(Date : 29/March/2424)

(Date : 29/March/2424)

ਮੈਰੀਟੋਰੀਅਸ ਅਤੇ ਸਕੂਲ ਆਫ਼ ਐਮੀਨੈਂਸ ਲਈ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਪ੍ਰੀਖਿਆ 30 ਮਾਰਚ ਨੂੰ | ਸਕਿਲ ਸੈਂਟਰ ਦੌਲਤਪੁਰਾ ਨਵਾਂ ਵਿੱਚ ਵੋਟਰ ਜਾਗਰੂਕਤਾ ਫੈਲਾਈ | सीपीडब्ल्यूडी के सहायक एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की | डिप्टी कमिश्नर ने दिव्यांग वोटरों की लोक सभा में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तरीय निगरानी कमेटी का गठन | डिप्स हर क्षेत्र में शत प्रतिशत परिणाम देने वाला शिक्षण संस्थान |

सामाजिक गतिविधयां

आई फ्लू से बचने के लिए बरतें सावधानियां डॉ. रूपाली सेठी

मोगा (कमल) :- देश में दिनोंदिन फैल रही बीमारी 'आई फ्लू' के प्रति लोगों विशेषकर बच्चों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। यह जानकारी सिविल अस्पताल मोगा में तैनात नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. रूपाली सेठी ने आज एक बातचीत में दी। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में लोग कई बीमारियों के शिकार होते हैं. बारिश के कारण बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है, जिससे लोगों को कोई न कोई बीमारी हो जाती है। इन्हीं बीमारियों में से एक है आई फ्लू। आई फ्लू को आंखों का संक्रमण कहा जाता है। इससे आंखों में जलन, दर्द और लालिमा जैसी समस्याएं होने लगती हैं। यह रोग एक आंख से शुरू होता है और कुछ समय बाद दूसरी आंख भी प्रभावित हो जाती है। आई फ्लू को पिंक आई और कंजंक्टिवाइटिस के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि आई फ्लू के कई लक्षण होते हैं, जिनसे इस बीमारी के होने का पता चलता है। आई फ्लू के कारण आंखें लाल हो जाती हैं। आंखों से पानी आने के कारण आंखों में जलन होने लगती है। इस समस्या की शुरुआत में पलकों पर पीला और चिपचिपा द्रव जमा होने लगता है। आंखें सूजने लगती हैं. आँखों में पानी आने से खुजली होने लगती है। आई फ्लू से राहत पाने के लिए आपको डॉक्टर से सलाह लेकर जीवाणुरोधी और चिकनाई वाली आई ड्रॉप लेनी चाहिए। आई फ्लू के दौरान, जब भी आप अपनी आंखों को छूएं तो अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं। आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें। आंखों की साफ-सफाई का ध्यान रखें और आंखों को बार-बार ठंडे पानी से धोएं। आई फ्लू के दौरान आंखों पर बर्फ लगाने से जलन और दर्द से राहत मिलती है। आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने से बचें। आई फ्लू के दौरान कभी भी संक्रमित वस्तुएं जैसे चश्मा, तौलिया या तकिए का उपयोग नहीं करना चाहिए। टीवी, मोबाइल फोन से दूरी बनाने के साथ ही आंखों पर काला चश्मा लगाना चाहिए।

भाषा विभाग, मोगा द्वारा सावन कवि दरबार का आयोजन

मोगा (कमल) :- जिला भाषा कार्यालय, मोगा के नेतृत्व में निदेशक, भाषा विभाग, पंजाब डी. एम कॉलेज, मोगा के सहयोग से 'सावन कवि दरबार' का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिरोमणि पंजाबी साहित्यकार ने की। बलदेव सिंह सड़कनामा द्वारा। उनके अलावा प्राचार्य  एस. क शर्मा,  के. एल गर्ग, प्रिंसिपल एस. सुरजीत सिंह काउंके और एस. जतिंदर सिंह तूर शामिल थे। डॉ अजीतपाल सिंह मोगा के जिला भाषा अधिकारी ने सभी का स्वागत किया। मंच का संचालन प्रो. प्रसिद्ध युवा कवि रणजीत सरांवाली को गुरप्रीत सिंह घाली ने कवि दरबार का संचालन करने के लिए आमंत्रित किया था। रणजीत सरनवाली द्वारा विभिन्न कवियों का परिचय श्रोताओं से कराया गया। कविता के दौर में त्रैलोचन लोची, मनजिंदर धनोआ, अश्वनी गुप्ता, गुरुमीत कडियालवी, रंजीत सरांवाली, हरविंदर बिलासपुर, दर्शन दुसांझ, चरणजीत स्मालसर, गुरप्रीत धर्मकोट, धामी गिल, सरबजीत स्मालसर, कुलवंत सिंह धालीवाल, गुरप्रीत लोपो आदि ने किया। बलदेव सिंह सड़कनामा ने सावन माह के अवसर पर सांस्कृतिक गतिविधियों के महत्व पर चर्चा की। के. एल गर्ग ने भाषा विभाग, पंजाब के प्रयासों की सराहना की और कहा कि भाषा विभाग की गतिविधियाँ पंजाबी भाषा और साहित्य के प्रचार/प्रसार के लिए मूल्यवान हैं। प्राचार्य एस. क शर्मा ने कहा कि उनकी संस्था साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर योगदान देने के लिए सदैव तत्पर है। प्राचार्य सुरजीत सिंह काउंके ने आज के सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई दी और सावन माह को समर्पित अपना भाषण प्रस्तुत किया। एन आर आई स. जतिंदर सिंह तूर डी एम कॉलेज, मोगा से जुड़ी अपनी पुरानी यादें ताजा कीं। अंत में कवियों एवं अध्यक्ष को विभागीय पुस्तकें देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कनिष्ठ सहायक एस. कार्यालय जिला भाषा अधिकारी, मोगा द्वारा नवदीप सिंह के नेतृत्व में एक विशेष पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जो छात्रों, शिक्षकों और आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। इस अवसर पर लेखिका हरजीत कौर गिल, लेखिका परमजीत कौर मोगा, रमनदीप सिंह जालंधर, बलजीत सिंह जालंधर, भूपिंदर सिंह तूर, दविंदर सिंह संघा, हरभजन सिंह नागरा, प्रिंसिपल अवतार सिंह करीर, जगसीर सिंह रखड़ा, सुखविंदर सिंह बडुवालिया, गुरमेल सिंह भुल्लर, मोती सिंह, तरसेम गोपी का, गुरबचन कमल, कुलविंदर सिंह बाघापुराना, जगराज सिंह मोगा, कुलदीप सिंह, परमिंदर कौर, मनरीत कौर, कमलजीत कौर, गुरजीत कौर, रचना रानी आदि मौजूद थे।

