(Date : 23/April/2424)

(Date : 23/April/2424)

स्वामी संत दास पब्लिक स्कूल, जालंधर में उल्लासपूर्वक मनाया गया अर्थ डे | के.एम.वी. द्वारा छात्राओं की अंतर्राष्ट्रीय प्लेसमेंट सफलता का मनाया गया जश्न | डीएवी कॉलेज जालंधर में कहानी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया | एपीजे महावीर मार्ग जालंधर में मनाया गया अर्थ डे | बी.बी.के डी.ए.वी कॉलेज फॉर विमेन में पर्यावरण और पल्मोनरी स्वास्थ्य पर व्याख्यान का आयोजन किया |

सामाजिक गतिविधयां

अलायंस क्लब जालंधर ने केशव बाल केंद्र स्कूल मास्टर तारा सिंह नगर में छात्रों को खाने का सामान एंव स्टेशनरी भेंट की

जालंधर (अरोड़ा) :- अलायंस क्लब जालंधर समर्पण ने  सेवा की प्रकल्पों की लड़ी को आगे बढ़ाते हुए प्रधान  दया कृष्ण छाबड़ा  की अगुवाई  में केशव  बाल केंद्र राम हाल मास्टर तारा सिंह नगर में छात्रों को खाने का सामान एंव स्टेशनरी भेंट की। इस प्रोजेक्ट में विशाल छाबड़ा व अंजु छाबड़ा यू ऐस वालों ने सहयोग किया। पूर्व प्रधान केवल शर्मा  ने कहा कि अलायंस क्लब समर्पण प्रधान दया कृष्ण छाबड़ा की अगुवाई में समाज व मानवता की सेवा के प्रोजेक्ट लगातार कर रहे हैं जैसे कि फूड फार हंगर, पर्यावरण संरक्षण, जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़े देना,लड़कियों को शादी का सामान देना ,आंखों के ऑपरेशन करवाना एंव स्कूलों में जरूरतमंद बच्चों को स्टेशनरी देना बहुत ही सराहनीय कार्य किए हैं। इस मौके पर सचिव पीके गर्ग, कोषाध्यक्ष जयदेव मल्होत्रा,पूर्व प्रधान केवल शर्मा व अन्य सदस्य उपस्थित थे।

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने उभरती और भविष्य की ई-गवर्नेंस पहल, ई-कॉमर्स पहल और उभरती प्रौद्योगिकियों के विषय पर एक विचार-मंथन सत्र आयोजित किया

क्षेत्र के विशेषज्ञों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ढांचे के इर्द-गिर्द निर्मित होने वाले भविष्य के सार्वजनिक सेवा वितरण मॉडल की जानकारी दी

व्यक्तिगत ई-सेवाओं और सेवा वितरण के अनुकूलन के लिए सभी सरकारी क्षेत्रों में जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जेनएआई) का उपयोग

जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जेनएआई) में जोखिम और पहचान प्रबंधन की आवश्यकता तथा नागरिक गोपनीयता, डेटा और उन्नत साइबर-सुरक्षा के उपायों पर ध्यान केन्दित

