(Date : 25/April/2424)

(Date : 25/April/2424)

मेरी मां ने भी प्रियंका गांधी की मां की तरह अपने मंगलसूत्र की कुर्बानी दी: विधायक विक्रमजीत सिंह चौधरी | सेंट सोल्जर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विद्यार्थियों ने जे.ई.ई मेन परीक्षा में अपने ग्रुप का नाम रोशन किया | के.एम.वी. में वैल्यू एडेड सोशल आउटरीच प्रोग्राम | इनोसेंट हार्ट्स के छात्रों का जे.ई.ई मेन्स-2024 में उत्कृष्ट प्रदर्शन | एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्टस जालंधर के विद्यार्थियों ने निःशुल्क सौंदर्य और त्वचा देखभाल समाधान सीखे |

शिक्षा

के.एम.वी. में दो दिवसीय लिटरेरी फेस्ट लिटमेनिया-24 सफलतापूर्वक आयोजित

विभिन्न गतिविधियों में छात्राओं ने अपनी प्रतिभा को बेहद खूबसूरती से किया प्रदर्शित

जालंधर (मोहित अरोड़ा) :- भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महा विद्यालय, जालंधर के पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ़ इंग्लिश के द्वारा दो दिवसीय लिटरेरी फेस्ट लिटमेनिया-24 (एन ओड टू ऑडेसी) का सफल आयोजन करवाया गया. अंग्रेज़ी साहित्य की विभिन्न अवधारणाओं से अवगत करवाते इस प्रोग्राम में विद्यालय प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. ज्योति प्रज्वलन के साथ आरंभ हुए इस प्रोग्राम के दौरान अपने संबोधन में प्राचार्या जी ने मानवीय जीवन में साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका से सभी को अवगत करवाया.

उन्होंने कहा कि साहित्य मनुष्य को अधिक संवेदनशील, संजीदा, एवं सहानुभूतिपूर्ण बनाने के साथ-साथ जीवन के प्रति चिंतन एवं सकारात्मक दृष्टिकोण को पैदा करते हुए बेहतर इंसान एवं कुशल समाज के सृजन में अपनी विशेष भूमिका निभाता है. इसके साथ ही उन्होंने सभी युवा विद्यार्थियों को साहित्य की खूबसूरती एवं संवेदनशीलता को समझने की अपील करते हुए इसे किसी भी संस्कृति का दर्पण बताया.

उल्लेखनीय है कि इस प्रोग्राम के अंतर्गत लिटरेरी फैंसी ड्रेस, कविता उच्चारण, पेपर रीडिंग, कैलीग्राफी, शॉर्ट स्टोरी राइटिंग, निबंध लेखन एवं कविता लेखन जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया गया जिनमें विद्यालय के विभिन्न विभागों की छात्राओं ने पूरे जोश एवं उत्साह के साथ बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इसके साथ ही छात्राओं के द्वारा अंग्रेज़ी साहित्य के विभिन्न किरदारों के साथ तैयार की गई लिटरेरी लेन एवं मंच पर रोमियो जूलियट, डॉ. फाउसटस, लुसिफर, लेडी मैकबेथ आदि को जीवंत रूप से प्रस्तुत करने की कला को सभी के द्वारा बेहद सराहा गया. मैडम प्रिंसिपल ने छात्राओं के द्वारा शानदार प्रस्तुति पर उन्हें मुबारकबाद देते हुए इस सफल आयोजन के लिए डॉ. मधुमीत, अध्यक्ष, अंग्रेज़ी विभाग तथा डीन, स्टूडेंट वेलफेयर के साथ-साथ विभाग के समूह अध्यापकों के द्वारा किए गए प्रयत्नों की प्रशंसा की.

