जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट जालंधर में NSS विंग द्वारा NSS डे के उपलक्ष्य में 18 से 24 सितम्बर तक ‘जेंडर सेंसटाइजेशन’ थीम को आधार बनाकर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन पूरे सप्ताह में किया गया।इसके वॉलिंटियर्स ने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जालंधर शहर के विभिन्न स्कूलों में जाकर नुक्कड़ नाटक ‘स्पर्श’ के माध्यम से यह संदेश दिया कि नारी की सुरक्षा सर्वोपरि है और स्कूल के विद्यार्थियों को बताया कि जिस समाज में नारी सुरक्षित है वही समाज उन्नति की राह पर आगे बढ़ सकता है।विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए ‘जेंडर सेंसटाइजेशन’ थीम को लेकर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताएं भी करवाई गई। NGO पहल से जुड़े हुए बिपन सुमन ने विद्यार्थियों को ई-वेस्ट मैनेजमेंट के प्रति जागरूक किया। सिविल हॉस्पिटल जालंधर एंटी रेट्रोविराल व सेंटर के इंचार्ज डॉक्टर स्वयजीत सिंह ने विद्यार्थियों को एचआईवी-एड्स के प्रति सचेत एवं ड्रग से दूर रहने का संदेश दिया।NSS डे के समापन-समारोह में गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर के कम्प्यूटर साइंस विभाग से तथा NSSएवं NCC के प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ अनिल कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।
प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने उनका अभिनंदन करते हुए कहा कि जिस लग्न एवं निष्ठा के साथ हमारे कॉलेज के एनएसएस वॉलिंटियर्स अपनी जिम्मेदारियां का निर्वाह कर रहे हैं निश्चित रूप से उनकी कर्तव्य-निष्ठा उनकी एक अलग ही पहचान कॉलेज में बना रही है। डॉ ढींगरा ने कहा कि आपका आगमन निश्चित रूप से विद्यार्थियों में नयी ऊर्जा का संचार करेगा और वे अपनी जिम्मेदारियां को और भी उत्साह एवं जोश के साथ निभाने में सफल हो सकेंगे। एनएसएस डे के समापन-समारोह का आगाज़ NSS थीम सॉन्ग के साथ किया गया। एनएसएस वालंटियर अक्षत एवं उसके साथियों ने कर्तव्य निष्ठा को समर्पित गीत गाकर समय बांध दिया। एनएसएस वॉलिंटियर्स द्वारा नुक्कड़ नाटक ‘स्पर्श’ की भावपूर्वक प्रस्तुति ने सबको झिंझोड़कर रख दिया। वैदिक काल से लेकर 21वीं सदी तक नारी की स्थिति में हुए परिवर्तन को ‘गाथा’ डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से सफलता से प्रस्तुत किया गया।
एनएसएस वॉलिंटियर्स ने आर्मी ऑफिसर्स की वीरता एवं बलिदान को समर्पित नृत्य पेश करके सबको भाव-विभोर कर दिया। डॉ अनिल कुमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं यह मानकर चलता हूं कि एनएसएस वॉलिंटियर्स स्वयं मोटिवेटेड होते ही हैं तभी वे अपने आसपास दूसरे लोगों को भी प्रेरित करें ताकि एक सुरक्षित एवं स्वस्थ समाज की नींव रखी जा सके। उन्होंने कहा कॉलेज के एनएसएस विंग द्वारा जैंडर सेंसटाइजेशन का विषय आज के समय की मांग है लेकिन वह यह मान कर चलता हूं कि जेंडर डिस्क्रिमिनेशन घर से ही शुरू हो जाती है सबसे पहले हमें स्वयं की सोच पर काम करना होगा,अपनी सोच बदलनी होगी तभी हम समाज एवं दूसरे लोगों की सोच को बदल सकते हैं। डॉ अनिल कुमार को स्मृति चिन्ह्र भेंटकर सम्मानित किया गया।डॉ ढींगरा ने कार्यक्रम की अपार सफलता के लिए एनएसएस विंग की डॉ सिम्की देव एवं सदस्यों मैडम कोमल, मैडम रचिता कुंज और दीपितेश के प्रयासों की सराहना की।