(Date : 29/March/2424)

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ਮੈਰੀਟੋਰੀਅਸ ਅਤੇ ਸਕੂਲ ਆਫ਼ ਐਮੀਨੈਂਸ ਲਈ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਪ੍ਰੀਖਿਆ 30 ਮਾਰਚ ਨੂੰ | ਸਕਿਲ ਸੈਂਟਰ ਦੌਲਤਪੁਰਾ ਨਵਾਂ ਵਿੱਚ ਵੋਟਰ ਜਾਗਰੂਕਤਾ ਫੈਲਾਈ | सीपीडब्ल्यूडी के सहायक एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की | डिप्टी कमिश्नर ने दिव्यांग वोटरों की लोक सभा में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तरीय निगरानी कमेटी का गठन | डिप्स हर क्षेत्र में शत प्रतिशत परिणाम देने वाला शिक्षण संस्थान |

सामाजिक गतिविधयां

विदिशा, स्टार्टअप्स द्वारा प्रस्तावित नवाचारी 5जी उपयोग मामलों की जमीनी स्तर पर तैनाती करने वाला भारत का पहला जिला बना

दूर संचार विभाग ने सामाजिक-आर्थिक वर्टिकल्स में डिजिटल परिवर्तन की गति बढ़ाने के लिए स्टार्टअप्स और एसएमई के 5जी उपयोग मामलों के प्रोत्साहक पायलट के तहत सहयोग की सुविधा प्रदान की है

दिल्ली (JJS) :- विदिशा, मध्य प्रदेश का एक आकांक्षी जिला है जो स्टार्टअप्स द्वारा प्रस्तावित नवाचारी 5जी उपयोग मामलों की जमीनी स्तर पर तैनाती करने वाला भारत का पहला जिला बन गया है। अपर सचिव (दूरसंचार) एवं प्रशासक यूएसओएफ के मार्गदर्शन में विदिशा जिला प्रशासन और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलामैटिक्स (सी-डॉट), दूरसंचार विभाग की यह एक संयुक्त पहल है। सामाजिक-आर्थिक वर्टिकल्स में डिजिटल परिवर्तन की गति बढ़ाने के लिए दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार स्टार्टअप्स और एमएसएमई मिशन (टीएसयूएम) तथा 5जी वर्टिकल एंगेजमेंट पार्टनरशिप प्रोग्राम (वीईपीपी) के तहत डिजिटल संचार तकनीक- स्टार्टअप और एसएमई को संभावित उपयोगकर्ता समुदायों यानी राज्य सरकारें, स्मार्ट शहर, आकांक्षी जिले, वर्टिकल उद्योगों को सहयोग की सुविधा प्रदान कर रहा है। सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट-), दूरंसचार विभाग उभरती हुई डिजिटल संचार तकनीकों में अग्रणी है, जो ‘’5जी उपयोग मामला प्रोत्साहक पायलट” का अग्रगामी है और स्वास्थ्य, कृषि, डेयरी, शिक्षा तथा कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए विदिशा समुदाय को बड़े पैमाने पर लाभान्वित करने के लिए विदिशा (आकांक्षी जिला), मध्य प्रदेश में स्टार्टअप्स और एसएमई के लिए 5जी/4जी आईओटी नवाचारी समाधान तैनात कर रहा है।

5जी उपयोग मामला प्रोत्साहक पायलटः 12 जनवरी 2023 को अपर सचिव दूरसंचार की विदिशा जिले की यात्रा के दौरान सी-डॉट के सहयोग से स्टार्टअप्स द्वारा निम्नलिखित 5जी/आईओटी उपयोग मामलों का प्रदर्शन किया गया:

• सुपरस्यूटिकल्स- 5जी/4जी सक्षम स्मार्ट हेल्थ कियोस्क के साथ महत्व्पूर्ण परीक्षणों का तुरंत मापन है।

• एंबुपोड: दूरस्थ डॉक्टर सहायता के साथ मूल जीवन सुरक्षा समर्थन की सहायता से 5जी/4जी सक्षम ऑटो 