डिप्टी कमिश्नर द्वारा आम आदमी क्लीनिक का अप्रत्याशित दौरा

मरीजों से ली गई आम आदमी क्लीनिक की सेवाओं की समीक्षा, लोगों ने जताया संतोष

जिले के किसी भी आम आदमी क्लिनिक में डॉक्टर, स्टाफ या दवा की कमी नहीं होगी- डिप्टी कमिश्नर

मोगा (कमल) :- पंजाब सरकार द्वारा आम लोगों को उनके घरों के नजदीक उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए राज्य भर में खोले गए आम आदमी क्लीनिक सफलतापूर्वक चल रहे हैं। जिला मोगा में 24 आम आदमी क्लीनिक हैं, जिनका लाभ मोगा के लोग उठा रहे हैं। डिप्टी कमिश्नर मोगा सीनियर आज आम आदमी क्लीनिकों में लोगों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का जमीनी स्तर पर जायजा लेंगे। कुलवंत सिंह ने लंढेके, धर्मकोट और जलालाबाद के आम आदमी क्लीनिकों का औचक दौरा किया। अप्रत्याशित रूप से इन आम आदमी क्लीनिकों में पहुंचकर डिप्टी कमिश्नर ने यहां स्वास्थ्य सुविधाएं लेने आए आम लोगों से बातचीत की और उन्हें मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया। आम जनता ने क्लीनिकों के माध्यम से उपलब्ध करायी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं पर संतोष व्यक्त किया। मरीजों से बातचीत के अलावा डिप्टी कमिश्नर ने यहां डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्टाफ से भी बातचीत की. उन्होंने स्टाफ को आम आदमी क्लीनिक में मरीजों की लगन से सेवा करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत किसी भी आम आदमी क्लीनिक में डॉक्टरों, नर्सों या दवाओं की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी क्योंकि ये क्लीनिक जरूरतमंद और गरीब लोगों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी क्लिनिक में किसी भी तरह की टेस्टिंग किट या दवा की कमी हो तो उसे तुरंत प्रभाव से दूर किया जाता है, ताकि मरीजों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े.

यहां यह भी बताने योग्य है कि जिला मोगा में लंढेके, घोलिया खुर्द, हिम्मतपुरा, बिलासपुर, धर्मकोट, दुन्नेके, राजियाना, मल्लियांवाला, बुट्टर कलां, चरिक, फतेहगढ़ पंजतूर, लंडे, राउके कलां, शहरी स्लम एरिया में 24 आम आदमी क्लीनिक हैं। डिस्पेंसरी, किशनपुरा कलां, खोसा रणधीर, मानुनके, सुखानंद, लोपोन, कोकरी कलां, दौलतपुरा निमवान, चंद नवां, जलालाबाद और पट्टो हीरा सिंह में सफलतापूर्वक चल रही हैं। इससे आम लोगों की जेब पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ काफी हद तक कम हो गया है। इन क्लीनिकों में 41 विभिन्न प्रकार की जांचें और 96 प्रकार की दवाइयां बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही हैं।