ई-गवर्नेंस पहलों में भाषिनी, सर्विस प्लस आदि का उन्नत उपयोग

दिल्ली (ब्यूरो) :- प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने 4 जनवरी, 2024 को (सिविल सर्विसेज ऑफिसर्स इंस्टिट्यूट) सीएसओआई, कस्तूरबा गांधी मार्ग, नई दिल्ली में उभरती और भविष्य की ई-गवर्नेंस पहल, ई-कॉमर्स पहल तथा उभरती प्रौद्योगिकियों विषय पर विचार-मंथन सत्र का आयोजन किया। यह सत्र ई-सेवा वितरण, ई-गवर्नेंस और नवीन प्रौद्योगिकी लागू करने के क्षेत्र में प्रमुख हितधारकों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया। प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के अधिकारियों के साथ डेलॉइट, पीडब्ल्यूसी, प्राइमस पार्टनर्स, वैश्विक व्यावसायिक सेवा नेटवर्क (केपीएमजी), भारतीय गुणता परिषद (क्यूसीआई) और अर्न्स्ट एण्ड यंग (ईवाई) सहित प्रमुख संगठनों के 15 विशेषज्ञों तथा प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों ने सत्र में भाग लिया। डीएआरपीजी के सचिव वी. श्रीनिवास ने चर्चा की शुरुआत करतते हुए बताया कि कैसे पिछले कुछ वर्षों में देश भर में ई-सेवा वितरण का विस्तार हुआ है, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (एनईएसडीए) ने बताया है कि वर्ष 2019 रिपोर्ट में केवल 872 ई-सेवाएं उपलब्ध थीं और वर्ष 2023 के नवम्बर तक विभिन्न राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशो से 1574 ई-सेवाओं की डिलिवरी सुनिश्चित हुई है। नवंबर 2023 में 16088 ई-सेवाएं दर्ज की गईं, जबकि अप्रैल 2023 में इनकी संख्या 11,614 थी। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने ई-सेवा प्राप्त करने के लिए एकल पड़ाव के रूप में एकीकृत सेवा पोर्टलों पर ध्यान केन्द्रित कर दिया है। कई राज्यों ने पहले ही इस पैरामीटर पर शतप्रतिशत परिपूर्णता हासिल कर ली है। सत्र के दौरान ई-गवर्नेंस रणनीति क्षेत्र के विशेषज्ञों ने उभरती प्रौद्योगिकियों सहित ई-गवर्नेंस और ई-कॉमर्स की उपलब्धियों, उभरते परिदृश्य और भविष्य की दिशा के बारे में जानकारी मुहैया कराई और कुछ वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के संबंध में किये गये अध्ययन साझा किए। उद्योगपतियों ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। प्रोफेशनल सर्विसेज फर्म प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स के संतोष मिश्रा पीडब्ल्यूसी (पार्टनर) ने बताया कि जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जेनएआई) के उपयोग और जिम्मेदार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रारूप के माध्यम से ई-सेवाएं समावेशी होनी चाहिए। डेलॉइट के पार्टनर एनएसएन मूर्ति ने चर्चा के दौरान बताया कि कैसे जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व्यक्तिगत अनुभव को व्यक्त कर सकता है। वितरण का अनुकूलन, नवीन समाधानों के माध्यम से निर्णय लेने की क्षमता को सशक्त बनाता है। प्राइमस पार्टनर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री निलय वर्मा ने उल्लेख किया कि प्रभावी सेवा वितरण पर ध्यान केंद्रित करना है न कि केवल प्रौद्योगिकी पर। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डेटा प्रबंधन, सेवा गारंटी और उपयोगकर्ता की गोपनीयता बनाए रखने के अतिरिक्त सेवा वितरण के लिए एक इकाई के रूप में नागरिक पहचान प्रबंधन और परिवार के परिणामस्वरूप बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। केपीएमजी के चंदन के सिंह और सुभदीप बिस्वास की टीम ने इस बात पर बल दिया कि जेनएआई सार्वजनिक क्षेत्र में सेवा वितरण के भविष्य का नेतृत्व करेगा। उन्होंने भविष्य में अपेक्षित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा पर चर्चा की, इसमें उभरते रुझान और आर्टिफिशियल अंटेलिजेंस के संबंध में सरकारों के समक्ष आने वाली नौतियों से निपटना शामिल हैं। भारतीय गुणता परिषद (क्यूसीआई) के वरिष्ठ निदेशक श्री आर एन शुक्ला ने ई-कॉमर्स क्षेत्र के बारे में चर्चा की और जीवन-चक्र दृष्टिकोण के आधार पर एक एकीकृत सेवा वितरण मंच बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। अर्न्स्ट एण्ड यंग (ईवाई) के श्री अनुराग दुआ ने सूचना मानकीकरण प्रोटोकॉल पर प्रकाश डाला और व्यय ढांचा बनाकर आर्थिक प्रगति और परिणामों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर चर्चा की। प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव वी. श्रीनिवास ने निम्नलिखित विषयों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भविष्य की रूपरेखा बताते हुए सत्र का समापन किया:

• सेवा वितरण के सरलीकरण के लिए सार्वभौमिक चेहरा प्रमाणीकरण प्रक्रियाओं को बढ़ावा देना

• ई-गवर्नेंस पहल में भाषिनी, सर्विस प्लस आदि का समावेश

• अनिवार्य ई-सेवाओं को 160 से अधिक तक बढ़ाने की अपार संभावनाएं

• ई-ऑफिस विश्लेषण और साइबर-सुरक्षा उपायों पर ध्यान दें

• शिकायत निवारण में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग

• प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से एक इकाई के रूप में परिवारों तक पहुँच

• ई-कॉमर्स पहल पर बल

• सर्वोत्तम प्रथाओं के प्रसार के लिए सशक्त मीडिया आउटरीच

• राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकार के साथ सहयोग

• जनरल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की अच्छी प्रथाओं को और अधिक सीखने और प्रसारित करने के लिए हैकथॉन की आवश्यकता।

सत्र के दौरान प्रशासनिक सुधारों की खोज और डिजिटल परिवर्तन के परिदृश्य को आकार देने में सीखी गई सर्वोत्तम प्रथाओं, सफलता की कहानियों और निष्कर्ष को साझा करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया।

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय देश भर में रेहड़ी पटरी वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) के लिए सहायक और सशक्त वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध: हरदीप एस पुरी

हरदीप सिंह पुरी ने रहड़ी पटरी वालों के लिए शिकायत निवारण समिति (जीआरसी) पर सेमिनार का उद्घाटन किया,

पीएआईएसए पोर्टल डैशबोर्ड और पीएम स्वनिधि मिशन मॉनिटरिंग पोर्टल शुरू किया

"स्ट्रीट वेंडर्स के लिए शिकायत निवारण तंत्र को सुदृढ़ बनाना" विषय पर पैनल चर्चा आयोजित की गई

