(Date : 25/April/2424)

(Date : 25/April/2424)

एपीजे स्कूल, टांडा रोड, जालंधर, किकबॉक्सिंग चैंपियनशिप में चमका | दोआबा कालेज में क्लीनिकल प्रैक्टिसिज पर वर्कशॉप आयोजित | डीएवी कॉलेज में अंतरमहाविद्यालीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया | के.एम.वी. की छात्राओं ने हिंदी में रोज़गार की संभावनाओं के बारे में जाना | पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर वुमेन, जालंधर में ई-वेस्ट मैनेजमेंट पर सेमिनार का आयोजन |

शिक्षा

डीएवी कॉलेज जालंधर के विद्यार्थियों की पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम में भाग लिया

जालंधर (अरोड़ा) :- जूलॉजी विभाग, डीएवी कॉलेज जालंधर के छात्रों ने डीएवी यूनिवर्सिटी, जालंधर द्वारा आयोजित इंटरकॉलेज प्रतियोगिता पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम में भाग लिया। इस आयोजन का विषय था “मिशन लाइफ- लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट” जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई को लोकतांत्रिक बनाने के लिए भारत के माननीय प्रधान मंत्री द्वारा मिशन लाइफ लॉन्च किया गया था, जिसमें हर कोई अपनी क्षमता के भीतर योगदान दे सकता है। पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए दस अलग-अलग प्रतियोगिताओं वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी, नारा लेखन, फोटोग्राफी में जूलॉजी विभाग के छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लेते हुए कई पुरस्कार जीते। प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार, उप-प्राचार्य प्रो. अर्चना ओबेरॉय और डीन एकेडमिक्स व  विभागाध्यक्ष प्रो पुनीत पुरी ने छात्रों को उनकी उपलब्धियों हेतु बधाई प्रेषित की। पोस्टर प्रतियोगिता में राधिका, बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट में इंदु और खुशबू, स्लोगन लेखन में जाह्नवी ने प्रथम पुरस्कार, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में दीपिंदर, नवलीन व आकांक्षा, पोस्टर प्रस्तुति में शिखा, रंगोली में जाह्नवी और सेजल, डिजिटल पोस्टर में आयुष और अमृत ने दूसरा स्थान हासिल किया। डिबेट में अंशुमा और रीतिका, मॉडल प्रस्तुति में ऋतिका और आंचल ने तीसरा पुरस्कार प्राप्त किया। जूलॉजी विभाग के संकाय सदस्यों प्रो. पूजा शर्मा, डॉ. दीपक, डॉ. ऋषि कुमार, डॉ. कपिला महाजन, डॉ. अभिनय ठाकुर, प्रो. पंकज बग्गा और प्रो. गुरमीत ने छात्रों को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित किया।

एचएमवी की छात्राओं ने बी.कॉम ऑनर्स सेमेस्टर-5 में पाई पहली पांच यूनिवर्सिटी पोजीशन

जालंधर (अरोड़ा) :- हंस राज महिला महाविद्यालय की बी.कॉम आनर्स सेमेस्टर-5 की छात्राओं ने यूनिवर्सिटी में प्रथम 5 पोजीशनों पर कब्जा करके कालेज का नाम रोशन किया है। सुगंधि ने 50 में से 44 अंक प्राप्त कर प्रथम, काजल ने 43 अंकों से द्वितीय, सुहानी, चेतना व दीपाली ने 42 अंकों से तृतीय स्थान, तान्या ने 41 अंकों से चतुर्थ स्थान व ज्योति ने 40 अंकों से पांचवां स्थान प्राप्त किया। प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन ने छात्राओं व विभागाध्यक्षा मीनू कोहली को बधाई दी। इस अवसर पर डीन अकादमिक डॉ. सीमा मरवाहा, कनिका शर्मा व शायना मोंगा भी उपस्थित थी।

सेंट सोल्जर इंजीनियरिंग ने मनाया नेशनल टेक्नोलॉजी डे

जालंधर (अजय छाबड़ा) :- सेंट सोल्जर इंस्टीच्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी द्वारा नैशनल टेक्नोलॉजी डे मनाया गया। जिसमें छात्रों के लिए एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें प्रिंसिपल डॉ. गुरप्रीत सिंह मुख्य वक्ता रहे। उन्होंने छात्रों और स्टाफ मेंबर्स को जानकारी देते हुए बताया कि 11 मई को देश में टेक्नोलॉजी क्रांति आई थी इसी दिन को 1998 के 'पोखरण परमाणु टेस्ट' और अंतरिक्ष में भारत की बड़ी प्रगति के रूप में इतिहास में दर्ज है।

