केएमवी के विद्यार्थीयों द्वारा दिशा 2024: स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में प्रस्तुत किए गए 50 अभिनव प्रोजेक्ट

जालंधर (मोहित अरोड़ा) :- कन्या महा विद्यालय (स्वायत्त) के विज्ञान विभाग ने केएमवी इनोवेशन काउंसिल के सहयोग से दिशा 2024 का आयोजन किया, जो छात्र नवाचार के क्षेत्र में एक अविस्मरणीय छाप छोड़ गया। यह रोमांचक आयोजन प्रतिष्ठित स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में संस्थान की भागीदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। यह नवाचार मंत्रालय की एक पहल है जो छात्रों में रचनात्मकता और समस्या-समाधान कौशल को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई है। पिछले शैक्षणिक सत्र में, प्रोटोटाइप ऑटोमैटिक स्टैग्नेंट वाटर इजेक्टर को उत्तर क्षेत्र में प्रथम स्थान पर रखा गया, जो केएमवी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। इस कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य प्रो. डॉ. अतीमा शर्मा द्विवेदी ने प्रतिभागियों की कड़ी मेहनत और रचनात्मकता की सराहना की। प्रो. द्विवेदी ने नवाचार और समस्या-समाधान की संस्कृति को बढ़ावा देने में ऐसे आयोजनों के महत्व पर जोर दिया, जो केएमवी की शिक्षा और शोध में उत्कृष्टता की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि दिशा 2024 ने न केवल केएमवी में छिपी हुई प्रतिभा को उजागर किया, बल्कि नवाचार को बढ़ावा देने और छात्रों को वास्तविक दुनिया की समस्याओं से निपटने के लिए प्रेरित करने के संस्थान के संकल्प को भी प्रतिबिंबित किया। इस आयोजन ने सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व और भविष्य के नवोन्मेषकों को प्रोत्साहित करने में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका को रेखांकित किया। इसमें 50 से अधिक टीमों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और विविध नवीन विचार प्रस्तुत किए। इनमें से कुछ प्रमुख परियोजनाएँ थीं: भूकंप अलार्म: एक अग्रणी प्रणाली जो भूकंपीय गतिविधियों के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है। कृत्रिम वेटलैंड: एक समाधान जो अपशिष्ट जल के उपचार के लिए प्राकृतिक वेटलैंड की नकल करने का प्रयास करता है। बायो-ब्लेंड: रिडिफाइनिंग वेस्ट: जैविक कचरे से बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक बनाने पर केंद्रित एक पहल। मूसा पेपिरस: केले के पौधों से बने पारंपरिक कागज का एक पर्यावरण-अनुकूल विकल्प। पील ग्लो: केले के छिलकों के प्राकृतिक लाभों का उपयोग कर त्वचा को चमकदार बनाने का समाधान। वेस्ट पेपर्स का पुनर्चक्रण: कचरे के कागज को उपयोगी उत्पादों में बदलने का एक अभिनव तरीका। वायर बजर**: विभिन्न उद्देश्यों के लिए डिज़ाइन किया गया एक व्यावहारिक उपकरण, जिसमें शैक्षिक उपयोग शामिल हैं। इसके अलावा, चेकमेट, स्किल बूस्ट, आर्मएक्स और कई अन्य परियोजनाएँ भी प्रस्तुत की गईं। प्राचार्य महोदया ने विज्ञान विभाग और केएमवी आईआईसी की टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आयोजनकर्ता डॉ. नीति वर्मा, प्रमुख, पी.जी. भौतिकी विभाग और केएमवी आईआईसी की अध्यक्ष डॉ. रश्मि शर्मा को बधाई दी। कार्यक्रम के निर्णायक पी.जी. गणित विभाग की प्रमुख वीना दीपक, पी.जी. रसायन विभाग की प्रमुख डॉ. मंजू साहनी, कंप्यूटर एप्लीकेशन और आईटी विभाग की प्रमुख डॉ. सुमन खुराना, और भौतिकी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. सोनिक भाटिया थे।

Check Also

एच.एम.वी. में एक दिवसीय इंटरएक्टिव सेशन एवं वर्कशॉप का आयोजन

जालंधर (अरोड़ा) :- हंसराज महिला महाविद्यालय के डिज़ाइन विभाग द्वारा ‘एंट्रप्रेन्योरशिप एवं स्टार्टअप’ पर एक …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *