“वाद-विवाद बुद्धिमत्ता की लड़ाई है, जहाँ विचारों का आदान-प्रदान होता है।“ – अज्ञात
जालंधर (अरोड़ा) :- मेयर वर्ल्ड स्कूल, जालंधर ने “शाकाहार: नैतिक भोजन या एक अवास्तविक जीवन शैली का भविष्य?” विषय पर अंतर्विद्यालयी वार्षिक चेयरमैन डिबेट की मेज़बानी करके अपनी शानदार उपलब्धियों में एक और उपलब्धि जोड़ दी। इस कार्यक्रम के निर्णायक मंडल के पहले निर्णायक एक सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक वक्ता सुश्री सिमरजीत सिंह थे जो कि पिछले सत्रह वर्षों से अपने श्रोताओं को प्रेरित करते आ रहे हैं। दूसरे निर्णायक एक प्रखर वक्ता सुश्री तरवीन कौर थी जो एक दशक से अधिक समय से व्यक्तियों को उनके सशक्त भविष्य के लिए तैयार करती आ रहीं हैं। उन्होंने सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण में अपना एक अलग स्थान बनाया है। इस प्रतियोगिता के तीसरे निर्णायिका मेयर वर्ल्ड स्कूल की पूर्व छात्रा सुश्री जसप्रीत विरक थी जो एक साहित्य प्रेमी व प्रसिद्ध लेखिका हैं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन समारोह से हुई। वाइस चेयरपर्सन नीरज़ा मेयर, प्रधानाचार्या दिव्या केनी, डिप्टी वाइस प्रिंसिपल चारू त्रेहान और न्यायाधीशों ने ज्ञान का दीपक जलाया।
स्कूल गीत पर एक फ्यूजन नृत्य भी प्रस्तुत किया गया। प्रतियोगिता में जालंधर और उसके आसपास के विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने भाग लिया और विषय पर अपनी बहुमूल्य जानकारी दी। प्रत्येक विद्यालय से दो वक्ता थे, जिनमें से एक ने प्रस्ताव के पक्ष में और दूसरे ने प्रस्ताव के विरोध में अपने विचार व्यक्त किए। विद्यार्थियों ने खंडन दौर ( रिबटल राऊंड) में अपने अप्रत्याशित उत्तरों से दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया। छात्रों ने विषय पर गहरी समझ प्रदर्शित की। इस प्रतियोगिता में पहला स्थान सेंट जोसेफ स्कूल की तान्या गुप्ता और अविका शारदा ने हासिल किया। एम. जी.एन स्कूल की वसुधा अहुजा और जपनूर कौर ने दूसरा स्थान हासिल किया। तीसरा स्थान बावा लाल वानी स्कूल की क्रीति वालिया तथा हरसन अबदल सिंह शर्मा ने हासिल किया। सेंट जोसेफ स्कूल की अविका शारदा को सर्वश्रेष्ठ वक्ता घोषित किया गया। निर्णायक मंडल के सदस्यों ने इस कार्यक्रम के सफलता पूर्वक सम्पन्न होने के लिए स्कूल प्रबंधन समीति को बधाई दी। उपाध्यक्षा नीरज़ा मेयर ने विजेता टीमों को सम्मानित किया। उन्होंने छात्रों की उत्साहपूर्ण भागीदारी की सराहना की और विजय प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएँ छात्रों को आत्मविश्वास से भर देती हैं और साथ ही साथ उन्हें समाज से जोड़ने का प्रयत्न भी करते हैं।