दिल्ली (ब्यूरो) :- आवसन और शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रेहड़ी पटरी वालों के बीच विवादों और झगड़ों के समाधान के लिए स्ट्रीट वेंडर अधिनियम 2014 के तहत सुदृढ़ शिकायत निवारण समितियों की स्थापना और रखरखाव के महत्व पर जोर दिया है। कल 'स्ट्रीट वेंडर्स के लिए शिकायत निवारण समिति (जीआरसी)' पर एक सेमिनार का उद्घाटन करते हुए उन्हों ने शासन, जोखिम और अनुपालन के लिए जीआरसी का गठन करने वाले राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को बधाई दी और शेष राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से जल्द से जल्द समिति के गठन में तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि रेहड़ी पटरी वालों ने लंबे समय से शहरी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में महत्व पूर्ण भूमिका निभाई है और मंत्रालय देश भर में रेहड़ी पटरी वालों के लिए एक सहायक और सशक्त माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) ने 04 जनवरी, 2024 को इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में 'स्ट्रीट वेंडर्स के लिए शिकायत निवारण समिति (जीआरसी)' पर सेमिनार आयोजित किया। इसका उद्देश्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जागरूक करना था। सुदृढ़ जीआरसी के महत्व और स्ट्रीट वेंडर्स अधिनियम 2014 के भीतर कानूनी प्रावधानों के बारे में जानकारी बढ़ाने के लिए जीआरसी सदस्यों सहित प्रमुख हितधारकों को एक मंच प्रदान किया गया। सेमिनार में केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों, जीआरसी के सदस्य और अन्य विशेषज्ञ और नागरिक समाज संगठनों के साझेदारों ने भाग लिया। इस आयोजन ने राज्य के अधिकारियों और जीआरसी सदस्यों के बीच क्षमता निर्माण के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया, ताकि रेहड़ी पटरी वालों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान किया जा सके और उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। प्रतिभागियों को उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने का भी अवसर मिला, जिन्होंने स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका का संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग का विनियमन) अधिनियम, 2014 के तहत प्रभावी जीआरसी का सफलतापूर्वक गठन और प्रबंधन किया है। आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सेमिनार के दौरान दो वेबसाइट, पीएआईएसए पोर्टल डैशबोर्ड और पीएम स्वनिधि मिशन मॉनिटरिंग पोर्टल शुरु किए। ये पोर्टल पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देते हुए मिशन और योजना पर वास्तविक समय परकार्य की प्रगति का ब्योपरा अपडेट करेंगे। कार्यक्रम में सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी ने स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट, 2014 और जीआरसी पर एक प्रस्तुति दी, जिसमें इसके कानूनी ढांचे तथा निहितार्थों के बारे में जानकारी प्रदान की गई। "स्ट्रीट वेंडर्स के लिए शिकायत निवारण तंत्र को सुदृढ़ बनाना" विषय पर एक पैनल चर्चा हुई। इसमें भाग लेने वाले विशेषज्ञों ने स्ट्रीट वेंडर्स के समक्ष आने वाली चुनौतियों का समाधान करने और प्रभावी समाधान प्रस्तावित करने पर बल दिया। इसके लिए 4,342 टाउन वेंडिंग समितियों का गठन, 13,403 वेंडिंग जोन का सीमांकन, 1,350 वेंडिंग बाजारों का निर्माण और 38.06 लाख वेंडिंग प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट, 2014 विक्रेताओं को मनमाने निष्कासन से बचाता है, आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देता है और व्या वसायिक शहरी स्थानों में योगदान देता है।

पीएम स्वनिधि के बारे में:

मंत्रालय ने स्ट्रीट वेंडर्स के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने और उन्हें कोविड-19 महामारी से प्रतिकूल रूप से प्रभावित व्यवसायों को फिर से शुरू करने में मदद करने के लिए 01 जून, 2020 को पीएम स्वनिधि योजना शुरू की। 57.83 लाख से अधिक रेहड़ी पटरी वालों को पहली अवधि, 16.23 लाख से अधिक को दूसरी अवधि और 2.16 लाख से अधिक को तीसरी अवधि का ऋण प्रदान किया गया है। यह 43 महीनों के अंतराल में हासिल किया गया है, जबकि इस दौरान देश में महामारी की तीन लहरें आईं थीं।

ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਦੀ ਪ੍ਰਧਾਨਗੀ ਹੇਠ ਹੋਈ ਐਟਰੋਸਿਟੀ ਐਕਟ ਤਹਿਤ ਗਠਿਤ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਵਿਜੀਲੈਂਸ ਤੇ ਮੋਨੀਟਰਿੰਗ ਕਮੇਟੀ ਦੀ ਮੀਟਿੰਗ

ਪੈਂਡਿਗ ਯੋਗ ਕੇਸਾਂ ਦੇ ਨਿਪਟਾਰੇ ਲਈ 57.16 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਦੀ ਮਿਲੀ ਪ੍ਰਵਾਨਗੀ

ਐਕਟ ਦੀਆਂ ਧਾਰਾਵਾਂ ਨੂੰ ਇੰਨ ਬਿੰਨ ਲਾਗੂ ਕਰਨ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਤਫ਼ਤੀਸ਼ੀ ਕੇਸਾਂ ਵਿੱਚ ਤੇਜ਼ੀ ਲਿਆਉਣ ਦੇ ਆਦੇਸ਼ ਜਾਰੀ

