पंजाब पुलिस में पहली बार लड़कियों की बड़ी संख्या में भर्ती
-- 196 लड़कियाँ सब- इंस्पेकटर और 7 डी.एस.पी. बनी
फिल्लौर: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब पुलिस को वर्तमान समय की चुणौतियों से मुकाबले के लिए समर्थ बनाने के लिए आधुनिक तरीकों के साथ-साथ प्रशिक्षण के लिए सालाना 2 करोड़ रुपए की ग्रांट देने की घोषणा की। इस प्रशिक्षण में कांस्टेबल से ले कर पी.पी.एस. स्तर के आधिकारियों को देश और विदेशों में पुलिस से सबंधित नवीनतम तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण देना शामिल है।
आज यहाँ पुलिस अकादमी फिल्लौर में नये भर्ती हुए 18 डी.एस.पीज़, 494 सब इंस्पेक्टरों के बैंच को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने ख़ुशी प्रकट करते हुए कहा कि पंजाब पुलिस में पहली बार लड़कियों की बड़ी संख्या में भर्ती हुई है। पंजाब पुलिस में सीधी भर्ती से यह अब तक का सब से बड़ा बैच है जिस में 196 लड़कियाँ सब- इंस्पेकटर और 7 डी.एस.पी. है।
इससे पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने परेड का निरीक्षण किया और मार्च के पास्ट से सलामी ली गई । परेड का नेतृत्व प्रोबेशनरी डी.एस.पी. रुपिन्दरदीप कौर ने किया , उन्होनें आल राउंड में पहला स्थान जबकि सरबजीत कौर ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। इस के अतिरिक्त प्रोबेशनरी सब इंस्पेक्टर रिंपलदीप कौर ने इंटेलिजेंस श्रेणी में पहला स्थान जबकि सूचना तकनीक श्रेणी में सब इंस्पेक्टर रिंकू सूद पहले स्थान पर चुने गये।
नये भर्ती हुए आधिकारियों को बधाई देते मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि वह अपनी योग्यता से पंजाब पुलिस को और समर्थ बनाने में कामयाब होंगे। मुख्यमंत्री ने परेड पर विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि नये रंगरूटों के लिए सख्त प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होनें कहा कि पुलिस को समाज विरोधी तत्वों से दो कदम आगे रहने की ज़रूरत है जिसके लिए प्रशिक्षण में इलैकट्रॉनिकस और आई.टी.तकनीकें को महत्व देना समय की ज़रूरत है।
मुख्यमंत्री ने पुराने समय को याद करते बताया कि लगभग 100 साल पहले उन के पिता जी भी इसी अकादमी से पास आउट हुए थे और आज की परेड ने उनको 1963 में देहरादून अकादमी से प्राप्त एन.डी.ए.दी प्रशिक्षण के समय की याद दिला दी।
राज्य में कानून व्यवस्था बनाई रखने के लिए पंजाब पुलिस की पीठ थपथपाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब पुलिस को दिया जाने वाला प्रशिक्षण और कौशल विकास पुलिस की पहुँच का आधार है। उन्होनें कहा कि वर्तमान सरकार ने पंजाब पुलिस को राजनीतिक कंट्रोल से मुक्त किया है जिस के सार्थक निष्कर्ष सामने आए हैं। उन्होनें कहा कि जहाँ ग़ैर मानवीय जुर्म, बेअदबी की घटनाओं में कमी आई है वहीं राज्य में गैंगस्टरों और माफीया को खत्म किया गया है।
फिल्लौर के किले का चर्चा करते मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक विरासत की संभाल और मुरम्मत के लिए पंजाब पुलिस को 3 करोड़ रुपए ग्रांट देने का ऐलान किया जिससे किले में अजायब घर, क्लास रूमों और होस्टल का नवीनीकरण किया जायेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शानदार सेवाओं और बहादुरी दिखाने वाले आधिकारियों /कर्मचारियों को सम्मानित किया साथ ही दीनानगर में आतंकवादी हमले के दौरान मुकाबला करने वाले पुलिस कर्मीयों को बहादुरी के लिए पुलिस मैडल से सम्मानित किया। इस के अतिरिक्त विलक्षण सेवाओं के लिए डायरेक्टर विजीलैंस बी.के.उपल, आई.जी.गुरप्रीत दयो , डी.आई.जी. रणबीर खटरा , अतिरिक्त आई.जी.अरुण सैनी और अतिरिक्त डी.जी.रोहित चौधरी समेत आधिकारीयों को राष्ट्रपति पुलिस मैडल के साथ सम्मानित किया गया।
इस के अतिरिक्त शानदार सेवाओं के लिए 59 पुलिस मैडल भी प्रदान किये गए जिस में 3 ए.डी.जी.पी., 2 आई.जी.पी., 2 डी.आई.जी., 12 एस.एस.पी. /कमांडैंट /डी.सी.पी. / ए.आई.जी., 1 डी.एस.पी., 18 इंस्पटर,14 सब इंस्पेटर, 14 ए.एस.आई. और 1 हैड कांस्टेबल शामिल हैं।
पत्रकारों से बातचीत करते मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मोहाली हवाई अड्डे का नाम शहीद भगत सिंह एयरपोर्ट रखने के हक में हैं क्योंकि वह न केवल पंजाब बल्कि पूरे देश को उन पर गर्व है।
इस अवसर पर सांसद चौधरी संतोख सिंह, डी.जी.पी. श्री सुरेश अरोड़ा, डी.जी.पी. श्री डी चटोपाध्या, डायरेक्टर पी.पी.ए.फिलौर श्रीमतीअनीता पुंज और पुलिस के सीनियर अधिकारी उपस्थित थे।