        एम्बुलेंस।

• लोजीएआई: मोतियाबिंद रोग की त्वरित और प्रभावी जांच के लिए स्मार्ट फोन का उपयोग कर कैटेरेक्ट 

        (मोतियाबिंद) आई स्क्रीनिंग एप्लिकेशन

• ऐसियोफाई: प्रभावी निदान के लिए फेफड़े और मस्तिष्क स्कैन (सीटी/एक्सरे आदि) के लिए एआर/वीआर-3डी 

        विज़ुअलाइज़ेशन एप्लिकेशन।

• टैकएक्सआर: नवाचारी शिक्षक विधियों के लिए शिक्षण और पाठन उपकरण हेतु छात्रों के लिए एआर/ 

        वीआर-3डी इमर्सिव एक्सपीरियंस किट।

• बीकेसी एग्रीगेटर्स: फसल सलाह ऐप- किसानों मंडियों/व्यापारियों, राज्य सब्सिडी/फसलों के लिए बीमा के साथ 

        जुड़ने और सूचित निर्णय लेने के व्यक्तिगत फसल परामर्श।

• द्वारा-सुरभि: राज्य विभाग और बीमा कंपनियों द्वारा उपयोग की जाने वाली मवेशियों की अद्वितीय बायोमेट्रिक 

        थूथन पहचान, और डेयरी किसानों द्वारा उपयोग की जाने वाली मवेशियों की स्वास्थ्य स्थिति की भविष्यवाणी

• सी-डॉट (दूरसंचार विभाग की अनुसंधान एवं विकास शाखा): टेली परामर्श और ई-लर्निंग समाधान सूट को सक्षम 

         करने वाले सभी स्वास्थ्य सूटों को एकीकृत करने वाला वन स्टॉप प्लेटफॉर्म।

5G उपयोग मामला प्रोत्साहक पायलट के तहत, उपरोक्त उपयोग के मामलों को सामुदायिक और जिला स्वास्थ्य केंद्रों, मॉडल स्कूलों, कृषि और डेयरी किसानों, कौशल विकास केंद्रों में 1 वर्ष की अवधि के लिए तैनात किया जाएगा। बाद में इस अवधि को जरूरत के अनुसार बढ़ाया भी जा सकता है। ये डिजिटल समाधान विदिशा के उपयोगकर्ता समुदायों को निर्बाध सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए भारतनेट ब्रॉडबैंड द्वारा संचालित किए जाएंगे। 12 जनवरी 2023 को डिजिटल समाधानों के सफल प्रदर्शन के बाद, विदिशा जिला कलेक्ट्रेट में निम्नलिखित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में सी-डॉट और 7 स्टार्टअप के साथ खरीद सह सेवा आदेश और समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं-

 I.      संचार मंत्रालय और सी-डॉट (स्टार्टअप एंगेजमेंट):

 • वी. एल. कांता राव, अपर सचिव (दूरसंचार) एवं प्रशासक यूएसओएफ

• रविंदर अंबरदार, प्रमुख (विपणन और कॉरपोरेट मामले), सी-डॉट

• ए एलेक्स विकास, मिशन समन्वयक (टीएसयूएम) और सहायक महानिदेशक, डीओटी मुख्यालय

II.     विदिशा जिला प्रशासन (5G उपयोग मामलों को अपनाना):

 • उमाशंकर भार्गव, कलेक्टर, विदिशा, म.प्र

• योगेश तुकाराम भरसट, सीईओ जिला पंचायत, विदिशा, म.प्र

• निकेत शर्मा, मुख्यमंत्री कार्यालय

• कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता आदि विभागों के अधिकारी।