सीटी यूनिवर्सिटी एथलेटिक मीट 2024' की ओवरऑल ट्रॉफी की अपने नाम

बादल रजक व निलोली ने जीता सर्वश्रेष्ठ एथलीट का खिताब

जालंधर (अरोड़ा) :-  सीटी यूनिवर्सिटी में खेल विभाग द्वारा 7वीं वार्षिक एथलेटिक मीट का आयोजन किया गया। दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन चांसलर चरणजीत सिंह चन्नी, वाइस चेयरमैन हरप्रीत सिंह और प्रो वाइस चांसलर डॉ. अभिषेक त्रिपाठी द्वारा किया गया। इस दौरान स्टूडेंट्स और फैकल्टी का जोश और उत्साह देखने लायक था। इस अवसर पर चांसलर चरणजीत सिंह चन्नी ने संबोधित करते हुए छात्रों को भारत और विश्व स्तर पर खेलों के ऐतिहासिक विकास के बारे में जानकारी दी। दिन की शुरुआत एक प्रभावशाली मार्च पास्ट के साथ हुई, जहां छात्रों ने निष्पक्ष खेल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई और अद्वितीय उत्साह दिखाया।

विभिन्न स्कूलों के प्रतिभागियों ने 100 मीटर दौड़, 200 मीटर दौड़, 400 मीटर दौड़, 800 मीटर दौड़, 1500 मीटर दौड़, 3000 मीटर दौड़, 3000 मीटर दौड़, 5000 मीटर दौड़, लॉन्ग जम्प , रिले रेस, शॉट पुट, रस्साकशी, डिस्कस थ्रो आदि में भाग लिया। समापन समारोह में प्रो चांसलर डाॅ. मनबीर सिंह ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की और विजेताओं को पुरस्कार दिए। उन्होंने छात्रों को फिटनेस को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित किया और जीवन और विकास पर खेलों के सकारात्मक प्रभाव के बारे में बताया। स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज ने सीटी यूनिवर्सिटी 'एथलेटिक मीट 2024' की समग्र ट्रॉफी जीती, जबकि स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी उपविजेता रहा। अनुशासन और सटीकता के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को 'सर्वश्रेष्ठ मार्च पास्ट' पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

छात्रों में, बादल रजक ने सर्वश्रेष्ठ एथलीट - पुरुष और निलोली ने सर्वश्रेष्ठ एथलीट - महिला का प्रतिष्ठित खिताब हासिल किया। सीटी यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर डाॅ. अभिषेक त्रिपाठी और स्पोर्ट्स हैड गुरदीप सिंह ने विजेताओं और प्रतिभागियों को बधाई दी। डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि वार्षिक एथलेटिक मीट छात्रों की अटूट खेल भावना और उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रमाण है और उन्होंने विजेताओं और प्रतिभागियों को उनके उत्कृष्ट प्रयासों के लिए बधाई दी। इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. विपुल यादव, डीन एकेडमिकस डाॅ. सिमरन, निदेशक, छात्र कल्याण विभाग दविंदर सिंह; स्कूलों के मुखी एवं उत्साही विद्यार्थी उपस्थित थे।

एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर के विद्यार्थियों ने IIM बैंगलोर में नैशनल बिजनेस प्लान में 106 में से पहली 8 टीमों में बनाया अपना स्थान

जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर के विद्यार्थी प्रत्येक क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए कॉलेज का नाम रोशन करते रहे हैं। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम विद्यार्थियों को प्रत्येक वह अवसर प्रदान करते हैं जिनसे न केवल उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास हो बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़े और प्रतियोगिता के इस दौर में वे जिस तरफ भी जाएं अपना विशेष स्थान बना सके। पीजी डिपार्टमेंट ऑफ़ कॉमर्स से BBA 4th समैस्टर की अर्चा,स्तुति खरबंदा, तनीषा, गगनदीप सिंह एवं बीवाॅक एंड डिजिटल मार्केटिंग 4th समैस्टर से सुशोभन एवं करणवीर सिंह ने IIM बैंगलोर कैंपस में Makeintern and Unmaad द्वारा आयोजित में 11वें नैशनल बिजनेस प्लान में प्रतिभागिता की। इस नैशनल बिजनेस प्लान प्रतियोगिता में नैशनल स्तर पर 106 प्रविष्टियां आई थी जिसमें हमारे कॉलेज के विद्यार्थियों ने ने टेक्नोलॉजी एवं साइंस बैकग्राउंड विद्यार्थियों के साथ मुकाबला करते हुए पहला राउंड क्लीयर करते हुए पहली 8 टीमों में अपना स्थान बनाया।इस नैशनल बिजनेस प्लान में हमारे कॉलेज के विद्यार्थियों ने 'HATHकारी' बिजनेस प्लान के माध्यम से भारत की समृद्ध विरासत का प्रदर्शन करते हुए यह सिद्ध किया कि एथेनिक वेयर में अगर हम भारतीय कलारूपों तंजोर (Tanjore), डोकरा (Dhokra), वर्ली (Warli),गौंद (Gond) से सुसज्जित गारमेंट्स चाहे वह टीशर्ट ,शर्ट,सूट या फिर स्टालज़ ही क्यों न हो निर्माण करेंगे तो एक तरफ वह भारतीय युवाओं के लिए इन कला रूपों में रोजगार का साधन बनेंगे और दूसरी तरफ सृजनात्मक का आधार उन गारमेंट्स को एक नई ही लुक प्रदान करेगा। उनके बिजनेस प्लान की वहां उपस्थित निर्णायक मंडल ने जी भर के तारीफ की और इस क्षेत्र में उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा भी दी। डॉ ढींगरा ने इस बिजनेस प्लान में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करने के लिए मैडम गरिमा अरोड़ा एवं श्री अमनदीप ठाकुर के प्रयासों की भरपूर सराहना की और कहा कि वे इसी तरह विद्यार्थियों को नए आइडियाज़ पर काम करते रहने के लिए प्रेरित करते रहे।

