जालंधर (अरोड़ा) :- आम जनता में विटिलीगो (फुलवैरी )के कारण, उपचार और बीमारी से जुड़ी भ्रांतियों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए पिम्स के त्वचा विभाग में “विश्व विटिलिगो दिवस “का आयोजन किया गया। इस अवसर पर फुलवैरी और त्वचा रोगियों के साथसाथ नर्सिंग छात्रों ने भाग लिया। इस अवसर पर निदेशक प्रिंसिपल डॉ राजीव अरोड़ा, डॉ एनएस नेकी एसोसिएट डीन ,डॉ गोमती महाजन मेडिकल प्रशासक, डॉ सीमा बंधु मेडिकल सुपरिटेंडेंट ,मैडम प्रीति संधू एचआरडी हेड ,कर्नल मैडम आर के नंदा नर्सिंग सुपरिंटेंडेंटऔर श्री अक्षित अरोड़ा कंपनी सचिव की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर डॉ आरएल बस्सन स्किन विभाग प्रमुख ने कहा कि विटिलिगो भी और रोगों की तरह एक रोग है l



यह कोई पाप व श्राप नहीं l यह लाग व छूत की बीमारी नहीं अर्थात् ये बीमारी एक दूसरे के साथ रहने ,खाने पीने ,सोने ,खेलने ,हाथ मिलाने आदि से नहीं होती l और यह लाइलाज नही lनई दवाईयों और आधुनिक तकनीक से इसकl इलाज संभव हैl डॉ नेकी ने कहा विटिलीगो एक ऑटो इम्यून रोग हैऔर कुछ लोगों में यह रोग अनुवंशिक जन्मजात होता हैl अंत में प्रिंसिपल डॉ राजीव अरोड़ा ने कहl हमें इस बीमारी से डरना नही है ना ही इसे छिपाना है बल्कि इसका इलाज करवाना है l उन्होंने कहा हमें फुलवैरी के मरीजों से नफ़रत नहीं करनी चाहिए l इस अवसर पर फुलवैरी के मरीज़ों मुफ़्त दवाएँ दी गई l