(Date : 20/April/2424)

(Date : 20/April/2424)

जिला मैजिस्ट्रेट ने 21 अप्रैल को भगवान महावीर जयंती पर सभी दुकानों/सड़को पर मांस और अंडे की बिक्री पर लगाई पाबंदी | वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी को अगला नौसेना प्रमुख नियुक्त किया गया | जिला चुनाव अधिकारी ने मजबूत लोकतंत्र के लिए युवाओं को अधिक से अधिक चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने का न्योता दिया | भाजपा की जीत से ही होगा जालंधर का विकास: सांसद रिंकू | ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਵੱਲੋਂ ਦਿਵਿਆਂਗ ਵੋਟਰਾਂ ਨਾਲ ਸੰਵਾਦ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਆਯੋਜਿਤ |

सामाजिक गतिविधयां

मोदी सरकार के आखिरी बजट से देश की आम जनता की आस टूटी- सुशील कुमार रिंकू

सांसद ने कहा कि युवाओं, दलित व पिछड़े वर्ग के लोगों और किसानों के लिए इस बजट में कुछ नहीं

जालंधर (मक्कड़) :- लोकसभा सदस्य सुशील कुमार रिंकू ने आज केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पेश अपने कार्यकाल के आखिरी बजट सिर्फ कागजी पुलिंदा करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस बजट ने देश की आम जनता की उम्मीदें तोड़ कर रख दी है क्योंकि इसमें युवाओं, दलित व पिछड़े वर्ग से संबंधित लोगों और हमारे देश के किसानों के कल्य्ण लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। सांसद ने कहा कि देश के युवाओं को सरकार ने कितनी नौकरियां दी और कितनी नई नौकरियों के अवसर पैदा किए जाएंगे इस बारे में बजट में कोई जिक्र नहीं है। ठीक इसी तरह दलित और पिछले वर्ग से संबंधित लोगों के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया ताकि उनका कल्याण हो सके। चाचा ने कहा कि दलित व पिछड़े वर्ग से संबंधित लोगों की भलाई के लिए कोई नई स्कीम इस बजट में नहीं लाई गई और ना ही उनके लिए अलग से बजट में कोई प्रावधान किया गया है जोकि सीधे तौर पर गरीब व दलित वर्ग की अनदेखी है ।उन्होंने कहा कि हमारे अन्नदाता, हमारे किसान भाइयों के उत्थान और उन्हें कर्ज से निकलने के लिए सरकार ने इस बजट में कोई व्यवस्था नहीं की और किसानों को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ पंजाब में ही लगभग 17 लाख किसानों को पीएम सम्मान योजना के लाभ से वंचित कर दिया गया है तो न जाने पूरे देश में कितने किसान होंगे जिन्हें इस तरह से लाभ से वंचित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस बजट से देश के लोग पूरी तरह से निराशा है और इसका खामी अब मोदी सरकार को आने वाले लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा क्योंकि देश के लोग उन्हें सत्ता से बाहर फेंकेंगे।

केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कोयला खान भविष्य निधि संगठन का वेब पोर्टल सी-केयर्स प्रारम्भ किया

पोर्टल से सीएमपीएफ ग्राहकों और पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा

दिल्ली (ब्यूरो) :- केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत एक अनुसंधान एवं विकास संगठन, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डीएसी) द्वारा विकसित और डिजाइन किए गए सी-केयर्स नाम से 31 जनवरी, 2024 को कल कोयला खान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफओ) का एक वेब पोर्टल प्रारम्भ किया। यह सीएमपीएफओ की डिजिटलीकरण यात्रा में एक महत्वपूर्ण छलांग है, जिसका लक्ष्य अपने अभिलेखों और कार्य प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने के लंबे समय से चले आ रहे विषयों का समाधान करना है। सीएमपीएफओ कोयला मंत्रालय के तत्वावधान में कोयला क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से भविष्य निधि और पेंशन योजनाओं के संचालन के लिए वर्ष 1948 में स्थापित एक स्वायत्त संगठन है। यह संगठन वर्तमान में कोयला क्षेत्र के (लगभग 3.3 लाख भविष्य निधि ग्राहकों और 6.1 लाख पेंशनभोगियों को सेवाएं प्रदान कर रहा है।

वर्तमान में, सीएमपीएफओ भविष्य निधि ग्राहकों और पेंशनभोगियों के दावों का निपटान मानवसंचालित रुप से करता है। इस पोर्टल की शुरुआत के साथ ही  भविष्यनिधि और पेंशन दावों का निपटान अब ऑनलाइन संसाधित और निस्तारित  किया जाएगा। इससे तेज प्रसंस्करण, संचालन में पारदर्शिता, बेहतर रिकॉर्ड प्रबंधन और निगरानी की सुविधा मिलेगी। इससे ग्राहकों और पेंशनभोगियों में भी विश्वास जागेगा। मार्च 2023 में सी-डैक को सौंपी गई यह परियोजना परिचालन और सॉफ्टवेयर मामलों से निपटने के लिए एक व्यापक समाधान ढांचा है। सी-केयर्स पोर्टल अब सीएमपीएफ ग्राहकों और कोयला कंपनियों को लॉगिन करने और उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न कार्य करने की अनुमति देगा। जहां एक ओर  ग्राहक अपने व्यक्तिगत विवरण और सदस्यता स्थिति तक पहुंच कर उसे देख सकते हैं, वहीँ कोयला प्रबंधन इस पोर्टल के माध्यम से योगदान विवरण, ग्राहकों के विवरण और ऑनलाइन निपटान और भुगतान के दावे प्रस्तुत कर सकता है। यह कागज रहित कामकाज, दावों का समय पर और सटीक निपटान, प्रसंस्करण समय में कमी और शिकायत निवारण भी सुनिश्चित करेगा। एक सार्वजनिक सेवा मंच होने के नाते इस पोर्टल का उद्देश्य कोयला क्षेत्र में काम करने वाले कोयला खान भविष्य निधि (सीएमपीएफ) ग्राहकों के साथ-साथ इसके पेंशनभोगियों को लाभ पहुंचाना है। यह डिजिटल परिवर्तन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया की  परिकल्पना के अनुरूप है। उद्घाटन समारोह ऐसा ही एक महत्वपूर्ण अवसर था जो सभी हितधारकों के लाभ के लिए डिजिटल परिवर्तन को अपनाने के लिए सीएमपीएफओ और कोयला मंत्रालय की प्रतिबद्धता का प्रतीक बना ।

केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कोल इंडिया लिमिटेड की तीन सीएसआर पहलों का उद्घाटन किया

दिल्ली (ब्यूरो) :- केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय मामलों के मंत्री, प्रल्हाद जोशी ने 31जनवरी,2024 को एजुकेशनल कंसल्टेंट्स लिमिटेड (ईडीसीआईएल), नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन और टाटा स्ट्राइव के सहयोग से कोल इंडिया लिमिटेड की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में की जा रही तीन पहलों का उद्घाटन किया। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'विकसित भारत' और 'डिजिटल भारत' दृष्टिकोण को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस शुभ अवसर पर कोयला मंत्रालय के सचिव श्री अमृत लाल मीना, कोयला मंत्रालय की अपर सचिव रूपिंदर बराड़ और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और एजुकेशनल कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (ईडीसीआईएल) के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्य, कोयला वाले राज्यों में 12 वीं तक के स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं और कंप्यूटर प्रयोगशाला के माध्यम से डिजिटल शिक्षा प्रदान करना है। अनुमानित सीएसआर व्यय 27.08 करोड़ रुपए से लगभग 200 स्कूलों को लाभ होगा और सरकारी कोयला कंपनियों की सीएसआर पहल के तहत एक हजार स्मार्ट क्लासरूम पहले ही सुसज्जित किए जा चुके हैं।

कोयला क्षेत्र के आसपास के समुदायों के युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की प्रत्येक सहायक कंपनी में बहु-कौशल विकास संस्थान स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका व्यापक उद्देश्य युवाओं को आधारभूत सर्वेक्षण और बाजार की आवश्यकताओं के आधार पर अपेक्षित कौशल से लैस करना है। बहु-कौशल विकास संस्थान 2024-25 में पायलट आधार पर सेंट्रल कोल लिमिटेड (सीसीएल) और भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) में शुरू किए जाएंगे, और बाद में अन्य कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) सहायक कंपनियों में बढ़ाए जाएंगे। कोयला खदानों के परिधीय क्षेत्र में 655 बेरोजगार युवाओं को लाभकारी रोजगार सुनिश्चित करने के लिए, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने टाटा स्ट्राइव के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें चार केंद्रों - नागपुर, वाराणसी, कामरूप- असम और छिंदवाड़ा में सहायक इलेक्ट्रीशियन, कॉमिस शेफ, एफ एंड बी स्टीवर्ड, हाउसकीपिंग और फ्रंट ऑफिस सहयोगियों के क्षेत्र में प्रशिक्षण शामिल होगा। इसी तर्ज पर टाटा स्ट्राइव के साथ चलाए गए एक पायलट योजना में प्रशिक्षुओं को 100% रोजगार का आश्वासन दिया गया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने भारत के विकास और समुदायिक सशक्तिकरण की दिशा में एक जिम्मेदार सहयोगी होने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की सराहना की।

1990 बैच के भारतीय विदेश सेवा के संजय वर्मा ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सदस्य के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली

दिल्ली (ब्यूरो) :- 1990 बैच के भारतीय विदेश सेवा के संजय वर्मा ने आज दोपहर यूपीएससी के मुख्य भवन के सेंट्रल हॉल में संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। उन्हें संघ लोक सेवा आयोग के चेयरमैन डॉ. मनोज सोनी ने शपथ दिलाई। संजय वर्मा 1990 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए और उनके विदेश से संबंधित कार्यों में ये शामिल हैं: स्पेन और अंडोरा में राजदूत; इथियोपिया, जिबूती और अफ्रीकी संघ में राजदूत; महावाणिज्य दूत, दुबई; काउंसलर (आर्थिक और वाणिज्यिक), भारतीय दूतावास, बीजिंग; प्रवक्ता और परामर्शदाता (प्रेस, सूचना और संस्कृति), भारतीय दूतावास, काठमांडू; द्वितीय सचिव (प्रेस और राजनीतिक), भारतीय दूतावास, मनीला और आर्थिक और वाणिज्यिक अधिकारी, हांगकांग। विदेश मंत्रालय से संबंधित कार्यों में ये शामिल हैं: चीन डेस्क; प्रवक्ता के सहयोगी (ओएसडी); संयुक्त सचिव (डीजी), ऊर्जा सुरक्षा और प्रोटोकॉल प्रमुख।

मुंबई से ताल्लुक रखने वाले, उन्होंने विल्सन कॉलेज से पढ़ाई की और फिर मुंबई विश्वविद्यालय के जय हिंद कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने भारत के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन में फ़ेलोशिप प्राप्त की और पहले दोराबजी टाटा छात्रवृत्ति के प्राप्तकर्ता थे। एक विश्वविद्यालय स्तर के हॉकी खिलाड़ी, उनकी रुचि पढ़ने, संगीत, लोकप्रिय भारतीय संस्कृति और फिल्मों में है।

डीएवाई-एनआरएलएम ने अपने 9.96 करोड़ सदस्यों के लिए एसएचजी के नेतृत्व वाले खाद्य, पोषण, स्वास्थ्य और वॉश प्रयासों को मजबूत करने के लिए दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया

दिल्ली (ब्यूरो) :- ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) के दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ने दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें 17 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) के साथ-साथ अन्य प्रमुख हितधारकों ने पूरे भारत में स्वयं सहायता समूहों के 9.98 करोड़ से अधिक सदस्यों और उनके परिवारों के लिए भोजन, पोषण, स्वास्थ्य और वॉश (एफएनएचडब्ल्यू) परिणामों में सुधार के लिए रोडमैप पर विचार-विमर्श किया। कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा और कौशल विकास, उद्यमिता एवं आजीविका मंत्री डॉ. शरणप्रकाश रुद्रप्पा पाटिल कार्यशाला के मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर कौशल विकास, उद्यमिता एवं आजीविका विभाग, कर्नाटक की अतिरिक्त मुख्य सचिव उमा महादेवन और ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्मृति शरण भी उपस्थित थीं।

