(Date : 28/March/2424)

(Date : 28/March/2424)

डिप्टी कमिश्नर ने दिव्यांग वोटरों की लोक सभा में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तरीय निगरानी कमेटी का गठन | डिप्स हर क्षेत्र में शत प्रतिशत परिणाम देने वाला शिक्षण संस्थान | एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर के विद्यार्थियों ने किया अपना वर्चस्व स्थापित | एच.एम.वी. में अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन | पी.सी.एम.एस.डी.कॉलेज फॉर वूमेन, जालंधर में नेशनल साइंस डे मनाया गया |

शिक्षा

सेंट सोल्जर ग्रुप ने गीता कॉलोनी में किया 35वें स्कूल का उद्घाटन

जालंधर (अजय छाबड़ा) :- छात्रों को एक मज़बूत शिक्षा नींव देने और जन-जन तक शिक्षा पहुंचाने के मंतव्य से सेंट सोल्जर ग्रुप ऑफ़ इंस्टीच्यूशन्स द्वारा अपनी 35वीं ब्रांच सेंट सोल्जर डिवाईन पब्लिक स्कूल की शुरुयात गीता कॉलोनी, मॉडल हाउस में हवन यज्ञ और फिटनेस एक्टिविटी के साथ की गई। जिसमें चेयरमैन अनिल चोपड़ा, वाईस चेयरपर्सन संगीता चोपड़ा मुख्य रूप से उपस्थित हुए जिनका स्वागत एमडी शक्ति राज शर्मा, प्रिंसिपल गुरदीप कौर और स्टाफ मेंबर्स द्वारा किया गया। सभी ने मिलकर मंत्रोच्चारण के उपरान्त हवन यज्ञ में आहुतियां डाली और छात्रों के उज्ज्वल भविष्य और संस्था की उन्नति के लिए प्रार्थना की।

चोपड़ा ने छात्रों को तिलक लगाए, मुँह मीठा करवा और स्टाफ मेंबर्स ने फूलों के साथ छात्रों का स्वागत किया। इसके अतिरिक्त छात्रों के लिए विभिन्न प्रकार की फिटनेस एक्टिविटीज का आयोजन किया गया जिनका छात्रों ने खूब आनंद उठाया। अगर इस स्कूल की खासियत की बात की जाये तो सबसे पहले छात्रों को शिक्षा देने के लिए पूर्णरूप योग्य और आधुनिक तकनीकों से जानकर अध्यापक और स्टाफ मेंबर्स हैं और पूरी तरह से एयर कंडीशनर क्लासरूम, हाई-टेक बिल्डिंग, हर बच्चे पर उचित ध्यान दिया जाएगा। छात्रों की ट्रांसपोरशन के डीलक्स बसों उपलब्ध हैं।

चेयरमैन अनिल चोपड़ा ने कहा कि संस्था हमेशा छात्रों के साथ उन्हें पढाई के प्रति हर प्रकार की सुविधा प्रदान की जाएगी। वाईस चेयरपर्सन संगीता चोपड़ा ने बताया कि प्रिंसिपल गुरदीप कौर की योग्य अगवाई में इन फैसिलिटीज के साथ अन्य बहुत सी सुविधाऐं छात्रों को प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि स्कूल में छात्रों की रजिस्ट्रेशन/एडमिशन शुरू हो चुकी है और शहरवासियों का भरपूर रिस्पॉन्स मिल रहा है जिसमें 250 से अधिक इस सैशन में रजिस्ट्रेशन/एडमिशन हो चुकी हैं।

पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर विमेन, जालंधर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन

जालंधर (तरुण) :- पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर विमेन, जालंधर में विमेन एंपावरमेंट सेल के सहयोग से हिस्ट्री एसोसिएशन ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 'भारतीय इतिहास में महिलाओं की भूमिका' विषय पर एक वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया। विभिन्न धाराओं के छात्रों ने बड़े उत्साह के साथ इस गतिविधि में भाग लिया। बी.ए.बी.एड. सेमेस्टर प्रथम की जैस्मिन ने पहला, बी.ए. सेमेस्टर छठे की लवलीन ने दूसरा और बीएससी नॉन मेडिकल सेमेस्टर छठे की संतोषी ने तीसरा स्थान हासिल किया। इस प्रतियोगिता की निर्णायक कवलजीत कौर एवं डॉ रेणु बाला रहीं। अध्यक्ष नरेश कुमार बुधिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद दादा, प्रबंधक समिति के अन्य सदस्यों और प्राचार्य प्रो. (डॉ.) पूजा पराशर ने ऐसी गतिविधियों का आयोजन करने पर विभाग और विमेन एंपावरमेंट सेल के प्रयासों की सराहना की जो महिलाओं को उनके अधिकार और मूल्य का एहसास करने के लिए एवम सामाजिक गतिशीलता के लिए आवश्यक है।

