पुस्तकों का दान करके, आप अन्य लोगों को स्वयं के लिए उस एक पुस्तक की खोज करने का अवसर देते हैं जो उनके जीवन को बदल सकते है। अपनी किताबें किसी और को देना, पढ़ने की भावना को फैलाने का सबसे आसान तरीका है - प्रिं.डॉ राजेश कुमार
“डोनेट ए बुक-अर्न ए स्माइल” का उद्देश्य, बुक डोनेट करके, बहुत कम आय वाले समूहों से संबंधित बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है - प्रो मनीष खन्ना (डीन स्टूडेंट वेलफेयर)
जालंधर (अरोड़ा) - किताबें और साक्षरता विकास के लिए अनिवार्य हैं और शिक्षा इन तीनों को जहां एक साथ बांधती है, वहीं पुस्तकें किसी भी इंसान की सबसे अच्छी और सबसे सच्ची दोस्त होती हैं जो मुश्किल समय में आपका हौसला बढ़ाती हैं, आपके चेहरे पर मुस्कुराहट भी लाती हैं, आपकी आंखों में आंसू भी लाती हैं और आपको दुनिया भर की जानकारियां भी देती हैं . स्टूडेंट्स की कल्पना को पंख देने और उन में साक्षरता को प्रोत्साहित करने के लक्ष्य के साथ, स्टूडेंट एडवाइजरी एंड वेलफेयर कौंसिल और कॉलेज की लाइब्रेरी के सहयोग से किताबों को ज़रूरतमंद बच्चों तक पहुँचाने के लिए पुस्तक दान अभियान, जिसको छः फ़रवरी को शुरू किया था , आज वर्क बुक डोनेशन डे पर समाप्त हुआ इस इवेंट का मक़सद ज़रूरंतमंद बच्चों तक निःशुल्क शैक्षिक पुस्तकें प्रदान करना था।
कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ राजेश कुमार ने इस सफल आयोजन के समापन पर कहा, कि एक क़लम, एक पुस्तक, एक अध्यापक और एक विद्यार्थी दुनिया में बदलाव ला सकते हैं।उन्होंने किताबों के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि हमारी यह पहल शिक्षा के माध्यम से अगली पीढ़ी को सशक्त बनाने के व्यापक दृष्टिकोण को संरेखित और समर्थन करती है। द बुक डोनेशन वीक हमारी कई पहलों में से एक है, जो उन बच्चों को पढ़ने का आनंद प्रदान करके शिक्षा असमानता को दूर करने का प्रयास करती है, जिनके पास संसाधन नहीं हैं। हम युवा छात्रों को ज्ञान का उपहार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम अपनी स्टूडेंट कौंसिल और कॉलेज लाइब्रेरी द्वारा चलाई गई इस ड्राइव पर मुबारकबाद दी। प्रिंसिपल ने परिषद के छात्र सदस्यों की और उनके परिश्रम की सराहना की।
डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो मनीष खन्ना ने कहा, हमारे आसपास कितने ही बच्चे होते है जो सूचना से, ज्ञान से और अच्छी किताबों से वंचित रह जाते है क्यूँकि उनके पास नई और क़ीमती किताबों को ख़रीदने की वित्त्यय क्षमता या साधन नहीं होता। लेकिन ज्ञान पर सभी का अधिकार होता है। डोनेट ए बुक - अर्न ए स्माइल के लक्ष्य को लेकर स्टूडेंट काउंसिल ने कॉलेज लाइब्रेरी के साथ मिलकर स्टूडेंट्स को नई किताबें देने का संकल्प किया था। इस डोनेशन ड्राइव में समाज से आते इंडस्ट्रियलिस्ट, बिजनेसमैन,समाजसेवी, टीचर्स और स्टूडेंट्स को अपने इस संकल्प से साथ जोड़ा और उनकी मदद से बच्चों के लिए नई किताबें ख़रीदी। अब कॉलेज लाइब्रेरी ऐसे की ज़रूरतमंद बच्चों को किताबें निःशुल्क बाँटेंगी। अंत में प्रो मनीष खन्ना ने अपनी कौंसिल के सभी स्टूडेंट मेंबर्स का अंथक मेहनत के लिए और पुस्तक दाताओं का भी धन्यवाद किया। इस मौक़े पर डिप्टी डीन डीएसडब्ल्यू प्रो कोमल सोनी, लाइब्रेरी के हेड प्रो नवीन सेनी, एनआईआरएफ़ के कॉर्डिनेटर डॉ संजीव धवन, डॉ नवीन सूद, प्रो मीनाक्षी मोहन, प्रो ईशा सहगल और डॉ एकजोत कौर, प्रो हीना अरोड़ा, प्रो श्वेता, प्रो साहिब सिंह, डॉ वरुण और प्रो राजविंदर भी मौजूद रहे।