डॉ. शरणप्रकाश रुद्रप्पा पाटिल ने गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों की सफलता के लिए महिलाओं की प्रतिबद्धता और समर्पण को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि सैनिटरी नैपकिन के उत्पादन जैसी आय सृजन गतिविधियां एसएचजी महिलाओं द्वारा की जा सकती हैं जो उन्हें स्थायी आजीविका प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा कि एसएचजी उत्पादों के विपणन और बैंकों के साथ जुड़ाव की सुविधा जैसे ठोस कदम महिला समूहों की ताकत को और मजबूत करेंगे। महिला समूहों की क्षमता की सराहना करते हुए उमा महादेवन ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को कर्नाटक में 6000 से अधिक ग्राम पंचायतों में महिलाओं का एक माध्यम होना चाहिए। दैनिक गतिविधियों को निष्पादित करने के तरीके में अनुशंसित व्यवहार परिवर्तन को अपनाकर महिलाएं प्रभावशाली बन जाती हैं। उन्होंने आगे उल्लेख किया कि महिला समूहों के माध्यम से एफएनएचडब्ल्यू हस्तक्षेप में अभिसरण की काफी संभावनाएं हैं। डीएवाई-एनआरएलएम में एफएनएचडब्ल्यू एकीकरण की आवश्यकता के लिए संदर्भ निर्धारित करते हुए, स्मृति शरण ने कहा कि लोगों को गरीबी से बाहर रखने के लिए बहुआयामी गरीबी एक महत्वपूर्ण बाधा है। पर्याप्त पोषण वाले राष्ट्र की दिशा में आगे बढ़ने और महिलाओं के लिए आजीविका बढ़ाने के लिए एफएनएचडब्ल्यू हस्तक्षेपों की महत्वपूर्ण उपस्थिति है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण समुदायों के बीच बेहतर पोषण, स्वास्थ्य और स्वच्छता पहलुओं में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय संबंधित मंत्रालयों के साथ सहयोग करेगा।

कॉन्क्लेव का उद्देश्य ग्रामीण समुदायों के स्वास्थ्य, पोषण और वॉश की स्थिति में सुधार के लिए डीएवाई-एनआरएलएम के तहत देश भर में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं द्वारा चल रहे प्रयासों और हस्तक्षेपों से प्राप्त सीख को समेकित करना है। महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों और उसके संगठन सामाजिक व्यवहार परिवर्तन; वर्ष भर पौष्टिक भोजन की खपत के लिए कृषि-पोषक उद्यानों के निर्माण को बढ़ावा देना; बेहतर पोषण और स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त करने के लिए लाइन विभागों के फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं के सहयोग से अधिकारों और सेवाओं तक पहुंच की सुविधा प्रदान करने के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी व्यवहार को बढ़ावा देते हैं। यह सम्मेलन एफएनएचडब्ल्यू की उपलब्धियों को संक्षेप में प्रस्तुत करने; राज्यों में एफएनएचडब्ल्यू गतिविधियों को लागू करने के लिए प्रभावी रणनीति दस्तावेज़ स्थापित करने के लिए एक दिशानिर्देश का मसौदा तैयार करने; एसएचजी के प्रयासों की प्रभावकारिता और पहुंच को बढ़ाने के लिए नवाचारों और अनुसंधान पर विचार करने के अलावा मौजूदा ऑन-ग्राउंड एफएनएचडब्ल्यू हस्तक्षेपों का समर्थन करने के लिए लाइन विभागों और विकास भागीदारों के साथ सहयोग को सुव्यवस्थित करने के लिए विचार-विमर्श की श्रृंखला में दूसरा सम्मलेन था। विभिन्न राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों; महिला एवं बाल विभाग; स्वास्थ्य; साथ पेयजल और स्वच्छता के अधिकारीयों के साथ-साथ सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों (सीआरपी) ने ग्रामीण समुदायों में पोषण और स्वास्थ्य की बेहतर स्थिति के लिए महिलाओं के नेतृत्व वाले एसएचजी नेटवर्क द्वारा की गई व्यापक गतिविधियों पर प्रकाश डाला और उनके जमीनी अनुभव और यात्रा साझा की। विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, सामान्य लक्ष्य रखने वाली विकास एजेंसियों और संबंधित विभागों के साथ एक इंटरैक्टिव पैनल चर्चा में ग्रामीण समुदायों को अच्छे स्वास्थ्य और बेहतर आजीविका के अवसरों के साथ सक्षम बनाने के लिए एफएनएचडब्ल्यू पहलुओं को मजबूत करने पर चर्चा की गई। तमिलनाडु, ओडिशा और कर्नाटक के तीन सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों ने संबंधित अनुभवों को साझा करते हुए एफएनएचडब्ल्यू की ऑन-ग्राउंड गतिविधियों पर विचार किया, जिससे समुदायों में प्रभावी परिणाम आए। एक प्रदर्शनी-सह-बाज़ार में एफएनएचडब्ल्यू रणनीतियों जैसे पोषण वाटिका, उद्यमों द्वारा उत्पाद, व्यवहार जो सामाजिक विकास की ओर ले जाते हैं आदि की सर्वोत्तम प्रथाओं और मॉडलों को प्रदर्शित किया गया।

राष्ट्रीय सुशासन वेबिनार श्रृंखला - 2023-24 का 20वां वेबिनार आयोजित किया गया

31 जनवरी, 2024 को निर्दिष्ट विषय (थीम) - 'खेलो इंडिया योजना के माध्यम से खेल और कल्याण में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना' 

वर्ष 2021 के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित चूरू, राजस्थान और बिष्णुपुर, मणिपुर जिलों द्वारा की गई पहल पर प्रस्तुतियां दी गईं

तत्कालीन जिला कलेक्टर और अब वर्तमान में राजस्थान के मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव, सिद्धार्थ सिहाग द्वारा प्रस्तुत चूरू जिले में की गई पहल