आज हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ कर बना रही है अपनी पहचानः डिप्स प्रिंसिपल डॉ. रवि सिद्धू

जालंधर (प्रवीण) :- आज के समय में महिलाओं ने अपने हौंसले और टेलेंट से साबित कर दिया है कि वह किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से कम नहीं है। महिलाओं के इसी जज्बे को सलाम करते हुए और जीवन के विभिन्न पड़ावों में उनकी भूमिकाओं के बारे में जानकारी देते हुए डिप्स आईएमटी में विश्व महिला दिवस मनाया गया। इस मौके पर छात्राओं ने विभिन्न क्षेत्रों जैसे डॉक्टर, शेफ, बिजनेस वुमैन, एयर होस्टेस, टीचर, फैशन डिजाइनर आदि के बारे में जानकारी दी। बच्चों ने पीपीटी के माध्यम से बताया कि इस पुरूष प्रधान देश में अपनी बात रखना और अपनी पहचान बनाना बहुत ही मुश्किल काम है लेकिन समय के साथ महिलाओं ने अपनी काबलियत से समाज की दशा और दिशा को बदल दिया है। घर की चार दीवारी में रहते हुए भी आज महिला अपना रोजगार शुरू कर खुद को आर्थिक तौर पर सक्षम बना सकती है। हम महिलाओं को हमेशा एक दूसरे का साथ देना चाहिए न कि एक-दूसरे से हीन भावना रखनी चाहिए। प्रिंसिपल डॉ. रवि सिद्धू ने कहा कि आज हम अपने चारों ओर नजर दौड़ाएं तो हमें बहुत सारी प्रतिभाशाली लड़कियां नजर आएगीं जिन्होंने अपने दम पर समाज से हटकर अपनी पहचान बनाई है। आज पूरा देश उनका नाम लेता है उन्हें सम्मान की द्दष्टि से देखता है। डिप्स चेन की सीईओ मोनिका मंडोत्रा ने कहा कि एक शिक्षक होने के नाते हमारा पहला फर्ज है कि पुरूषों को महिलाओं का सम्मान और हमेशा साथ देना सीखना चाहिए। इसके साथ ही लड़कियो को अपने हको और जुर्म के प्रति आवाज उठाने के लिए मजबूत बनाना चाहिए ताकि वह अपनी जिदंगी को खुल कर जी सके और उड़ान की नई ऊंचाई को हासिल कर सकें। 

के.एम.वी. में महिला सशक्तिकरण विषय पर जागरूकता सेमिनार पुलिस कमिश्नरेट, जालंधर के सहयोग से आयोजित

जालंधर (मोहित अरोड़ा) :- भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महा विद्यालय, जालंधर के स्टूडेंट वेलफेयर विभाग, पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ इंग्लिश तथा पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के द्वारा संयुक्त रूप से महिला सशक्तिकरण, वुमन हेल्पलाइन नंबर तथा साइबर क्राइम से बचाव विषय पर आधारित जागरूकता सेमिनार का आयोजन पुलिस कमिश्नरेट, जालंधर के सहयोग से करवाया गया. इस आयोजन में दमनबीर सिंह, पी.पी.एस., ए.सी.पी. उत्तर, पुलिस कमिश्नरेट, जालंधर ने मुख्य मेहमान के रूप में शिरकत की. इसके अलावा इस अवसर पर इंस्पेक्टर गुरदीप लाल, इंचार्ज, ज़िला सांझ केंद्र, जालंधर, इंस्पेक्टर संजीव कुमार भनोट,  इंचार्ज, सबडिवीजन सेंट्रल तथा नार्थ सांझ केंद्र, जालंधर, रघुबीर सिंह, इंचार्ज, साइबर क्राइम सेल, कमिश्नरेट, जालंधर तथा प्रवीन अब्रॉल, प्रेसिडेंट, दिव्यदृष्टि एन.जी.ओ. के साथ-साथ विभिन्न महत्वपूर्ण  उपस्थित हुई. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में आयोजित हुए इस प्रोग्राम में आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विद्यालय प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा दिवेदी ने कहा कि मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं की स्थिति संतोषजनक है. उचित शिक्षा हासिल कर महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में अपनी मेहनत, लगन एवं समर्पण के साथ अलग पहचान बना कर मिसाल कायम कर रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने कन्या महा विद्यालय के द्वारा अपने स्थापना काल से लेकर लगातार महिला सशक्तिकरण एवं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे हैं अतुल्य कामों से भी सभी को अवगत करवाया.

