जालंधर (अरोड़ा) :- डीएवी कॉलेज, जालन्धर के स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग ने 21 व 22 फरवरी, 2024 को भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इस व्याख्यानमाला में दो दिनों में चार आवधिक व्याख्यानों का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार, विभागाध्यक्ष प्रो. संदीपना शर्मा, कार्यक्रम संयोजक डॉ. विनोद कुमार व अन्य संकाय सदस्यों ने मुख्य वक्ताओं का स्वागत किया। विभागाध्यक्ष प्रो. संदीपना शर्मा ने कार्यक्रम का परिचय दिया।
प्रथम दिन : उद्घाटन सत्र में प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस व्याख्यानमाला से विद्यार्थियों को दार्शनिक विचारधारा को जानने का अवसर मिलेगा। इस अवसर पर डॉ. लल्लन सिंह बघेल, सहायक आचार्य, दर्शनशास्त्र विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ तथा प्रो. (डॉ.) राजेन्द्र कुमार, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा ने बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित होकर 'समकालीन विचारकों का दार्शनिक योगदान' विषय पर व्याख्यान दिया। डॉ. बघेल ने 19वीं सदी के विचारकों के दार्शनिक योगदान पर चर्चा करते हुए स्वामी दयानंद, स्वामी विवेकानन्द, ज्योतिबा फूले, रवीन्द्रनाथ टैगोर आदि के दार्शनिक चिंतन को रेखांकित किया। डॉ. राजेन्द्र कुमार ने 20वीं सदी के विचारकों के दार्शनिक चिंतन का उल्लेख करते हुए पाश्चात्य तथा भारतीय दार्शनिक परंपरा को सामने रखा।
द्वितीय दिन : प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने स्वागत भाषण में कहा कि पर्यावरण चिन्तन आज वैश्विक मुद्दा बना हुआ है। इस चिन्तन को मानव दर्शन से जोड़ कर देखा जाए तो मानव सभ्यता का विकास किसी न किसी नदी के किनारे हुआ है। प्रकृति मानव की सहचरी रही है। हमारी सभ्यता और संस्कृति में नदी, जल, वृक्ष, सूर्य, पशु पक्षी आदि प्राकृतिक स्रोतों का पूजन इसका प्रमाण है। इस अवसर पर डॉ. कशमीरी लाल, सहायक आचार्य, डीएवी कॉलेज, सेक्टर-10, चंडीगढ़ ने 'मानव का दर्शन व पर्यावरण' विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने पहले सत्र में 'मानव सभ्यता का विकास और पर्यावरण' तथा दूसरे सत्र में 'धर्म, संस्कृति और पर्यावरण' विषय पर विस्तार से चर्चा की। अंत में मुख्य वक्ताओं को स्मृति चिह्न प्रदान करके सम्मानित किया गया। डॉ. कुलविंदर सिंह (दर्शनशास्त्र विभाग) ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ. बलवेन्द्र सिंह, डॉ. रिचा नांगला, पंजाबी विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक खुराना, संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. ऋतु तलवाड़, डीन प्लेसमेंट डॉ. मानव अग्रवाल, डीन ईएमए डॉ. राजन शर्मा, प्रो. मनजीत सिंह, प्रो. सुरुचि, प्रो. विवेक शर्मा, डॉ. गुरजीत कौर, प्रो. गुरजीत सिंह, लाइब्रेरियन प्रो. श्वेता, प्रो. अरुणा, डॉ. ममता डोगरा (दर्शनशास्त्र विभाग, सेंट सोल्जर कॉलेज, जालन्धर) अन्य संकाय सदस्य तथा छात्र छात्राएं उपस्थित थे।