बिष्णुपुर जिले में की गई पहल लौरेम्बम बिक्रम, जिला कलेक्टर, बिष्णुपुर, मणिपुर द्वारा प्रस्तुत की गई

दिल्ली (ब्यूरो) :- राष्ट्रीय सुशासन वेबिनार श्रृंखला - 2023-24 का 20वां वेबिनार 31 जनवरी, 2024 को निर्दिष्ट विषय (थीम) - 'खेलो इंडिया योजना के माध्यम से खेल और कल्याण में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना' के साथ आयोजित किया गया थाI वर्ष 2021 के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित चूरू, राजस्थान और बिष्णुपुर, मणिपुर जिलों द्वारा की गई निम्नलिखित पहलों पर प्रस्तुतियाँ दी गईं-

• खेलो इंडिया योजना के अंतर्गत जिला चूरू में की गई पहल का प्रस्तुतीकरण तत्कालीन जिला कलेक्टर और अब वर्तमान में राजस्थान के मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव सिद्धार्थ सिहाग द्वारा किया गया।

• खेलो इंडिया योजना के अंतर्गत जिला बिष्णुपुर में की गई पहलों को लौरेम्बम बिक्रम, जिला कलेक्टर, बिष्णुपुर, मणिपुर द्वारा प्रस्तुत किया गया।

इस वेबिनार की अध्यक्षता प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स एंड पब्लिक ग्रिवैन्सेस -डीएआरपीजी) के सचिव वी. श्रीनिवास ने की और इसमें विभाग के संयुक्त सचिव और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। वेबिनार में देश भर के 559 स्थानों से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासनिक सुधार विभागों, जिला कलेक्टरों, राज्य और जिला खेल अधिकारियों, केंद्रीय और राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों के अधिकारियों ने भाग लिया। यह वेबिनार प्रधानमंत्री द्वारा प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) को जिला कलेक्टरों और अन्य अधिकारियों के साथ आभासी सम्मेलन (वर्चुअल कॉन्फ्रेंस)/वेबिनार आयोजित करने के उस निर्देश के अनुरूप है, जिसमें लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कारों के पिछले पुरस्कार विजेताओं को अधिक प्रसार (डिसीमिनेशन) और प्रतिकृति (रेप्लीकेशन) के उद्देश्य से अपने अनुभव प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। प्रधानमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में डीएआरपीजी ने लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार योजना के अंतर्गत पुरस्कार विजेता नामांकन के प्रसार और प्रतिकृति को प्रोत्साहित करने के लिए अप्रैल, 2022 से हर महीने एक वेबिनार करते हुए 20 राष्ट्रीय सुशासन वेबिनार आयोजित किए हैं और प्रत्येक वेबिनार में संबंधित विभागों, राज्य सरकारों, जिला कलेक्टरों, राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों और केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों के लगभग 1,000 अधिकारी भाग लेते हैं।

ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਤੀਰਥ ਯਾਤਰਾ ਸਕੀਮ ਤਹਿਤ ਧਰਮਕੋਟ ਤੋਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਬੱਸ ਰਵਾਨਾ

ਸ੍ਰੀ ਆਨੰਦਪੁਰ ਸਾਹਿਬ, ਨੈਣਾਦੇਵੀ, ਚਿੰਤਪੁਰਨੀ ਅਤੇ ਮਾਤਾ ਜਵਾਲਾ ਜੀ ਧਾਰਮਿਕ ਸਥਾਨਾਂ ਦੇ ਮੁਫ਼ਤ ਦਰਸ਼ਨ ਕਰਨਗੇ ਯਾਤਰੀ-ਐਸ.ਡੀ.ਐਮ. ਚਾਰੂ ਮਿਤਾ

ਮੋਗਾ (ਕਮਲ) :- ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਦੀ 'ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਤੀਰਥ ਯਾਤਰਾ' ਸਕੀਮ ਤਹਿਤ ਅੱਜ ਯਾਤਰੀਆਂ ਦੀ ਇੱਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਬੱਸ ਨੂੰ ਧਰਮਕੋਟ ਤੋਂ ਰਵਾਨਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ। ਇਸ ਬੱਸ ਰਾਹੀਂ ਯਾਤਰੀ ਸ੍ਰੀ ਆਨੰਦਪੁਰ ਸਾਹਿਬ, ਨੈਣਾਦੇਵੀ, ਚਿੰਤਪੁਰਨੀ ਅਤੇ ਮਾਤਾ ਜਵਾਲਾ ਜੀ ਧਾਰਮਿਕ ਸਥਾਨਾਂ ਦੇ ਮੁਫ਼ਤ ਦਰਸ਼ਨ ਕਰਨਗੇ। ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੰਦਿਆਂ ਐਸ.ਡੀ.ਐਮ. ਧਰਮਕੋਟ ਚਾਰੂ ਮਿਤਾ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਤੀਰਥ ਯਾਤਰਾ ਸਕੀਮ ਤਹਿਤ ਧਰਮਕੋਟ ਤੋਂ ਵੱਡੀ ਗਿਣਤੀ ਵਿੱਚ ਸ਼ਰਧਾਲੂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਬੱਸਾਂ ਰਾਹੀਂ ਧਾਰਮਿਕ ਸਥਾਨਾਂ ਦੇ ਮੁਫ਼ਤ ਦਰਸ਼ਨ ਕਰ ਰਹੇ ਹਨ।ਸਕੀਮ ਤਹਿਤ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਬੱਸਾਂ ਵਿੱਚ ਸ਼ਰਧਾਲੂਆਂ ਲਈ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਨ। ਮੁਫਤ ਖਾਣਾ, ਰਹਿਣ - ਸਹਿਣ ਤੇ ਸ਼ਰਧਾਲੂ ਕਿੱਟਾਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਟੂਰਿਸਟ ਗਾਈਡ ਦੀਆਂ ਸਹੂਲਤਾਂ ਮੁਫਤ ਮੁਹੱਈਆ ਕਰਵਾਈਆਂ ਜਾ ਰਹੀਆਂ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਸਕੀਮ ਤਹਿਤ ਆਮ ਲੋਕਾਂ ਲਈ ਅਤਿ ਸਹਾਈ ਸਿੱਧ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ। ਸ਼ਰਧਾਲੂ ਧਾਰਮਿਕ ਸਥਾਨਾਂ ਦੇ ਦਰਸ਼ਨਾਂ ਲਈ ਟਰਾਂਸਪੋਰਟ ਵਿਭਾਗ ਦੀ ਵੈਬਸਾਈਟ ਤੋਂ ਫਾਰਮ ਡਾਊਨਲੋਡ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਹਲਕੇ ਦੇ ਵਿਧਾਇਕ ਜਾਂ ਐੱਸ ਡੀ ਐੱਮ ਦਫ਼ਤਰ ਵਿਖੇ ਜਮ੍ਹਾਂ ਕਰਵਾ ਸਕਦੇ ਹਨ। ਹਰੇਕ ਯਾਤਰੀ ਲਈ ਆਪਣੀ ਅਗਾਊਂ ਰਜਿਸਟ੍ਰੇਸ਼ਨ ਕਰਵਾਉਣੀ ਲਾਜ਼ਮੀ ਹੈ। ਬੱਸਾਂ ਵਿੱਚ ਸਰਕਾਰ ਦੀਆਂ ਹਦਾਇਤਾਂ ਅਨੁਸਾਰ ਯਾਤਰੀਆਂ ਨੂੰ ਹਰ ਸੰਭਵ ਸੁਵਿਧਾ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇਗੀ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਸ਼ਰਧਾਲੂਆਂ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸੂਬਾ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਇਹ ਉਪਰਾਲਾ ਸ਼ਲਾਘਾਯੋਗ ਹੈ ਜੋ ਉਨ੍ਹਾਂ ਸਾਰੇ ਲੋਕਾਂ ਲਈ ਸਹਾਈ ਹੋਵੇਗਾ ਜੋ ਇਨ੍ਹਾਂ ਧਾਰਮਿਕ ਸਥਾਨਾਂ 'ਤੇ ਜਾਣਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਸਨ ਪਰ ਕਿਸੇ ਨਾ ਕਿਸੇ ਕਾਰਨ ਕਰਕੇ ਨਹੀਂ ਸਨ ਜਾ ਸਕੇ।

ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਸੜਕ ਸੁਰੱਖਿਆ ਮਹੀਨੇ ਤਹਿਤ ਬਲੂਮਿੰਗ ਬਡਜ਼ ਸਕੂਲ ਦੇ ਡਰਾਈਵਰਾਂ/ਕੰਡਕਟਰਾਂ ਨੂੰ ਟ੍ਰੈਫਿਕ ਨਿਯਮਾਂ ਬਾਰੇ ਕੀਤਾ ਜਾਗਰੂਕ

ਡਰਾਈਵਰਾਂ ਲਈ ਲਗਾਇਆ ਅੱਖਾਂ ਦਾ ਮੁਫ਼ਤ ਚੈੱਕਅੱਪ ਕੈਂਪ

ਮੋਗਾ (ਕਮਲ) :- ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਦਿਸ਼ਾ ਨਿਰਦੇਸ਼ਾਂ ਅਤੇ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਮੋਗਾ ਕੁਲਵੰਤ ਸਿੰਘ ਦੀ ਅਗਵਾਈ ਹੇਠ ਜ਼ਿਲ੍ਹੇ ਵਿੱਚ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਸੜਕ ਸੁਰੱਖਿਆ ਮਹੀਨਾ 14 ਫਰਵਰੀ ਤੱਕ ਮਨਾਇਆ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਵੱਖ ਵੱਖ ਵਿਭਾਗਾਂ ਵੱਲੋਂ ਯੋਗ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾ ਰਹੀਆਂ ਹਨ। ਇਸੇ ਦੀ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਅੱਜ ਬਲੂਮਿੰਗ ਬੱਡਜ਼ ਸਕੂਲ ਮੋਗਾ ਦੇ ਡਰਾਈਵਰਾਂ ਅਤੇ ਕੰਡਕਟਰਾਂ ਲਈ ਇੱਕ ਜਾਗਰੂਕਤਾ ਸੈਮੀਨਾਰ ਦਾ ਆਯੋਜਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ। ਇਸ ਸੈਮੀਨਾਰ ਵਿੱਚ ਡਰਾਈਵਰਾਂ ਕੰਡਕਟਰਾਂ ਨੂੰ ਨਸ਼ਿਆ ਤੋਂ ਦੂਰ ਰਹਿਣ, ਦੋ ਪਹੀਆ ਵਾਹਨ ਚਲਾਉਦੇ ਸਮੇ ਹੈਲਮੇਟ ਦੀ ਵਰਤੋ ਕਰਨ,ਸੀਟ ਬੈਲਟ ਦੀ ਵਰਤੋ ਕਰਨ, ਟ੍ਰੈਫਿਕ ਨਿਯਮਾ ਦੀ ਪਾਲਨਾ ਕਰਨ, ਲੇਨ ਡਰਾਈਵਿੰਗ ਸੰਬੰਧੀ, ਵਹੀਕਲਾਂ ਦੇ ਦਸਤਾਵੇਜ਼ ਪੂਰੇ ਰੱਖਣ ਅਤੇ ਅਣਪਛਾਤੇ ਵਹੀਕਲ ਨਾਲ ਐਕਸੀਡੈਂਟ ਹੋਣ ਤੇ ਸਲੇਸ਼ੀਅਨ  ਫੰਡ ਮੁਆਵਜ਼ਾ ਲੈਣ ਸਬੰਧੀ ਜਾਗਰੂਕ ਕੀਤਾ ਗਿਆ।