डॉ. सैनी ने टेक्नोलॉजी के लाभ और हानि से अवगत करवाते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना एक जिम्मेदारी भरा काम है अगर इसे सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो काम में बहुत सी आसानी हो जाती है और गलत उपयोग से कई परेशानियाँ भी सकती हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि टेक्नोलॉजी पढाई, ऑनलाइन पेमेंट, मनोरंजन, जागरूकता फैलाने में एहम रोल निभा रही है। चेयरमैन अनिल चोपड़ा ने कॉलेज प्रयास की सराहना करते हुए देश की उन्नति में टेक्नोलॉजी को मुख्य बताया।

के.एम.वी. कॉलेजिएट स्कूल द्वारा मनाया गया राष्ट्रीय टेक्नोलॉजी दिवस

मानवीय जीवन में इनोवेशन तथा टेक्नोलॉजी के महत्व के बारे में फैलाई गई जागरूकता

जालंधर (मोहित अरोड़ा) :-  भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महा विद्यालय, जालंधर तथा के.एम. वी. कॉलेजिएट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के द्वारा के.एम.वी. इंस्टीट्यूशंस इनोवेशन काउंसिल के सहयोग से राष्ट्रीय टेक्नोलॉजी दिवस मनाया गया. समाज के निर्माण एवं विकास में शोधकर्ताओं, इंजीनियरज़ तथा वैज्ञानिकों के योगदान को दर्शाते इस दिवस के उपलक्ष में कॉलेजिएट स्कूल द्वारा ई-कोलॉज, पोस्टर मेकिंग, वर्कशॉप आदि जैसी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करवाया गया जिनमें छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लेते हुए मानवीय जीवन में इनोवेशन तथा टेक्नोलॉजी के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाई. कॉलेजिएट स्कूल की आर्ट्स, कॉमर्स तथा साइंस की छात्राओं ने जहां टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को दर्शाते कोलाज तथा पोस्टर बनाए वहीं साथ ही विद्यालय के इन्नोवेशन हब में भी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया जहां छात्राओं ने हाथों से तैयार किए गए विभिन्न वैज्ञानिक उपकरणों के बारे में जाना. विद्यालय के फिज़िक्स विभाग से डॉ. नीतू चोपड़ा ने छात्राओं को विभिन्न उपकरणों के उपयोग के बारे में भी समझाया. ई-कोलॉज प्रतियोगिता में से साक्षी पहले, हररूप दूसरे तथा कृतिका रानी तीसरे स्थान पर रही. इस ही प्रतियोगिता में से कोमलप्रीत कौर, हरनूर कौर तथा दीक्षा को स्पेशल इनाम प्रदान किया गया. इसके साथ ही पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में से साक्षी पहले स्थान पर रही जबकि खुशी दूसरे और विधिता ने तीसरा स्थान हासिल किया. स्पेशल पुरस्कार के लिए आयुषी, नवजोत सैनी, दीक्षा, परनीत तथा के.वी. सोनल को चुना गया. विद्यालय प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने इस अवसर पर संबोधित होते हुए मौजूदा समय में टेक्नोलॉजी की समाज को ज़रूरत तथा इसकी देन के बारे में बात करते हुए छात्राओं को शोध तथा इनोवेशन के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. इसके साथ ही उन्होंने इस सफल आयोजन के लिए श्रीमती वीना दीपक, कोऑर्डिनेटर, आनंद प्रभा, इंचार्ज, के.एम.वी. कॉलेजिएट स्कूल, डॉ. मधुमीत, डीन, स्टूडेंट वेलफेयर तथा कॉलेजिएट स्कूल के सभी अध्यापकों के द्वारा किए गए प्रयासों की प्रशंसा की. ई-कोलाज तथा पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में डॉ. सुमन खुराना, अध्यक्षा, कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशंस विभाग ने जज की भूमिका निभाई।

