कैंडल मार्च से सरकार को जगाने का प्रयास

कॉलेज शिक्षक फिर से उतरे सड़कों पर

चंडीगढ़/जालंधर (अरोड़ा) :- पंजाब और चंडीगढ़ कॉलेज टीचर्स यूनियन (पीसीसीटीयू) ने आज अमृतसर में भंडारी पुल से हॉल गेट तक एक शक्तिशाली कैंडल मार्च विरोध प्रदर्शन निकाला। जिसका आयोजन अमृतसर के डिस्ट्रिक्ट यूनिट द्वारा किया गया था। यह प्रदर्शन पंजाब सरकार द्वारा राज्य भर के निजी सहायता प्राप्त कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों के पे स्केल में हो रही देरी के विरोध में था। डीएवी कॉलेज अमृतसर, बीबीके डीएवी कॉलेज, खालसा कॉलेज, खालसा कॉलेज फॉर वुमेन, खालसा कॉलेज ऑफ एजुकेशन, हिंदू कॉलेज, एसएन कॉलेज, डीएवी कॉलेज ऑफ एजुकेशन और एसडीएसपीएम रैया कॉलेज सहित अमृतसर जिले के विभिन्न संस्थानों से बड़ी संख्या में शिक्षकों ने भाग लिया।

पीसीसीटीयू के जिला अध्यक्ष डॉ. बी.बी. यादव ने शिक्षकों की मांगों के संबंध में निष्क्रियता के लिए पंजाब सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि टीचर्स का सब्र अब खत्म हो रहा है । अब हम करो या मरो की स्थिति में पहुंच गए है।
पीसीसीटीयू की अध्यक्ष डॉ. सीमा जेटली ने संबोधित करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री से इन गंभीर मुद्दों के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार की ढीले रवैये के खिलाफ पीसीसीटीयू आने वाले दिनों में अपना विरोध प्रदर्शन तेज करने के लिए मजबूर हो जाएगी। पीसीसीटीयू के महासचिव डॉ. गुरदास सिंह सेखों ने 7वें वेतन आयोग के कार्यान्वयन और इसकी सिफारिशों के अनुसार बढ़ा हुआ अनुदान समय पर जारी करने सहित प्रमुख मांगों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने सातवें वेतन आयोग से संबंधित फाइलों को देरी से अपडेट करने के लिए डी पी आई की जम कर आलोचना की। उन्होंने कहा कि दो साल पहले अधिसूचना जारी होने के बावजूद शिक्षा और उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कुछ भी नहीं किया गया। डॉ. सेखों द्वारा मासिक अनुदान का नियमितीकरण, 95% अनुदान सहायता के तहत सभी पदों का कवरेज, 1,925 पदों के लिए अनुदान 75% से बढ़ाकर 95% किया गया, अनुदानित महाविद्यालयों में प्रोफेसर के पद का सृजन, पेंशन एवं ग्रेच्युटी योजनाओं का कार्यान्वयन जैसे मुद्दे भी गंभीरता से उठाए।

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