ਮੋਗਾ (ਕਮਲ) :- ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਮੋਗਾ ਕੁਲਵੰਤ ਸਿੰਘ ਦੀ ਪ੍ਰਧਾਨਗੀ ਹੇਠ ਐਟਰੋਸਿਟੀ ਐਕਟ-1989 ਤਹਿਤ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਵਿਜੀਲੈਂਸ ਤੇ ਮੋਨੀਟਰਿੰਗ ਕਮੇਟੀ ਦੀ ਮੀਟਿੰਗ ਹੋਈ । ਕਮੇਟੀ ਦੀ ਮਹੱਤਤਾ ਦਾ ਜ਼ਿਕਰ ਕਰਦਿਆਂ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਅਨੁਸੂਚਿਤ ਜਾਤੀ ਪਰਿਵਾਰਾਂ ਨਾਲ ਜੇਕਰ ਕਿਸੇ ਕਿਸਮ ਦਾ ਅੱਤਿਆਚਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਸ ਐਕਟ ਤਹਿਤ ਕਮੇਟੀ ਦੋਸ਼ੀਆਂ ਖਿਲਾਫ਼ ਕਾਨੂੰਨੀ ਕਾਰਵਾਈ ਕਰ ਸਕਦੀ ਹੈ ਤੇ ਪੀੜਤ ਨੂੰ ਐਕਟ ਅਨੁਸਾਰ ਬਣਦਾ ਮੁਆਵਜ਼ਾ ਸਰਕਾਰ ਵਲੋਂ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । 2023 ਸਾਲ ਦੀ ਇਹ ਤੀਸਰੀ ਤਿਮਾਹੀ ਦੀ ਮੀਟਿੰਗ ਵਿੱਚ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਸਮਾਜਿਕ ਨਿਆਂ ਅਤੇ ਅਧਿਕਾਰਤਾ ਅਫ਼ਸਰ ਗੁਰਿੰਦਰਜੀਤ ਸਿੰਘ ਵੀ ਮੌਜੂਦ ਸਨ। ਇਸ ਤਿਮਾਹੀ ਮੀਟਿੰਗ ਵਿੱਚ ਪੁਲਿਸ ਵਿਭਾਗ ਵਲੋਂ ਦਰਜ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕੇਸਾਂ ਅਤੇ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਅਟਾਰਨੀ ਮੋਗਾ ਦੇ ਦਫ਼ਤਰ ਵਿਖੇ ਚੱਲ ਰਹੇ ਕੇਸਾਂ ਤੇ ਵਿਚਾਰ-ਵਟਾਂਦਰਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ। ਐਕਟ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਅਨੁਸਾਰ ਸਾਲ 2022-23 ਤੱਕ 21 ਪੈਂਡਿੰਗ ਯੋਗ ਕੇਸਾਂ ਦੇ ਨਿਪਟਾਰੇ ਲਈ ਡਾਇਰੈਕਟਰ, ਸਮਾਜਿਕ ਨਿਆਂ, ਅਧਿਕਾਰਤਾ ਅਤੇ ਘੱਟ ਗਿਣਤੀ ਵਿਭਾਗ, ਪੰਜਾਬ ਮੋਹਾਲੀ ਵੱਲੋਂ 57 ਲੱਖ 16 ਹਜ਼ਾਰ 360 ਰੁਪਏ ਪ੍ਰਵਾਨ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਨ। ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਵੱਲੋਂ ਪੁਲਿਸ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਹਾਜ਼ਰ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਹਦਾਇਤ ਕੀਤੀ ਕਿ ਇਸ ਐਕਟ ਤਹਿਤ ਦਰਜ ਹੋਏ ਕੇਸਾਂ ਉੱਪਰ ਸੋਧ ਐਕਟ 2014 ਅਤੇ 2016 ਦੀਆਂ ਧਾਰਾਵਾਂ ਨੂੰ ਇੰਨ-ਬਿੰਨ ਲਾਗੂ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਅਤੇ ਜ਼ੇਰੇ ਤਫ਼ਤੀਸ਼ ਕੇਸਾਂ ਵਿੱਚ ਤੇਜ਼ੀ ਲਿਆਂਦੀ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਜੋ ਪੀੜਤਾਂ ਨੂੰ ਇਨਸਾਫ ਮਿਲ ਸਕੇ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨਿਰਦੇਸ਼ ਦਿੱਤੇ ਕਿ ਰੇਪ/ਗੈਂਗਰੇਪ/ਮਰਡਰ ਆਦਿ ਕੇਸਾਂ ਨੂੰ ਪਹਿਲ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਸਮਾਂਬੱਧ ਜਾਂਚ ਮੁਕੰਮਲ ਕਰਨ ਉਪਰੰਤ ਮਾਨਯੋਗ ਅਦਾਲਤਾਂ ਵਿਚ ਚਾਰਜਸ਼ੀਟ ਦਾਖਲ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ ਅਤੇ ਪੀੜ੍ਹਤਾਂ/ਪੀੜ੍ਹਤ ਪਰਿਵਾਰਾਂ ਨੂੰ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰਾਂ ਪ੍ਰਤੀ ਸੰਪਰੂਨ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ । 21 ਕੇਸਾਂ ਦਾ ਰੁਲਾਂ ਅਨੁਸਾਰ ਬਣਦਾ 32,08,750 ਰੁਪਏ ਦਾ ਮੁਆਵਜ਼ਾ ਦੇਣ ਸਬੰਧੀਪ੍ਰਵਾਨਗੀ ਜਾਰੀ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ। ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਵੱਲੋਂ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਸਮਾਜਿਕ ਨਿਆਂ ਅਤੇ ਅਧਿਕਾਰਤਾ ਅਫ਼ਸਰ ਨੂੰ ਨਿਰਦੇਸ਼ ਦਿੱਤੇ ਕੇ ਐਟਰੋਸਿਟੀ ਐਕਟ ਤਹਿਤ ਪ੍ਰਵਾਨਿਤ ਕੇਸਾਂ ਤੇ ਮੁਆਵਜ਼ਾ ਰੂਲ ਐਂਡ ਰੈਗੂਲੇਸ਼ਨਜ਼ ਨੂੰ ਧਿਆਨ ਵਿਚ ਰੱਖਦੇ ਹੋਏ ਲੋੜੀਂਦੀ ਕਾਰਵਾਈ ਨੂੰ ਸਮਾਂ ਬੱਧ ਨੇਪਰੇ ਚਾੜਿਆ ਜਾਵੇ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਇਸ ਐਕਟ ਦੀ ਅਹਿਮੀਅਤ ਨੂੰ ਦੇਖਦੇ ਹੋਏ ਸਮਾਂ-ਬੱਧ ਮੀਟਿੰਗਾਂ ਕਰਵਾਉਣ ਦੀ ਹਦਾਇਤ ਵੀ ਜਾਰੀ ਕੀਤੀ ਅਤੇ ਸਮੂਹ ਕਮੇਟੀ ਮੈਬਰਾਂ ਨੂੰ ਅਪੀਲ ਕੀਤੀ ਕਿ ਜੇਕਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਧਿਆਨ ਵਿਚ ਅਜਿਹਾ ਕੋਈ ਵੀ ਕੇਸ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਕਮੇਟੀ ਸਾਹਮਣੇ ਇਹ ਕੇਸ ਪੇਸ਼ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਜੋ ਲੋੜੀਂਦੀ ਕਾਰਵਾਈ ਨੂੰ ਅਮਲ ਵਿਚ ਲਿਆਂਦਾ ਜਾ ਸਕੇ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਜਿਲ੍ਹਾ ਸਮਾਜਿਕ ਨਿਆਂ ਅਤੇ ਅਧਿਕਾਰਤਾ ਅਫ਼ਸਰ ਨੂੰ ਪੈਡਿੰਗ ਕੇਸਾਂ ਲਈ ਲੋੜੀਂਦੇ ਫੰਡਾਂ ਦੀ ਉੱਪਲਬੱਧਤਾ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨਿਰਦੇਸ਼ ਦਿੱਤੇ ਅਤੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਏ ਫੰਡਾਂ ਸਬੰਧੀ ਤੁਰੰਤ ਕਾਰਵਾਈ ਅਮਲ ਵਿੱਚ ਲਿਆਉਣ ਲਈ ਕਿਹਾ। ਇਸ ਮੀਟਿੰਗ ਵਿਚ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਅਟਾਰਨੀ ਮੋਗਾ ਨੀਲਮ ਪਾਠ, ਅਜੈ ਰਾਜ ਸਿੰਘ ਐਸ.ਪੀ.ਡੀ, ਗੁਰਸ਼ਨਜੀਤ ਸਿੰਘ ਐਸ.ਪੀ.ਪੀ.ਬੀ.ਆਈ. ਮੋਗਾ, ਜਗਦੀਸ਼ ਸਿੰਘ ਏ.ਐਸ.ਆਈ., ਸੁਪਰਡੈਂਟ ਪਰਮਜੀਤ ਸਿੰਘ ਤੇ ਅਰਮ ਸਿੰਘ, ਸੀਨੀਅਰ ਸਹਾਇਕ ਸੁਖਰਾਜ ਸਿੰਘ ਆਦਿ ਹਾਜ਼ਰ ਸਨ।