डिप्टी कमिश्नर के पीएसओ बलकरण सिंह बने थानेदार

डिप्टी कमिश्नर एवं जिला पुलिस प्रमुख ने लगाये प्रमोशन स्टार

मोगा (कमल) :- डिप्टी कमिश्नर मोगा के पीएसओ बलकरण सिंह थानेदार बन गये हैं। उनकी उत्कृष्ट सेवाओं को देखते हुए पंजाब पुलिस विभाग द्वारा उन्हें थानेदार के रूप में पदोन्नत किया गया है। आज डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह और जिला पुलिस प्रमुख श्री जे. इलनचेलियन ने उनके कंधे पर प्रमोशन स्टार लगाए। डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह और जिला पुलिस प्रमुख जे. इलनचेलियन ने बलकरण सिंह को उनकी पदोन्नति पर बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उल्लेखनीय है कि बलकरण सिंह ने लंबे समय तक जिला मोगा के विभिन्न डिप्टी कमिश्नरो या अन्य उच्च अधिकारियों के साथ काम किया है।

अलायंस क्लब जालंधर समर्पण ने बड़े हर्षोल्लास से मनाया तीज का त्यौहार

निधी छाबड़ा बनी मिसेज तीज

जालंधर (अरोड़ा) :- अलायंस क्लब जालंधर समर्पण ने  प्रधान दया कृष्ण छाबड़ा व उप गवर्नर प्रथम पवनजीत सिंह बालिया की रहनुमाई में तीज सैलीब्रेशन का आयोजन स्थानीय एक होटल में किया। प्रधान दया कृष्ण छाबड़ा ने  मुख्य मेहमान व परिवार सहित आए हुए क्लब सदस्यों का स्वागत किया।मुख्य मेहमान उप गवर्नर प्रथम पवनजीत सिंह बालिया थे। उन्होने तीज के त्यौहार की शुभकामनाऐं दी और समर्पण क्लब की भरपूर प्रशंसा करते हुए कहा कि यह क्लब समाज सेवा के साथ साथ सभी सदस्यों का मनोरंजन का भी ध्यान रखता है। इस मौके पर आकर्षक वेशभूषा में सजी नारी शक्ति ने मॉडलिंग करवाई गई, तंबोला, गेम्स  करवाए गये। तीज के गीत गाए, झूला झूला व किकली डाल कर खुशी व्यक्त कर सावन के सुहावने मौसम को और भी यादगार बना दिया। मिसेज तीज क्वीन का ताज निधि छाबड़ा के सर पर सजा।

क्रमश  दूसरे और तीसरे नंबर पर निकुंज नैयर,ज्योति बजाज रही दोंनो को सन्मानित किया गया। फंक्शन चेयरमैन आई सी सी एन के महेंद्रू ने मुख्य मेहमान, मंच संचालक एंव जज व सभी सदस्यगण का धन्यवाद किया। मंच का संचालन व जज का दायित्व प्रसिद्ध जर्नलिस्ट मीनाक्षी गांधी ने बाखूबी निभाया। संजीव ओबराय ने गीत गा मन मोह लिया। निधि छाबड़ा, कमलेश गर्ग, मिसेज गंभीर, वीना शर्मा, सुमन सैनी, ज्योति बजाज, ज्योति वर्मा ,निर्मल शर्मा मिसेज विजय शर्मा, मिसेज गुलजारी लाल गुप्ता ने फंक्शन में भाग लिया ।इस मौके पर रीजन चेयरपर्सन संजीव गंभीर, डिस्ट्रिक्ट पीआरओ ई मीडिया जगन नाथ सैनी, पूर्व प्रधान केवल शर्मा, सचिव पी के गर्ग, जय देव मल्होत्रा ,सेवा सिंह, हर्षवर्धन शर्मा, गुलजारी लाल गुप्ता, ऐ के बहल,तुषार बजाज, संजीव ओबराय, नरेंद्र शर्मा, गगनदीप छाबड़ा,अन्य सदस्य परिवार सहित उपस्थित थे। अंत में गिद्दे का कार्यक्रम हुआ जिसमें आई हुई  सभी नारी शक्ति ने पंजाबी बोलियां गा कर गिद्दा डाला। तीज का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास से संपन्न हुआ।

देश की आजादी के बाद पहली बार मोदी सरकार ने जालंधर के रेलवे स्टेशन को भव्य सुंदर बनवाने का कार्य शुरू करवाया-भाजपा नेता

भाजपा जिलाध्यक्ष समेत प्रदेश एवं जिला महामंत्री ने डी.आर.एम के साथ कार्यक्रम स्थल पर तैयारियों का किया नरीक्षण