 III.   बीएसएनएल और बीबीएनएल (सस्ती और निर्बाध ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी):

 • सत्यानंद राजहंस सीजीएमटी बीएसएनएल म.प्र,

• सी एल एस यादव स्टेट हेड और सीजीएम बीबीएनएल म.प्र,

• एन के लोढ़ा जीएम बीए भारतनेट,

• मनोज कुमार वरिष्ठ महाप्रबंधक संचार,

• पंकज गुप्ता बीए हेड सागर,

• अनिल अहिरवार जीएम भारतनेट इंदौर,

• मयंक त्रिपाठी जीएम भारतनेट भोपाल

• सत्यानंद राजहनन, सीजीएमटी

IV.  उपयोग मामला स्टार्टअप्स के प्रतिनिधि (नवाचारी डिजिटल समाधान)

 नवाचारी डिजिटल उपयोग के मामले रखने वाले इच्छुक स्टार्टअप्स और एसएमई सी-डॉट द्वारा 5जी उपयोग मामला प्रोत्साहक पायलट का हिस्सा बनने के लिए support@tcoe.in और alex.vikas17[at]gov[dot]in पर संपर्क करें।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) और प्रजनन बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) पोर्टल पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने ग्राम स्वास्थ्य सांख्यिकी 2021-22 रिपोर्ट, एचएमआईएस 2020-21 तथा 2021-22 : जनसंख्या अनुसंधान केंद्रों (पीआरसी) की विश्लेषणात्मक रिपोर्ट और सार-संग्रह जारी किया

"आरसीएच, एचएमआईएस पोर्टल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के बीच अधिक सामंजस्य और एकीकरण किया जाएगा"

दिल्ली (JJS) :- “मैं स्वास्थ्य क्षेत्र के गुमनाम नायकों, फील्ड कार्यकर्ताओं, डेटा एकत्रित करने वालों, डेटा इंटीग्रेटर्स और डेटा प्रबंधकों आदि को बधाई देता हूं। उन्होंने देश भर में फैली 2.25 लाख से अधिक स्वास्थ्य सुविधाओं से समय पर डेटा तैयार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। राज्यों में स्वास्थ्य सुधार कार्यक्रम के आधार के रूप में कार्य करने के लिए इस डेटा का रियल टाइम आधार पर विश्लेषण करने की आवश्यकता है।” यह बात आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) और प्रजनन बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) पोर्टल पर राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कही। दो दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) पोर्टल तथा प्रजनन बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) पोर्टल की उपयोगिता और निगरानी तथा नीति हस्तक्षेप उपकरण के रूप में उनके उपयोग को दोहराना था। इस अवसर पर आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के अंतर्गत डिजिटल हस्तक्षेप पर फोकस करने के साथ तीन प्रकाशन जारी किए गए। अनमोल (एएनएम ऑनलाइन), किलकारी मोबाइल अकादमी की नई विशेषताओं को भी दिखाया गया।

इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने स्वास्थ्य क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में हुए प्रमुख विकास कार्यों की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि देश भर में 1.54 लाख से अधिक स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) संचालित किया गए। 12 स्वास्थ्य पैकेज नि:शुल्क प्रदान करने साथ ये सेंटर नि:शुल्क दवाएं और निदान, सामान्य कैंसर, मधुमेह तथा उच्च रक्तचाप के लिए नि:शुल्क स्क्रीनिंग परीक्षण भी करते हैं। एक लाख से अधिक एचडब्ल्यूसी ई-संजीवनी टेलीसर्विसेज भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी मात्रा में डिजिटल डेटा तैयार हो रहा है। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि डेटा अपलोड हो और सावधानी के साथ उनका विश्लेषण किया जाए। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के एक और विकास की प्रमुखता से चर्चा करते हुए राजेश भूषण ने कहा कि हमें आरसीएच, एचएमआईएस पोर्टल्स तथा एबीडीएम के बीच और अधिक सामंजस्य बनाने की आवश्यकता है। एबीएचए आईडी बनाने के माध्यम से अधोमुखी स्वास्थ्य रिकॉर्ड तथा अंतः क्रियाशीलता का निर्माण सुनिश्चित किया जा रहा है। इन्हें आरसीएच और एचएमआईएस से जोड़ा जा सकता है जो स्वास्थ्य क्षेत्र में गेमचेंजर के रूप में काम कर सकते हैं। उन्होंने बल देते हुए कहा कि सभी स्वास्थ्य सुविधाएं एबीएचए आईडी बनाने तथा उन्हें डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड से जोड़ने की स्थिति में हैं। परिणामस्वरूप यह हमारे नागरिकों के लिए डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक कागज रहित तथा परेशानी मुक्त पहुंच के लिए एक मजबूत ईकोसिस्टम बनाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने तीन प्रकाशनों का विमोचन किया। इनमें ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी 2021-22 शामिल है। इसे वर्ष 1992 से केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के वार्षिक प्रकाशन के रूप में प्रकाशित किया जाता है। यह प्रत्येक वर्ष 31 मार्च तक मानवशक्ति सहित स्वास्थ्य और अवसंरचना के आंकड़ें प्रदान करता है। यह प्रकाशन एचएमआईएस पोर्टल पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपलोड किए गए आंकड़ों पर आधारित है तथा संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा सत्यापित किए जाने के बाद ही प्रकाशित होता है। यह देश के ग्रामीण, शहरी और जनजातीय क्षेत्रों में वर्तमान स्वास्थ्य देखभाल अवसंरचना और मानव संसाधनों में अंतर को पहचानने में एक दृष्टि पत्र के रूप में काम करेगा। यह नागरिकों के लिए भी सूचना के एक प्रमुख स्रोत के रूप में भी काम करेगा। आज जारी की गई अन्य रिपोर्ट है - एचएमआईएस 2020-21 और 2021-22 । यह मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, टीकाकरण, परिवार नियोजन सेवाओं के कवरेज, किशोर स्वास्थ्य तथा रोगी सेवाओं से संबंधित संकेतकों में एक विश्लेषणात्मक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त बेड ऑक्युपेंसी दर, सी-सेक्शन रेट, ब्लड रिप्लेसमेंट रेट, स्तनपान शीघ्र शुरू होने की दर, पोस्ट-सर्जिकल संक्रमण दर के आदि के आधार पर इन दो वर्षों में जिला अस्पतालों के प्रदर्शन का विश्लेषण करने के लिए एक विश्लेषणात्मक अध्यन को विशेष रूप से शामिल किया गया है। पीआरसी 2021-22 के सारसंग्रह "सभी के लिए स्वास्थ्य : संभावनाएं और मुद्दे" का भी आज अनावरण किया गया। इस सार-संग्रह में वर्ष 2021-22 के दौरान पीआरसी द्वारा मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) और संचारी रोग (सीडी)  आदि पर प्राथमिक और माध्यमिक डेटा के आधार पर चयनित अनुसंधान अध्ययन शामिल हैं। पीआरसी श्रीनगर, पीआरसी धारवाड़, पीआरसी केरल, पीआरसी बैंग्लुरु को उनके संबंधित शोध अध्ययनों के लिए पुरस्कार दिए गए। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव डॉ. पी अशोक बाबू, महानिदेशक कल सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की उप महानिदेशक सुश्री अंजलि रावत, भी उपस्थित थीं। कार्यशाला में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के एचएमआईएस और  आरसीएच नोडल अधिकारी और मंत्रालय के कार्यक्रम प्रभाग, विकास भागीदार और अन्य हितधारक भी शामिल हुए।

सीएमपीडीआईएल ने नई धूल नियंत्रण प्रौद्योगिकी का आविष्कार किया

यह प्रौद्योगिकी कोयला खदानों, ताप विद्युत संयंत्रों, रेलवे साइडिंग और बंदरगाहों में उपयोगी होगी