डीएवी कॉलेज जालन्धर में वित्तपोषित व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया

जालंधर (अरोड़ा) :- डीएवी कॉलेज, जालन्धर के स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग ने 21 व 22 फरवरी, 2024 को भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इस व्याख्यानमाला में दो दिनों में चार आवधिक व्याख्यानों का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार, विभागाध्यक्ष प्रो. संदीपना शर्मा, कार्यक्रम संयोजक डॉ. विनोद कुमार व अन्य संकाय सदस्यों ने मुख्य वक्ताओं का स्वागत किया। विभागाध्यक्ष प्रो. संदीपना शर्मा ने कार्यक्रम का परिचय दिया।

प्रथम दिन : उद्घाटन सत्र में प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस व्याख्यानमाला से विद्यार्थियों को दार्शनिक विचारधारा को जानने का अवसर मिलेगा। इस अवसर पर डॉ. लल्लन सिंह बघेल, सहायक आचार्य, दर्शनशास्त्र विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ तथा प्रो. (डॉ.) राजेन्द्र कुमार, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा ने बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित होकर 'समकालीन विचारकों का दार्शनिक योगदान' विषय पर व्याख्यान दिया। डॉ. बघेल ने 19वीं सदी के विचारकों के दार्शनिक योगदान पर चर्चा करते हुए स्वामी दयानंद, स्वामी विवेकानन्द, ज्योतिबा फूले, रवीन्द्रनाथ टैगोर आदि के दार्शनिक चिंतन को रेखांकित किया। डॉ. राजेन्द्र कुमार ने 20वीं सदी के विचारकों के दार्शनिक चिंतन का उल्लेख करते हुए पाश्चात्य तथा भारतीय दार्शनिक परंपरा को सामने रखा।

द्वितीय दिन : प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने स्वागत भाषण में कहा कि पर्यावरण चिन्तन आज वैश्विक मुद्दा बना हुआ है। इस चिन्तन को मानव दर्शन से जोड़ कर देखा जाए तो मानव सभ्यता का विकास किसी न किसी नदी के किनारे हुआ है। प्रकृति मानव की सहचरी रही है। हमारी सभ्यता और संस्कृति में नदी, जल, वृक्ष, सूर्य, पशु पक्षी आदि प्राकृतिक स्रोतों का पूजन इसका प्रमाण है। इस अवसर पर डॉ. कशमीरी लाल, सहायक आचार्य, डीएवी कॉलेज, सेक्टर-10, चंडीगढ़ ने 'मानव का दर्शन व पर्यावरण' विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने पहले सत्र में 'मानव सभ्यता का विकास और पर्यावरण' तथा दूसरे सत्र में 'धर्म, संस्कृति और पर्यावरण' विषय पर विस्तार से चर्चा की। अंत में मुख्य वक्ताओं को स्मृति चिह्न प्रदान करके सम्मानित किया गया। डॉ. कुलविंदर सिंह (दर्शनशास्त्र विभाग) ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ. बलवेन्द्र सिंह, डॉ. रिचा नांगला, पंजाबी विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक खुराना, संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. ऋतु तलवाड़, डीन प्लेसमेंट डॉ. मानव अग्रवाल, डीन ईएमए डॉ. राजन शर्मा, प्रो. मनजीत सिंह, प्रो. सुरुचि, प्रो. विवेक शर्मा, डॉ. गुरजीत कौर, प्रो. गुरजीत सिंह, लाइब्रेरियन प्रो. श्वेता, प्रो. अरुणा, डॉ. ममता डोगरा (दर्शनशास्त्र विभाग, सेंट सोल्जर कॉलेज, जालन्धर) अन्य संकाय सदस्य तथा छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर वूमेन, जालंधर का परिणाम उत्कृष्ट रहा