जालंधर (अरोड़ा) :- केंद्र सरकार के अमृत भारत योजना के अंतर्गत जलांधर कैंट स्टेशन के पुनर्विकास का शिलान्यास कल देश के प्रधानमंत्री श्री नरिंद्र मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये किया जायेगा। इस कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर रेलवे डी आर एम फ़िरोज़पुर संजय साहू,डी सी ई अभिनव गर्ग,ए ड़ी एम पुनीत सिंह,ज़िला भाजपाअध्यक्ष सुशील शर्मा, प्रदेश महामंत्री राजेश बाघा, ज़िला महामंत्री अशोक सरीन हिक्की आदि ने रेलवे स्टेशन स्थल का नरीक्षण किया।इस अवसर पर सभी भाजपा नेताओं ने कहा कि देश की आजादी के बाद पहली बार मोदी सरकार ने जालंधर कैंट के रेलवे स्टेशन को भव्य सुंदर बनवाने के लिये इसके पुनर्विकास का कार्य शुरू करवाया है। जिसको लेकर शहरवासीओ मे खुशी की लहर चल पड़ी है। सभी लोगो ने शहर मे चर्चा शुरू कर दी है की जो कार्य कांग्रस ने कभी नही किया वो काम भाजपा की मोदी सरकार ने करके दिखाया है। भाजपा नेताओ ने बताया की जलांधर स्टेशन को पूरे पंजाब का भव्य स्टेशन बनाने के लिये 99 करोड़ रुपये का तोहफा जालंधर वासियो के लिये बहुत गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि रविवार के कार्यक्रम पूरे देश लिये ऐतिहासिक होंगे। क्युकी नरेंद्र मोदी जी एक साथ पूरे देश मे अमृत भारत स्टेशन योजना के अन्तर्गत 508 व पंजाब के 22 स्टेशनो को भव्य सुंदर बनाने का उद्घाटन एक साथ करेंगे। इस अवसर पर ज़िला उपाध्यक्ष दविंदर भारद्वाज,अरुण शर्मा,अनुज शारदा,दिनेश खन्ना,सनी बांसल आदि उपस्थित थे।

अधिभार (ओवरबर्डन) से रेत का उत्पादन : कचरे से कंचन

कोयला मंत्रालय के तहत कोयला एवं लिग्नाइट सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा एक अनूठी पहल

जालंधर (ब्यूरो) :- भले ही अपने उपभोक्ताओं के लिए कोयला/ लिग्नाइट का उत्पादन और वितरण करने का ही शासनादेश हो, फिर भी कोयला मंत्रालय के मार्गदर्शन में कोयला और लिग्नाइट सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) ने लीक से हटकर ओवरबर्डन से बहुत कम कीमत पर रेत का उत्पादन करने वाली एक अनोखी पहल की है। इस पहल से न केवल ओवरबर्डन के कारण रेत गाद से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में मदद मिल रही है, बल्कि निर्माण के लिए सस्ती रेत प्राप्त करने का विकल्प भी मिल रहा है। कोयला सार्वजनिक उपक्रमों में रेत का उत्पादन पहले ही शुरू हो चुका है और अगले पांच वर्षों के दौरान कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), नैवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएलसीआईएल) और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) में रेत के उत्पादन को अधिकतम करने के लिए रोडमैप तैयार किया जा चुका है।

कोयले का निष्कर्षण एक महत्वपूर्ण उप-उत्पाद के साथ होता है, जिसे ओवरबर्डन के नाम से जाना जाता है। कोयले के खुले खनन के दौरान, कोयले की परत के ऊपर स्थित परत को ओवरबर्डन के रूप में जाना जाता है, जिसमें प्रचुर मात्रा में सिलिका सामग्री के साथ मिट्टी, जलोढ़ रेत और बलुआ पत्थर शामिल होते हैं। नीचे से कोयला निकालने के लिए ओवरबर्डन को हटा दिया जाता है। बाद में, कोयला निष्कर्षण पूरा होने पर, भूमि को उसका मूल आकार प्रदान करने के लिए ओवरबर्डन का उपयोग बैकफिलिंग के लिए किया जाता है। ऊपर से ओवरबर्डन निकालते समय, मात्रा का स्वेल फैक्टर 20-25 प्रतिशत होता है। इस ओवरबर्डन को परंपरागत रूप से अपशिष्ट या बोझ माना जाता है और अक्सर इसके संभावित मूल्य को पहचाने बिना इसे ऐसे ही छोड़ दिया जाता है। हालांकि, सतत् अभ्यास और सर्कुलर इकोनॉमी पर बढ़ते फोकस के साथ, ओवरबर्डन के लिए वैकल्पिक उपयोग की खोज करने और इसे कचरे से कंचन में बदलने की दिशा में बदलाव आया है।

प्रथम पहल 

इस तरह के रूपांतरण की पहली व्यावसायिक पहल सीआईएल की सहायक कंपनी वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) ने 2016-17 के दौरान अपनी खदान में की थी। महाराष्ट्र के नागपुर जिले के भानेगांव खदान में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था, जहां विभाग की ओर से स्थापित की गई मशीनों के जरिए रेत निकाली जाती थी। इस मशीन की क्षमता 300 घन मीटर प्रतिदिन थी। निकाली गई रेत का गहन परीक्षण किया गया और अंततः उसे नदी तल से मिलने वाली रेत से बेहतर पाया गया। इसकी कीमत लगभग 160 रुपये प्रति घन मीटर थी, जो बाजार की तत्कालीन कीमत का लगभग 10 प्रतिशत थी। यह रेत प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत कम लागत वाले घर बनाने के लिए नागपुर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट को दी गई थी। इसके अलावा दो और विभागीय पहल भी शुरू की गई।