अर्जन वीर फाउंडेशन के सहयोग से सीटी यूनिवर्सिटी ने थैलेसीमिया जागरूकता पर सत्र का किया आयोजन

अर्जन वीर फाउंडेशन की सीईओ जसलीन गरचा ने 'स्टेम सेल दान'  करने के लिए किया प्रोत्साहित

जालंधर (अरोड़ा) :-  अर्जन वीर फाउंडेशन के सहयोग से सीटी यूनिवर्सिटी ने थैलेसीमिया जागरूकता और स्टेम सेल डोनेशन पंजीकरण के लिए एक विशेष सत्र का आयोजन किया। सत्र का उद्देश्य ब्लड कैंसर से पीड़ित लोगों के जीवन को बचाने में स्टेम सेल डोनेशन की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करना था। अर्जन वीर फाउंडेशन की सीईओ जसलीन गरचा ने थैलेसीमिया के बारे में जागरूक करने के साथ साथ स्टेम सेल के महत्व के बारे में बहुमूल्य जानकारी साझा की। सीटी यूनिवर्सिटी ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हुए इस सत्र का आयोजन किया जिसमें जसलीन गरचा ने थैलेसीमिया और स्टेम सेल डोनेशन पर गहन जानकारी देते हुए इस जीवन रक्षक पहल में अधिक से अधिक भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई ब्लड कैंसर रोगी है एक स्वस्थ स्टेम सेल डोनर मिलता है, उसकी जान बचाई जा सकती है। दुर्भाग्य से, रक्त मिलान होने की संभावना बहुत कम होती है और कभी-कभी यह लाखों में एक होती है।

उन्होंने यह भी साझा किया कि भारत की कुल जनसंख्या 130 करोड़ से अधिक है लेकिन अभी तक स्टेम सेल दान के लिए पंजीकृत लोगों की संख्या केवल 5 लाख है। ऐसे में कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए विदेश से स्टेम सेल मंगवानी पड़ती है, जिस पर करीब 50 लाख रुपये का खर्च आता है, जो आम आदमी की पहुंच से बाहर है. इतना ही नहीं उन्होंने स्टेम सेल डोनेशन की प्रक्रिया भी समझाई। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इससे शरीर को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता बल्कि मरने वाले को जीवन मिलता है। भारत में स्टेम सेल दान पंजीकरण केवल आधा मिलियन हैं, जबकि देश की जनसंख्या 1.3 बिलियन से अधिक है। नतीजतन, अधिकांश भारतीयों को विदेशों से स्टेम सेल का आयात करना पड़ता है, जिसकी कीमत 50 लाख रुपये तक होती है, जो औसत व्यक्ति की क्षमता से परे है। व्याख्यान में संभावित दाताओं को आश्वस्त करते हुए स्टेम सेल डोनेशन की प्रक्रिया के बारे में बताया गया कि मरने वाले व्यक्ति को जीवन का उपहार देते समय उन्हें कम से कम समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सत्र से प्रेरित होकर, सीटी यूनिवर्सिटी के छात्रों और शिक्षकों ने मौके पर ही स्टेम सेल डोनर के रूप में पंजीकरण का सक्रिय कदम उठाया। सीटी यूनिवर्सिटी के छात्र कल्याण विभाग के उप निदेशक दविंदर सिंह ने कहा कि सीटी यूनिवर्सिटी और अर्जन वीर फाउंडेशन लोगों से स्टेम सेल डोनर के रूप में पंजीकरण कराने का आग्रह करता है, जिससे कैंसर रोगियों के जीवन पर परिवर्तनकारी प्रभाव डाला जा सकता है। जागरूकता बढ़ाकर और दान की संस्कृति को बढ़ावा देकर, भारत में स्टेम सेल की मांग और उपलब्धता के बीच की अंतर् को कम किया जा सकता है। सीटी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर (कार्यकारी ) डॉ. सतीश ने कहा कि सीटी यूनिवर्सिटी समाज पर सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए समर्पित है, ऐसे सत्र बच्चों को प्रेरित करते हैं। इस अवसर पर छात्र कल्याण विभाग के डिप्टी डिरेक्टर दविंदर सिंह, सांस्कृतिक मामलों की उप निदेशक सरघी कौर बाढिंग, मैनेजर ऑपरेशन्स पवनवीर कौर, स्टाफ और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