जालंधर (तरुण) :- पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर वूमेन, जालंधर का बी.वॉक इन ब्यूटी कल्चर एंड कॉस्मेटोलॉजी, सेमेस्टर तृतीय का गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) का परिणाम अत्यंत उत्कृष्ट रहा। कुमारी सिमरनजीत 400 में से 368 (92%) अंक प्राप्त करके विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान पर रहीं। आशु ने 360 (90%) अंक प्राप्त करके विश्वविद्यालय में छठा स्थान हासिल किया। प्रिया ने 342 (85.5%) अंक प्राप्त करके कॉलेज में तृतीय स्थान पर जगह बनाई। अध्यक्ष नरेश बुधिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद दादा, प्रबंध समिति के अन्य सदस्यों और प्रिंसिपल प्रोफेसर (डॉ.) पूजा पराशर ने छात्रों को उनके अद्वितीय समर्पण और कड़ी मेहनत से शीर्ष पर पहुंचने के लिए हार्दिक बधाई दी। उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियाँ संस्थान की उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं और अपने साथियों के लिए प्रेरणा के रूप में काम करती हैं।

सेंट सोल्जर इंस्टिट्यूट ओफ़ होटल मैनज्मेंट में हिमाचली धाम का आयोजन

जालंधर (अजय छाबड़ा) :- सेंट सोल्जर इंस्टिट्यूट ओफ़ होटल मैनज्मेंट में हिमाचली धाम का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्य अतिथि ग्रुप चेयरपर्सन संगीता चोपड़ा थे, उनका स्वागत , समूह  कॉलेज एम. डी. तथा  कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. संदीप लोहानी एवं अन्य स्टाफ मेंबर्स ने किया उन्होंने बताया की भारत के हर राज्य का अपना एक पारंपरिक स्वाद है। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश जो की पंजाब की सीमा से सटा हुआ है के खाने का भी स्वाद जादुई है। हिमाचल प्रदेश के पारंपरिक भोजन को हिमाचली धाम कहा जाता है। हिमाचल के हर राज्य का अपना एक पारम्परिक भोजन है इसीलिए हिमाचल में कई तरह की धाम का आयोजन किया जाता है जिसमें कांगड़ी धाम, मंडी की धाम, चम्बा की धाम, बिलासपुर की धाम बहुत प्रासिध हैं ।

आज पारम्परिक भोजन को पदोन्नति करते हुए सेंट सोल्जर होटल मैनेजमेंट  में बिलासपुरी धाम का आयोजन किया गया जिसमें बिलासपुर राज्य के मुख्य पकवान तेलिया दाल, आलू राजमा का मदरा, सेपु बड़ी, खट्टा, पलदा, चना दाल, माह की दाल और क़दू का मीठा बनाया गया। संस्थान की एच. ओ. डी  और ऐक्टिविटी कोर्डिनेटर कीर्ति शर्मा ने आए हुए अतिथियों को धाम की शुरुआत कब और कैसे हुई और हिमाचली धाम के विभिन्न व्यंजनों के बारे में बताया। इस धाम का आयोजन शेफ अखिल ठाकुर और शेफ़ सोरब शर्मा के नेतृत्व में किया गया और लेक्चरार विकास शर्मा के नेतृत्व में अतिथियों को पारम्परिक तरीक़े से परोसा गया। संस्थान के प्रधानाचार्य डा. संदीप लोहानी ने धाम की तैयारी और इसे कैसे बांटा जाता है, सब को बताते हुए कहा कि कैसे इस भोजन  के माध्यम से समाज को जोड़ के रखा जा सकता है।

