पैतृक गांव फतेहगढ़ पंजतूर में लड़कियों को दे रही स्किल ट्रेनिंग, अब तक 500 से अधिक लड़कियों को किया स्किल्ड
पंजाब संभावनाओं से भरपूर राज्य, युवा यहीं रहकर विकास में दें योगदान – अवंतिका पंजतूरी
अन्य प्रवासी पंजाबी भी अपनी धरती के लिए कुछ बेहतर करने आगे आएं – डिप्टी कमिश्नर*
मोगा (कमल) :- अक्सर कहा जाता है कि पंजाबी लोग अपनी जन्म भूमि छोड़कर विदेशों में बस रहे हैं और फिर अपने गांव-शहर की कोई सुध नहीं लेते। लेकिन न्यूज़ीलैंड में जन्मी 23 वर्षीय पंजाबी युवती अवंतिका पंजतूरी ने इन धारणाओं को गलत साबित कर दिया है। पंजाब सरकार द्वारा प्रवासी पंजाबियों को अपनी मिट्टी के लिए कुछ करने का आह्वान करने पर, अवंतिका ने न्यूज़ीलैंड जैसी खुशहाल ज़िंदगी छोड़कर अपने पैतृक गांव फतेहगढ़ पंजतूर में न केवल बसने का फैसला किया, बल्कि गांव की लड़कियों को स्किल ट्रेनिंग देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की अनूठी पहल भी की।
विदेश में जन्मी, लेकिन पंजाब से गहरा नाता
अवंतिका पंजतूरी भले ही न्यूज़ीलैंड में पैदा और पली-बढ़ी हो, लेकिन उसका अपने पूर्वजों की धरती फतेहगढ़ पंजतूर से गहरा लगाव है। बातचीत के दौरान अवंतिका ने बताया कि उसके पिता जतिंदर पंजतूरी, जो कि एक विज्ञान शिक्षक थे, साल 1999 में न्यूज़ीलैंड चले गए थे, लेकिन पंजाब और उनका पैतृक गांव हमेशा उनके दिल के करीब रहा। अपने दिल की आवाज़ सुनते हुए उन्होंने वापस लौटने का फैसला किया और यहां आकर अपने पूर्वजों द्वारा स्थापित स्कूल की जिम्मेदारी संभाल ली। अब, अवंतिका ने भी अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए पंजाब में ही स्थायी रूप से बसने का निर्णय लिया है।
गांव की लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने का मिशन
अवंतिका का मानना है कि वह एक मिशन लेकर विदेश से लौटी है— गांव की लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाना। वह कहती है कि शायद इसी तरह वह अपनी पूर्वजों की मिट्टी का कर्ज कुछ हद तक चुका सके। उसने पंजाब में स्थायी रूप से रहने का निश्चय कर लिया है और अब पूरी तरह से अपने गांव की लड़कियों के उत्थान में लगी हुई है।
अवंतिका चाहती है कि गांव की लड़कियां भी लड़कों के बराबर अवसर पाएं। उसका परिवार शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। उसने अपने पिता जतिंदर पंजतूरी की देखरेख में चल रहे एस आर एम शैक्षणिक संस्थान के एक भाग को लड़कियों के लिए मुफ्त ट्रेनिंग सेंटर के रूप में समर्पित कर दिया है। बीते एक वर्ष में 500 से अधिक लड़कियां इस सेंटर से विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में ट्रेनिंग लेकर रोज़गार प्राप्त कर चुकी हैं।
गांव की लड़कियों को मुफ्त प्रशिक्षण और रोज़गार के अवसर
अवंतिका का कहना है कि कोई भी काम मुश्किल नहीं होता, बस जरूरत होती है उसके प्रति जागरूकता की। वह 10वीं और 12वीं पास लड़कियों का चयन कर उन्हें विभिन्न व्यावसायिक कोर्स कराती है। इस कोचिंग सेंटर में समय-समय पर विदेशी मेहमान शिक्षक भी आकर विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करते हैं।
इस साल अवंतिका एस आर एम संस्थान को एस एस ग्रुप मोहाली और एस बी पी एस ग्रुप यू एस ए के सहयोग से चला रही है। साथ ही, बी पी ओ ग्रुप भी इस पहल में शामिल हुआ है, जो ग्रामीण लड़कियों को घर बैठे रोज़गार शुरू करने में मदद कर रहा है।
अवंतिका ने अपने व्यक्तिगत खर्च पर मखू, ज़ीरा और धर्मकोट से लड़कियों को सेंटर तक लाने-ले जाने के लिए मुफ्त बस सेवा भी शुरू की है। इसके अलावा, वह लड़कियों को सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जागरूक और सशक्त बनाने के लिए भी कार्य कर रही है।
युवाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की सलाह
अवंतिका ने पंजाब सरकार द्वारा युवाओं को शिक्षित करने, रोज़गार दिलाने और स्वरोज़गार शुरू करने की योजनाओं की सराहना करते हुए युवाओं से आह्वान किया है कि वे सरकारी स्कीमों का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बनने की कोशिश करें।
अवंतिका का मानना है कि पंजाब संभावनाओं से भरा हुआ राज्य है। युवा यहीं रहकर प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उसने प्रवासी पंजाबियों से भी अपील की कि वे अपने गांवों से जुड़ें और पंजाब को और भी खुशहाल बनाने में योगदान दें।
प्रशासन का समर्थन
मोगा के डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने अवंतिका पंजतूरी द्वारा अपने क्षेत्र की लड़कियों/महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने अन्य प्रवासी पंजाबियों से भी अपील की कि वे अपनी जन्मभूमि के लिए कुछ बेहतर करने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि यदि कोई प्रवासी पंजाबी अपने गांव और लोगों के विकास के लिए कुछ करना चाहता है, तो जिला प्रशासन उनकी हरसंभव सहायता करने के लिए तैयार है।