(Date : 26/April/2424)

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डीएवी के पोलिटिकल साइंस विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का हुआ शुभारंभ






" आज भारत की राजनीती 4 एम के इर्दगिर्द घूम रही है, यह 4 एम हैं मंडल, मंदिर, मस्जिद और मार्केट "- मुख्य अथिथि सुनील के. चौधरी

जालंधर (साहिल अरोड़ा):- डीएवी कॉलेज के पोलिटिकल साइंस विभाग द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। यह सेमिनार आई एस एस आर उत्तर-पश्चिम रीजनल सेंटर, चंडीगढ़ द्वारा स्पोंसर किया गया था। इस सेमिनार का थीम “पार्टी पॉलिटिक्स इन इंडिया: इमर्जिंग ट्रेंड्स” था। सेमिनार में मुख्य मेहमान के रूप में  दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री सुनील के. चौधरी (राजनीतक विभाग, दिल्ली यूनिवर्सिटी), डा. जगरूप सिंह,( अध्यक्ष डिपार्टमेंट ऑफ़ पोलिटिकल साइंस, जीएनडीयू अमृतसर) के.के. घई, (भूतपूर्व अध्यक्ष, राजनीतक विभाग, डीएवी कॉलेज, जालन्धर) कुलदीप सिंह (भूतपूर्व अध्यक्ष, जीएनडीयू अमृतसर), सतीश टंडन (भूतपूर्व अध्यक्ष, राजनीतक विभाग, डीएवी कॉलेज, जालंधर) भी शामिल हुए। प्रिंसिपल डा. एस. के. अरोड़ा, वाइस प्रिन्सिपल प्रो वी के सरीन, वाइस प्रिन्सिपल प्रो टी डी सेनी,  राजनीती विज्ञान के अध्यक्ष एवं इस सेमिनार के संयोजक डा. बी.बी. शर्मा, स्टाफ़ सेक्रेटेरी प्रो. शरद मनोचा, डॉ दिनेश अरोड़ा, ने स्मृतिचिन्ह एवं पुष्पगुच्छ भेंट करके आये हुए भावी मेहमानों का स्वागत किया। इसके बाद दीप प्रज्वलित करके सेमिनार की शुरुआत की गई।

राजनीती विज्ञान के अध्यक्ष एवं इस सेमिनार के संयोजक डा. बी.बी. शर्मा ने सेमिनार में आने के लिए सभी का स्वागत किया एवं सेमिनार के उदेश्य के बारे में सभी को अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीती में बहुत सारे नए बदलाव आ रहे हैं. हमारा लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। पिछले कुछ सालों में बहुत से नई राजनितिक पार्टियों का उद्दभव हुआ है। कुछ पार्टियाँ कमजोर हुई तो कुछ मजबूत हुई. लेकिन एक लोकतंत्र में मजबूत सरकार के साथ एक मजबूत विपक्ष का होना बहुत जरूरी है। पिछले लोकसभा चुनावों में विपक्ष कमजोर हुआ था। लेकिन 2019 में बदलावों के चुनाव होने की उम्मीद है। और इस सेमिनार का उद्देश्य इन्हीं बदलावों पर चर्चा करना है।

प्रिंसिपल डा. एस. के. अरोड़ा ने अपने भाषण में आये हुए सभी मेहमानों का स्वागत किया । उन्होंने पोलिटिकल साइंस विभाग द्वारा इस एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा की ऐसे सेमिनारों के आयोजन से विद्यार्थियों को बहुत से रिसर्च स्कोलर्स से मिलने और उनके विचार जानने का मौका मिलता है। देश की राजनिती में युवाओं का एक अहम किरदार होता है। हमारा देश दुनिया का सबसे युवा देश माना जाता है। और लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए उन्हें राजनीती शास्त्र का ज्ञान होना बहुत अहम है। डीएवी कॉलेज, जालंधर सदैव ही अपने विद्यार्थियों के राजनितिक विकास के लिए कार्य करता रहा है. कॉलेज द्वारा राष्ट्रिय यूथ पार्लियामेंट में हिस्सा लेना और उसमे विद्यार्थियों का उसमें बेहतरीन प्रदर्शन इसका उदाहरण है।

मुख्य अतिथि और वक्ता सुनील कुमार चौधरी ने “इंडियन एलेक्ट्रोल डेमोक्रेसी: चंगिंग डाइमेंशन्स, डायरेक्शन एंड डायनामिक्स” पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा की भारतीय लोकतंत्र में  1952 से 2018 तक बहुत बदलाव आया है। राजनितिक पार्टियाँ 53 से 464 हो गई, प्रत्याक्षी 1979 से 8251 हो गए, वोटर टर्नआउट 46% से 60% हो चुका है। इसके इलावा और भी बहुत सारे बदलाव भारत की राजनीती में आ चुके हैं। आज भारत की राजनीती 4 एम के इर्दगिर्द घूम रही है, यह 4 एम हैं मंडल, मंदिर, मस्जिद और मार्केट।  इसके इलावा मतदाताओं के व्यवहार में भी परिवर्तन आया है. युवा आगे आ रहे हैं। आज के मतदाता फ्लोटिंग वोटर्स से साइलेंट एलेक्ट्रोल्स बन गए हैं। लोगों के राजनितिक विचार अलाईमेंट से रीअलाईमेंट की तरफ बड़ रहे हैं। उन्होंने कहा की मतदाता बदल रहे हैं और अच्छे दिन जरूर आयेंगे।

डा. जगरूप सिंह, अध्यक्ष डिपार्टमेंट ऑफ़ पोलिटिकल साइंस, जीएनडीयू अमृतसर ने कहा कि भारतीय राजनीती में बदलाव आ रहा है। आज युवा आगे आ रहे है। अब लोग पार्टी देखकर नहीं प्रत्याक्षी का काम देखकर वोट करते हैं। भारत की राजनीती में युवाओं को मौका मिल रहा है, आज भारतीय राजनीती में विकास ही मुद्दा होना चाहिये। टेकनिकल सेशन की अध्यक्षता प्रो. के.के. घई एवं प्रो. सतीश टंडन द्वारा की गई. जिसमे उन्होंने भारतीय राजनीती में आ रहे बदलावों पर चर्चा की गई। इस दौरान विभिन्न कॉलेजों एवं यूनिवर्सिटीयों से आये हुए डेलिगेट्स द्वारा अपने अपने रिसर्च पेपर पढ़े गए। कार्यक्रम के अंतिम सत्र में डा. जगरूप सिंह, अध्यक्ष डिपार्टमेंट ऑफ़ पोलिटिकल साइंस, जीएनडीयू अमृतसर ने शिरकत की। इसके साथ ही डा. कुलदीप सिंह ने भी अपने विचार पेश किए। इसके उपरांत पेपर प्रेजेंट करने वाले सभी डेलीगेट्स को सर्टिफिकेट बांटे गए। अंत में डा. दिनेश अरोड़ा ने समापन भाषण में सभी मेहमानों का धन्यवाद व्यक्त किया। इस मौक़े पर डा. दिनेश अरोड़ा, डा. सुनील ओबेरॉय, डॉ राज कुमार, प्रो नवीन सेनी, प्रो नवीन सूद, डॉ सुरेश खुराना ,प्रो. संदीप, प्रो. रवि आदि मौजूद रहे।

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