(Date : 18/April/2424)

(Date : 18/April/2424)

बैसाखी मौके बाबा भटोआ साहिब जी दरबार गांव कालरा में सर्व हितकारी के लिए सुखमनी साहिब का पाठ एवं मोतियाबिंद जांच शिविर का आयोजन हुआ | रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने आज ओडिशा तट पर स्वदेशी तकनीक से निर्मित क्रूज मिसाइल की उड़ान का सफल परीक्षण किया | इरेडा का गिफ्ट सिटी कार्यालय हरित हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन परियोजनाओं को बढ़ावा देगा | ਵੋਟਰਾਂ ਨੂੰ ਕੀਤਾ ਡੋਰ ਟੂ ਡੋਰ ਵੋਟ ਦੇ ਸਦਉਪਯੋਗ ਪ੍ਰਤੀ ਕੀਤਾ ਜਾਗਰੂਕ | ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਮੋਗਾ ਵਿੱਚ ਐਤਕੀਂ ਐਨ ਆਰ ਆਈਜ਼ ਅਤੇ ਨਵੇਂ ਵੋਟਰ ਵਧਾਉਣਗੇ ਵੋਟ ਫ਼ੀਸਦ |

शिक्षा

प्रधानमंत्री ने रानी वेलु नचियार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की

दिल्ली (JJS) :- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रानी वेलु नचियार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है। एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा;"साहसी रानी वेलु नचियार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। वे अपने लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने में सबसे आगे थीं। उन्होंने उपनिवेशवाद का कड़ा विरोध किया और समाज के कल्याण के लिए भी काम किया। उनकी बहादुरी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।"

प्रधानमंत्री ने सावित्रीबाई फुले को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की

दिल्ली (JJS) :- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सावित्रीबाई फुले को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है। अपने एक ट्वीट में, प्रधानमंत्री ने कहा; “मैं प्रेरणादायी सावित्रीबाई फुले जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। वह हमारी नारी शक्ति की अदम्य भावना की प्रतीक हैं। उनका जीवन महिलाओं को शिक्षित करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए समर्पित था। उनके द्वारा सामाजिक सुधार और सामुदायिक सेवा पर दिया गया ध्यान भी समान रूप से प्रेरक है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी) में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

दिल्ली (JJS) :- आप सभी को 'इंडियन साइन्स काँग्रेस' के आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई। अगले 25 वर्षों में भारत जिस ऊंचाई पर होगा, उसमें भारत की वैज्ञानिक शक्ति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। साइंस में Passion के साथ जब देश की सेवा का संकल्प जुड़ जाता है, तो नतीजे भी अभूतपूर्व आते हैं। मुझे विश्वास है, भारत की साइंटिफिक कम्यूनिटी, भारत को 21वीं सदी में वो मुकाम हासिल कराएगी, जिसका वो हमेशा हकदार रहा है। मैं इस विश्वास की वजह भी आपको बताना चाहता हूं। आप भी जानते हैं कि Observation साइंस का मूल आधार है। Observation के जरिए आप साइंटिस्ट्स, patterns फॉलो करते हैं, फिर उन patterns को analyse करने के बाद किसी नतीजे पर पहुंचते हैं। इस दौरान एक साइंटिस्ट के लिए हर कदम पर डेटा जुटाना और उसे analyse करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। 21वीं सदी के आज के भारत में हमारे पास दो चीजें बहुतायत में हैं। पहली- डेटा और दूसरी- टेक्नोलॉजी। इन दोनों में भारत की साइंस को नई बुलंदियों पर पहुंचाने की ताकत है। Data Analysis की फील्ड, तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। ये Information को Insight में और Analysis को actionable Knowledge में बदलने में मदद करती है। चाहे Traditional Knowledge हो या Modern Technology, ये दोनों ही Scientific Discovery में मददगार होती हैं। और इसलिए, हमें अपने scientific process को और मजबूत बनाने के लिए अलग-अलग techniques के प्रति खोजी प्रवृत्ति को विकसित करना होगा।