पायलट परियोजनाओं की सफलता पर, डब्ल्यूसीएल ने नागपुर के पास गोंडेगांव खदान में देश के सबसे बड़े रेत उत्पादन संयंत्र को चालू करके रेत का व्यावसायिक उत्पादन शुरू किया। यह इकाई बाजार मूल्य से लगभग आधी कीमत पर प्रतिदिन 2500 घन मीटर रेत का उत्पादन करती है।

सरकारी इकाइयों के साथ साझेदारी और स्थानीय बिक्री

नागपुर के सबसे बड़े रेत उत्पादक संयंत्र से उत्पादित रेत का बड़ा हिस्सा बाजार मूल्य के एक तिहाई पर एनएचएआई, एमओआईएल, महा जेनको जैसी सरकारी इकाइयों और अन्य छोटी इकाइयों को दिया जा रहा है। बाकी रेत को बाजार में खुली नीलामी के माध्यम से बेचा जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को काफी सस्ती कीमत पर रेत मिल रही है।

कचरे से कंचन: एक आदर्श बदलाव

ओवरबर्डन, जिसे कभी अपशिष्ट या बेकार पदार्थ समझा जाता था, अब उसे एक मूल्यवान संसाधन माना जा रहा है। रेत प्रसंस्करण इकाइयां भी जबरदस्त रोजगार के अवसर पैदा कर रही हैं, क्योंकि बड़ी संख्या में स्थानीय आबादी न केवल उत्पादन इकाई में, बल्कि ट्रकों के माध्यम से उपभोक्ताओं  तक रेत को ले जाने के लिए उसकी लोडिंग और आपूर्ति जैसी कार्यों में शामिल हो रही है।

विस्तार की योजनाएं और समाज पर प्रभाव

इस सकारात्मक दृष्टिकोण और ओवरबर्डन के वैकल्पिक उपयोग की खोज के एक भाग के रूप में, सीआईएल ने देश के पूर्वी और मध्य भाग में अपनी सहायक कंपनियों में कई ओवरबर्डन प्रसंस्करण संयंत्र और रेत उत्पादन संयंत्र चालू किए हैं। इस स्थायी प्रयास के हिस्से के रूप में, कोयला सार्वजनिक उपक्रम में ओवरबर्डन से नौ रेत उत्पादन/ प्रसंस्करण संयंत्र पहले से ही उत्पादन में हैं, जिनमें से चार एससीसीएल में, तीन डब्ल्यूसीएल में और एक-एक एनसीएल और ईसीएल में हैं। इन रेत उत्पादन/ प्रसंस्करण संयंत्रों की कुल वार्षिक क्षमता लगभग 5.5 मिलियन क्यूबिक मीटर प्रति वर्ष है। इसके अलावा, सीआईएल की विभिन्न सहायक कंपनियों में  ओवरबर्डन से रेत उत्पादक चार संयंत्र निविदा के विभिन्न चरणों में हैं। लिग्नाइट उत्पादक कंपनी एनएलसीआईएल भी दो रेत उत्पादक संयंत्र लगा रही है। इन सभी नए आगामी संयंत्रों की कुल वार्षिक रेत उत्पादन क्षमता लगभग 1.5 मिलियन क्यूबिक मीटर प्रति वर्ष होगी।

भविष्य का मार्ग

अग्रणी पहलों के माध्यम से, कोयला/ लिग्नाइट सार्वजनिक उपक्रम रेत उत्पादन और खपत के लिए एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण का नेतृत्व कर रहे हैं, जो पर्यावरणीय स्थिरता और सामाजिक कल्याण में योगदान दे रहा है। कोयला मंत्रालय किफायती मूल्य पर ओवरबर्डन से और भी अधिक मात्रा में रेत का उत्पादन करने के लिए कोयला/ लिग्नाइट सार्वजनिक उपक्रम को लीक से हटकर इस पहल को शुरू करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। अगले कुछ वर्षों में, प्रौद्योगिकी की प्रगति और हमारे देश में विभिन्न स्थानों में भारी मात्रा में होने वाले रेत उत्पादन के साथ, रेत के प्रति घन मीटर कीमत में काफी कमी आएगी, जिससे आम आदमी को निर्माण उद्देश्य के लिए सस्ती रेत उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे नदी तल की रेत के इस्तेमाल को भी कम करने में मदद मिलेगी, जो बदले में पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होगा।

डाक विभाग. राखी भेजने के लिए 'माई स्टैम्प' सुविधा प्रदान कर रहा है

विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए लिफाफे और बॉक्स भी उपलब्ध

राखी पोस्ट को प्रथम श्रेणी मेल के वर्ग में शामिल किया जा रहा है

जालंधर (ब्यूरो) :-  जालंधर डाक विभाग रक्षाबंधन का त्योहार मनाने के लिए विशेष तैयारियां की है। इसके अंतर्गत विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए राखी लिफाफों को भारत और विदेश में कहीं भी, बहुत ही मामूली शुल्क पर प्रथम श्रेणी मेल के रूप में वितरित करने के लिए एक विशेष प्रणाली लागू की गई है। ये आकर्षक राखी लिफाफे जल प्रतिरोधी ( पानी से पूरी तरह सुरक्षित) और स्वयं चिपकने वाली गोंद से युक्त हैं और मात्र 15/- रुपये और 20/-.रुपये की कीमत पर विभिन्न आकारों में उपलब्ध हैं। 

