पटाखों-रहित दीवाली के लिए जी॰डी॰ गोयंका स्कूल के बच्चों ने निकाली पद-यात्रा
जालंधर:- श्री राम के वनवास से वापसी की खुशी का त्यौहार दीवाली आर्थिक समृद्धि, तकनीकी विकास और बढ़ती जनसंख्या के मध्य अपना वास्तविक संदेश और महिमा की गरिमा खोता जा रहा है। आनंद और भाव-विभोरता के प्रदर्शन के लिए प्रयोग की जाने वाली आतिशबाज़ी आज दिखावे और शोर-शराबे का स्रोत बन कर रह गई है। देश मे पटाखों और आतिशबाज़ी के कारण होने वाले प्रदूषण, वातावरण को नुकसान, जानवरों और इंसानी जानों को होने वाले खतरों से आम जनता को आगाह करने के उद्देश्य से “जी॰डी॰ गोयंका इंटरनेशनल स्कूल, जालंधर” के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं ने कुशल शिक्षकों, नगर प्रशासन व पुलिस विभाग के साथ मिल कर एक शांतिपूर्ण पद-यात्रा निकाली। यह पद-यात्रा एस॰बी॰आई॰ जालंधर कैंट से शुरू हो कर सब्जी मंडी, 5 स्टार जूस कॉर्नर, सदर बाज़ार, पुरानी फगवाड़ा रोड़, मूलराज रोड़, गंगा रोड़ आदि मार्गों से होते हुए दशहरा ग्राउंड पर समाप्त हुई। इस पद-यात्रा का सफल आयोजन जिला कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर, जालंधर कैंट बोर्ड, पुलिस थाना सदर व स्कूल के शिक्षकों की सहायता से संभव हो सका। विद्यालय के प्रधानाचार्य अशोक कुमार जैन ने पद-यात्रा का नेतृत्व किया। बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए उन्होने उनके अनथक प्रयत्नों को सराहा। उन्होने आशा व्यक्त की कि नन्हें बच्चों के इस प्रकार के संदेश देने के प्रयासों को समाज मे बदलाव लाने के लिए आवश्यक रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिए। सभी बच्चों ने इस दीपावली पर पटाखे न जला कर वातावरण, धरती और जीव-जंतुओं को हानि न पहुंचाने की शपथ खाई।