साथियों,

आज का भारत जिस साईंटिफ़िक अप्रोच से आगे बढ़ रहा है, हम उसके नतीजे भी देख रहे हैं। साइंस के क्षेत्र में भारत तेजी से वर्ल्ड के Top Countries में शामिल हो रहा है। 2015 तक हम 130 देशों की ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें नंबर पर थे। लेकिन, 2022 में हम छलांग लगाकर 40वें नंबर पर पहुँच गए हैं। आज भारत, PhDs के मामले में दुनिया में टॉप-3 देशों में है। आज भारत स्टार्ट अप ecosystem के मामले में दुनिया के टॉप-3 देशों में है।

साथियों,

मुझे खुशी है कि, इस बार इंडियन साइन्स काँग्रेस की थीम भी एक ऐसा विषय है, जिसकी दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। विश्व का भविष्य sustainable development के साथ ही सुरक्षित है। आपने sustainable development के विषय को women empowerment के साथ जोड़ा है। मैं मानता हूँ कि, व्यावहारिक रूप से भी ये दोनों एक दूसरे से जुड़े हुये हैं। आज देश की सोच केवल ये नहीं है कि हम साइन्स के जरिए women empowerment करें। बल्कि, हम women की भागीदारी से साइन्स का भी empowerment करें, साइन्स और रिसर्च को नई गति दें, ये हमारा लक्ष्य है। अभी भारत को G-20 समूह की अध्यक्षता की ज़िम्मेदारी मिली है। G-20 के प्रमुख विषयों में भी women led development एक बड़ी प्राथमिकता का विषय है। बीते 8 वर्षों में भारत ने गवर्नेंस से लेकर सोसाइटी और इकॉनमी तक, इस दिशा में कई ऐसे असाधारण काम किए हैं, जिनकी आज चर्चा हो रही है। आज भारत में मुद्रा योजना के जरिए छोटे उद्योगों और व्यवसायों में भागीदारी हो या स्टार्टअप वर्ल्ड में लीडरशिप, महिलाएं हर जगह पर अपना दम दिखा रही हैं। बीते 8 वर्षों में Extramural research and development में महिलाओं की भागीदारी दोगुनी हुई है। महिलाओं की ये बढ़ती भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि समाज भी आगे बढ़ रहा है और देश में साइन्स भी आगे बढ़ रही है।

साथियों,

किसी भी वैज्ञानिक के लिए असल चुनौती यही होती है कि वो अपने knowledge को ऐसे applications में बदल दे, जिससे दुनिया की मदद हो सके। जब साइंटिस्ट अपने प्रयोगों से गुजरता है तो उसके मन में यही सवाल रहते हैं कि क्या इससे लोगों का जीवन बेहतर होगा? या उनकी खोज से विश्व की जरूरतें पूरी होंगी? साइंस के प्रयास, बड़ी उपलब्धियों में तभी बदल सकते हैं- जब वो lab से निकलकर land तक पहुंचे, जब उसका प्रभाव global से लेकर grassroot तक हो, जब उसका विस्तार journals से लेकर जमीन तक हो, जब उससे बदलाव research से होते हुए real life में दिखने लगे।

साथियों,

जब साइंस की बड़ी उपलब्धियां experiments से लेकर लोगों के experiences तक का सफर तय करती हैं, तो इससे एक अहम संदेश जाता है। ये बात युवाओं को बहुत प्रभावित करती है। वो सोचते हैं कि साइंस के जरिए वो पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए Institutional Framework की आवश्यकता होती है। ताकि उनकी आकांक्षाओं का विस्तार किया जा सके, उन्हें नए अवसर दिए जा सकें। मैं चाहूंगा कि यहां मौजूद वैज्ञानिक ऐसा Institutional Framework विकसित करें, जो युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करे और उन्हें आगे बढ़ने का मौका दे। उदाहरण के लिए, टैलेंट हंट और हैकेथॉन के आयोजनों के जरिए साइंटिफिक सोच रखने वाले बच्चों की तलाश की जा सकती है। इसके बाद उन बच्चों की समझ को एक proper roadmap के जरिए विकसित किया जा सकता है। इसमें सीनियर साइंटिस्ट उनकी मदद कर सकते हैं। आज हम देखते हैं कि स्पोर्ट्स में भारत नई ऊंचाइयों को छू रहा है। इसके पीछे दो महत्वपूर्ण वजह है। पहला, स्पोर्ट्स की प्रतिभाओं को विकसित करने के लिए देश में Institutional Framework को मजबूत बनाया गया। दूसरा, स्पोर्ट्स में गुरु-शिष्य परंपरा का अस्तित्व और प्रभाव। जहां नई प्रतिभाओं को पहचानकर उन्हें आगे बढ़ाया जाता है। जहां शिष्य की सफलता में गुरु अपनी कामयाबी देखते हैं। ये परंपरा साइंस के क्षेत्र में भी सफलता का मंत्र बन सकता है।

