जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर में अपने संस्थापक अध्यक्ष डॉ सत्यपाॅल जी की 105वीं जयंती पर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। कार्यक्रम का आगाज डॉ अरुण मिश्रा एवं डॉ अमिता मिश्रा के निर्देशन में राष्ट्रीय युवा महोत्सव में विजित विद्यार्थियों हरसिफत, अंजलि, सुखमनी अनमोल, जसलीन एवं दीया द्वारा डॉ सत्यपाल जी के प्रिय भजन गाकर किया गया। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा जी ने डॉ सत्यपाॅल जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि अगर आज कॉलेज संगीत,थियेटर, नृत्य एवं फाइन आर्ट्स के क्षेत्र में राष्ट्रीय युवा महोत्सव तक अपनी विजय का शंखनाद बजा रहा है तो यह डॉ सत्यपाॅल जी के स्वप्न को पूरा करने जैसा है। एपीजे एजुकेशन एवं एपीजे सत्या एंड स्वर्ण ग्रुप की अध्यक्ष तथा एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी की चांसलर सुषमा पाॅल बर्लिया का संदेश पढ़ते हुए उन्होंने कहा कि डॉ सत्यपाॅल जी प्रतिष्ठित उद्यमी, श्रेष्ठ शिक्षाविद,महान स्वतंत्रता सेनानी एवं समर्पित समाज सेवी थे।
वे सच्चे अर्थों में पुरुषोत्तम थे जिनके लिए कर्म ही उनकी पूजा था और वह अनुशासनप्रिय एवं दूसरों की मदद करने के लिए सदा प्रस्तुत रहते थे। आज के दिन उनको सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि जिन मानव मूल्यों को उन्होंने अपनी जिंदगी में समाहित किया हुआ था उन मूल्यों को हम भावी पीढ़ी तक पहुंचाने का संकल्प ले। इस अवसर पर म्यूजिक इंस्ट्रूमैंटल के प्राध्यापक डॉ सुमित सिंह ‘पदम’ने उनके प्रिय भजनों की धुन सितार पर प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष डॉ सुनीत कौर ने डॉ सत्यपाॅल जी की मधुर स्मृतियों को सांझा करते हुए कहा कि वह कड़ी मेहनत करने वालों को हमेशा प्रेरित करते थे और उनका यही कहना था कि आप सिर्फ अपना कर्म करो सफलता अपने आप आपके कदम चूमेगी। डॉ मिक्की वर्मा के निर्देशन में हितेन, रिद्धिमा, शिवम एवं वृंदा द्वारा ‘सत्यम शिवम सुंदरम’नृत्य की खूबसूरत प्रस्तुति ने सबको भाव विभोर कर दिया। इस विशेष अवसर पर नैतिक मूल्यों को अपने जीवन में समाहित करने वाले एवं सभी क्षेत्रों में अग्रणी कॉलेज के हैड ब्वॉय शिवांश दुआ एवं मैक फोरम की अध्यक्ष अर्चा को डॉ सत्यपाॅल अवार्ड से साइटेशन एवं नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कॉलेज में नवागत विद्यार्थियों को डॉ सत्यपाॅल जी के जीवन से परिचित करवाने के लिए एक वीडियो भी दिखाई गई जिसमें उनके जीवन के महत्वपूर्ण झलकियों को दिखाया गया। डॉ ढींगरा ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे भी अपनी जिंदगी में अनुशासन के महत्व को समझें और नैतिक मूल्यों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं ताकि वे भी डॉ सत्यपाॅल अवार्ड के लिए आगे आ सके।