विभाग ने राखी के साथ कोई भी उपहार भेजने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले विशेष उपहार बॉक्स भी तैयार किए हैं। इस बॉक्स की कीमत 50/- रूपये रखी गई है एवं लिफाफों के साथ- साथ जिले के सभी डाकघरों में  उपलब्ध हैं। भाईयों और बहनों के लिए विशेष महत्त्व रखने वाले राखी के त्योहार को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए, डाक विभाग की ओर से जालंधर सिटी मुख्य डाकघर कार्यालय में "माई स्टाम्प" की सुविधा भी प्रदान कर रहा है।डाकघर, जालंधर डिवीजन के वरिष्ठ अधीक्षक गोपाल कृष्ण ने बताया कि''माई स्टाम्प' एक ऐसी सुविधा है जिसके द्वारा कोई भी अपना फोटोयुक्त स्टाम्प तैयार करवा सकता है। 5/- रुपये प्रति डाक टिकट  के मूल्यवर्ग में 12 टिकटों का एक पैकेट मात्र 300/- रुपए में प्राप्त किया जा सकता है।

इन विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए टिकटों का उपयोग भारत में कहीं भी, त्योहार के बाद पत्र और पार्सल जिसमें राखी या कुछ और भी हो, भेजने के लिए किया जा सकेगा हैं। लोगों की सुविधा के लिए तथा राखी की बुकिंग के लिए जालंधर सिटी हैड ऑफिस और जालंधर कैंट हैड पोस्ट ऑफिस में एक एक अलग काऊंटर स्थापित किया गया है ताकि लोगों को लंबी कतारों में खड़ा न होना पड़े। सामान्य डाक की तरह राखी भेजने के लिए दोनों डाकघरों के अंदर एक एक विशेष बॉक्स भी रखा गया है ताकि राखी समय पर पहुंच सके।

डॉ. मनसुख मांडविया ने 13वें भारतीय अंग दान दिवस समारोह में मुख्य भाषण दिया

किसी दूसरे व्यक्ति को जीवन दान से बड़ी मानवता की सेवा नहीं हो सकती: डॉ. मांडविया

“वर्ष 2013 में 5000 लोग अंगदान के लिए आगे आए, अब सालाना 15,000 लोग अंगदान कर रहे हैं”

जीवन बचाने के लिए अंगदान करने वाले परिवारों को सम्मानित किया और अंगदान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अन्य को प्रोत्साहित किया

दिल्ली (ब्यूरो) :-  “किसी दूसरे व्यक्ति को जीवन देने से बड़ी मानवता की सेवा नहीं हो सकती,” यह बात केन्‍द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज यहां 13वें भारतीय अंगदान दिवस (आईओडीडी) समारोह में अपने संबोधन के दौरान कही। इस अवसर पर केन्‍द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार और प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल तथा तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमण्यम भी उपस्थित थे। 13वां आईओडीडी समारोह मृत व्‍यक्तियों के परिवारों द्वारा अपने प्रियजनों के अंगदान करने के साहसिक निर्णय के लिए सम्मानित करने, मृत व्‍यक्ति के अंगदान करने के बारे में जागरूकता फैलाने और अंगदान तथा प्रत्यारोपण के क्षेत्र में काम करने वाले चिकित्सकों के योगदान को मान्यता प्रदान करने और उन्हें पुरस्कार देने के लिए आयोजित किया गया था।

सभा को संबोधित करते हुए, डॉ. मांडविया ने कहा कि उन सभी लोगों के योगदान को पहचानना और उनकी सराहना करना आवश्यक है, जो इस प्रयास का हिस्सा रहे हैं। केन्‍द्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि “2013 में लगभग 5000 लोग अपने अंग दान के लिए आगे आए। अब सालाना 15,000 से अधिक लोग अंगदान कर रहे हैं।'' केन्‍द्रीय मंत्री ने बताया कि केन्‍द्र सरकार ने देश में अंगदान बढ़ाने की दिशा में अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अंग दाताओं के लिए छुट्टी की अवधि 30 दिन से बढ़ाकर 60 दिन कर दी गई है, 65 वर्ष की आयु सीमा हटा दी गई है और अंगदान की प्रक्रिया को और अधिक सुव्यवस्थित किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार देश में अंग दान को लोकप्रिय बनाने के लिए और अधिक नीतियां और सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