साथियों,

आज आपके सामने कुछ ऐसे विषय भी रखना चाहता हूं, जो भारत की साइंस की दिशा तय करने में मददगार होंगे। भारत की आवश्यकता की पूर्ति के लिए, भारत में साइंस का विकास, ये हमारे वैज्ञानिक समुदाय की मूल प्रेरणा होनी चाहिए। भारत में साइंस, भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाली होनी चाहिए। हमें ये भी ध्यान रखना है कि आज दुनिया की 17-18 प्रतिशत मानव आबादी भारत में रहती है। ऐसे साइंटिफिक वर्क्स, जिनसे भारत की जरूरतें पूरी होंगी, उनसे विश्व की 17-18 प्रतिशत मानवता को गति मिलेगी। और इसका प्रभाव संपूर्ण मानवता पर पड़ेगा। इसलिए, हम ऐसे विषयों पर काम करें, जो आज पूरी मानवता के लिए जरूरी है। उदाहरण के लिए, अगर हम एक विषय  लें लें- Energy. बढ़ते हुए भारत की Energy Needs लगातार बढ़ने ही वाली है। ऐसे में भारत की साइंटिफिक कम्यूनिटी अगर Energy requirements से जुड़े Innovations करती है, तो उससे देश का बहुत भला होगा। ख़ासकर, हाइड्रोजन एनर्जी की अपार संभावनाओं के लिए देश, नेशनल हाइड्रोजन मिशन पर काम कर रहा है। इसे सक्सेसफुल बनाने के लिए जरूरी है कि इलेक्ट्रोलाइजर जैसे विभिन्न essential components देश में ही बनें। इस दिशा में अगर किन्हीं नए options की गुंजाइश है, तो उस दिशा में भी रिसर्च हो। हमारे वैज्ञानिकों को, और इंडस्ट्री को इसके लिए साथ मिलकर काम करना होगा।

साथियों,

आज हम एक ऐसे दौर में जी रहे हैं, जब मानवता पर नई-नई बीमारियों का संकट मंडरा रहा है। हमें नए वैक्सीन तैयार करने के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट को बढ़ावा देना होगा। जैसे आज हम बाढ़ या भूकंप जैसी त्रासदियों से निपटने के लिए पहले से तैयार रहते हैं। उसी तरह हमें Integrated Disease Surveillance के जरिए समय रहते बीमारियों की पहचान करनी होगी और उससे निपटने के उपाय करने होंगे। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अलग-अलग मंत्रालयों को मिलकर काम करना होगा। LiFE यानी Lifestyle for Environment इसके बारे में भी आप सभी मेरे साथी भली-भांति जानते हैं। हमारी साइंस कम्युनिटी इस दिशा में बड़ी मदद कर सकती है।

साथियों,

भारत के आह्वान पर संयुक्त राष्ट्र ने इस वर्ष यानि 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया है। ये हर भारतवासी के लिए बहुत गौरव की बात है। भारत के मिलेट्स और उनके इस्तेमाल को ज्यादा बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जा सकता है। वैज्ञानिक समुदाय द्वारा बायो-टेक्नोलॉजी की मदद से post-harvest loss को कम करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा सकते हैं।

साथियों,

आज waste management के सेक्टर में भी वैज्ञानिक अनुसंधान की अपार संभावनाएं हैं। Municipal solid waste, electronic waste, bio-medical waste, agricultural waste ऐसे क्षेत्र हैं, जिसका लगातार विस्तार हो रहा है। इसलिए ही पिछले वर्ष बजट में सरकार ने सर्कुलर इकॉनॉमी पर बहुत जोर दिया था। अब हमें Mission Circular Economy को और मजबूत करना है। इसके लिए हमें ऐसे Innovations पर काम करना होगा, जिससे मेटल और प्लास्टिक स्क्रैप का बेहतर इस्तेमाल हो सके। हमें प्रदूषण कम करने और स्क्रैप को उपयोगी बनाने पर एक साथ काम करना होगा।