दमनबीर सिंह ने इस अवसर पर संबोधित होते हुए पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, लिंग समानता, समाज में महिलाओं के लिए भी एक समान शिक्षा एवं रोज़गार प्राप्ति के अवसर आदि के बारे में विस्तार से बात करते हुए अपने तथ्यों के स्पष्टीकरण को उदाहरण सहित बखूबी प्रस्तुत किया. इसके अलावा इस अवसर पर संबोधित होते हुए रघुबीर सिंह ने सभी के साथ दिन प्रतिदिन बढ़ रहे साइबर क्राइम तथा विभिन्न ऑनलाइन फ्रॉडज़, फेक फोन कॉल्स आदि से समाज में हो रहे नुकसान से सभी को अवगत करवाते हुए इससे बचाव की ज़रूरत पर ज़ोर दिया. इसके साथ ही परवीन अब्रॉल ने छात्राओं से संबोधित होते हुए उन्हें आत्मविश्वास को धारण कर सकारात्मक सोच के साथ निरंतर आगे बढ़कर अपने जीवन में निर्धारित किए गए मकसद को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया. सेमिनार के अंत में छात्राओं के द्वारा पूछे गए विभिन्न सवालों के जवाब भी समूह स्रोत वक्ताओं के द्वारा बेहद सरल ढंग से दिए गए. विद्यालय प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने इस प्रोग्राम के सफल आयोजन के लिए डॉ. मधुमीत, डीन, स्टूडेंट वेलफेयर तथा अध्यक्षा, अंग्रेज़ी विभाग के साथ-साथ तथा समूह पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के द्वारा किए गए प्रयत्नों की प्रशंसा की। 

डी ए वी कॉलेज जालन्धर ने "आलोचनात्मक सोच और नवाचार डिजाइन" पर एक कार्यशाला आयोजित की

छात्रों को अब इनोवेटिव होने की जरूरत है - प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार

जालंधर (अरोड़ा) :- इंस्टीट्यूशंस इनोवेशन काउंसिल (IIC), डी ए वी कॉलेज जालन्धर ने "आलोचनात्मक सोच और नवाचार डिजाइन" पर एक कार्यशाला आयोजित की, जिसमें डॉ. चरण कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, ए. एस. कॉलेज, खन्ना रिसोर्स पर्सन थे। कार्यशाला का आयोजन छात्रों को आलोचनात्मक सोच और नवाचार डिजाइन के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षित करने के लिए किया गया था, जो उन्हें चुनौतियों को स्वीकार करने, लीक से हटकर सोचने और वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए अभिनव डिजाइन प्रदान करने के लिए प्रेरित करेगा। कार्यशाला का उद्घाटन प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार, उपाध्यक्ष आईआईसी डॉ. दिनेश अरोड़ा, संयोजक आईआईसी डॉ. राजीव पुरी और नवाचार गतिविधि समन्वयक आईआईसी प्रोफेसर पुनीत पुरी ने किया। स्वागत भाषण में प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने व्यवहारिकता पर बल देते हुए कहा कि छात्रों को अब इनोवेटिव होने की जरूरत है और उन्हें जीवन में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपने जुनून का पालन करना चाहिए। छात्रों को नौकरी मांगने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनना चाहिए। छात्रों में उद्यमिता कौशल विकसित करने की जरूरत है, जिसमे शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। डॉ. चरण ने अपने शुरुआती वक्तव्य में कहा कि जब भी हमारा दिमाग किसी आपात स्थिति का सामना करता है, तो हमारा दिमाग ऑटो पायलट मोड में आ जाता है। यह स्थिति पर प्रतिक्रिया करने के लिए सारी ऊर्जा इकट्ठा करता है। हमें मनुष्य के रूप में अपने मस्तिष्क की क्षमता को जानना चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर इस क्षमता को जगाने के लिए काम करना चाहिए। जुनून एक बड़ा उत्प्रेरक है जो हमारे अंदर की क्षमता को प्रज्वलित कर सकता है। डॉ. चरण ने डिजाइन थिंकिंग के पांच मानव केंद्रित चरणों पर चर्चा की कि कैसे डिजाइन थिंकिंग नए उत्पादों, तकनीकी नवाचार, सेवाओं, व्यापार मॉडल, प्रक्रियाओं और प्रणालियों के निर्माण जैसी चुनौतियों से निपटने में मदद करती है। डॉ. चरण ने इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने की कार्यप्रणाली एवं चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने एकल राइडिंग ग्लाइडर बनाने के लिए डिजाइन की पेचीदगियों को समझाया। डॉ. चरण ने कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस जैसी कुछ प्रकार की मशरूम फसलों को उगाने के लिए आवश्यक स्वदेशी इनक्यूबेटर बनाने की विधि का प्रदर्शन किया। उन्होंने दिखाया कि कैसे उन्होंने एक पुराने रेफ्रिजरेटर और ब्लोअर को एक इनक्यूबेटर में बदल दिया। उन्होंने सड़न रोकने वाले वातावरण में मशरूम की खेती के लिए जैम की खाली बोतलों का इस्तेमाल किया। डॉ. चरण द्वारा चर्चा की गई अगली परियोजना मिट्टी के बिना घर पर सब्जियां उगाने के लिए एक स्वदेशी हाइड्रोपोनिक्स सेटअप थी। ऊंची इमारतों या फ्लैटों में रहने वाले लोगों के लिए यह एक सही समाधान है, जहां उन्हें किचन गार्डन की कमी खलती है। डॉ चरण द्वारा एसयूवी टायरों से कम लागत वाली टेबल, पुरानी पेंट की बाल्टियों और कूलर की मोटर से ह्यूमिडिफायर बनाना, गुलाब की पंखुड़ियों से गुलाब जल निकालने के लिए डिस्टिलेशन कंडेनसर, वर्म कम्पोस्ट यूनिट के क्लिप भी दिखाए और कीड़ों के तेजी से विकास के टिप्स दिए। उन्होंने खुद का बनाया गिटार, जाइलोफोन, एक स्लिट ड्रम, एक बेहतरीन विंड चाइम बनाने का तरीका दिखाया और एक बेहतरीन वाद्य यंत्र बनाने के पीछे की बारीकियों पर चर्चा की। वर्कशॉप के अंत में, डॉ. चरण ने सजावट के छोटे-छोटे टुकड़े दिखाए, जिन्हें उन्होंने सफेद सीमेंट और सिलिकॉन मोल्ड्स का उपयोग करके डिजाइन किया था। उन्होंने विद्यार्थियों को हस्त निर्मित वस्तुएं बनाने के लिए स्वयं सहायता समूह शुरू करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने हड्डी के आभूषण बनाने के तरीके भी बताए और इसके आसपास एक स्टार्ट-अप कैसे बनाया जाए, इस पर चर्चा की। डॉ. चरण ने अपने नवाचारों का प्रदर्शन भी किया और छात्र डिजाइनों से बहुत प्रभावित हुए। अंत में डॉ. राजीव पुरी, संयोजक आईआईसी ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। 

एचएमवी के महिला सशक्तिकरण सैल ने मनाया महिला दिवस

जालंधर (अरोड़ा) :- हंस राज महिला महाविद्यालय, जालंधर  के महिला सशक्तिकरण सैल द्वारा प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन की अध्यक्षता में महिला दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में रिसोर्स पर्सन डॉ. तान्या सोही, सहायक प्रोफेसर अंग्रेकाी, राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने डिजिटल : इनोवेशन एंड टेक्नॉलजी फॉर जेंडर इक्वालिटी विषय पर छात्राओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सशक्त महिला ही सशक्त देश का निर्माण कर सकती है। अत: महिलाओं के सशक्तिकरण से देश सशक्त बनता है। कार्यक्रम में राजनीति शास्त्र आनर्स की छात्रा ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए जिससे यह स्पष्ट हो गया कि एचएमवी निश्चय ही महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्यरत है तथा छात्राओं को भरपूर अवसर प्रदान किए जाते हैं।