तबादलों के लंबित मामलों के निस्तारण के लिए 6 जनवरी को विशेष शिविर लगाए जायेंगे

मोगा (कमल) :- डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह ने कहा कि विभिन्न तहसीलों और उप-तहसीलों में तबादलों के मामले काफी समय से लंबित हैं। पंजाब सरकार द्वारा प्राप्त आदेशों की अनुपालना में तथा जनहित को ध्यान में रखते हुए जिला मोगा की सभी तहसीलों/उप-तहसीलों के अधिकारियों/कर्मचारियों को 6 जनवरी 2024 के अवकाश के दिन विशेष कैम्प लगाने के निर्देश दिये गये हैं। इन तबादलों का निपटारा अपने कार्यालयों में बैठे-बैठे अवश्य करें। उन्होंने अधिकारियों/कर्मचारियों को इन लंबित मामलों को तुरंत निपटाने का आदेश दिया है।

जालंधर स्मार्ट सिटी भ्रष्टाचार घोटाले को चालाकी के साथ छुपाने में लगी आप सरकार: जयवीर शेरगिल

जालंधर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में गबन की जांच सीबीआई से कराई जाएः भाजपा

आप और कांग्रेस ने जालंधर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए मंजूर फंडों को लूटने के लिए गठबंधन किया