साथियों,

आज भारत स्पेस सेक्टर में भी नई ऊंचाइयों को छू रहा है। Low-cost satellite launch vehicles की वजह से हमारी क्षमता बढ़ेगी और दुनिया हमारी सेवाएं लेने के लिए आगे आएगी। निजी कंपनियां और स्टार्ट अप्स इन अवसरों का फायदा उठा सकते हैं। R&D labs और academic institutions से जुड़कर स्टार्ट अप्स को आगे बढ़ने का रास्ता मिल सकता है। ऐसे ही एक और विषय है, Quantum computing का। आज भारत क्वांटम फ्रंटियर के तौर पर दुनियाभर में अपनी पहचान बना रहा है। क्वांटम कंप्यूटर्स, क्वांटम केमिस्ट्री, क्वांटम कम्युनिकेशन, क्वांटम सेंसर्स, क्वांटम क्रिप्टोग्राफी और new materials की दिशा में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। मैं चाहूंगा कि हमारे यंग रिसर्चर्स और साइंटिस्ट क्वांटम के क्षेत्र में expertise हासिल करें और इस फील्ड के लीडर बनें।

साथियों,

आप भी जानते हैं कि साइन्स में लीड वही लेता है, जो initiative लेता है। इसलिए, दुनिया में क्या चल रहा है, हमें ये तो देखना ही है। लेकिन साथ ही, जो काम कहीं नहीं हो रहे, जो futuristic ideas हैं, उन पर भी फोकस करना है। आज दुनिया में AI, AR और VR की बात हो रही है। हमें इन विषयों को अपनी priorities में शामिल रखना होगा। सेमीकंडक्टर चिप्स की दिशा में देश कई बड़े कदम उठा रहा है। समय के साथ सेमीकंडक्टर चिप्स में भी नए इनोवेशन्स की जरूरत होगी। क्यों न हम देश के सेमीकंडक्टर push को अभी से future ready बनाने की दिशा में सोचें। देश इन areas में इनीशियेटिव लेगा, तभी हम इंडस्ट्री 4.0 को नेतृत्व देने में सक्षम होंगे।

साथियों,

मुझे विश्वास है, इंडियन साइन्स काँग्रेस के इस अधिवेशन में विभिन्न रचनात्मक बिन्दुओं पर भविष्य का स्पष्ट रोडमैप तैयार होगा। अमृतकाल में हमें भारत को मॉडर्न साइन्स की सबसे एडवांस्ड लैबोरेटरी बनाना है। इसी कामना के साथ, आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद और इस समिट के लिए मेरी अनेक-अनेक शुभकामनाएँ। नमस्कार।

सीटी नॉर्थ कैंपस ने (केबीसी-जूनियर विजेता) जपसिमरन कौर को सम्मानित किया

जालंधर (अरोड़ा) :- आठवीं कक्षा की छात्रा जपसिमरन कौर ने टेलीविजन क्विज शो  कौन बनेगा करोड़पति-जूनियर की हॉट सीट बनकर शहर को गौरवान्वित किया है। उसने 50 लाख अंक जीते, जिसे पैसे में बदल दिया जाएगा और 18 साल की होने पर उसे दिया जाएगा। सीटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन, मकसूदां कैंपस ने उन्हें उनकी उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए सम्मानित किया। उसने अपनी जीत की यात्रा साझा की और साझा किया कि यह उसके पिता थे जिन्होंने उसकी मदद की और उसका मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि उनके पिता बलजीत सिंह पेशे से इंजीनियर है उन्होंने भी इस साल केबीसी के लिए क्वालिफाई किया था लेकिन वह हॉट सीट तक नहीं पहुंच सके इसलिए वह अपने पिता के लिए हॉट सीट पर पहुंचना चाहती थीं।

