- 10 लाख राशन कार्ड धारकों के नाम सूची से हटाने का तुग़लकी फ़रमान ग़रीबों पर सीधा अत्याचार
जालंधर, (अरोड़ा) – कैबिनेट मंत्री मोहिंदर भगत ने केंद्र की भाजपा सरकार के नये फ़ैसले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पंजाब के लाखों ग़रीब परिवारों से रोटी छीनने की साज़िश रची जा रही है। भाजपा सरकार ने 10 लाख राशन कार्ड धारकों के नाम सूची से हटाकर यह साबित कर दिया है कि उसकी नीतियाँ ग़रीबों के हितों की जगह केवल राजनीतिक बदले पर आधारित हैं।
मोहिंदर भगत ने कहा कि यह फ़ैसला न सिर्फ़ ग़रीबों के लिए घातक है, बल्कि सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों के भी खिलाफ़ है। जिन परिवारों का गुज़ारा सरकारी राशन पर निर्भर है, उन्हें भूखा मरने पर मजबूर करना किसी भी सुशासन का हिस्सा नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि पंजाबी किसानों ने हमेशा देश की भूख मिटाने के लिए बलिदान दिए हैं, लेकिन आज केंद्र सरकार उन्हीं परिवारों के मुँह का निवाला छीनने पर तुली हुई है।
मोहिंदर भगत ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार हमेशा पंजाब के साथ भेदभाव की नीति अपनाती आई है। कभी किसानों से, कभी उद्योगों से और अब ग़रीबों से। यह नीति केवल पंजाबियों को उनके अधिकारों से वंचित करने की मानसिकता को दर्शाती है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि मान सरकार और आम आदमी पार्टी ग़रीबों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर मंच पर लड़ाई लड़ेगी। यदि यह ज़ालिमाना फ़रमान वापस नहीं लिया गया तो ग़रीबों की आवाज़ सड़क से संसद तक गूँजाई जाएगी।
मोहिंदर भगत ने भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि पंजाब के ग़रीबों की रोटी पर कोई डाका बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार को तुरंत यह फ़ैसला रद्द कर ग़रीबों के अधिकार बहाल करने चाहिए।