिक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई। इस मौके पर अन्य लोगों के अलावा एल.डी.एम. एम.एस. मोती, डी.एम. नाबार्ड रुडसेट से रजत छाबड़ा और संजीव कुमार चौहान समेत 35 बैंकों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। इससे पूर्व अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर द्वारा नाबार्ड की वार्षिक ऋण योजना का भी विमोचन किया गया।

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