जब यह प्ले विकल्प उपलब्ध नहीं था तो वह एसएमएस द्वारा उत्तर भेजता था उसने आगे कहा। जपसिमरन ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां गुरविंदर कौर एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका और दादा तारा सिंह को भी दिया और साथ ही उसने अपने स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों को उसे प्रोत्साहित करने और यह जानने के बाद कि वह केबीसी की तैयारी कर रही थी एक मुश्किल स्कूल शेड्यूल बनाने के लिए धन्यवाद दिया। सीटी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. मनबीर सिंह, कैंपस डायरेक्टर डॉ. योगेश छाबड़ा और अस्सिटेंट डायरेक्टर डॉ. रमनदीप गौतम ने जपसिमरन को उनकी इस उपलब्धि के लिए बधाई और सम्मान दिया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

के.एम.वी. डी.बी.टी. स्टार कॉलेज स्कीम के अंतर्गत छात्राओं के करियर को प्रदान कर रहा है एक सकारात्मक दिशा

जालंधर (मोहित अरोड़ा) :- भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महा विद्यालय, जालंधर के द्वारा छात्राओं के सर्वपक्षीय विकास के मद्देनज़र सदा उनमें वैज्ञानिक चेतना पैदा करने के लिए विशेष महत्वपूर्ण प्रयत्न किए जाते रहते हैं. इसी श्रंखला में विद्यालय को वर्ष 2015 से प्राप्त डी.बी.टी. स्टार कॉलेज स्कीम के अंतर्गत शानदार कारगुज़ारी के आधार पर तीन वर्षों के बाद डी.बी.टी. स्टार स्टेटस गरांट से भी सम्मानित किया गया. अंडर ग्रेजुएट स्तर पर यूनिवर्सिटीओं एवं कॉलेजों में विज्ञान विषय में अध्यापन में हैंडस ऑन ट्रेनिंग तथा प्रोजेक्ट्स के द्वारा उत्तमता लेकर आते हुए विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर आधारित शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए उत्साहित करती इस स्कीम के अंतर्गत कन्या महा विद्यालय के द्वारा समय-समय पर महत्वपूर्ण गतिविधियों का आयोजन किया जाता रहता है. विद्यालय छात्राओं के लिए जहां इस स्कीम के अंतर्गत इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग, फील्ड विजिट्स और सी.एस.आइ.आर- आई.जी.आई.बी., दिल्ली, सी.एस.आइ.आर.-आई.एच. बी.टी. पालमपुर, गुजरात बोरोसिल आदि ने समर ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए जा चुके हैं वहीं साथ ही विद्यालय के साइंस विभाग के द्वारा छात्राओं में वैज्ञानिक सोच को पैदा करने के मकसद के साथ लगभग 226 प्रोजेक्टस तथा 496 नए प्रयोग और डेमोंसट्रेशन तैयार की जा चुकी है. इसके अलावा समय-समय पर इंटर कॉलेज, इंटरा कॉलेज आदि प्रतियोगिताओं को आयोजित करने के इलावा विज्ञान एवं पर आधारित महत्वपूर्ण दिन मनाने के साथ-साथ छात्राओं को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विज्ञान के क्षेत्र में उनके द्वारा हासिल की गई सफलता को प्रदर्शित करने के लिए मंच भी प्रदान किया जाता है तथा इनोवेस्टा, टॉयकाथोन, स्मार्ट इंडिया हैकाथोन आदि प्रोग्रामों में छात्राओं के द्वारा हासिल किए गए पुरस्कार इस बात की गवाही देते हैं. के.एम.वी. द्वारा जहां रिसर्च के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करने के लिए सीड मनी प्रदान की जाती है वहीं साथ ही विद्यालय में इनोवेशन हब को भी स्थापित किया गया है. छात्राओं की सोच, शोध, नवीनताकारी प्रयत्नों आदि को प्रोत्साहित करती इस हब में अब तक 30 विभिन्न स्कूलों से विद्यार्थियों ने आकर विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को बेहद सरल ढंग से समझा है. इसके साथ ही के.एम.वी. द्वारा समय-समय पर अनुभूति प्रोग्राम के आयोजन के अलावा इस स्कीम के अंतर्गत छात्राओं के लिए इनवाइटेड टॉकस, लेक्चरर्स, वेबीनार, कांफ्रेंस,राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्चुअल विजिट्स भी आयोजित की जा चुकी है. फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, देहरादून, सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट, कसौली, कॉर्बेट नेशनल पार्क, उत्तराखंड आदि जैसे अनेक स्थानों पर एजुकेशनल ट्रिपस के आयोजन के साथ विद्यालय में जहां साइंस विभाग में 700 से भी अधिक पुस्तकों के साथ डिपार्टमेंटल लाइब्रेरी तैयार की गई है वहीं साथ ही अब तक साइंस फैकल्टी के द्वारा 5 पुस्तकों एवं 59 रिसर्च पेपर के प्रकाशन के साथ साथ 2 पेटेंट, 7 बुक चैप्टर तथा 9 रिसर्च प्रोजेक्टस पर काम किया जा चुका है. छात्राओं के लिए जहां अत्याधुनिक  सुविधाएं मुहैया करवाते हुए 386 नए उपकरण लैब्स में लगाए गए हैं वही साथी डिजिटल टेक्नोलॉजी के उपयोग के इलावा मूक प्रोग्राम के इलावा विभिन्न समय पर फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम भी आयोजित किए जा चुके हैं. इसके अलावा विद्यार्थियों को अपने प्राध्यापकों से प्राप्त होते उचित मार्गदर्शन के बल पर वह राष्ट्रीय अनिवेशका एक्सपेरिमेंटल स्किल टेस्ट पास कर चुकी है तथा के.एम.वी. की छात्राओं को टॉप 1000 विद्यार्थियों में राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान प्राप्त हुई. विभिन्न समय के दौरान इंस्पायर प्रोग्राम आयोजित करने वाले कन्या महा विद्यालय के द्वारा कई कॉलेजों की डी.बी.टी. स्टार कॉलेज स्कीम के अंतर्गत मेंटरिंग भी की जा चुकी है. विद्यालय प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने विद्यालय की साइंस फैकल्टी के द्वारा पिछले 5 वर्षों में इस स्कीम के अंतर्गत किए गए महत्वपूर्ण प्रयत्नों की भरपूर सराहना की।

