साहसिक कार्रवाई: एन.डी.आर.एफ. और स्थानीय गोताखोरों ने सतलुज दरिया पर गिद्दड़पिंडी रेलवे पुल के नीचे फंसी बूटियों को हटाया

डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल, एस.एस.पी. हरविंदर सिंह विर्क ने की ऑपरेशन की निगरानी

जालंधर (अरोड़ा) :- नैशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (एन.डी.आर.एफ.) की टीमों और स्थानीय गोताखोरों ने आज एक साहसिक कार्रवाई करते हुए सतलुज दरिया पर बने गिद्दड़पिंडी रेलवे पुल के नीचे फंसी बूटियों को हटाया, जिसके परिणामस्वरूप रुकावट हटने से 2 लाख क्यूसिक पानी का उचित प्रवाह सुनिश्चित हो गया। डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल और एस.एस.पी. (जालंधर ग्रामीण) हरविंदर सिंह विर्क ने निजी तौर पर इस ऑपरेशन की निगरानी की।

यह ऑपरेशन सख्त निगरानी में जारी रहा। जिला प्रशासन द्वारा एन.डी.आर.एफ. के साथ-साथ रेलवे टीम को भी तुरंत बुलाया गया। अधिकारियों ने बताया कि जंगली बूटियां दरिया के प्राकृतिक प्रवाह में रुकावट बन रही थी, जिससे इस स्थान पर रुकावट का संभावी खतरा पैदा हो रहा था। इसके परिणामस्वरूप पिछले वर्षों में गांवों में दरारें पड़ गई थी और बाढ़ आ गई थी। बूटियों को सफलतापूर्वक हटाने के बाद, डा. अग्रवाल ने स्थानीय गोताखोरों और एन.डी.आर.एफ. की टीमों के अथक प्रयासों की सराहना की। डा. अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि समय पर कार्रवाई ने एक संभावी खतरे को टाल दिया। उल्लेखनीय है कि वेई और सतलुज गिद्दड़पिंडी से पहले आपस में मिलते है। दरिया का रास्ता साफ करने के इस साहसी कार्य ने कई गांवों को फिलहाल बचा लिया, जो शायद बाढ़ के खतरे का सामना कर सकते थे। ऐसी समस्याओं के कारण पिछले वर्षों में आस-पास के गांवों में दरार पड़ गई थी। डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि सतलुज दरिया में जलस्तर कम होना शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि फिल्लौर और गिद्दड़पिंडी, दोनों स्थानों पर मौजूदा जलस्तर में काफी गिरावट आई है।

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