ਇਸ ਜਾਗਰੂਕਤਾ ਕੈਂਪ ਵਿੱਚ ਇੰਚਾਰਜ ਟ੍ਰੈਫਿਕ ਸਟਾਫ਼ ਮੋਗਾ ਐਸ.ਆਈ. ਗੁਰਭੇਜ ਸਿੰਘ ਅਤੇ ਇੰਚਾਰਜ ਟ੍ਰੈਫਿਕ ਐਜੂਕੇਸ਼ਨ ਸੈੱਲ ਮੋਗਾ ਏ.ਐਸ.ਆਈ. ਕੇਵਲ ਸਿੰਘ ਨੇ ਆਪਣੇ ਸੰਬੋਧਨ ਵਿੱਚ ਡਰਾਈਵਰਾਂ ਨੂੰ ਸੇਫ ਸਕੂਲ ਵਾਹਨ ਪਾਲਿਸੀ ਸਬੰਧੀ ਵਿਸਥਾਰਪੂਰਵਕ ਜਾਗਰੂਕ ਕੀਤਾ ਅਤੇ ਟ੍ਰੈਫਿਕ ਨਿਯਮਾ ਦੀ ਪਾਲਣਾ ਕਰਨ, ਵਹੀਕਲਾਂ ਦੇ ਦਸਤਾਵੇਜ਼ ਪੂਰੇ ਰੱਖਣ, ਓਵਰ ਸਪੀਡ ਵਹੀਕਲ ਨਾ ਚਲਾਉਣ ਸੰਬੰਧੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੱਤੀ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਾਹਨਾਂ ਉੱਪਰ ਹਾਈ ਸਕਿਉਰਿਟੀ ਨੰਬਰ ਪਲੇਟਾਂ ਲਗਵਾਉਣ ਦੀ ਅਪੀਲ ਵੀ ਕੀਤੀ। ਸਕੂਲ ਦੇ ਡਰਾਈਵਰਾਂ/ਕੰਡਰਕਟਰਾਂ ਲਈ ਅੱਖਾਂ ਦਾ ਮੈਡੀਕਲ ਚੈਕਅੱਪ ਕੈਂਪ ਵੀ ਆਯੋਜਿਤ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਿਉਂਕਿ ਅੱਖਾਂ ਦੀ ਘੱਟ ਰੌਸ਼ਨੀ ਵੀ ਸੜਕੀ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਨੂੰ ਸੱਦਾ ਦਿੰਦੀ ਹੈ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਅੱਖਾਂ ਦੇ ਮਾਹਿਰ ਡਾ. ਮਨਦੀਪ ਗੋਇਲ ਵੱਲੋਂ ਅੱਖਾਂ ਦਾ ਚੈੱਕਅਪ ਕੀਤਾ ਅਤੇ ਇਲਾਜ ਬਾਰੇ ਵੀ ਜਾਗਰੂਕ ਕੀਤਾ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਹੈੱਡ ਕਾਂਸਟੇਬਲ ਸੁਖਜਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਟ੍ਰੈਫਿਕ ਐਜੂਕੇਸ਼ਨ ਸੈਲ ਮੋਗਾ, ਹੈੱਡਕਾਂਸਟੇਬਲ ਅਮਨਦੀਪ ਸਿੰਘ ਟ੍ਰੈਫਿਕ ਸਟਾਫ ਮੋਗਾ, ਟਰਾਂਸਪੋਰਟ ਇੰਚਾਰਜ ਗੁਰਪ੍ਰਤਾਪ ਸਿੰਘ, ਸੀ.ਈ.ਓ. ਰਾਹੁਲ ਛਾਬੜਾ ਹਾਜ਼ਰ ਸਨ।

ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਕੁਲਵੰਤ ਸਿੰਘ ਨੇ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਬੂਥਾਂ ਦੀ ਸ਼ਨਾਖ਼ਤ ਦੇ ਦਿੱਤੇ ਆਦੇਸ਼

ਲੋਕ ਸਭਾ ਚੋਣਾਂ-2024 ਦੇ ਮੱਦੇਨਜ਼ਰ ਅੱਜ ਸਮੂਹ ਐਸ.ਡੀ.ਐਮ.ਜ਼/ਡੀ.ਐਸ.ਪੀ.ਜ਼ ਨਾਲ ਮੀਟਿੰਗ

ਜ਼ਿਲ੍ਹੇ ਦੇ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਬੂਥ ਦੀ ਸ਼ਨਾਖ਼ਤ ਦਾ ਕੰਮ 8 ਫਰਵਰੀ ਤੱਕ ਨਿਪਟਾਉਣ ਦੇ ਆਦੇਸ਼ ਦਿੱਤੇ

