राष्ट्रीय सुशासन केंद्र ने भारतीय प्रबंधन संस्थान, में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया

कार्यक्रम में 11 राज्यों के सूचना और प्रौद्योगिकी विभागों के 19 वरिष्ठ अधिकारी शामिल

जालंधर (ब्यूरो) :- डिजिटल गवर्नेंस पर आईआईएम विशाखापत्तनम और एनसीजीजी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का भारतीय प्रबंधन संस्थान, विशाखापत्तनम में शुभारंभ हुआ। यह कार्यक्रम 29 जुलाई 2024 से 2 अगस्त 2024 तक आयोजित किया जा रहा है। 11 राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न सूचना और प्रौद्योगिकी विभागों के आयुक्त, परियोजना निदेशक, कार्यक्रम निदेशक, मुख्य परिचालन अधिकारी, सहायक निदेशक, संयुक्त निदेशक जैसे 19 वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। इस पांच दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल क्षेत्र में कार्यरत सरकारी अधिकारियों के लिए किया गया है। कार्यक्रम का उद्देश्य सार्थक ई-गवर्नेंस परियोजनाओं की अवधारणा बनाने और उन्हें कार्यान्वित करने के लिए अधिकारियों की योग्यताओं और क्षमताओं को बढ़ाना है। इसके साथ ही उन्हें प्रभावी सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए नवीनतम डिजिटल तकनीकों का समुचित रूप से उपयोग करने के लिए आवश्यक कौशल और रणनीतियों से सुसज्जित करना है। राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) के महानिदेशक और प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव श्री वी.श्रीनिवास ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय सुशासन केंद्र, डीएआरपीजी, भारत सरकार और भारतीय प्रबंधन संस्थान, विशाखापत्तनम द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा पहला सहयोगात्मक कार्यक्रम एनसीजीजी के लिए एक महत्वपूर्ण उप‍लब्धि है और इससे डिजिटल शासन में राज्य क्षमता निर्माण में सहायता मिलेगी। अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने शासन के उभरते परिदृश्य के बारे में भी चर्चा की और ‘केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण प्रणाली: स्मार्ट सरकार के लिए एक आधार’ पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्‍होंने शासन की दक्षता और विकास को अधिकतम करने में प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया, ताकि नागरिक और सरकार के करीबी बनी रहे। इस अवसर पर अपने संबोधन में भारतीय प्रबंधन संस्थान विशाखापत्तनम के निदेशक प्रो.एम. चंद्रशेखर ने कार्यक्रम के सफल शुभारंभ पर संतोष व्यक्त किया। उन्‍होंने कहा कि डिजिटल गवर्नेंस में प्रक्रियाओं में जवाबदेही, पारदर्शिता और जवाबदेही लाकर बेहतर शासन लाने और सार्वजनिक सेवा वितरण को सरल, कुशल और व्यावहारिक बनाने की क्षमता है। आईआईएम, विशाखापत्तनम के पाठ्यक्रम निदेशक प्रोफेसर जोसयुला श्रीनिवास ने कार्यक्रम के अंतर्गत शामिल किए जा रहे विषयों की विस्तृत श्रृंखला के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसमें डिजिटल इंडिया, डिजिटल गवर्नेंस, डिजिटल परिवर्तन, बिजनेस प्रोसेस रीइंजीनियरिंग, प्रभावी परिवर्तन प्रबंधन, सूचना सुरक्षा प्रबंधन और आईटी परियोजना प्रबंधन, सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए डिजिटल मार्केटिंग, डिजिटल ट्रस्ट और सूचना सुरक्षा प्रबंधन, आईटी परियोजना और अनुबंध प्रबंधन, डिजिटल नवाचारों और उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए डिजाइन सोच शामिल हैं। इसके अलावा विभिन्न राज्यों से केस स्टडी और सर्वोत्तम अभ्यास प्रस्तुत किए जाएंगे। एनसीजीजी के एसोसिएट प्रोफेसर और पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. बी.एस. बिष्ट ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। संपूर्ण क्षमता निर्माण कार्यक्रम की देखरेख आईआईएमवी के पाठ्यक्रम निदेशक प्रोफेसर श्रीनिवास जोसयुला, एनसीजीजी के एसोसिएट प्रोफेसर और पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. बी.एस. बिष्ट, एसोसिएट पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. संजीव शर्मा और एनसीजीजी और आईआईएमवी की समर्पित प्रशिक्षण टीम द्वारा की जा रही है।

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