कल्प वृक्ष की भांति सुख देता है प्रभु का सिमरन - गुरु रजनी माता जी
जालंधर : सर्व साँझा रूहानी मिशन के संस्थापक पूज्य संत जीवन बीर जी की पत्नी गुरु रजनी माता जी ने गुरु पूजा दिवस के उप्लक्षय में हो रहे सत्संग में कहा कि जिस तरह रेगिस्तान में आदमी सफर करते हुए पानी के लिए व्याकुल हो जाता है । उसके बाद अचानक कहीं कल्प वृक्ष मिल जाए, उस वृक्ष के नीचे बैठकर जो राहत महसूस करता है उसी तरह इसी जिंदगी के सफर में अपनी उलझनों भरी परिस्थितयों से व्याकुल हो जाता है , इसके लिए इसे जरूरत है प्रभु का सिमरण रुपी कल्पवृक्ष कि ओट में बैठ कर सच्चा सुख प्राप्त करने की। प्रभु के सिमरण से मन में टिकाव पैदा होगा और टिका हुआ मन सब कुछ प्राप्त कर लेता है । आदमी को प्रभु के नाम की ओट प्राप्त करने के लिए सत्संग में आकर सत्गुरू के चरणों में बैठना चाहिए । इस अवसर पर सुभाष चंद्र ,प्रेम प्रकाश , तरुन कुमार , साहिल अरोडा , मोहित कुमार, राधा रानी ,दिशा सहगल ,ऋतू मल्होत्रा , राज विजय ,उपासना , कृतिका,तनूजा,रितिका,विजेता कुमारी , सुनैना मक्कड़, उर्मिल ज्योति , कंचन अरोड़ा तथा नवजोत मक्कड़ सहित अन्य भग्तजन उपस्थित थे ।