अंग दाताओं, उनके परिवार के सदस्यों और नागरिक समाज के सदस्यों के योगदान की सराहना करते हुए, डॉ. मांडविया ने उनकी प्रेरणा और समर्पण की सराहना की। इस संदर्भ में, मंत्री ने अंग प्राप्तकर्ताओं से इस महान सेवा को बढ़ावा देने और दूसरों को भी मानव जाति की सेवा के लिए अपने अंग दान करने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।इस अवसर पर राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) का एक ई-समाचार पत्र; ट्रांसप्लांट मैनुअल और ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर कोर्स के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम जारी किया गया। आयोजन के दौरान, आईसीएमआर के 'मेक इन इंडिया' उत्पाद जैसे नोवेल हीमोफिलिया ए रैपिड कार्ड टेस्ट और वॉन विलेब्रांड डिजीज रैपिड कार्ड टेस्ट' और स्वास्थ्य और परिवार मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विभाग के एक ईकेयर पोर्टल (ई-क्लीयरेंस ऑफ आफ्टर रीमेन्‍स) का भी केन्‍द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने शुभारंभ किया। ईकेयर पोर्टल: जब किसी व्यक्ति की दूसरे देश में मृत्यु हो जाती है, तो मृतक के पार्थिव शरीर को भारत वापस लाने के लिए बहुत सारी कागजी कार्रवाई और प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ता है, जिससे परिवार और दोस्त हताश हो जाते हैं। इस मुद्दे की संवेदनशीलता को समझते हुए और न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन के सिद्धांत का पालन करते हुए, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने विभिन्न देशों से किसी व्‍यक्ति के पार्थिव शरीर को भारत लाने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और तेज करने के लिए ई-केयर (ई-क्लीयरेंस ऑफ आफ्टरलाइफ रीमेन्‍स) पोर्टल की शुरुआत की।

हीमोफिलिया ए और वॉन विलेब्रांड रोग डायग्नोस्टिक किट: हीमोफिलिया ए और वॉन विलेब्रांड रोग विरासत में मिले दो सबसे आम आजीवन रक्तस्राव विकार हैं। सामान्य नैदानिक अभिव्यक्तियों में जोड़ों में रक्तस्राव, जिससे सूजन और दर्द होता है, त्वचा में रक्तस्राव (चोट लगना) या मांसपेशियों और कोमल ऊतकों में रक्तस्राव शामिल है। ईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोहीमेटोलॉजी (आईसीएमआर-एनआईआईएच), मुंबई ने दुनिया में पहली बार; हीमोफीलिया ए और वॉन विलेब्रांड रोग के निदान के लिए एक किट विकसित किया है। वर्तमान किट से न केवल हमारे देश में बल्कि कई अन्य विकासशील देशों में रक्तस्राव विकारों के नैदानिक परिदृश्य को बदलने की संभावना है जहां नैदानिक सुविधाओं की या तो कमी है या स्वीकार्य मानकों के अनुरूप नहीं है केन्‍द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर अंगदान करने वाले परिवारों, प्रत्यारोपण पेशेवरों, प्रत्यारोपण समन्वयकों, विश्व प्रत्यारोपण खेलों के एथलीटों और MyGov, एमओसीए (नागरिक उड्डयन मंत्रालय), दिल्ली पुलिस और इंडिगो एयरलाइंस की टीमों को भी सम्मानित किया।

पृष्ठभूमि:

ब्रेन स्टेम मृत्यु और अंगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने, अंगदान से जुड़े मिथकों और गलत धारणाओं को दूर करने व देश के नागरिकों को मृत्यु के बाद अंगों और ऊतकों को दान करने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करने,  साथ ही अंगदान के मूल्यों को अपने जीवन में अपनाने के लिए 2010 से हर साल भारतीय अंग दान दिवस (आईओडीडी) मनाया जाता है। अंग प्रत्यारोपण की मांग कम करने के लिए अभियान कार्यों में स्वस्थ जीवनशैली और कल्याण को बढ़ावा दिया गया है। इस वर्ष आज़ादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में अंग दान के लिए जागरूकता अभियान "अंगदान महोत्सव" शुरू किया गया है। केन्‍द्र सरकार के मंत्रालयों, राज्य/केन्‍द्र शासित प्रदेश की सरकार/अस्पतालों/संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों की भागीदारी के साथ अंगदान महोत्सव पूरे देश में शहर से लेकर गांव स्तर तक मनाया जा रहा है। अभियान के तहत जुलाई 2023 को अंगदान माह के रूप में मनाया गया। भारत सरकार के डिजिटल प्लेटफॉर्म, माईगव के माध्यम से अंग और ऊतक दान को बढ़ावा देने की दिशा में राष्ट्रीय वेबिनार, साइक्लोथॉन, वॉकथॉन, अंग दान प्रतिज्ञा और राष्ट्रीय स्लोगन प्रतियोगिता जैसी विभिन्न गतिविधियां शुरू की गई हैं। दान किया गया प्रत्येक अंग बहुमूल्य, जीवनरक्षक और एक राष्ट्रीय संसाधन है। एक व्यक्ति अपनी मृत्यु के बाद किडनी, लीवर, फेफड़े, हृदय, अग्न्याशय और आंत जैसे महत्वपूर्ण अंगों का दान करके 8 लोगों को नया जीवन दे सकता है और कॉर्निया, त्वचा, हड्डी और हृदय वाल्व आदि जैसे ऊतकों का दान करके कई लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है। 13वें आईओडीडी प्रत्यारोपण के लिए अंगों की आवश्यकता वाले लोगों की संख्या और दाताओं की संख्या के बीच मौजूदा अंतर को पाटने के लिए लोगों को अंग दान करने के लिए प्रेरित करने का एक अवसर है। लोगों को एक नेक काम के लिए आगे आने और इस राष्ट्रीय प्रयास में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। अंग दान और प्रत्यारोपण के बारे में किसी भी जानकारी के लिए कोई भी एनओटीटीओ की वेबसाइट www.notto.mohfw.gov.in पर जा सकता है या टोलफ्री हेल्पलाइन नंबर 180114770 पर कॉल कर सकता है। ऑनलाइन संकल्‍प सुविधा उपरोक्त एनओटीटीओ वेबसाइट और https://pledge.mygov.in/organ-donation/ पर भी उपलब्ध है। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल, एनओटीटीओ के निदेशक डॉ. अनिल कुमार, अंग दान करने वाले परिवार, अंग प्राप्तकर्ता, छात्रों के साथ-साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

