(Date : 26/April/2424)

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कासा का एलान, 12 अक्टूबर को काला दिवस मनाएगे टीचर्स: अनिल चोपड़ा






अनिल चोपड़ा ने कहा कि 12 अक्टूबर को देशभर के निजी स्कूलों के टीचर्स, प्रिंसिपलर्स व स्कूल मैनेजमेंट के सदस्य काला रिबन लगाकर सरकार की प्राइवेट स्कूल के शिक्षक, प्रिंसिपल और मैनेजमेंट विरोधी नीतियों का करेंगे विरोध

स्कूल में टीचर्स की नियुक्त को लेकर जो नियम बना रहे हैं, उससे सालों से निजी स्कूलों में काम करने वाली टीचर्स व प्रिंसिपलों में भय का माहौल है, बिना जमीनी सच्चाई को जाने सरकार बना रही पॉलिसी, देशभर में लाखों टीचर्स हो जाएगी बेरोजगार

जालंधर:- सी.बी.एस.ई एफिलिएटेड स्कूल्ज एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल चोपड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ साथ सभी राज्यों की सरकार महिलाएं सशक्तिकरण की बात करती है, लेकिन निजी स्कूलों में सालों से टीचर्स, प्रिंसिपल व अन्य अहम पदों पर बैठी महिलाओं के विरोध में केंद्र सरकार ने नितियां बनाकर महिलाओं को भयतीत कर दिया है। अनिल चोपड़ा ने कहा कि पहले स्कूल में कोई भी घटना होने पर टीचर्स व प्रिंसिपल को दोषी मानते हुए मुकदमा दर्ज किए जाने की नीति बना दी गई। जब इससे भी सरकार का मन नहीं भरा तो पुलिस वैरिफिकेशन व उनका दिमागी टेस्ट करवाने के आदेश कर दिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने प्राइवेट स्कूलों में टीचर्स की नियुक्ति को लेकर जो नियम बनाए हैं, उससे निश्चिततौर पर देशभर से लाखों टीचर्स बेरोजगार हो जाएंगे। सरकार की टीचर्स व प्रिंसिपलर्स विरोधी नीतियों के कारण 12 अक्टूबर को देशभर के निजी स्कूलों के टीचर्स, प्रिंसिपलर्स व मैनेजमेंट के सदस्य काला रिबन लगाकर विरोध प्रदर्शन करते हुए काला दिवस मनाएंगे।

कासा के अध्यक्ष अनिल चोपड़ा ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा सरकार में अब देशभर की लाखों बेटियां परेशान हैं। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में टीचर्स की नियुक्ति को लेकर सरकार ने कई ऐसे नियम बनाए हैं, जिसके कारण टीचर्स परेशान हो गई है और उन्हें अपनी नौकरी जाती हुई नजर आ रही है। वर्तमान हालात यह है कि टीचर्स व प्रिंसिपलर्स अब बच्चों को पढ़ाने की बजाए, अपनी नौकरी को बचाने के लिए जुगाड़ में लगी हुई है। अनिल चोपड़ा ने कहा कि जब केंद्र या प्रदेश सरकार में मंत्री बिना किसी टेक्निकल क्वालिफिकेशन के विभागों के मंत्री लग सकते हैं और जब सवाल उठाता है तो कहा जाता है कि तजुर्बा शिक्षा से बढ़ा होता है, फिर ऐसे में सालों से निजी स्कूलों में पढ़ाते हुए बेहतर रिजल्टर्स देने वाली टीचर्स के तजुर्बे को क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है।

सीनियर वाईस प्रेजिडेंट कम ट्रेझर जोध राज गुप्ता ने कहा कि सरकार महिलाओं को सम्मान देने की बजाए, उन्हें अपमानित करने में लगी है और ऐसी नीतियां बना रही है, जिसके कारण महिलाओं को न चाहते हुए भी शिक्षा का कार्य छोड़ना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने निजी स्कूलों में सालों से शिक्षा दे रही बीए व एमए पास टीचर्स को 2 साल का आॅन लाइन कोर्स व पांचवीं तक पढ़ाने वाले टीचर्स को एनआईओएस से 6 महीने का ब्रिज कोर्स करना अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि स्पष्ट किया कि इन कार्सों को करने के लिए भी सरकार ने कई शर्तें लगाई हैं, जिसका सीधा असर यह होगा कि सालों से स्कूलों में पढ़ाने वाली 50 प्रतिशत टीचर्स को अपना रोजगार खोना पड़ सकता है। वहीं जो टीचर्स यह कोर्स करेगी, उन्हें भी हजारों रुपए फीस के तौर पर देने होेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि सरकार की नीतियों के कारण टीचर्स की नौकरी गई तो सरकार का हर मोर्चें पर विरोध किया जाएगा। कई स्कूल हो जाएंगे बंद, शिक्षा हो जाएगी महंगी, कासा के सभी सदस्यों ने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण कई स्कूल बंद हो जाएंगे और जो स्कूल बचेगे, उसमें शिक्षा महंगी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कई स्कूल सस्ते में एजुकेशन देने में लगे हैं, लेकिन सरकार की नीतियों के कारण वह बनाए जा रहे नियमों को पूरा करने में असमर्थ हैं और बंद होने की स्थिति में हैं। अनिल चोपड़ा ने आह्वान किया कि शिक्षा को बचाने के लिए अब टीचर्स, प्रिंसिपलर्स, मैनेजमेंट के साथ साथ अन्य सभी स्टाफ को एकजुट होना होगा, तभी जाकर स्कूल व नौकरी बच पाएंगी। उन्होंने कहा कि 12 अक्टूबर को सभी टीचर्स, प्रिंसिपलर्स व मैनेजमेंट काला रिबन लगाकर सरकार की नीतियों के खिलाफ रोष प्रदर्शन में शामिल हों।

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