सेंट सोल्जर छात्रों का फास्टट्रैक लीगल सॉल्यूशंस नई दिल्ली में इंटर्नशिप के लिए चयन

जालंधर (अजय छाबड़ा) :- फास्टट्रैक लीगल सॉल्यूशंस नई दिल्ली द्वारा आयोजित एक माह के निशुल्क वर्चुअल इंटर्नशिप कार्यक्रम के लिए सेंट सोल्जर लॉ कॉलेज के नौ छात्रों का चयन किया गया। छात्र इंटर्नशिप में शामिल हो गए हैं और वे अपने भविष्य के करियर के बड़े लाभों के लिए आईटी कानूनों, लैंगिक समानता और भारत में यौन कार्य के वैधीकरण के बारे में सीख रहे हैं। संगठन ने इस प्रस्ताव के साथ प्रतिभागियों से मूल लेख भी आमंत्रित किए कि उनमें से सर्वश्रेष्ठ को उनके ऑनलाइन जर्नल फास्टट्रैक लिंक्डइन न्यूजलेटर में प्रकाशित किया जाएगा। सेंट सोल्जर लॉ कॉलेज के नौ प्रतिभागियों में से चार को उनके लेखों के प्रकाशन के लिए योग्य घोषित किया गया और उनके लेख प्रकाशित हो चुके हैं। इस में छात्राएं रिया विर्दी, मनवीर कौर, सृष्टि, सुनैना शर्मा हैं। सेंट सोल्जर ग्रुप के चेयरमैन अनिल चोपड़ा, वाइस चेयरपर्सन संगीता चोपड़ा और कॉलेज डायरेक्टर डॉ. एस.सी. शर्मा ने इंटर्नशिप के दौरान छात्रों की अकादमिक उपलब्धि की सराहना की। छात्र कॉलेज में बीबीऐ एलएलबी और बी.कॉम एलएलबी कोर्स कर रहे हैं। डॉ. एससी शर्मा ने प्रभारी शिक्षक सहायक के योगदान की भी सराहना की।