पंजाब सरकार ने धान के सीज़न के दौरान सुचारू बिजली आपूर्ति के लिए उचित कदम उठाए - बिजली मंत्री

वर्तमान ट्रांसमिशन क्षमता 7100 से बढ़ाकर 9000 मेगावाट की

विकास कार्यों को लेकर निर्वाचित प्रतिनिधियों को विश्वास में रखा जाए-हरभजन सिंह

मोगा में विकास कार्यों और जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की

मोगा (कमाल) :-  पंजाब के बिजली एवं लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ने आज मोगा में सभी जिला प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक की और विकास कार्यों और जन कल्याण योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।  इस अवसर पर अमनदीप कौर अरोड़ा विधायक मोगा, मनजीत सिंह बिलासपुर विधायक निहाल सिंह वाला, अमृतपाल सिंह सुखानंद विधायक बाघापुराना, देविन्दरजीत सिंह लाडी धोंस विधायक धर्मकोट, हरमनदीप सिंह चैयरमैन जिला योजना बोर्ड, दीपक अरोड़ा चेयरमैन इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट मोगा, कुलवंत सिंह डिप्टी कमिश्नर, जे. इलनचेलियन जिला पुलिस मुखी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक के बाद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में हरभजन सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार आगामी धान सीजन के दौरान किसानों को 8 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति और घरेलू जरूरतों के लिए 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। इस दिशा में सरकार व बिजली विभाग द्वारा पर्याप्त कदम उठाये गये हैं। विभाग द्वारा आवश्यकता पड़ने पर अन्य राज्यों से बिजली खरीदने के लिए मौजूदा ट्रांसमिशन क्षमता को 7100 से बढ़ाकर 9000 मेगावाट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पीएसपीसीएल ने 23 जून को 15325 मेगावाट की अब तक की सबसे अधिक मांग को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र और किसी भी अन्य वर्ग को बिजली कटौती का सामना नहीं करना पड़ा है।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने पिछले साल धान के मौसम के बाद आपूर्ति में और सुधार करने के लिए सब-स्टेशनों और तारों के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए अनुकरणीय काम किया है। बिजली मंत्री ने कहा कि पीएसपीसीएल के पास राज्य के लोगों की बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त ट्रांसफार्मर और अन्य उपकरण हैं। जबकि अगस्त माह में 5000 ट्रांसफार्मर और आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला मोगा में कृषि की जरूरतों को पूरा करने के लिए जोरदार प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने जिला मोगा में विकास कार्यों और लोक कल्याण योजनाओं की प्रगति का जायजा लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी शिलान्यास, उद्घाटन और लोक कल्याण कार्यों में चुने हुए प्रतिनिधियों को विश्वास में लिया जाना चाहिए।  उन्होंने कहा कि भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार राज्य के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, इन प्रयासों का सफल होना निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की भागीदारी के बिना संभव नहीं है।  उन्होंने कहा कि विकास कार्य निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरे किए जाने चाहिए। सरकारी कार्य में देरी करने वाले ठेकेदारों को काली सूची में डालने की कार्रवाई शुरू करनी चाहिए। उन्होंने आम आदमी क्लीनिकों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए सिविल सर्जन से यह सुनिश्चित करने को कहा कि हर वर्ग के लोगों को इस सुविधा का लाभ मिले। उन्होंने सिविल सर्जन को क्षेत्र में नेत्र रोग आई फ्लू को अन्य लोगों में फैलने से रोकने के लिए कैंप लगाने को कहा। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकारी और निजी अस्पतालों के बीच इलाज दरों में अंतर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस संबंध में सिविल सर्जन स्वयं निजी अस्पतालों की जांच करेंगे और दोषी पक्षों पर उचित कार्रवाई करेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि धर्मकोट विधानसभा क्षेत्र में सब-डिविजनल अस्पताल शुरू करने के लिए वह स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह से व्यक्तिगत रूप से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि जिला मोगा में कार्यरत कार्ज साधक अधिकारियों के रिक्त पद शीघ्र भरे जायेंगे।

1 2 3 4 5
  • About Us

    Religious and Educational Newspaper of Jalandhar which is owned by Sarv Sanjha Ruhani Mission (Regd.) Jalandhar