रवीन्द्रनाथ टैगोर की जीवनी से डिप्स में विद्यार्थियों को करवाया गया अवगत

जालंधर (प्रवीण) :-  विश्व भर में प्रसिद्ध कवि, संगीतकार, गीतकार, कहानीकार, चित्रकार जिन्हें लोग रवीन्द्रनाथ टैगोर और गुरूदेव की जयंति पर डिप्स स्कूल लक्खन के पड्डे में प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस दौरान बच्चों ने अपनी ड्राईँग कला का प्रदर्शन करते हुए बहुत ही सुंदर पोस्टर बनाए और रवीन्द्र नाथ जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में लिखा। कविता गायन के दौरान बच्चों को उनके द्वारा लिखि हुए कविताएं पेश की। पीपीटी के माध्यम से टीचर्स ने बच्चों को बताया कि भारत का राष्ट्र गान जन-गण-मन और बांग्लादेश का राष्ट्र गान आमार सोनार बांग्ला इनकी ही देन है। उन्होंने अपने जीवन में 2230 के करीब गीतों की रचना की। उनके कार्यो के लिए उन्हें नोवेल पुरस्कार के साथ सम्मानित किया गया। मानवतावादी विचारक वाले इस व्यक्ति को प्रकृति के पास रहना बहुत ही पसंद था इसलिए उन्होंने शांति निकेतन की स्थापना की। प्रिंसिपल सुषमा चावला ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा उन्हें रबिन्द्रनाथ के विचारों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि उनका मानना था कि शिक्षा का मुख्य मकसद स्पष्टीकरण देना नहीं है बल्कि मन के दरवाजे खटखटाना है। उच्च शिक्षा वो नहीं जो हमें सिर्फ जानकारी देती है बल्कि हमारे जीवन को सफलता का नया आयाम देती है। इसलिए हमें शिक्षा से अपने जीवन को नए मुकाम पर लेकर जाना चाहिए। डिप्स चेन के एमडी सरदार तरविंदर सिंह ने कहा कि हमें अपनी गलतियों पर दरवाजे बंद नहीं करना चाहिए बल्कि सच्चाई का पूरा ईमानदारी से सामना करना चाहिए।

2013 से मानदेय में कोई वृद्धि नहीं- डॉ. सेखों

जीवनजोत सवेरा न्यूज़ (अरोड़ा) - डॉ. गुरदास सिंह सेखों महासचिव पीसीसीटीयू और डॉ. ललित कुमार जिलाध्यक्ष गुरदासपुर ने विश्वविद्यालय के परीक्षा ड्यूडी और मूल्यांकन कार्य करने वाले शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि के मुद्दे को लेकर परीक्षा प्रभारी प्रोफेसर डॉ. पलविंदर सिंह से मुलाकात की. यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि गुरु नानक देव विश्वविद्यालय ने 2013 से मानदेय की दरों में संशोधन नहीं किया है, जबकि विश्वविद्यालय ने परीक्षा शुल्क में कई गुना वृद्धि की है। इसके अलावा पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से 40 प्रतिशत अधिक भुगतान कर रहा है। हमने नियंत्रक परीक्षा से मानदेय को पंजाब विश्वविद्यालय के बराबर बढ़ाने का अनुरोध किया जो 2016 से उच्च दर का भुगतान कर रहा है। प्रतिनिधिमंडल ने रविवार/राजपत्रित अवकाश पर ड्यूटी के बदले प्रतिपूरक अवकाश का मुद्दा भी उठाया जो एक प्राकृतिक न्याय है। अधिकांश प्राचार्य रविवार को ड्यूटी के बदले प्रतिपूरक अवकाश नहीं दे रहे हैं। डॉ. पलविंदर सिंह ने सुनिश्चित किया कि प्रतिपूरक अवकाश के संबंध में वर्ष 2013 में पत्र जारी होने के की तर्ज पर प्रधानाध्यापकों को पत्र जारी किया जाएगा। छुट्टियों के दौरान बीएड परीक्षा का मामला भी नियंत्रक परीक्षा से साझा किया गया और उन्होंने बताया कि द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा गर्मी की छुट्टी के बाद 10 जुलाई 2023 से शुरू होगी जबकि चौथे सेमेस्टर की परीक्षा 10 जून से शुरू होगी क्योंकि यह बाहर जाने वाली कक्षा जिसे अगली उच्च शिक्षा या नौकरियों के लिए समय पर पूरा करने की आवश्यकता होती है। हम हमारी मांगों को सुनने और उनका समाधान सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा नियंत्रक के आभारी हैं क्योंकि विश्वविद्यालय शिक्षकों के मुद्दों को हल करने वाला प्रमुख निकाय है।