इस धाम को परंपरागत तरीक़े से टोर से बने हुए पत्तों में बांटा गया जिससे की इसका स्वाद और भी बढ़िया बना रहे। आए हुए अतिथियों ने धाम का आनंद लिया और साथ ही साथ इस पारम्परिक भोजन के स्वाद की खूब प्रशंसा भी की।  इस अवसर पर मुख्य रूप से मनीष गुप्ता, शुभम, रमन, गगन, रवि, विनय आदि मौजूद रहे।  ग्रुप के चेयरपर्सन संगीता चोपड़ा ने इंस्टिट्यूट के इस प्रयास की सराहना की और सलाह दी की ऐसे ही भविष्य में भी भारत के अलग-अलग राज्यों के  पारम्परिक भोजन से इस मॉडर्न समाज को अवगत करवाया जाए ताकि वो अपनी संस्कृति से जुड़े रहे।

बी.बी.के डी.ए.वी काॅलेज फाॅर विमेन में पूर्व यू.एस. एम्बेसडर तरनजीत सिंह सन्धु के साथ इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन

अमृतसर (प्रतीक) :- बी.बी.के डी.ए.वी काॅलेज फाॅर विमेन, अमृतसर के एन एस एस युनिट द्वारा पूर्व यू.एस. एम्बेसडर तरनजीत सिंह सन्धु के साथ इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया गया। भारतीय विदेश सेवा में एम्बेसडर संधु का करियर अत्यंत शानदार रहा है। यू.एस मामलों में आप भारतीय राजदूतों में सबसे अधिक अनुभवी राजदूत रहे हैं तथा भारतीय मिशन के अन्तर्गत वाश्ंिागटन डी सी में आप दो बार कार्यरत रहे हैं। अपने स्वागत सम्बोधन में प्रिंसिपल डाॅ. पुष्पिंदर वालिया ने कहा कि एम्बेसडर तरनजीत सिंह सन्धु ने पूरे विश्व में अमृतसर शहर और देश को सम्मान दिलवाया है। उन्होंने कहा कि सन्धु के व्यापक अनुभवों से व्यवाहारिक शिक्षा लेना हमारा सौभाग्य है। नारी सशक्तिकरण का एकमात्र साधन केवल शिक्षा ही है, जो समाज में उसे सम्मानजनक स्थान दिलाने में सहायक है। 

एम्बेसडर सन्धु ने युनाइटड स्टेटस में दो अलग प्रशासक डोनाल्ड ट्रम्प एवं जो बायडन के साथ काम करते हुए छात्राओं के साथ अपने अनुभव सांझा किए। उन्होंने छात्राआंे को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम करना चाहिए क्योंकि आप सभी में असाधारण क्षमता है और आप समाज को श्रेष्ठ बनाने में अपना योगदान दे सकती हैं। उन्होंने बताया कि विश्व अनगिनत अवसरों से भरा पड़ा है, आवश्यकता है उन्हें ढूंढने एवं उनका सही उपयोग करने की। डाॅ. प्रियंका बस्सी ने मंच संचालक किया और अंत में डाॅ. सिमरदीप, डीन अकादमिक ने सभी का आभार ज्ञापित किया। इस सत्र में 100 के लगभग छात्राओं और अन्य फैकल्टी मैंबर्स ने भाग लिया।

लायलपुर खालसा कॉलेज फॉर वुमेन, जालंधर में सड़क सुरक्षा पर व्याख्यान का आयोजन किया गया

जालंधर (अरोड़ा) :- एन.एस.एस. विभाग, लायलपुर खालसा कॉलेज फॉर वुमेन, जालंधर ने पंजाब राज्य सड़क सुरक्षा परिषद के दिशानिर्देशों के तहत 'पहल' एन.जी.ओ. के सहयोग से 'सड़क सुरक्षा' पर एक व्याख्यान का आयोजन किया। इस आयोजन के प्रवक्ता बिपन सुमन, आर जे, ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन थे। उन्होंने यातायात नियमों, यातायात प्रतीकों तथा सड़क दुर्घटनाओं के वर्तमान आंकड़ों के संबंध में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने विभिन्न प्रकार के चालानों, आत्म-सुरक्षा के महत्व , दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट और अन्य सुरक्षा गियर पहनना, वाहनों के नियमित रखरखाव का महत्व आदि पर भी बात की। मैडम प्रिंसिपल डॉ. नवजोत ने व्याख्यान के सफल आयोजन के लिए एन.एस.एस. अधिकारी आत्मा सिंह और सरबजीत कौर की सराहना की और ज्ञानवर्धक वक्ता को धन्यवाद दिया।