जालंधर (अरोड़ा) :-भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए जालंधर नगर निगम को भेजे गए केंद्रीय फंडों के दुरुपयोग की सीबीआई जांच के आदेश देने का विनम्र अनुरोध किया है। यहां जारी एक बयान में शेरगिल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पंजाब सरकार के माध्यम से जालंधर नगर निगम को 1000 करोड़ रुपये की भारी भरकम ग्रांट भेजी गई थी, लेकिन कुछ नगर निगम अधिकारियों, ठेकेदारों और राजनेताओं की मिलीभगत से इन फंडों में भारी गबन हुआ है। उन्होंने कहा कि सीबीआई की जांच ही इस बड़े भ्रष्टाचार घोटाले में शामिल दोषियों को सजा दिला सकती है। शेरगिल ने मामले का विस्तार से जिक्र करते हुए, कहा कि केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कूड़े की समस्या को स्थायी रूप से हल करने के अलावा, स्वच्छ पानी, शानदार सड़कें, अच्छी स्ट्रीट लाइटें और बढ़िया सीवरेज प्रणाली सहित बेहतरीन नागरिक सुविधाएं प्रदान करने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए जालंधर नगर निगम को 1000 करोड़ रुपये की ग्रांट दी गई थी। लेकिन नगर निगम अधिकारियों और राजनीतिक दलों के नेताओं की मिलीभगत से ठेकेदारों ने यह आश्वासन देते हुए कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग किया जाएगा, जिसके चलते उन्होने अधिक रेट वाले टेंडर पेश किए। जबकि टेंडर दिए जाने के बाद ठेकेदारों ने इन प्रोजेक्ट्स में बेहद खराब गुणवत्ता वाली सामग्री का इस्तेमाल किया और नगर निगम अधिकारियों व राजनेताओं की मिलीभगत से नाजायज तरीके से भारी पैसा कमाया। यह केंद्र सरकार के फंडों के गबन का स्पष्ट मामला है। इसके अलावा, इस प्रोजेक्ट के सभी टेंडर राजनेताओं ने नगर निगम अधिकारियों के साथ मिलकर अपने पसंदीदा ठेकेदारों और उनके परिवार के सदस्यों को उनके नाम पर कंपनियां बनाकर दे दिए, जो साफ तौर पर एक बड़े घोटाले की ओर इशारा करता है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि आप सरकार के नेता बार-बार दोहराते रहते हैं कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएंगे और पंजाब में पिछली कांग्रेस सरकार के नेताओं द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी, लेकिन जालंधर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट फंड भ्रष्टाचार घोटाले में दोषियों को दंडित करने के लिए कुछ भी नहीं किया गया।  उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कांग्रेस और आप के नेता, जालंधर नगर निगम के अधिकारी, ठेकेदार और कुछ सेवानिवृत्त सिविल अधिकारी, जिन्हें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए गैरकानूनी तरीके से नियुक्त किया गया था, इस पूरे घोटाले में शामिल हैं। इस दौरान अपने दावों को मजबूती के साथ पेश करते हुए, भाजपा नेता ने कहा कि भले ही पंजाब सरकार के विजिलेंस विभाग ने पिछले दो वर्षों में जालंधर नगर निगम के विभिन्न प्रोजेक्ट्स की लगभग 64 फाइलें जब्त कर ली हैं, लेकिन जालंधर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मेगा भ्रष्टाचार घोटाले में किसी भी आरोपी को न तो गिरफ्तार किया गया है, न ही संबंधित कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि इस बड़े भ्रष्टाचार घोटाले के आरोपियों और आप सरकार के बीच सांठगांठ है। शेरगिल ने यह भी कहा कि पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री जालंधर के रहने वाले हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े-बड़े दावे करते थे, लेकिन अब वह इतने बड़े मुद्दे पर पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। शेरगिल ने कहा कि विशेष रूप से पिछली कांग्रेस सरकार और मौजूदा आप सरकार को जालंधर नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में अवगत करवाने के लिए मीडिया ने भी समय-समय पर इस मुद्दे को उजागर किया है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। यहां तक कि यह मुद्दा जालंधर नगर निगम के हाउस में भी उठाया गया था। इन हालातों के मद्देनजर, उनका केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से विनम्र अनुरोध है कि वह इस व्यापक भ्रष्टाचार घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दें, ताकि दोषियों को दंडित किया जा सके और केंद्रीय फंडों का एक-एक पैसा भ्रष्टाचार मुक्त टिकाऊ विकास करने के लिए उपयोग किया जा सके।

आर्मी अटेचमेन्ट कैम्प मे एनसीसी ग्रुप कमांडर का दौरा

जालंधर (अरोड़ा) :- 2 पंजाब एनसीसी बटालियन के तत्वाधान मे जालन्धर कैन्ट में आर्मी अटेचमेन्ट कैम्प चलाया जा रहा हैं। बिग्रेडियर अजय तिवारी, सेना मेडल ग्रुप कमांडर एनसीसी जालन्धर ने आर्मी की इन्फैन्ट्री बटालियन द्वारा चलाये जा रहे कैम्प का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने सेना के अफसरों, एएनओ सेना प्रक्षिक्षकों और कैडेटों से बातचीत कर अनुभवों और परेशानियों के बारे में पूछा ताकि उनका तुख्त निराकरण किया जा सकें।

ब्रिगेडियर अजय ने ट्रेनिंग एरिया, लाईन और भोजनालय का निरीक्षण किया। ग्रुप कमांडर ने बताया कि केडेटो को आधुनिक इन्कैन्ट्री हथियारों की ट्रेनिंग दी जा रही हैं। कैडेटो ने सेना के हाथियारों से फायर भी किया हैं। कैडेटों ने विभिन्न बटालियनों में जाकर इन्फैन्ट्री, आर्टिलरी गनों और इन्जीनियर रेजिमेन्ट की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी प्राप्त की हैं। कर्नल विनोद जोशी कमान अधिकारी ने बताया कि जालन्धर ग्रुप की 4 यूनिटों के 255 सीनियर डिवीजन कैडेट, चार बालियनों से आये हुये हैं।

कड़कती ठंड में प्रात: पीटी और योगा की क्लास चल रही हैं। उसके बाद, हथियारों के साथ ड्रिल क्लास चल रही हैं। केडेट विभिन्न बटालियनों की युद्ध कार्यप्रणाली सीख रहे हैं। संध्याकाल में वालीबाल, बास्केटबाल मैच और डिनर के बाद सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं की तैयारी चल रही हैं। कैम्प को सुचारू रूप से चलाने में सेकेंड अफसर पवन, सूबेदार लाभ सिंह और हवलदार गुरविंदर सिंह का विशेष योगदान हैं।

दिव्य कला शक्ति सांस्कृतिक कार्यक्रम दिव्यां गजनों की असाधारण प्रतिभाओं का प्रदर्शन करता है