दिल्ली (JJS) :- खनन क्षेत्रों में उड़ने वाली धूल को कम करने और उसे नियंत्रित करने के लिए सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड (सीएमपीडीआईएल), रांची (कोल इंडिया लिमिटेड की एक सलाहकार सहायक कंपनी) ने उड़ने वाली धूल के उत्पादन और उसे नियंत्रित करने के लिए सिस्टम एवं मेथड का आविष्कार किया है और इसे दिसंबर, 2022 में पेटेंट मिला है (पेटेंट संख्या 416055)। इस प्रणाली का उपयोग खदानों, ताप विद्युत संयंत्रों, रेलवे साइडिंग, बंदरगाहों, निर्माण स्थलों में इस्तेमाल किया जा सकता है जहां कोयला तथा अन्य खनिज तथा फ्यूजिटिव सामग्री खुले में संग्रहित रहती है। यह प्रणाली खुले स्रोतों से धूल उत्पादन को कम करने के अतिरिक्त शोर को कम करेगी। कोयला मंत्रालय के अंतर्गत कोयला/लिग्नाइट सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्यावरणीय रूप से उत्तरदायी तरीके से गुणवत्तापूर्ण उत्पादन का प्रयास करते हैं। कोयला खनन और संबंधित गतिविधियों से होने वाले प्रदूषण को रोकने या कम करने के लिए कोयला/लिग्नाइट सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम विभिन्न उपायों को अपना रहे हैं। फ्यूजिटिव डस्ट पार्टिकुलेट मैटर का एक रूप है जो हवा के संपर्क में आने वाले स्रोतों से उत्पन्न होता है और जो सीमित प्रवाह धारा के माध्यम से वायुमंडल में नहीं आ पाते हैं।

वर्तमान आविष्कार उड़ने वाली धूल के उत्पादन और फैलाव को घटाने के लिए विंडब्रेक (डब्ल्यूबी) और वर्टिकल ग्रीनरी सिस्टम (वीजीएस) के सिंक्रोनाइज्ड एप्लिकेशन से संबंधित है। डब्ल्यूबी और वीजीएस को क्रमश: उड़ने वाली धूल के स्रोतों के संबंध में ऊपर में और नीचे की दिशा में बनाया जाता है। डब्ल्यूबी स्रोत की ओर आने वाली हवा की गति को कम करता है और इसलिए यह स्रोत के ऊपर धूल उठाने के लिए परिवेश की हवा की तीव्रता को कम करता है। वीजीएस एक फिल्टर की तरह कार्य करता है और हवा के साथ-साथ नीचे की दिशा में रिसेप्टर्स की ओर हवा के साथ चलने वाली अवशिष्ट धूल की मात्रा को कम करता है। इसलिए हवा के साथ-साथ नीचे की दिशा में स्थित विभिन्न रिसेप्टर्स पर परिवेश की हवा में धूल के जमाव में कमी आती है। यह प्रणाली नीचे के चित्र में दिखाई गई है।

प्रधानमंत्री ने स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की

दिल्ली (JJS) :- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जीवन हमेशा देशभक्ति, आध्यात्मिकता और कड़ी मेहनत की प्रेरणा देता है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया: "स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर सादर नमन। उनका जीवन राष्ट्रभक्ति, आध्यात्मिकता और कर्मठता के लिए सदैव प्रेरित करता है। उनके महान विचार और आदर्श देशवासियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे।"

लायंस क्लब जालंधर ने लोहड़ी का त्यौहार बड़ी धूम-धाम से मनाया

जालंधर (अरोड़ा) :-लायंस क्लब जालंधर ने प्रधान सुरेंद्र कौर चौधरी व पास्ट गवर्नर जे.बी. सिंह चौधरी की अगुवाई में लाजपत नगर स्थित लायंस भवन में लोहड़ी का फंक्शन बड़ी धूम-धाम से मनाया। मुख्य मेहमान लांंयन मितुल चोपड़ा थे , उन्होंने कहा कि लायंस क्लब संस्था समाज सेवा के लिए एक बहुत ही अच्छा प्लेटफार्म है।

लायंस क्लब जालंधर बहुत ही अच्छे-अच्छे  प्रोजेक्ट कर रहा है और भी समाज सेवा का कोई प्रोजेक्ट करने में कोई दिक्कत आएगी तो हम लायंस क्लब के साथ खड़े हैं। मितुल चोपड़ा ने सभी लायंस सदस्यों को लोहड़ी की मुबारकबाद दी।