दोआबा कालेज में नैशनल साईंस डे मनाया गया

जालंधर (अरोड़ा) :- दोआबा कालेज की फैक्लटी ऑफ साईंसिस द्वारा नैशनल साईंस डे मनाया गया जिसका इस वर्ष का थीम स्वदेशी तकनीकों के द्वारा विकसित भारत का निर्माण था। इसमें संस्कृत भारतीय एनजीओ के श्री सरवेश चड्डा बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित हुए जिनका हार्दिक अभिनंनद प्रि. डॉ. प्रदीप भण्डारी, प्रो. के.के. यादव, डॉ. अर्शदीप सिंह, प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने किया। उपस्तिथि का स्वागत करते हुए प्रि. डॉ. प्रदीप भण्डारी ने कहा कि उपरोक्त थीम के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा वर्तमान समय में देश में इनोवेशन और ऐंट्रप्रोनोरशिप पर विशेष बल दिया जा रहा है जिसका नतीजा है कि नई तकनीक और नई तरह के बिजनेस प्रफुल्लित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूजीसी के द्वारा इण्डियन नॉलेज सिस्टम को पुर्नजीवत करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज कॉलेज में भारतीय संस्कृति जो विज्ञान पर आधारित है पर मंथन करने के लिए इस व्याखान का आयोजन किया गया है। सरवेश चड्डा ने कहा कि प्राचीन काल में मानव समय व महीनों का अंदाज़ा सूर्य की परछाई एवं चाँद के बदलते रंग का मूल्यांकन करके ही किया करता था जो साबित करता है कि उस काल में भी विज्ञान के सिद्धांत काफी प्रचलित थे। उन्होंने कहा कि प्राचीन समय में भारत में विज्ञान अपनी चर्म सीमा पर था परन्तु आम जन मानस और विज्ञान को जोड़ने वाले संस्कृत भाषा के सेतु को तोड़ दिया गया जिससे वर्तमान समय में हम उस विज्ञान से वंछित रह गये हैं। उस काल में महीनों के नामकर्ण की प्रणाली भी भारतीय विज्ञान की पद्दति से ही उपजी थी तथा धरती के सूरज के इर्द-गिर्द परिक्रमा करने की प्रक्रिया के गहण अध्ययन करने के उपरांत ही राशियों के बारे में बताया जाता था। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों ने प्रश्नोत्तरकाल में वक्ताओं से स्वाल पूछ कर अपनी जिज्ञासा को शाँत किया। प्रि. डॉ. प्रदीप भण्डारी, प्रो. के.के. यादव, डॉ. अर्शदीप सिंह ने भगवति प्रसाद व सरवेश चड्डा को मोमैंटो देकर सम्मानित किया। डॉ. राकेश कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया।

पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर वूमेन, जालंधर की छात्राओं का यूनिवर्सिटी परिणाम में उल्लेखनीय प्रदर्शन

जालंधर (तरुण) :- पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर वूमेन, जालंधर का एमएससी फैशन डिजाइनिंग सेमेस्टर तृतीय का जीएनडीयू का परिणाम अत्यंत उत्कृष्ट रहा। अंजलि ने 550 में से 524 (95.27%) अंक हासिल कर यूनिवर्सिटी में प्रथम स्थान हासिल किया। नेहा ने 515 (93.63%) अंक हासिल करके कॉलेज में दूसरा स्थान हासिल किया और ज्योत्सना ग्रोवर 513 (93.27%) अंक हासिल करके कॉलेज में तीसरे स्थान पर रहीं। ऐसे मेहनती छात्र दूसरों के लिए प्रेरणा के प्रतीक के रूप में खड़े होते हैं, जो साबित करते हैं कि दृढ़ संकल्प और निरंतरता के साथ, शैक्षणिक उत्कृष्टता प्राप्त की जा सकती है। अध्यक्ष नरेश बुधिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद दादा, प्रबंध समिति के अन्य उदार सदस्य और माननीय प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) पूजा पराशर ने इन छात्राओं को उनके अद्वितीय प्रदर्शन के लिए बधाई दी और उनकी शैक्षिक यात्रा में निरंतर सफलता की कामना की।

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