मानवी शर्मा ने महिलाओं से संबंधित कानूनों पर चर्चा की तथा इन कानूनों की कमियों के बारे में भी बताया। रिसोर्स पर्सन डॉ. तान्या सोही ने ऑनलाइन मोड पर छात्राओं को संबोधित किया। उन्होंने अपने अनुभवों, डर को रिकार्ड  करने के महत्त्व पर बात की। उन्होंने धार्मिक कहानियों का उदाहरण दिया जिनमें मेदुसा, पंडोरा, ईव, सीता व द्रोपदी की कहानियां शामिल थी। उन्होंने कहा कि इन कहानियों को लेखकों जैसे मार्गरेट इटवुड व चित्रा बैनर्जी दीवाकरूनी द्वारा दोबारा लिखा जा रहा है। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. रमनीता सैनी शारदा व प्रोतिमा मंडेर के संरक्षण में हुआ। डॉ. रमनीता सैनी शारदा ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।

बीबीके डीएवी कॉलेज फॉर वूमेन में महिला दिवस मनाया गया

अमृतसर (प्रतीक) :- बीबीके डीएवी कॉलेज फॉर वूमेन के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के पीजी विभाग ने 'सेलिब्रेटिंग ट्रेडिशनल गेम्स' की थीम पर महिला दिवस मनाया। दिन भर चलने वाले समारोह के दौरान पंजाब के विभिन्न लोक खेल जैसे खो-खो, कोकलाशी पक्की, पिठू गरम, गिट्टे, ब्रांटे, रस्सा काशी, रुमाल झप्पटा, रस्सी तपना, स्टापू और ऊंच नीच खेले गए। कॉलेज की युवतियों को पंजाब के पुराने खेलों से परिचित कराने के उद्देश्य से गेम्स खेले गए। प्राचार्य डॉ. पुष्पिंदर वालिया ने पीजी पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग को आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि पारंपरिक खेल बचपन की मासूमियत से गूंजते हैं। खेल चरित्र, अनुशासन और व्यक्तित्व को विकसित करने और विकसित करने में मदद कर सकते हैं। पारंपरिक खेल आधुनिक खेलों से बेहतर हैं क्योंकि वे युवाओं को टीम वर्क, खेल भावना और प्रतिबद्धता की क्षमता विकसित करने में मदद करते हैं। पत्रकारिता और जनसंचार विभाग की प्रमुख डॉ. प्रियंका बस्सी ने कहा कि आजकल छात्र अपना खाली समय मोबाइल फोन पर गेम खेलने में बिताते हैं, जिससे शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती प्रभावित होती है। उन्होंने आगे कहा कि इन पारंपरिक खेलों को खेलकर एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाई जानी चाहिए। कार्यक्रम के दौरान पत्रकारिता और जनसंचार विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. अंतरप्रीत कौर, महक अरोड़ा, पुनीत कौर, समृद्धि मेहरा, मीनल चंगोत्रा ​​और वृति मदान भी उपस्थित थीं। 

दोआब कॉलेज में डिजीटल इनोवेशन फॉर जैंडर इक्यूऐलिटी पर सैमीनार आयोजित

जालंधर (अरोड़ा) :-दोआबा कॉलेज के सेल फॉर वूमेन डिवैल्पमेंट एंड प्रिवेंशन ऑफ सैक्सुअल हरासमैंट द्वारा अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस को समर्पित डिजीटल इनोवेशन एवं टैक्नॉलजी फॉर जैंडर इक्यूऐलिटी थीम पर सैमीनार का आयोजन किया गया जिसमें प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी बतौर मुख्य मेहमान उपस्थित हुए जिनका हार्दिक अभिनंदन प्रो. ईरा शर्मा- कोर्डीनेटर, प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने किया। प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी ने कहा कि आज के तकनीकी युग में तकनीकी बदलाव एवं डिजीटाईजेशन की सहायता से ही सशक्त जैंडर इक्यूऐलिटी लाई जा सकती है जिससे वूमेन इंपावरमेंट को बढिय़ा तरीके से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महिलाएं सृष्टी की सृजन्हार हैं तथा उनकी वजह से ही पृथ्वी प्रत्येक मानस के लिए रहने के लायक बन पाई है। इस मौके पर कॉलेज के विद्यार्थियों- अमीषा, ईशिता, इवेंजलीन, रजनी, युवराज सिंह ने अपनी प्रस्तुती से सबको प्रभावित किया। टीना व टीम ने कोरियोग्राफी प्रस्तुत की। मिताली व विधु ने मँच संचालन बखूबी किया। प्रो. ईरा शर्मा न वोट ऑफ थैंकस प्रस्तुत किया। 

