स्वच्छ भारत मिशन अगले दशक में प्रवेश के लिए तैयार

देश रिकॉर्ड बनाने को तैयार, अगले 15 दिनों में राज्यों ने चिपके हुए कूड़े के 5 लाख स्थानों को साफ करने का कदम बढ़ाया, जो केन्द्र के 2 लाख स्थानों के अनुमान से अधिक

लाखों लोगों के स्वैच्छिक प्रयास से अनूठा अभियान शुरू

दिल्ली/जालंधर (ब्यूरो) :- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में जब स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी, तो शायद ही किसी ने इसके परिवर्तनकारी प्रभाव का अंदाजा लगाया होगा। व्यवहार परिवर्तन के आह्वान के रूप में शुरू हुआ यह अभियान आज विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त पहल बन गया है, जिससे शिशु मृत्यु दर और बीमारियों में कमी आई है, लड़कियों की स्कूल में उपस्थिति बढ़ी है, महिलाओं के खिलाफ अपराध कम हुए हैं और आजीविका में सुधार हुआ है। स्वच्छ भारत मिशन अपनी 10वीं वर्षगांठ मना रहा है, इस वर्ष स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) 2024 अभियान की विषय वस्तु ‘स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता’ है। इस अभियान को राजस्थान के झुंझुनू में एक जबरदस्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, केन्द्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री एम.एल. खट्टर, राजस्थान के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया गया।


एसएचएस 2024 के तीन स्तंभों के तहत, पूरे देश में 11 लाख से ज़्यादा कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। बड़े पैमाने पर सफाई अभियान के लिए लगभग 5 लाख स्वच्छता लक्ष्य इकाइयों- स्वच्छता लक्षित इकाई की पहचान की गई है। पखवाड़े के दौरान, स्वच्छता में जन भागीदारी कार्यक्रमों की भी योजना बनाई जा रही है। अब तक, एक पेड़ माँ के नाम कार्यक्रमों के तहत 36,000 वृक्षारोपण अभियान की योजना बनाई गई है। सफ़ाई मित्र पूरे देश में 70,000 से ज़्यादा सफ़ाई मित्र सुरक्षा शिविरों में हिस्सा लेंगे। नागरिक एसएचएस पोर्टल https://swachhatahiseva.gov.in/ पर इसे लाइव देखा जा सकता है।
पिछले दशक में, स्वच्छ भारत मिशन ने नागरिकों, संगठनों, राज्य सरकारों, केन्द्रीय मंत्रालयों, गैर सरकारी संगठनों और उद्योगों के अथक समर्पण के माध्यम से गांवों और शहरों को बदल दिया है, जो सभी स्वच्छता की साझा कल्पना से एकजुट हैं। देश भर में, लगभग 12 करोड़ परिवार जिनके पास पहले सुरक्षित स्वच्छता की पहुँच नहीं थी, उन्हें अब शौचालय उपलब्ध कराए गए हैं।


राजस्थान के झुंझुनू में एसएचएस 2024 अभियान की शुरूआत के अंतर्गत, माननीय उपराष्ट्रपति ने पूरे देश में सफाई और परिवर्तन के लिए 5 लाख से अधिक स्वच्छता लक्ष्य इकाइयों की पहचान की सराहना की और व्यापक भागीदारी का आह्वान किया। श्री जगदीप धनखड़ ने स्वच्छ भारत मिशन – शहरी के अंतर्गत मोडा पहाड़ पर 13.18 करोड़ रुपये की लागत से 65 टीपीडी क्षमता के आरडीएफ और कम्पोस्ट प्लांट की एकीकृत परियोजना की आधारशिला रखी, और इसे झुंझुनू के लोगों को समर्पित किया गया। बग्गर रोड पर 500 किलोवाट के सोलर प्लांट का भी उद्घाटन किया गया। दिन की शुरुआत 200 से ज़्यादा एनसीसी कैडेट और 100 मेरा युवा (एमवाई) भारत स्वयंसेवकों के साथ झुंझुनू में स्वच्छता लक्ष्य इकाई (सीटीयू) स्थल पर स्वच्छता अभियान में शामिल होने से हुई, जिसमें केन्द्रीषय मंत्री एम.एल. खट्टर भी शामिल हुए। इसके बाद ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत वृक्षारोपण समारोह और एसएचएस 2024 के लिए शुरूआती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “भारत स्वच्छता के प्रति जुनून का वैश्विक उदाहरण बन गया है, यह निवेश और अवसरों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन गया है। सर्कुलर इकोनॉमी पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि पहले हम कचरे में घिरे हुए थे, अब कचरा अर्थव्यवस्था में स्थायी उत्पादों को सशक्त बना रहा है। बुनियादी ढांचे के तेजी से विकास में स्वच्छता की प्रमुख भूमिका है।” माननीय उपराष्ट्रपति ने माय भारत पहल की प्रशंसा की, जहां लगभग 1.5 करोड़ युवा विकसित भारत की कल्पना से जुड़ने के लिए आगे आए हैं, उन्होंने युवाओं को स्वच्छ भारत आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने सभी नागरिकों से विशेष रूप से स्वच्छता के माध्यम से विकसित भारत की इस विकास यात्रा में योगदान देने और इसमें शामिल होने का आग्रह किया।

अपने संबोधन के दौरान, केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय और बिजली मंत्रालय के मंत्री एम.एल. खट्टर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस वर्ष के स्वच्छता अभियान को ‘ स्वभाव और संस्कार’ की विषय वस्तु के रूप में अपनाया गया है, जिसमें व्यक्तिगत जिम्मेदारी पर जोर दिया गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक दशक की उपलब्धियों को चिह्नित करने वाले इस अभियान का उद्देश्य वैश्विक उदाहरण स्थापित करना और स्वच्छ भारत के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करना है। एसएचएस अभियान के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने उल्लेख किया कि विभिन्न भौगोलिक स्थानों से लाखों नागरिक स्वच्छता श्रमदान की कार्रवाई में शामिल होंगे क्योंकि एसबीएम अपनी अगली उपलब्धि पर नज़र रखता है। राजस्थान में एसएचएस 2024 के शुरूआती कार्यक्रम में सफाई मित्र, विधायक, महापौर, विपक्ष के नेता और नगर आयुक्तों ने माननीय उपराष्ट्रपति के साथ ऑनलाइन बातचीत में भाग लिया। एसएचएस कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण भारत के माननीय उपराष्ट्रपति और राजस्थान के प्रतापगढ़ के सफाईमित्र तरुण डावरे के बीच बातचीत थी, जिसके दौरान उन्होंने डावरे परिवार को नई दिल्ली आने का निमंत्रण दिया और तरुण डावरे की बेटी और एसटीसी की द्वितीय वर्ष की छात्रा पूर्वा डावरे को एक सप्ताह की इंटर्नशिप का अवसर भी दिया। इसी तरह के एक अन्य कदम में, माननीय उपराष्ट्रपति ने लांबी अहीर गांव की सरपंच नीरू यादव को भी अपने अतिथि के रूप में भारतीय संसद आने का निमंत्रण दिया। कार्यक्रम का समापन माननीय उपराष्ट्रपति द्वारा सफाई मित्रों को सम्मानित करने तथा उन्हें नमस्ते योजना के तहत पीएमएवाई लाभ और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और किट प्रदान करने के साथ हुआ। माननीय उपराष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि मिशन के प्रत्येक वर्ष में किए गए कार्य में तेजी से वृद्धि होनी चाहिए, जो कि अब तक एक दशक में किए गए कार्य के बराबर है।

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