जालंधर उपचुनाव के मौके पर प्रदर्शन का कार्यक्रम तैयार किया गया, एचएमवी कॉलेज जालंधर में इमरजेंसी मीटिंग हुई
अमृतसर/जालंधर,(अरोड़ा)- एडेड कॉलेज प्रबंधन, तीन राज्य विश्वविद्यालयों के प्रिंसिपल एसोसिएशन, पंजाब चंडीगढ़ कॉलेज टीचर्स यूनियन (पीसीसीटीयू) और गैर सहायता प्राप्त कॉलेजों के प्रबंधन की ज्वाइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) ने आज मुख्य रूप से भगवान मान सरकार को राज्य में उच्च शिक्षा को लेकर खुली बहस के लिए चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि राज्य में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार उच्च शिक्षा संस्थानों को तबाह करने पर तुली है।
इस संबंध में हंसराज महिला महाविद्यालय (एचएमवी) में आयोजित आपात बैठक में जेएसी ने जालंधर लोकसभा उपचुनाव के दौरान, लोकसभा उपचुनाव से पहले अगले दो सप्ताह तक विरोध प्रदर्शन करने, रैलियां आयोजित करने और सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलने की योजना बनाई। जेएसी अध्यक्ष राजिंदर मोहन सिंह छीना ने कहा कि सरकार हमारी जायज मांगों को पूरा करने में विफल रही है और हमारे पास आप पार्टी की शिक्षा विरोधी नीतियों का विरोध करने के लिए लोगों तक पहुंचने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और यहां तक कि उच्च शिक्षा सचिव से भी समय मांगा गया था लेकिन उन्होंने इस ओर कोई विशेष रुचि नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि आज चर्चा की गई तीन प्राथमिक मांगों में कॉलेजों के लिए प्रस्तावित केंद्रीकृत प्रवेश पोर्टल को अस्वीकार करना है, जिसे कॉलेजों के हितों पर विचार किए बिना मनमानी से लागू किया जा रहा है। उन्होंने पोर्टल को पक्षपाती बताते हुए कहा कि इसे निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए लागू किया जा रहा है।
इस अवसर पर बकाया अनुदान जारी करने और 95 प्रतिशत अनुदान सहायता योजनाओं के पूर्ण क्रियान्वयन पर भी चर्चा की गई। इस अवसर पर जेएसी गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर डॉ. एसपी सिंह, पीसीसीटीयू अध्यक्ष डॉ. विनय शीतल, महासचिव एसएम शर्मा व अन्य ने विरोध कार्यक्रम के संबंध में सूची साझा करते हुए कहा कि जेएसी केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से प्रवेश के बहिष्कार को जारी रखने का निर्णय लिया है और जीएनडीयू अमृतसर और पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला के कुलपतियों को उक्त पोर्टल के कॉलेजों पर पड़ने वाले वित्तीय और प्रशासनिक प्रभावों से अवगत कराने का भी सर्वसम्मति से फैसला लिया गया।
इस मौके पर उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के सेंट्रलाइज्ड एडमिशन पोर्टल को लागू नहीं करने के फैसले की सराहना की। इस अवसर पर उन्होंने पोर्टल के माध्यम से कालेजों की स्वायत्तता पर हो रहे हमले के संबंध में अपना संदेश देने के लिए सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों से मिलने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 27 अप्रैल को जालंधर, लुधियाना और पटियाला में 3 विरोध रैलियां आयोजित की जाएंगी, जिसके बाद 4 मई को जालंधर में पंजाब सरकार के खिलाफ एक विशाल राज्य स्तरीय रैली व विरोध मार्च निकाला जाएगा। इस अवसर पर जेएसी ने घोषणा की कि अगर अब भी सरकार नहीं जागी तो वे आने वाले दिनों में प्रदेश के तीनों विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं का बहिष्कार भी करेंगे। उन्होंने मान सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वे यह समझने में विफल रहे हैं कि इस सरकार द्वारा शिक्षा का कौन सा मॉडल लागू किया जा रहा है, जबकि इस सरकार के पास अपने प्रतिनिधिमंडल से मिलने का समय नहीं है क्योंकि शिक्षा मंत्री ने उन्हें मुद्दों पर चर्चा के लिए समय नहीं दिया हैं।
इस अवसर पर पटियाला यूनिवर्सिटी के प्राचार्य डॉ. खुशविंदर कुमार, जीएनडीयू प्राचार्य डॉ. गुरदेव सिंह, पीसीसीटीयू महासचिव डॉ. गुरदास सिंह सेखों, प्राचार्य डॉ. महल सिंह, रविंदर जोशी और अन्य ने भी उक्त मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने 58 वर्ष की आयु पार कर चुके शिक्षकों को अनुदान न देने, बकाया अनुदान जारी करने तथा पुरानी 95 प्रतिशत अनुदान सहायता योजना को अधिकारियों को पूर्ण रूप से लागू करने तथा राज्य के अन्य लंबित मामलों के समाधान की भी अपील की।