एचएमवी के बॉटनी विभाग ने आयोजित की एल्युमनी लेक्चर सीरीका

जालंधर (अरोड़ा) :- प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन की अध्यक्षता में हंस राज महिला महाविद्यालय के बॉटनी विभाग की डीडी पंत बोटानिकल सोसाइटी की ओर से एल्युमनी लेक्चर सीरीका का आयोजन किया गया। इस दौरान बैच 2007-2008 की बॉटनी विभाग की छात्रा कुलदीप कौर बतौर रिसोर्स पर्सन उपस्थित थी। विभागाध्यक्षा डॉ. अंजना भाटिया ने कुलदीप कौर का प्लांटर भेंट कर स्वागत किया। डॉ. अंजना भाटिया ने कुलदीप कौर का परिचय दिया। वर्तमान में श्रीमती कुलदीप कौर न्यूयार्क स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ हैल्थ में बतौर सीनियर एनालिस्ट कार्यरत हैं। उन्होंने हैल्थ एनालिस्ट के तौर पर अपने अनुभव छात्राओं के साथ सांझे किए। उन्होंने कहा कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करना बहुत आवश्यक है। छात्राओं ने भी एमएससी बॉटनी के पश्चात् विभिन्न करियर संंभावनाओं से संबंधित सवाल पूछे। लेक्चर के पश्चात् उन्होंने विभाग के क्लासरूमका व लैबस का दौरा किया जहां उन्होंने अपनी स्टूडेंट लाइफ को याद किया। उन्होंने कहा कि अब विभाग की लैबस में समय की जरूरत के अनुसार हर अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं। प्राचार्या डॉ. अजय सरीन ने विभाग के प्रयास की सराहना की तथा कहा कि इस प्रकार नई छात्राओं को अपनी सीनियर छात्राओं के अनुभवों को जानने का सुअवसर मिल जाता है। इस अवसर पर डॉ. श्वेता चौहान, डॉ. नीतिका कपूर, रमनदीप कौर, हरप्रीत कौर तथा डॉ. शुचि शर्मा भी उपस्थित थे। अंत में डीडी पंत बोटानिकल सोसाइटी की इंचार्ज डॉ. नीतिका कपूर ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।

बी बी के डी ए वी कॉलेज फॉर वूमेन ने मिलेट्स पर ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता में बाजी मारी

अमृतसर (प्रतीक) :- बी बी के डी ए वी कॉलेज फॉर वूमेन ने उन्नत भारत अभियान (यू बी ए) के लिए क्षेत्रीय समन्वयक संस्थान (आर सी आई) नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च (एन आई टी टी टी आर) द्वारा मिलेट्स पर आयोजित ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल किया। डॉ. हेमंत कुमार विनायक, समन्वयक, आर सी आई, यू बी ए द्वारा शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स -2023 वर्ष मनाने के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। प्रतियोगिता में कॉलेज के 50 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया। प्रतियोगिता का आयोजन छात्राओं को मिलेट्स के फायदों के बारे में बताने के लिए किया गया था। यह ध्यान रखना उचित है कि उन्नत भारत अभियान (यू बी ए) मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा देश में ग्रामीण क्षेत्रों की विकास प्रक्रिया में पेशेवर और उच्च शिक्षण संस्थानों को शामिल करने की दृष्टि से कार्यान्वित एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है। इस प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का उद्देश्य युवाओं की सक्रिय सामाजिक भागीदारी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विकास की रूप रेखा तैयार करना है। बी बी के डी ए वी कॉलेज उन्नत भारत अभियान गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है। प्रिंसिपल डॉ. पुष्पिंदर वालिया ने प्रतियोगिता के विजेताओं को बधाई दी और प्रतियोगिता के लिए छात्राओं को तैयार करने के लिए उन्नत भारत अभियान प्रकोष्ठ की समन्वयक सुरभि सेठी और डॉ. निधि अग्रवाल के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मिलेट्स हमेशा एक प्रधान भोजन रहा है और भारतीय व्यंजनों का एक अभिन्न अंग रहा है। समय की मांग है कि युवा पीढ़ी को अपने दैनिक आहार में मिलेट्स को फिर से शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

रुडसेट इंस्टीट्यूट जालंधर में ब्यूटी पार्लर कोर्स का समापन समारोह, ए. जी. एम राजीव अग्रवाल द्वारा शिक्षार्थियों को बांटे गए प्रमाण पत्र

रेफ्रिजरेटर, मोबाइल फोन, फास्ट फूड का फ्री कोर्स जल्द शुरू,  हास्टल व खाने की भी मुफ़्त सुविधा