जे.बी. सिंह चौधरी ने मुख्य मेहमान व सभी आऐ हूए सदस्यों का स्वागत किया। चौधरी साहब ने सभी सदस्यों  के साथ मिलकर "सुन्दर मुन्दरीऐ, तेरा कोण वेचारा, दुल्ला भट्टी वाला" लोकगीत गा कर बड़ी धूम-धाम से लोहड़ी का त्यौहार मनाया। पंजाबी गायक सुखविंदर गरेवाल सुखी ने पंजाबी सभ्याचार के गीत गा कर समा बांधा, सभी लायन सदस्य परिवार सहित झूम कर नाचे।

फंक्शन बड़े हर्षोल्लास से संपन्न हुआ। इस मौके पर  सचिव अश्विनी मल्होत्रा, कोषाध्यक्ष ,अरुण विशिष्ट, कुलजीत सिंह, मीडिया इंचार्ज जगन नाथ सैनी,साहिल अरोड़ा, पूर्व प्रधान जीडी कुंद्रा,  हरभजन सिंह सैनी रीजन चेयरपर्सन जेपीएस सिद्धू , अश्वनी सहगल राजेंद्र पाल सिंह बहल ,नरेंद्र भसीन , सीनियर उप प्रधान मनीष चोपड़ा,सुधीर कपूर, विनोद कुमार कौल, ए के बहल, मोहित सलूजा,गुलशन अरोड़ा, खुशपाल सिंह, सेवा सिंह, दया कृष्ण छावड़ा, मनोहर लाल गुप्ता, डॉ अमरजीत सैनी, जनक राज, दिनेश अरोड़ा, एन के कांसरा, लकी शर्मा, इंद्रजीत बंसल ,एस पी एस विर्क ,अशोक शर्मा,परमजीत सिंह कंडा,राज कुमार, गुरदीप सिंह, सन्नी सैनी और सभी सदस्य परिवार सहित उपस्थित हुए।

सहयोग वेलफेयर सोसाइटी द्वारा निशुल्क बांटे गए कंबल

जालंधर (तरुण) - सहयोग वेलफेयर सोसाइटी द्वारा जालंधर शहर के विभिन्न हिस्सों जैसे बस स्टैंड, रामा मंडी फ्लाईओवर के पास‌ , शास्त्री मार्केट के पास जरूरतमंद लोगों को निशुल्क कंबल बांटे गए। सोसायटी के चेयरमैन नवजोत मक्कड़ ने बताया कि सोसायटी द्वारा पहले भी कंबल वितरण, राशन वितरण, स्टेशनरी का सामान को बांटना आदि लोक भलाई के काम किए गए हैं। इस बार भी सर्दी के मौसम को देखते हुए कंबल बांटे गए ताकि जरूरतमंद लोगों को कड़ाके की सर्दी से बचाया जा सके। प्रधान प्रवीण कुमार ने कहा कि कहा कि अगर किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को कंबल इत्यादि या किसी सामान की जरूरत हो तो वह हमसे संपर्क कर सकता है। इस अवसर पर साहिल अरोड़ा मोहित कुमार तरुण आदि मेंबर मौजूद थे।

कोविड-19 अपडेट

दिल्ली (JJS) :- राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण के तहत अब तक कुल 220.14   करोड़(95.14 करोड़ दूसरी डोज और 22.43 करोड़ प्रीकॉशन डोज) टीके लगाए जा चुके हैं

बीते चौबीस घंटों में 56,829 टीके लगाए गए

भारत में सक्रिय मरीजों की संख्या 2,319 है

सक्रिय मामलों की दर 0.01 प्रतिशत है

स्वस्थ होने की वर्तमान दर 98.8 प्रतिशत है

बीते चौबीस घंटों में 172 लोग स्वस्थ हुए,अब तक स्वस्थ हुए कुल लोगों की संख्या 4,41,47,174 है