के.एम.वी. के प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने कर्नाटक से प्रतिष्ठित अवार्ड प्राप्त करने पर सम्मानित किया

जालंधर (मोहित अरोड़ा) :-  भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महा विद्यालय, जालंधर महिला सशक्तिकरण के अपने मकसद के तहत उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन के लिए सदा अपनी छात्राओं एवं प्राध्यापकों को प्रेरित करता रहता है जिसके फलस्वरूप वह राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशेष उपलब्धियों के साथ सदा संस्था को गौरवान्वित करते आ रहे हैं. इसी श्रंखला में विद्यालय के पोस्टग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ साइकॉलजी में बतौर विभागाध्यक्षा एवं असिस्टेंट अपनी सेवाएं निभा रहे डॉ. प्रतिमा शर्मा को हाल ही में इंस्टीट्यूट ऑफ स्कॉलर्स, बेंगलुरू, कर्नाटक की ओर से एच.ओ.डी. ऑफ द ईयर अवार्ड  हासिल करने पर विद्यालय प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने सम्मानित किया. डॉ. प्रतिमा को यह अवार्ड मिनिस्ट्री ऑफ़ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइज़िज़ और  मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स, भारत सरकार के तहत आई.एस.ओ. प्रमाणित और  रजिस्टर्ड संस्था से प्राप्त हुआ. उल्लेखनीय है कि डॉ. प्रतिमा लाइसेंस प्राप्त मनोवैज्ञानिक हैं और क्लिनिकल साइकोलॉजी के क्षेत्र में उनके पास बेहद विशाल अनुभव है. इसके अलावा वह अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय तथा स्कोपस इंडेक्सड जर्नल्स में शोध पत्रों के प्रकाशन के लिए भी सरगरम तौर पर काम कर रही हैं. उन्होंने यू.जी.सी. स्वयं के मूकस मॉड्यूल पर भी काम किया है.  साइकोलॉजी के क्षेत्र से संबंधित होने के कारण, वह विद्यार्थियों को मानसिक रूप से स्वस्थ बनाने और फिट होने में  अपनी काउंसलिंग स्किल्स से मदद और लाभ पहुंचाने में भी सकारात्मक प्रयत्न कर रही हैं. अपनी विशेष उपलब्धि के लिए उन्होंने मैडम प्रिंसिपल तथा कन्या महा विद्यालय की ओर से छात्राओं के साथ-साथ फैकल्टी को प्रदान किए जाते उत्साह एवं एक उत्तम मंच के लिए आभार व्यक्त किया.

सेंट सोल्जर स्कूल में जयंती पर 'गुरुदेव' को याद किया

छात्रों ने कोलाज बनाकर रवींद्रनाथ टैगोर के जीवन पर डाला प्रकाश

जालंधर (अजय छाबड़ा) :-  सेंट सोल्जर डिवाइन पब्लिक स्कूल में रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती को समर्पित कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को रवीन्द्र नाथ टैगोर के जीवन के बारे में जानकारी देना था। इस दौरान छात्रों ने पैराग्राफ राइटिंग व कोलाज बनाकर रवींद्रनाथ टैगोर के जीवन के मुख्य अंश प्रस्तुत कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्राचार्य शैली भल्ला के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान स्कूल डायरेक्टर सुखदेव सिंह ने छात्रों को बताया कि रविंद्र नाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को कोलकाता में हुआ था।