दिल्ली (ब्यूरो) :- दिव्यांदगजनों के सशक्तिकरण विभाग ने गुजरात के अहमदाबाद में अपने समग्र क्षेत्रीय केंद्र के माध्यम से अहमदाबाद के प्रतिष्ठित श्यामा प्रसाद मुखर्जी सभागार में समावेशिता और कलात्मक कौशल के उत्सव के रूप में शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम "दिव्य कला शक्ति" प्रस्तुत किया। विभाग के केंद्रीय समग्र क्षेत्रीय केंद्र अहमदाबाद के आयोजन में इस अद्वितीय कार्यक्रम ने दिव्यांग व्यक्तियों की छिपी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, उनकी रचनात्मकता को दुनिया के सामने लाया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम में पूरे गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव के प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें कुल 100 दिव्यांग कलाकार शामिल थे, जिन्होंने मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्रदर्शन के साथ मंच संभाला। भाव-विभोर करने वाले समूह नृत्य से लेकर मनमोहक एकल प्रदर्शन, मधुर समूह गीत से लेकर मनमोहक एकल प्रस्तुति और विशेष कला प्रदर्शन तक-"दिव्य कला शक्ति" प्रतिभागियों की उल्लेखनीय क्षमताओं का एक प्रमाण था।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ए. नारायण स्वामी और अहमदाबाद के पूर्व संसद सदस्य हसमुख भाई सोमा भाई पटेल सहित विशिष्ट अतिथियों ने अपनी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई। उन्होंभने विविध क्षमताओं वाले दिव्यांनगजनों को सशक्तव बनाने के महत्वो पर जोर दिया। शाम का मुख्य आकर्षण सम्मान समारोह था, जिसमें प्रतिभागियों को उनकी असाधारण प्रतिभा के सम्मान के प्रतीक के रूप में कुल 300,000 रुपये के चेक प्रदान किए गए। इस सम्माान समारोह ने न केवल उनकी कलात्मक उपलब्धियों को स्वीकार किया बल्कि विविधता का जश्न मनाने वाले एक समावेशी समाज को बढ़ावा देने के महत्व को भी रेखांकित किया। "दिव्य कला शक्ति" प्रेरणा की एक किरण के रूप में, बाधाओं को तोड़ती है और प्रत्येक व्यक्ति के भीतर मौजूद असीमित क्षमता का प्रदर्शन करती है। इस सांस्कृतिक उत्सव ने न केवल मनोरंजन किया, बल्कि दिव्यांगजनों की विविध प्रतिभाओं के लिए गहरी समझ और सराहना को बढ़ावा देते हुए दर्शकों के दिलों को समृद्ध भी किया।

आरईसी लिमिटेड ने रेल विकास निगम लिमिटेड के साथ समझौता किया

अगले 5 वर्षों में 35,000 करोड़ रुपये तक की मल्टी-मॉडल अवसंरचना परियोजनाओं को निधि उपलब्ध 

दिल्ली (ब्यूरो) :- आरईसी लिमिटेड ने 35,000 करोड़ रुपये तक की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। इन परियोजनाओं को अगले 5 वर्षों में आरवीएनएल पूरा करेगा। इन परियोजनाओं में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स हब परियोजनाएं, रेल बुनियादी ढांचा परियोजनाएं, सड़क, बंदरगाह और मेट्रो परियोजनाएं शामिल हैं। आरईसी के निदेशक (वित्त) अजॉय चौधरी और आरवीएनएल के निदेशक (संचालन) राजेश प्रसाद ने आरईसी के सीएमडी वीके देवांगन, आरवीएनएल के निदेशक (वित्त) संजीब कुमार, आरवीएनएल की डीपीई अनुपम बान, और आरईसी तथा आरवीएनएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। ऊर्जा मंत्रालय के तहत 1969 में स्थापित महारत्न सीपीएसई- आरईसी लिमिटेड ऊर्जा-बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक ऋण और अन्य वित्त उत्पाद प्रदान करता है जिसमें उत्पादन, ट्रांसमिशन, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी स्टोरेज और ग्रीन हाइड्रोजन जैसी नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। आरईसी ने हाल ही में गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता ला दी है, जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह तथा स्टील और रिफाइनरी जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्र के लिए इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ई एंड एम) कार्य शामिल हैं। आरईसी की ऋण पुस्तिका के अनुसार, आरईसी ने 4,74,275 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण दिए हैं। आरवीएनएल, रेल मंत्रालय के अधीन "अनुसूची 'ए' नवरत्न" केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है, जो भारतीय रेलवे की लगभग 30 प्रतिशत बुनियादी ढांचा आवश्यकताओं को पूरा करता है और पीपीपी मॉडल के तहत बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कार्यान्वयन में भी अग्रणी रहा है। आरवीएनएल मुख्य रूप से रेलवे परियोजनाओं पर काम करता है और इसने सड़क, बंदरगाह, सिंचाई तथा मेट्रो परियोजनाओं में भी काम करना शुरू किया है, जिनमें से कई का रेलवे के बुनियादी ढांचे के साथ किसी न किसी तरह का जुड़ाव है।

उत्तर पूर्वी क्षेत्र में कृषि-बागवानी क्षेत्र का विकास

उत्तर पूर्वी क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम लिमिटेड (एनईआरएएमएसी) ने अपने अम्ब्रेूला ब्रांड 'एन ई फ्रेश' के तहत 140 मीट्रिक टन से अधिक उपज खरीदी

