युवा पीढ़ी देश भक्तों / स्वतंत्रता सेनानीओं को अपना आदर्शबनाये:एस.के. सागर

जालंधर (अरोड़ा) :- डीएवी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (DAVIET), जालंधर में 78वां स्वतंत्रता दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम में श्री एस.के. सागर, आईएफएस, वन संरक्षक, बिस्त सर्कलमुख्य अतिथि और एच.एस. रंधावा, वन रेंज अधिकारी, जालंधर, सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थितथे। स्वतंत्रता दिवस का विशेष महत्व है क्योंकि यह स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करवाता है और प्रत्येक भारतीय में गर्व और देशभक्ति की भावना पैदा करता है। डेविएट में समारोह ध्वजारोहण के साथ शुरू हुआ, जहां राष्ट्रगान के बीच तिरंगा फहराया गया, जिससे राष्ट्र के प्रति सम्मान और सम्मान की गहरी भावना पैदा हुई।

एस.के. सागर, आईएफएस, वन संरक्षक, बिस्त सर्कल ने अपने संबोधन में देश के प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और महान स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे, महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, झांसी की रानी, झलकारी बाई, शहीदे आज़म भगत सिंह, और शहीद उधम सिंहजैसे भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत को बनाए रखने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने शहीदे आज़म भगत सिंह को उद्धृत करते हुए दर्शकों को याद दिलाया कि “व्यक्तियों को मारना आसान है, लेकिन विचारों को नहीं,” और छात्रों से इन नायकों के आदर्शों को अपने दैनिक जीवन में अपनाने का आग्रह किया। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और डॉ. बी.आर. अम्बेडकर जैसे आधुनिक नेताओं से प्रेरणा लेते हुएश्री सागर ने राष्ट्र के प्रति अपने योगदान को प्रतिबिंबित करने, सहिष्णुता को बढ़ावा देने और लचीलापन विकसित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने युवाओं को पानी की तरह अनुकूलनीय बनने, प्रलोभनों से बचने और देश की प्रगति के लिए टिकाऊ प्रथाओं के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने युवा पीढ़ी में मानवीय मूल्यों और नैतिकता को स्थापित करने में माता-पिता और शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और उनसे समृद्ध भविष्य के लिए मजबूत नींव रखने वाले रोल मॉडल बनने का आग्रह किया।

इस समारोह अपने संबोधन में हिन्दी के महान राष्ट्रीय कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता सुना कर सभी का दिल मोह लिया। अरविंद घई, सचिव डीएवीसीएमसी, नई दिल्ली ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और प्राचार्य डॉ. संजीव नवलको इस कायर्क्रम के आयोजन की बधाई दी और सभी स्टाफ के सदस्यों को78वें स्वतंत्रता दिवस की शुभ आशीष दी। डेविएट के प्राचार्य डॉ. संजीव नवल ने स्वतंत्रता दिवस की स्थायी प्रासंगिकता पर एक विचारोत्तेजक भाषण दिया, मुख्य अतिथि, सम्मानित अतिथि, संकाय सदस्यों का गर्मजोशी से स्वागत किया और औपनिवेशिक शासन के शहीदों और बलिदानों को याद किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्वतंत्रता का असली सार केवल उत्सव से परे है।उन्होंने स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे दिग्गजों के योगदान पर प्रकाश डाला, जिन्होंने प्रकाश की किरण के रूप में, स्वराज के नारे को प्रेरित किया और स्वतंत्रता संग्राम को बढ़ावा देने वाले प्रयासों की शुरुआत की। डॉ. नवल ने सुभाष चंद्र बोस की प्रेरक यात्रा पर भी विचार किया, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के मशाल वाहक बनने के लिए विदेश में एक प्रतिष्ठित आईसीएस पद को अस्वीकार कर दिया, और शहीदे आज़म भगत सिंह, जिन्होंने समानता, शिक्षा और लाला लाजपत राय के मिशन को आगे बढ़ाया। उन्होंने शिक्षा के समर्थक और डीएवी कॉलेज ट्रस्ट एंड मैनेजमेंट सोसाइटी के संस्थापक के रूप में लाला लाजपत राय की विरासत को स्वीकार किया, जिनके दृष्टिकोण के कारण डीएवी स्कूलों और कॉलेजों की स्थापना हुई। डॉ. नवल ने डीएवी संगठन को आगे बढ़ाने के लिए डीएवीसीएमसी की अध्यक्ष पद्मश्री पूनम सूरी के दृष्टिकोण को खूब सराहा और देश की प्रगति में योगदान के लिए उनका कोटि-कोटि नमन किया। उन्होंने उद्योग के साथ सहयोग को बढ़ावा देने में अजय गोस्वामी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने छात्रों से इन महान नेताओं की भावना को अपने दैनिक जीवन में अपनाने का आग्रह किया और इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्र की प्रगति नवाचार, कड़ी मेहनत और देश के विकास के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में उनकी सक्रिय भागीदारी पर निर्भर करती है। इस कार्यक्रम में छात्रों द्वारा जोशीला प्रदर्शन किया गया, जिसने दर्शकों की देशभक्ति की भावनाओं को जगाया। स्ट्रिंग्स और सरगम क्लब से नवनीत कौर ने एक भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किया, जबकि अल्फाज़ से रचित और दीपशिखा ने एक भावपूर्ण कविता सुनाई। संस्थान की गिद्दा टीम ने जीवंत प्रदर्शन किया जिसने उपस्थित सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। डॉ. संजीव नवल ने एस.के. सागर, आईएफएस, वन संरक्षक, बिस्त सर्कलमुख्य अतिथि और एच.एस. रंधावा, वन रेंज अधिकारी, जालंधर, सम्मानित अतिथि, अरविंद घई, सचिव डीएवीसीएमसी, नई दिल्ली, और अजय गोस्वामी, सचिव डीएवीसीएमसी, नई दिल्ली का आभार व्यक्त किया। उन्होंने सागर के साथ आए उनके सपुत्र अभिजयको उज्जवल भविष्य के लिए शुभ कामनाएँ दी। उन्होंने कार्यक्रम के समन्वयक सुश्री जसदीप कौर और डॉ. नितिन कालरा के साथ-साथ मंच संचालन के लिए डॉ. प्रियंका पराशर और स्वतंत्रता पर देश भक्ति पूर्ण सांस्कृतिक श्रद्धांजलि के आयोजन के लिए डॉ. नीरू शर्मा और डॉ. रजनी शर्मा के प्रयासों की भी सराहना की। समारोह में तुर्कमेनिस्तान के अंतरराष्ट्रीय उद्यमी सरदार भी शामिल हुए।समारोह में डॉ. सुधीर शर्मा (डीन एकेडमिक्स), डॉ. अंजू शर्मा (डीन आईक्यूएसी), डॉ. अनिल सोनी(प्रमुख बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग), डॉ. नीरू मल्होत्रा (प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग विभाग), डॉ हरप्रीत कौर (प्रमुख कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग), डॉ. कंचन एल. सिंह (प्रमुखएप्लाइड साइंस),डॉ. रमनदीप सिंह जोहल (प्रमुख मैकेनिकल इंजीनियरिंगविभाग), डॉ. विनय चोपड़ा (प्रमुख कंप्यूटर एप्लीकेशन विभाग) और डॉ. गौरव धुरिया, एसोसिएट प्रोफेसर मैकेनिकल इंजीनियरिंग उपस्थित थे। समारोह का समापन राष्ट्रगान की प्रस्तुति के साथ हुआ, जिससे सभी में देशभक्ति और राष्ट्र के प्रति समर्पण की नई चेतना जागृत हुई।

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