जालंधर (अरोड़ा) :- स्वरोजगार के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से ग्रामीण विकास एवं स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (रुडसैट) द्वारा  ब्यूटी पार्लर मैनेजमेंट कोर्स का समापन समारोह आयोजित किया गया। जिसमें 32 विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस समापन समारोह में राजीव अग्रवाल, ए. जी. एम, केनरा बैंक, जालंधर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। रूडसेट इंस्टीट्यूट जालंधर के निदेशक तरुण कुमार सेठी ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा यहा पर स्वरोजगार के फ्री कोर्स करवाएं जा रहे हैं। वर्तमान बैच पूरा करने वाले विद्यार्थियों को केनरा बैंक के ए. जी. एम राजीव अग्रवाल ने प्रमाण पत्र बांटे। खास बात यह है कि रूडसेट इंस्टीट्यूट मे जो विद्यार्थि ट्रेनिंग लेते हैं, उन्हें रहने के साथ साथ खाने - पीने की फ्री सुविधा दी जाती है।

मुख्य मेहमान केनरा बैंक, जालंधर ए. जी. एम राजीव अग्रवाल ने रूडसेट संस्थान जालंधर की अति प्रशंसा की और कहा संस्थान अपने स्थापना के समय से ही स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण देकर उन्हें उद्यमी बनाने का नेक कार्य कर रहा है। उन्हों ने कहा कि संस्थान के अध्यक्ष परमपूज्य डॉ. डी वीरेंद्र हेगड़े व केनरा बैंक की सोच को रूडसेट संस्थान जालंधर विभिन्न कोर्स के माध्यम से सार्थक कर रही है।

उन्हों ने कोर्स पूरा होने पर छात्रों को बधाई दी और सभी से पूरे प्रयास और लगन से आगे बढ़ने का आग्रह किया। राजीव अग्रवाल जी ने उन्हें हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया और छात्रों को प्रमाण पत्र देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। सीनियर फैकल्टी प्रगट सिंह ने उपस्थित सभी का धन्यवाद किया और बताया जल्द ही मोबाइल रिपेयर, रेफ्रिजरेटर, मेंस पार्लर और फास्ट फूड स्टाल उद्यमी का कोर्स जल्द शुरू होने जा रहा है । इस मौके पर मैडम अतिका, मैडम दीपिका, पंकज दास, विशाल और शिक्षाार्थी मौजूद हैं।

डीएवी प्रबन्धकत्र्री समिति के मेंटर्स ने एचएमवी का प्लैनर 2023 किया रिलीज़

जालंधर (अरोड़ा) :- हंस राज महिला महाविद्यालय के वार्षिक फीचर के तहत इस वर्ष भी डीएवी प्रबन्धकत्र्री समिति के मेंटर्स के द्वारा एचएमवी का प्लैनर 2023 रिलीका किया गया। प्लैनर को डीएवी प्रबन्धकत्र्री समिति के प्रधान पदमश्री डॉ. पूनम सूरी, वाइस प्रेकाीडेंट एच.आर. गंधार तथा डायरेक्टर हायर एजुकेशन आईएएस (रिटा.) शिव रमन गौड़ द्वारा रिलीका किया गया। उन्होंने एचएमवी टीम के प्रयास की सराहना की तथा कहा कि एचएमवी द्वारा प्रति वर्ष की जाने वाली यह पहल वाकई प्रशंसनीय हैै। प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन जी ने उन्हें बताया कि इस वर्ष प्लैनर की थीम ‘एक्सीलैंस’ है। एचएमवी ने 2022 में हर क्षेत्र में एक्सीलैंस प्राप्त की है। चाहे वह नैक का ग्रेड हो, एसोचैम अवार्ड हो, नैशनल पत्रिकाओं की रैंकिंग हो या अकादमिक व खेल के क्षेत्र में प्राप्तियां हों, एचएमवी सदैव सबसे ऊपर रहा है। इन सभी उपलब्धियों पर प्रधान डॉ. पूनम सूरी जी ने प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन को बधाई दी तथा परम पिता परमात्मा से इस वर्ष की उपलब्धियों की लम्बी सूची होने की कामना की। प्लैनर टीम में सुशील कुमार (इंचार्ज) तथा सदस्यों डॉ. अंजना भाटिया, डॉ. मीनू तलवाड़ व रवि मैनी शामिल थे। प्राचार्या डॉ. अजय सरीन ने टीम को बधाई दी।

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