लगभग 30 स्थानीय उद्यमी/एमएसएमई अपने प्रोसेस्ड  उत्पादों की ब्रांडिंग और विपणन के लिए वर्ष 2023 में एनईआरएएमएसी से जुड़े हैं

एनईआरएएमएसी ने जीआई टैग वाले उत्पादों के विपणन के लिए ब्रांड 'एनईआरएएमएसी प्रीमियम' लॉन्च किया  

उत्तर पूर्व बेंत और बांस विकास परिषद (एनईसीबीडीसी) ने असम के तीन जिलों में 900 हेक्टेेयर भूमि में वृक्षारोपण का कार्य पूरा किया, जिससे 750 किसान लाभान्वित हुए

एनईसीबीडीसी ने बेंत और बांस में 21 प्रशिक्षण/कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए और 463 से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया

दिल्ली (ब्यूरो) :- उत्तर पूर्वी क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम लिमिटेड (एनईआरएएमएसी) उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम है। यह इस क्षेत्र के किसानों/उत्पादकों को उनकी उपज के लाभकारी मूल्य प्राप्त कराने के साथ-साथ क्षेत्र की कृषि, खरीद, प्रोसेसिंग और विपणन बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में भी सहायता प्रदान करता है। एनईआरएएमएसी ने अपने अम्ब्रेेला ब्रांड 'एन ई फ्रेश' के तहत भी वर्ष 2023 में अनानास, एवोकैडो, काले चावल, काजू, बड़ी इलायची, दालचीनी और काली मिर्च आदि की 140 मीट्रिक टन से अधिक उपज खरीदी है। इसने ताजा अनानास और अन्य सब्जियों के लिए बाजार सम्पचर्क भी प्रदान किया है। एनईआरएएमएसी के पास खुदरा क्षेत्र में 130 से अधिक उत्पादों की उत्पाद श्रृंखला है। लगभग 30 स्थानीय उद्यमी/एमएसएमई अपने प्रोसेस्ड  उत्पादों की ब्रांडिंग और विपणन के लिए एनईआरएएमएसी से जुड़े हैं। खुदरा उत्पादों का विपणन सात शहरों/कस्बों में स्थित एनईआरएएमएसी के 12 स्टालों/खुदरा दुकानों के माध्यम से किया जाता है। इसमें कामाख्या और दीमापुर रेलवे स्टेशनों पर स्थित ‘एक स्टेशन एक उत्पाद (ओएसओपी)’ वाले दो स्टॉल भी शामिल हैं।

एनईआरएएमएसी ने जीआई टैग वाले उत्पादों के विपणन के लिए 'एनईआरएएमएसी प्रीमियम' ब्रांड भी लॉन्च किया है। एनईआरएएमएसी ने वर्ष के दौरान सभी 13 जीआई पंजीकृत कृषि-बागवानी उत्पादों के लिए उत्तीर-पूर्व क्षेत्र (एनईआर) के 1308 किसानों को उपयोगकर्ता प्राधिकार पंजीकरण की सुविधा प्रदान की है। यह उत्त र-पूर्व क्षेत्र के कृषि-बागवानी क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की "10,000 किसान उत्पादन संगठनों (एफपीओ) का गठन और संवर्धन" योजना के तहत 15,500 किसानों को शामिल करते हुए पूरे उत्त0र-पूर्व क्षेत्र (एनईआर) में 205 एफपीओ का गठन किया गया है। एनईआरएएमएसी ने 17 कार्यक्रमों में भाग लिया/आयोजित किया और लगभग 2000 किसानों/उद्यमियों को कवर किया। वर्ष के दौरान, अगरतला में एनईआरएएमएसी का काजू प्रोसेसिंग प्लां ट (सीपीपी) का पुनरूद्धार हुआ और इसने कार्य शुरू किया। बायर्निहाट, मेघालय स्थित एकीकृत अदरक प्रोसेसिंग प्लांट (आईजीपीपी) का भी पीपीपी मोड के तहत पुनरूद्धार किया गया।

उत्तर पूर्व बेंत और बांस विकास परिषद (एनईसीबीडीसी) ने असम के तीन जिलों में 900 हेक्टेयर में वृक्षारोपण पूरा किया, जिसके तहत 3.30 लाख पौधे लगाए गए और इससे 750 किसान लाभान्वित हुए। एनईसीबीडीसी की मुख्य गतिविधियां क्षमता निर्माण, कौशल उन्नयन और प्रशिक्षण हैं। इस अवधि के दौरान, एनईसीबीडीसी ने 21 प्रशिक्षण/कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए और 463 से अधिक व्यक्तियों को बेंत और बांस में प्रशिक्षित किया है। पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी), उत्तोर-पूर्व क्षेत्र विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित नागालैंड के सोविमा गांव, दीमापुर में बांस आधारित शिल्प एकाग्रता केंद्र (परियोजना लागत 448.46 लाख रूपए) का कार्य पूरा हो गया और नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो द्वारा इसका उद्घाटन किया गया। 22 नवम्बर 2023 को  अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में इसका उद्घाटन किया। यह केंद्र घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए नागालैंड के पारंपरिक और आधुनिक हथकरघा और हस्तशिल्प पर ध्यान केंद्रित करेगा। असम और मणिपुर के एनईसीबीडीसी क्लस्टरों के कारीगरों को लगभग 115 व्यावसायिक स्वास्थ्य सुरक्षा किट भी वितरित किए गए हैं।

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