नियो जूनियर हाई स्कूल, जापान के फैकल्टी ने एमजीएन पब्लिक स्कूल, आदर्श नगर जालंधर का दौरा किया

जालंधर (अरोड़ा) :- नियो हाई स्कूल जापान के फैकल्टी ने एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत स्कूल का दौरा किया। इस यात्रा ने अकादमिक और सांस्कृतिक अनुभवों के आदान-प्रदान के लिए एक अद्भुत अवसर प्रदान किया। टीम ने स्कूल प्रणाली में तकनीकी परिवर्तन और भारतीय संस्कृति में विकसित सामाजिक कौशल को अपनाने की सराहना की।  शैक्षिक दृष्टिकोण का आदान-प्रदान किया गया और टीम ने उस पर प्रकाश डाला जापानी छात्र स्वयं की देखभाल से लेकर प्रौद्योगिकी के उपयोग तक बहुत कुशल हैं। टीम ने छात्रों और शिक्षकों के कौशल को बढ़ाने के लिए विभिन्न कक्षाओं और विभिन्न पद्धतियों में उपयोग किए जाने वाले सीखने के उद्देश्यों को साझा किया। टीम अच्छी यादों के साथ रवाना हुई और भारतीय और जापानी स्कूलों की विनिमय प्रणाली की प्रतीक्षा कर रही थी। टीम ने लैब, लाइब्रेरी आदि का दौरा किया। प्राचार्य कनवलजीत सिंह रंधावा, संगीता भाटिया, प्रधानाध्यापिका सह अकादमिक समन्वयक एवं सुखम, इंचार्ज प्री प्राइमरी विंग ने जापानी फैकल्टी के साथ शिक्षा पर अपने दृष्टिकोण और विचारों को साझा किया और निकट भविष्य में ऐसे और अवसरों की उम्मीद की।

पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर विमेन, जालंधर में होली का त्योहार मनाया गया

जालंधर (तरुण) :- पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर विमेन, जालंधर में यूथ क्लब व सेंट्रल एसोसिएशन के सहयोग से होली का त्योहार मनाया गया। समारोह की शुरुआत से पहले कर्मचारियों के माथे पर होली का तिलक लगाया गया। होली का त्यौहार हर साल सभी आयु वर्ग के लोगों के बीच एक उल्लासपूर्ण और जीवंत मनोदशा पैदा करता है। रंगों के त्योहार के आने के कुछ दिन पहले से ही लोग मस्ती करने लगते हैं। होली मुख्य रूप से सर्दियों के बाद वसंत के आगमन का जश्न मनाती है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। इस त्योहार को अच्छी फसल के लिए धन्यवाद के रूप में भी मनाया जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रह्लाद को उसकी चाची होलिका गोद में लेकर चिता पर बैठी थी, क्योंकि ऐसा माना जाता था कि आग होलिका को छू नहीं सकती थी। हालांकि, होलिका को आग लग गई और प्रहलाद को बचा लिया गया। यही कारण है कि होली की शुरुआत होलिका दहन से होती है, जो बुराई और शैतानी ताकतों के अंत की परिणति होती है। रंगों का मेला तब शुरू होता है जब लोग सड़कों पर निकलते हैं और एक-दूसरे पर रंग छिड़कते हैं और पानी की बंदूकों या गुब्बारों के माध्यम से रंगीन पानी में सराबोर होते हैं। छात्र-छात्राएं आकर्षक परिधानों में सजे-धजे थे। उनमें से कुछ ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुतियां दीं, जबकि दर्शकों ने नृत्य की धुनों पर नृत्य का लुत्फ उठाया। अध्यक्ष नरेश कुमार बुधिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद दादा, प्रबंधक समिति के अन्य गणमान्य सदस्य एवं प्राचार्य प्रो. (डॉ.) पूजा पराशर ने इस पावन अवसर पर छात्रों और शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने आयोजन को सफल बनाने में सेंट्रल एसोसिएशन और यूथ क्लब के सदस्यों के प्रयासों की भी सराहना की।

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