पिछले 24 घंटों में 121 नए मामले सामने आए

दैनिक सक्रिय मामलों की दर 0.07 प्रतिशत है

साप्ताहिक सक्रिय मामलों की दर 0.11 प्रतिशत है

अब तक 91.23 करोड़ जांच की जा चुकी हैं,बीते चौबीस घंटों में 1,69,568

जांच की गई

कोयला ब्लॉकों की वाणिज्यिक नीलामी के लिए निविदाएं 13 जनवरी, 2023 तक जमा की जा सकती हैं

दिल्ली (JJS) :- कोयला मंत्रालय ने 03 नवंबर, 2022 को 141 कोयला खदानों के लिए वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी की 6वीं ट्रेंच और 5वीं ट्रेंच के लिए दूसरा प्रयास शुरू किया। मौजूदा ट्रेंच के तहत कोयला खदानों को निवेशक समुदाय की विभिन्न मांगों को देखते हुए चुना गया है। उद्योग के फीडबैक के आधार पर कुछ कोयला खदानों का आकार बदला गया है, ताकि उनका आकर्षण बढ़ाया जा सके। समय-सीमा के अनुसार, निविदादाता 13 जनवरी, 2023 को दोपहर 12:00 बजे तक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन और उसी दिन अपराहन 16:00 बजे तक भौतिक रूप से अपनी निविदा जमा कर सकते हैं। ये निविदाएं सोमवार, 16 जनवरी, 2023 को निविदादाताओं के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सुबह 10:00 बजे खोली जाएंगी।

कोयला खदानों में जाने-माने खनन डेवलपर्स सह ऑपरेटरों को नियुक्त करने के प्रयास जारी

कोल इंडिया लिमिटेड ने ऐसी नौ ग्रीनफील्ड परियोजनाओं के लिए स्वीकृति पत्र जारी किया

169 मिलियन टन क्षमता की कुल पंद्रह परियोजनाओं का प्रस्ताव

दिल्ली (JJS) :- कोयला मंत्रालय खुली वैश्विक निविदा के माध्यम से जाने-माने खनन डेवलपर्स सह ऑपरेटरों को नियुक्त करना, घरेलू कोयले के उत्पादन को बढ़ाना तथा आयात पर निर्भरता को कम करना चाहता है। संविदा नियुक्ति की अवधि 25 वर्ष या खदान का जीवन, जो भी कम हो, के लिए है। सार्वजनिक स्वामित्व की कोयला खनन कंपनी एमडीओ के माध्यम से कार्यान्वयन के लिए कुल 15 ग्रीनफील्ड परियोजनाओं पर नजर रख  रही है। इसमें लगभग 20,600 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जो मुख्य रूप से भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुर्नस्थापन से जुड़े है और कुछ मामलों में रेलवे साइडिंग पर है। 169 मिलियन टन (एमटी) की कुल रेटेड क्षमता वाली ग्यारह ओपनकास्ट और चार भूमिगत खदानें हैं। ओपनकास्ट परियोजनाओं की क्षमता 165 मीट्रिक टन है, भूमिगत परियोजनाएं शेष को जोड़ती हैं। एमडीओ स्वीकृत खनन योजना के अनुसार कोयला कंपनियों को कोयले की खुदाई और वितरण करेंगे। एमडीओ पारस्परिक रूप से लाभकारी प्रौद्योगिकी निवेश, आर्थिक रूप से व्यावहारिक संचालन और उत्पादन में वृद्धि को एक साथ लाएंगे। उन्हें दिए गए अनुबंध दीर्घकालिक आधार पर हैं, इसलिए खदान परियोजनाओं में संबंधित बुनियादी ढांचे को भी निजी कंपनियों द्वारा विकसित किया जाएगा। वे अनुंसंधान और विकास,  भूमि अधिग्रहण, हरित मंजूरी तथा राज्य और केंद्रीय प्रदूषण बोर्डों के साथ समन्वय की सुविधा देंगे। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने खदान डेवलपर्स कम ऑपरेटर मोड के माध्यम से नौ कोयला परियोजनाओं के लिए स्वीकृति पत्र जारी किए हैं। संचयी रूप से, इन परियोजनाओं की उत्पादन क्षमता प्रतिवर्ष लगभग 127 मिलियन टन है। शेष छह परियोजनाएं निविदा के विभिन्न चरणों में हैं।

