पंजाबियों से ‘ युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान को जन आंदोलन बनाने का आह्वान जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की कहा,पंजाब सुरक्षित हाथों में
जालंधर (अरोड़ा) :- पंजाब सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘ युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान के तहत ‘नशा मुक्ति मोर्चे ‘ने पंजाब के लोगों, विशेषकर नशे पर निर्भर लोगों तक सीधे पहुंच बनाने के लिए मई महीने दौरान राज्य से नशे की बुराई को खत्म करने के लिए डोर- टू- डोर अभियान शुरू करने की घोषणा की है। प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए नशा मुक्ति मोर्चा के मुख्य प्रवक्ता बलतेज सिंह पन्नू, दोआबा को-आर्डिनेटर नयन छाबड़ा और जोनल को-आर्डिनेटरों के साथ मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा नशे की बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए किए जा रहे गंभीर प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मई माह के पहले सप्ताह से शुरू किए जा रहे इस व्यापक अभियान के तहत प्रथम चरण में मोर्चे के सदस्य गांवों में घर-घर जाएंगे तथा उसके बाद कस्बों व शहरों में जाकर लोगों को नशे के दुष्प्रभावों व इसके खतरों के बारे में जागरूक करेंगे। उन्होंने कहा कि इस सीधे संपर्क के दौरान नशे से प्रभावित लोगों को उनके उपचार और पुनर्वास में सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि वे नशे के दलदल से बाहर आ सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नशा पुनर्वास के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है, ताकि नशे पर निर्भर लोगों को उपचार कराकर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का मौका मिल सके। पन्नू ने कहा कि इस अभियान के दौरान गांवों के सांझे स्थानों पर नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से नशे जैसे गंभीर मुद्दे पर प्रकाश डाला जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार नशे की लत से उबर चुके युवाओं को नशे के आदी लोगों को इस दलदल से बाहर निकालने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को इलाज की जरूरत है, उन्हें नशा मुक्ति केंद्र भेजा जाएगा। उन्होंने दोहराया कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक पंजाब से नशा पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए उन्हें खेलों से जोड़ा है, गांवों में अत्याधुनिक लाइब्रेरिया, खेल के मैदान और जिम बनाए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू की है और इस अभियान के माध्यम से मानव चेन बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जिससे नशा तस्करों के नेटवर्क को नष्ट किया जा सकेगा। परिवारों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए श्री पन्नू ने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को किसी भी अनजान व्यक्ति से कोई खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थ न लेने के लिए कहें, क्योंकि नशे की लत अक्सर स्कूलों में और छोटी उम्र में ही शुरू हो जाती है। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों में एनर्जी ड्रिंक्स के सेवन पर प्रतिबंध लगाने के लिए पंजाब सरकार द्वारा किए प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि मोर्चे ने पंजाब को पांच जोनों में विभाजित किया है और प्रत्येक जोनों का नेतृत्व को-आर्डिनेटरों द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दोआबा जोन को चार जोन में बांटा गया है, जिनमें जालंधर, कपूरथला, होशियारपुर और शहीद भगत सिंह नगर शामिल है। उन्होंने कहा कि ड्रग डिटॉक्सिफिकेशन फ्रंट ‘युद्ध नशे के विरुद्ध ’ अभियान के तहत पंजाब से नशे के उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि यह अभियान हर पंजाबी का अभियान होगा, किसी पार्टी या सरकार से संबद्ध नहीं होगा। उन्होंने पंजाब के लोगों से अपील की कि वे नशे के उन्मूलन के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘ड्रग्स के खिलाफ युद्ध’ अभियान में सरकार के साथ हाथ मिलाएं और इसे एक जन अभियान बनाएं। इससे पहले, प्रेस से बात करते हुए श्री पन्नू ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में यात्रियों पर हुए क्रूर हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने आगे बताया कि पंजाब सुरक्षित हाथों में है क्योंकि पंजाब सरकार राज्य में शांति और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि किसी को भी राज्य में शांति एवं सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इस अवसर पर जालंधर प्रभारी अतुल अग्निहोत्री, होशियारपुर प्रभारी सतवंत सिंह, कपूरथला प्रभारी प्रदीप थिंद, शहीद भगत सिंह नगर प्रभारी सेठी उदोवाल भी उपस्थित थे।