उन्हें गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वह एक कवि, कहानीकार, उपन्यासकार, नाटककार, पत्रकार और एक महान दार्शनिक थे। उन्होंने 8 साल की उम्र में अपनी पहली कविता लिखी थी। उन्होंने अपने जीवन में विभिन्न विषयों पर हजारों कविताएं, आठ उपन्यास, आठ कहानी संग्रह और अनेक लेख लिखे। इसके अलावा वे संगीत प्रेमी भी थे और उन्होंने 2000 से अधिक गीतों की रचना की। उनके दो गीत आज भी भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रगान हैं। 1913 में उन्हें कविता संग्रह गीतांजलि के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह न केवल भारत के बल्कि विश्व के साहित्य, कला और संगीत के महान स्तंभ हैं।

ਮੇਹਰਚੰਦ ਪੋਲੀਟੈਕਨਿਕ ਵਿਖੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ 10 ਮਈ ਨੂੰ ਵੋਟਾਂ ਪਾਉਣਾ ਲਈ ਪ੍ਰੇਰਿਆ

ਜਲੰਧਰ (ਅਰੋੜਾ) - ਮੇਹਰਚੰਦ ਪੋਲੀਟੈਕਨਿਕ ਕਾਲਜ ਵਿਖੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਇਲੈਕਟ੍ਰਾਨਿਕ ਵੋਟ ਮਸ਼ੀਨ ਨਾਲ ਵੋਟ ਪਾਉਣ ਲਈ ਸਮਝਾਉਣ ਅਤੇ ਉਤਸਾਹਿਤ ਕਰਨ ਵਾਸਤੇ ਪ੍ਰਿੰਸੀਪਲ ਡਾਕਟਰ ਜਗਰੂਪ ਦੀ ਅਗਵਾਈ ਵਿਚ ਕਾਲਜ ਦੇ ਐਂਟਰੀ ਗੇਟ ਤੇ ਸਟਾਫ ਅਤੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਵਲੋਂ ਇਕ ਵਿਸ਼ਾਲ ਕੰਕਰੀਟ ਦੀ ਇਲੈਕਟ੍ਰਾਨਿਕ ਵੋਟਿੰਗ ਮਸ਼ੀਨ ਬਣਾਈ ਗਈ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਿੰਸੀਪਲ ਜਗਰੂਪ ਸਿੰਘ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਇਸ ਮਸ਼ੀਨ ਨਾਲ ਸਬੰਧਤ ਤਿੰਨੇ ਹਿੱਸੇ- ਕੰਟਰੋਲ ਯੁਨਿਟ, ਬੈਲਟ ਯੁਨਿਟ ਅਤੇ ਵੀ ਵੀ ਪੈਟ ਯੁਨਿਟ ਦਰਸਾਏ ਗਏ ਹਨ । ਇਹ ਵਿਸ਼ਾਲ ਸਟੈਚੂ ਇਕ ਸੈਲਫੀ ਪੁਅਇਂਟ ਬਣ ਗਿਆ ਹੈ, ਜਿੱਥੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਚਾਅ ਨਾਲ ਫੋਟੋਆਂ ਖਿਚਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਵੋਟ ਪਾਉਣ ਦੀ ਮਹੱਤਤਾ ਨੂੰ ਉਜਾਗਰ ਕਰਦੇ ਹਨ । 9 ਮਈ ਨੂੰ ਪ੍ਰਿੰਸੀਪਲ ਡਾ ਜਗਰੂਪ ਸਿੰਘ ਨੇ ਆਪਣੇ ਕਾਲਜ ਦੇ ਤਮਾਮ ਬੀ ਐਲ ਓ ਨਾਲ ਮਿਲ ਕੇ ਮਸ਼ੀਨ ਦੇ ਕੋਲ ਫੋਟੋ ਖਿਚਾਈ ਤੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਅਤੇ ਆਮ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ 10 ਮਈ ਨੂੰ ਪਾਉਣ ਦਾ ਸੰਦੇਸ਼ ਦਿੱਤਾ । ਇਸ ਮੌਕੇ ਰਾਕੇਸ਼ ਸ਼ਰਮਾ, ਗੁਰਮੀਤ ਕੌਰ, ਗੋਕੁਲ ਰਾਵਤ, ਰਾਜੀਵ ਸ਼ਰਮਾ, ਸ਼ਸ਼ੀ ਭੂਸ਼ਣ, ਮਲਕੀਤ ਭੱਟੀ ਤੇ ਹਰੀਪਾਲ ਨਾਗਰ ਸ਼ਾਮਿਲ ਸਨ ।

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