ਮੋਗਾ (ਕਮਲ) :- ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਚੋਣ ਅਫ਼ਸਰ-ਕਮ-ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਮੋਗਾ ਕੁਲਵੰਤ ਸਿੰਘ ਨੇ ਲੋਕ ਸਭਾ ਚੋਣਾਂ-2024 ਦੇ ਮੱਦੇਨਜ਼ਰ ਅੱਜ ਸਮੂਹ ਐਸ.ਡੀ.ਐਮ.ਜ਼ ਤੇ ਡੀ.ਐਸੀ.ਪੀ.ਜ਼ ਨਾਲ ਮੀਟਿੰਗ ਕਰਕੇ ਜ਼ਿਲ੍ਹੇ ਦੇ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਬੂਥ ਦੀ ਸ਼ਨਾਖ਼ਤ ਦਾ ਕੰਮ 8 ਫਰਵਰੀ, 2024 ਤੱਕ ਨਿਪਟਾਉਣ ਦੇ ਆਦੇਸ਼ ਦਿੱਤੇ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲਤਾ ਨਾਲ ਸਬੰਧਤ ਸਮੁੱਚੇ ਕਾਰਕਾਂ ਦੀ ਪੜਤਾਲ ਕਰਕੇ ਚੋਣ ਕਮਿਸ਼ਨ ਤੱਕ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪਹੁੰਚਾਉਣ ਲਈ ਕਮਿਸ਼ਨ ਵੱਲੋਂ ਪੰਜ ਪ੍ਰੋਫਾਰਮੇ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰੋਫਾਰਮਿਆਂ ਵਿੱਚ ਦਰਜ ਕਾਲਮਾਂ ਨੂੰ ਚੋਣ ਕਮਿਸ਼ਨ ਦੀਆਂ ਹਦਾਇਤਾਂ ਅਨੁਸਾਰ ਭਰਨਾ ਯਕੀਨੀ ਬਣਾਇਆ ਜਾਵੇ। ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਚੋਣ ਅਫ਼ਸਰ ਵੱਲੋਂ ਇਸਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਬਾਰੇ ਵੀ ਸਮੂਹ ਨਾਲ ਜਾਣਕਾਰੀ ਸਾਂਝੀ ਕੀਤੀ। ਇਸ ਮੀਟਿੰਗ ਵਿੱਚ ਐਸ.ਡੀ.ਐਮ. ਮੋਗਾ ਸਾਰੰਗਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ ਔਜਲਾ, ਐਸ.ਡੀ.ਐਮ. ਬਾਘਾਪੁਰਾਣਾ ਹਰਕੰਵਲਜੀਤ ਸਿੰਘ, ਐਸ.ਡੀ.ਐਮ. ਧਰਮਕੋਟ ਚਾਰੂ ਮਿਤਾ, ਸਮੂਹ ਡੀ.ਐਸ.ਪੀ.ਜ਼ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਚੋਣ ਤਹਿਸੀਲਦਾਰ ਸ੍ਰੀ ਬਰਜਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਆਦਿ ਹਾਜ਼ਰ ਸਨ। ਇਹ ਫ਼ਾਰਮ ਐੱਸ.ਡੀ.ਐੱਮ. ਦਫ਼ਤਰਾਂ 'ਚ ਹਲਕਾ ਵਾਰ ਜਮ੍ਹਾਂ ਹੋਣਗੇ, ਜਿੱਥੋਂ ਹਲਕਾ ਵਾਰ ਰਿਪੋਰਟ ਬਣੇਗੀ ਅਤੇ ਬਾਅਦ 'ਚ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਚੋਣ ਦਫ਼ਤਰ 'ਚੋਂ ਜ਼ਿਲ੍ਹੇ ਦੀ ਰਿਪੋਰਟ ਤਿਆਰ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇਗੀ। ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਨੇ ਬੂਥਾਂ ਦੀ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲਤਾ ਦੀ ਰਿਪੋਰਟ ਬਹੁਤ ਹੀ ਸਾਵਧਾਨੀ ਨਾਲ ਚੋਣ ਕਮਿਸ਼ਨ ਵੱਲੋਂ ਦਿੱਤੇ ਦਿਸ਼ਾ-ਨਿਰਦੇਸ਼ਾਂ ਮੁਤਾਬਕ ਹੀ ਤਿਆਰ ਕਰਨ ਲਈ ਆਖਿਆ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਭਾਰਤ ਚੋਣ ਕਮਿਸ਼ਨ ਦਾ ਮੁੱਖ ਮੰਤਵ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਸ਼ਾਂਤਮਈ, ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਅਤੇ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰੀਆਂ ਚੋਣਾਂ ਕਰਵਾਉਣਾ ਹੈ। ਅਜਿਹੀਆਂ ਚੋਣਾਂ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਹਰ ਵਿਅਕਤੀ ਆਪਣੇ ਵੋਟ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਬਿਨ੍ਹਾਂ ਕਿਸੇ ਡਰ ਅਤੇ ਦਬਾਓ ਤੋਂ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ। ਇਸ ਮੰਤਵ ਦੀ ਪੂਰਤੀ ਲਈ ਕਮਿਸ਼ਨ ਵੱਲੋਂ ਸਮੇਂ-ਸਮੇਂ ਤੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਕਦਮ ਉਠਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ। ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਬੂਥਾਂ ਦੀ ਸ਼ਨਾਖਤ ਵੀ ਇਸੇ ਦੀ ਹੀ ਇੱਕ ਕੜੀ ਹੈ। ਇੱਥੇ ਇਹ ਵੀ ਜਿਕਰਯੋਗ ਹੈ ਕਿ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਬੂਥ ਉਹ ਬੂਥ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜਿੱਥੋਂ ਦੇ ਵੋਟਰਾਂ, ਵੋਟਰਾਂ ਦੇ ਸਮੂਹ, ਪਿੰਡ, ਏਰੀਆਂ ਜਾਂ ਘਰਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਵੱਲੋਂ ਡਰਾਇਆ ਜਾਂ ਧਮਕਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਸੇ ਖਾਸ ਪਾਰਟੀ ਜਾਂ ਉਮੀਦਵਾਰ ਦੇ ਹੱਕ ਵਿੱਚ ਵੋਟ ਪਾਉਣ ਲਈ ਡਰ ਜਾਂ ਲਾਲਚ ਦਿੱਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ। ਇਸਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਦੀ ਸ਼ਨਾਖਤ ਵੀ ਕਰਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜੋ ਡਰਾ ਜਾਂ ਧਮਕਾ ਸਕਦੇ ਹਨ। ਕਮਿਸ਼ਨ ਦਾ ਉਦੇਸ਼ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਦੀ ਸ਼ਨਾਖਤ ਕਰਨ ਉਪਰੰਤ ਇਸ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ ਲੋੜੀਂਦੇ ਕਦਮ ਚੁੱਕਣਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ।

ਐਸੀ.ਡੀ.ਐਮ. ਸਾਰੰਗਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ ਔਜਲਾ ਨੇ 'ਸੜਕ ਸੁਰੱਖਿਆ ਮਹੀਨਾ' ਤਹਿਤ ਬੁਲਾਈ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਵਿਭਾਗਾਂ ਦੀ ਮੀਟਿੰਗ

ਸਬੰਧਤ ਵਿਭਾਗਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੀਆਂ ਜਾਗਰੂਕਤਾ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ਤੇਜ਼ ਕਰਨ ਦੇ ਦਿੱਤੇ ਨਿਰਦੇਸ਼

