(Date : 08/May/2424)

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डीएवी कॉलेज में दो दिवसीय किताबों की प्रदर्शनी हुई शुरू






जालंधर:- डीएवी कॉलेज, जालंधर में दो दिवसीय बुक प्रदर्शनी की शुरुआत सोमवार को हो गई है। इस बुक प्रदर्शनी का उद्घाटन सेवानिवृत जस्टिस और कॉलेज के लोकल एडवाईज़री कमेटी के चेयरमैन एन.के सूद ने किया। 

इस उद्घाटन समारोह के दौरान कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. एस.के अरोड़ा और लाइब्रेरी का पूरा स्टाफ मौजूद था। ये बुक प्रदर्शनी सोमवार को सुबह 11 बजे से शुरू होकर शाम 7 बजे तक तथा अगले दिन (मंगलवार) सुबह 9 बजे से 4 बजे तक लगाई जाएगी। इस बार की प्रदर्शनी में ख़ास बात ये है कि इसमें आम रूचि की किताबों को ज्यादा तवज्जो दी गई है। वहीं इसमें प्रसिद्ध व्यक्तियों की जीवनी वाली किताबों को भी जगह दी गई है। इस बार कैम्ब्रिज और ऑक्सफ़ोर्ड जैसे बड़े पब्लिशरों ने भी हिस्सा लिया है। इस प्रदर्शनी में मुल्ख राज आनन्द, डेन ब्राउन और रबिन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद जैसे-बड़े साहित्यकारों की किताबें शामिल हैं। कॉलेज की लाइब्रेरी की तरह से दो रोजा लगाई गई इस प्रदर्शनी में और भी ऐसी कई किताबें हैं जो स्टूडेंट्स और टीचर्ज़ का ध्यान अपनी और आकर्षित कर सकती हैं। हालांकि इससे पहले भी लाइब्रेरी की तरफ से कई बार किताबों की प्रदर्शनी लगाई जा चुकी है। कॉलेज की लाइब्रेरी का इतिहास बहुत ही पुराना है। लाला लाजपत राय की स्मृति में निर्मित ज्ञान केंद्र के नाम से जाने वाली कॉलेज की लाइब्रेरी कॉलेज के साथ ही अस्तित्व में आई । 1918 में कॉलेज हाउस में इसे प्रो. फ़क़ीर चंद की देख-रेख में स्थापित किया गया था।


हालांकि उस समय लाइब्रेरी का चलन बहुत कम हुआ करता था. किताबें भी सीमित हुआ करती थीं और उसे पढ़ने वाले विद्यार्थी भी बेहद कम हुआ करते थे, लेकिन कॉलेज के पहले प्रिंसिपल और सकारात्मक भविष्य दृष्टिकोण रखने वाले पंडित मेहर चंद की प्रबंधन में लाइब्रेरी ने प्रगति की।  प्रिन्सिपल लाला सूरज भान ने कॉलेज लाइब्रेरी की प्रगति की गति में तेजी लाने के अहम क़दम उठायें, जिसके लिए उन्होंने प्रशिक्षित और योग्य लायब्रेरीयन ओम् प्रकाश गुप्ता, एच.डी शर्मा, संत राम भाटिया और  एच.के शर्मा को नियुक्त किया। साल 2001 से वर्तमान तक नवीन सेनी लाइब्रेरी का कार्यभार संभाल रहे है। लाइब्रेरी का सबसे अधिक विकास और विस्तार, स्वचालन और कंप्यूटरीकरण इसी समय के दौरान हुआ। 1832 में लेफ़्टिनेंट कर्नल जेम्ज़ टोड की प्रकाशित किताब "अन्नल एंड अंटिकुईटीस ऑफ़ राजस्थान" की कॉलेज की लाइब्रेरी में उपस्थिति कॉलेज की शान बढ़ा रही है। इस समय कॉलेज की लाइब्रेरी दस हज़ार स्क्वेर फ़ीट में बनी हुई है जहाँ हर क्लास का एक अलग सेक्शन बना हुआ है. देश विदेश के शोधकर्ता कॉलेज लाइब्रेरी का अपनी रीसर्च कार्य के लिए दौरा करते रहते हैं। पुस्तकालय में छात्रों की व्यवस्था बैठे इस तरह है की एक समय पर पाँच सौ स्टूडेंट्स आराम से पढ़ सकते हैं। बता दें कि वेब आधारित ओपीएसी प्रदान करने के लिए कॉलेज की लाइब्रेरी क्षेत्र में एकमात्र पुस्तकालय है। पुस्तकालय में विभिन्न विषयों पर दो लाख से अधिक पाठ और संदर्भ पुस्तकें हैं। इसमें बड़ी संख्या में सीडी, डीवीडी और मल्टीमीडिया हैं। इतना ही नहीं इसमें कई प्रकार के एनसाइक्लोपीडिया, प्राचीन ग्रंथ, हस्तलिखित और भारतीय धर्म, संस्कृति, इतिहास और दर्शन पर पुस्तक तथा अन्य पुस्तकों के दुर्लभ संग्रह हैं। हाल ही में पाठकों के लिए 'ई-संसाधन लैब' जोड़ा गया है। वहीं इस प्रदर्शनी के उद्घतनी समारोह में पहुंचे जस्टिस एन.के सूद ने लाइब्रेरी के इस काम की प्रशंसा करते हुआ कहा कि कॉलेज में किताबों की प्रदर्शनी द्वारा विद्यार्थियों के ज्ञान में भी वृद्धि होती है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में कई तरह की किताबों से विद्यार्थी रूबरू होते हैं, जिससे उनकी सोचने के दायरे में वृद्धि होती है. इसके साथ ही उन्होंने कॉलेज प्रशासन से भविष्य में भी ऐसी प्रदर्शनी लगाने की अपील की। 

इस अवसर पर कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. एस.के अरोड़ा ने भी प्रदर्शनी में लगाई गई किताबें देखीं। उन्होनें कहा कि प्रदर्शनी में लगाई गई किताबों में विद्यार्थियों को अलग-अलग लेखकों के बारे में पढने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को साहित्य के बारे में जागरूक करवाने के लिए किताबों की प्रदर्शनी एक आचा माध्यम है। वहीं, कॉलेज के लिब्रेरियन एन.के सूद ने कहा कि लाइब्रेरी ने इससे पहले भी किताबों की प्रदर्शनी लगाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि इस बार ऑक्सफ़ोर्ड और कैम्ब्रिज जैसे बड़े पब्लिशर हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार विद्यार्थियों की आम रूचि की किताबों को भी शामिल किया गया है।उन्होंने ये भी कहा की विद्यार्थी अपनी रूचि के मुताबिक किताबों को खरीद सकते हैं। वहीँ कॉलेज के विद्यार्थियों ने भी इस प्रदर्शनी में हिस्सा लिया और काफी उत्सुक दिखे। इस दौरान विद्यार्थियों ने अपनी पसंद की किताबें भी खरीदीं। इस अवसर पर डॉ. संजीव धवन, पी आर ओ प्रो मनीष खन्ना,प्रो. नवीन सूद, प्रो. राजकुमार शर्मा, डॉक्टर समीर शर्मा, प्रो आशा वर्मा तथा लाइब्रेरी स्टाफ में अरुण पराशर, संध्या परमार, रामचंद्र, और नरिंदर खुल्लर आदि मौजूद थे। 

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