नॉर्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड ओवरबर्डन से एम-सैंड का उत्पादन करेगी

सतत खनन और अपशिष्ट से धन सृजन पर फोकस

दिल्ली (JJS) :- कोयला उत्पादक मिनिरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) अपनी अमलोहरी परियोजना में सिविल निर्माण कार्यों में उपयोग की जाने वाली मुख्य सामग्री 'एम-सैंड' का उत्पादन प्रारंभ करने के लिए तैयार है। यह पहल प्राकृतिक संसाधनों के अधिकतम उपयोग तथा खनन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए कोयला मंत्रालय के परामर्श के अंतर्गत सतत व्यवहारों को बढ़ावा देने पर आधारित है। पारिस्थितिकीय संतुलन पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापार विविधीकरण के लिए कंपनी ने कच्चे माल के रूप में अपने ओवर बर्डन (ओबी) का उपयोग करके एक रेत मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित किया है। कंपनी की यह पर्यावरण-समर्थक पहल नदी के तल के कटाव का संरक्षण करने तथा जलीय पारिस्थितिकीय तंत्र के संरक्षण में सहायता करेगी। हाल ही में एनसीएल ने संचालन (सीटीओ) के लिए सहमति प्राप्त की है जो एम-सैंड के वाणिज्यिक उत्पादन और नीलामी का मार्ग प्रशस्त करती है। नीलामी अगले महीने प्रारंभ होने की संभावना है। नीचे कोयला निकालने के लिए 410 मिलियन क्यूबिक मीटर ओवर बर्डन (ओबी) को हटाने की आवश्यकता है। कोयला सीम (परत) के ऊपर की सामग्री को ओवर बर्डन (ओबी) कहा जाता है। यह विशाल मात्रा निकाले जाने वाले कोयले की मात्रा का लगभग 4 गुना है। एनसीएल अपनी 10 खुली खदानों से प्रतिवर्ष 122 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करती है। भारी मात्रा में ओवर बर्डन (ओबी) बड़ी जगह घेरती है और यह अपशिष्ट पदार्थ है। यह अभूतपूर्व पहल कंपनी, सरकार और स्थानीय हितधारकों के लिए लाभकारी है। एनसीएल प्रतिवर्ष लगभग तीन लाख क्यूबिक मीटर एम-सैंड का उत्पादन करेगी और प्रतिदिन 1000 क्यूबिक मीटर रेत बनाने के लिए प्रतिदिन 1429 क्यूबिक मीटर ओवर बर्डन का उपयोग करेगी। उत्पादित 'एम-सैंड' की ई-नीलामी बाजार में वर्तमान में उपलब्ध रेत की तुलना में बहुत सस्ते आधार मूल्य और बेहतर या समान गुणवत्ता पर की जाएगी। इस संयंत्र के सफल रूप से प्रारंभ होने के बाद, कंपनी विभिन्न उत्पादन परियोजनाओं में एम-सैंड बनाने वाली इकाइयों के लिए इस तरह के और अधिक नवाचारी ओवर बर्डन स्थापित करने पर भी विचार कर रही है। एनसीएल की ऊपरी मिट्टी में सिलिका की अच्छी संरचना होने की पृष्ठभूमि में, सौर पैनल, ग्लास, जीआरपी पाइप तथा अन्य सामग्री बनाने की संभावना का भी पता लगा रही है। एनसीएल कोल इंडिया लिमिटेड की प्रमुख सहायक कंपनियों में से एक है, जो अपनी 10 अत्यधिक मशीनीकृत खदानों और बिजली क्षेत्र की आवश्यकता को पूरा करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जानी जाती है। कंपनी क्रमशः मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों के सिंगरौली और सोनभद्र जिलों में स्थित है और इसे चालू वित्त वर्ष 2022-23 में 122 मिलियन टन कोयला उत्पादन और डिस्पैच लक्ष्य का काम सौंपा गया है।

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