ਮੋਗਾ (ਕਮਲ) :- ਜ਼ਿਲ੍ਹੇ ਵਿੱਚ ਮਨਾਏ ਜਾ ਰਹੇ 'ਸੜਕ ਸੁਰੱਖਿਆ ਮਹੀਨਾ' ਦੇ ਪ੍ਰਬੰਧਾਂ ਅਤੇ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ਦਾ ਰੀਵਿਊ ਕਰਨ ਲਈ ਐਸ.ਡੀ.ਐਮ. ਮੋਗਾ ਸਾਰੰਗਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ ਗਰੇਵਾਲ ਨੇ ਵੱਖ ਵੱਖ ਸਬੰਧਤ ਵਿਭਾਗਾਂ ਦੀ ਇੱਕ ਮੀਟਿੰਗ ਬੁਲਾਈ। ਇਸ ਮੀਟਿੰਗ ਵਿੱਚ ਸਿਹਤ ਵਿਭਾਗ, ਸਿੱਖਿਆ ਵਿਭਾਗ, ਟ੍ਰੈਫਿਕ ਪੁਲਿਸ ਆਦਿ ਹਾਜ਼ਰ ਹੋਏ। ਸੜਕ ਸੁਰੱਖਿਆ ਮਹੀਨਾ 15 ਜਨਵਰੀ ਤੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋਇਆ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਤਹਿਤ ਕਰਵਾਈਆਂ ਜਾ ਰਹੀਆਂ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ 14 ਫਰਵਰੀ, 2024 ਤੱਕ ਚੱਲਣਗੀਆਂ। ਮੀਟਿੰਗ ਵਿੱਚ ਉਨ੍ਹਾਂ ਸਮੂਹ ਵਿਭਾਗਾਂ ਨੂੰ ਨਿਰਦੇਸ਼ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ ਕਿ ਸੜਕ ਸੁਰੱਖਿਆ ਮਹੀਨੇ ਤਹਿਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾ ਰਹੀਆਂ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ਨੂੰ ਹੋਰ ਵੀ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ਤਰੀਕੇ ਨਾਲ ਚਲਾਇਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕਿ ਲੋਕਾਂ ਵਿੱਚ ਸੜਕ ਸੁਰੱਖਿਆ ਨਿਯਮਾਂ ਪ੍ਰਤੀ ਹੋਰ ਚੇਤਨਤਾ ਪੈਦਾ ਹੋ ਸਕੇ ਅਤੇ ਸੜਕ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਦੇ ਗ੍ਰਾਫ ਵਿੱਚ ਗਿਰਾਵਟ ਆ ਸਕੇ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਪੁਲਿਸ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਟ੍ਰੈਫਿਕ ਸੈੱਲ ਨੂੰ ਸਖਤ ਨਿਰਦੇਸ਼ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ ਕਿ ਉਹ ਰੋਡ ਸੇਫਟੀ ਦੇ ਲਗਾਏ ਜਾ ਰਹੇ ਕੈਂਪਾਂ ਜਰੀਏ ਮੋਟਰ ਵਹੀਕਲ ਐਕਟ 2019, ਸੈਂਟਰਲ ਮੋਟਰ ਵਹੀਕਲਜ਼ ਰੂਲਜ਼ 1989 ਅਤੇ ਹੋਰ ਰੋਡ ਸੇਫ਼ਟੀ ਬਾਰੇ ਜਾਰੀ ਹੋਈਆਂ ਹਦਾਇਤਾਂ ਬਾਰੇ ਜਾਗਰੂਕਤਾ ਫੈਲਾਉਣ ਨੂੰ ਯਕੀਨੀ ਬਣਾਉਣ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸੜਕ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ਵਰਦਾਨ ਸਾਬਿਤ ਹੁੰਦੀ ਸੀਟ ਬੈਲਟ ਤੇ ਹੈਲਮਟ ਦੀ ਮਹੱਤਤਾ ਬਾਰੇ ਜਾਗਰੂਕਤਾ ਫੈਲਾਉਣ ਵੱਲਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਜ਼ੋਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਸਿੱਖਿਆ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਨੁਮਾਇੰਦਿਆਂ ਨੂੰ ਹਦਾਇਤ ਕੀਤੀ ਕਿ ਸਕੂਲੀ ਬੱਚਿਆਂ ਵਿੱਚ ਟ੍ਰੈਫਿਕ ਨਿਯਮਾਂ ਦੀ ਚੇਤਨਤਾ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ਪੋਸਟਰ ਮੇਕਿੰਗ ਮੁਕਾਬਲੇ, ਸਲੋਗਨ ਮੁਕਾਬਲੇ ਆਦਿ ਤੁਰੰਤ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨਾਲ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਵਾਏ ਜਾਣ।  ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਟ੍ਰੈਫਿਕ ਨਿਯਮਾਂ ਉੱਪਰ ਭਾਸ਼ਣ ਦਿੱਤੇ ਜਾਣ। ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਉਨ੍ਹਾਂ ਲੋਕ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਤੋਂ ਵੀ ਸੜਕ ਸੁਰੱਖਿਆ ਮਹੀਨੇ ਤਹਿਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਣ ਵਾਲੀਆਂ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ਦਾ ਰੀਵਿਊ ਲਿਆ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਸਿਹਤ ਵਿਭਾਗ ਨੂੰ ਅੱਖਾਂ ਦੇ ਢੁਕਵੇਂ ਕੈਂਪ ਬੱਸ ਸਟੈਂਡਾਂ ਜਾਂ ਹੋਰ ਢੁਕਵੇਂ ਸਥਾਨਾਂ ਉੱਪਰ ਲਗਾਉਣ ਲਈ ਕਿਹਾ ਕਿਉਂਕਿ ਅੱਖਾਂ ਦੀ ਰੌਸ਼ਨੀ ਦੀ ਕਮੀ ਸੜਕੀ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਕਰਦੀ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਆਮ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਅਪੀਲ ਕੀਤੀ ਕਿ ਉਹ ਸੜਕ ਸੁਰੱਖਿਆ ਨਿਯਮਾਂ ਦੀ ਸਹੀ ਅਰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਪਾਲਣਾ ਕਰਨ ਤਾਂ ਕਿ ਅਣਗਹਿਲੀ ਨਾਲ ਹੁੰਦੀਆਂ ਸੜਕ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਨੂੰ ਖਤਮ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕੇ।  

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