जालंधर (अरोड़ा) :- सीटी इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और कानून के अंतर्संबंध पर एक सेमिनार आयोजित किया, जो पंजाब में पहली बार किसी शैक्षणिक संस्थान द्वारा इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा का अवसर था। सेमिनार में एडवोकेट मंदीप सिंह सचदेव (वरिष्ठ अधिवक्ता, डीबीए जालंधर), एडवोकेट सम्राट सचदेव और एडवोकेट मेहर सचदेव सहित प्रतिष्ठित संसाधन व्यक्तियों ने भाग लिया।
उन्होंने कानूनी पेशे में एआई की बढ़ती भूमिका पर एक व्यावहारिक चर्चा की। सीटी इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ के प्रिंसिपल डॉ. मानव ढींड्स, और कर्मचारी भी मौजूद थे। फोकस का एक प्रमुख क्षेत्र कानूनी शोध के लिए एआई का उपयोग था। अधिवक्ता मेहर सचदेव ने बताया कि कैसे एआई बड़ी मात्रा में केस लॉ और कानूनी ग्रंथों का तेजी से विश्लेषण करके कानूनी शोध की दक्षता और सटीकता को बढ़ा सकता है। हालांकि, उन्होंने एआई पर अत्यधिक निर्भरता के जोखिमों के प्रति भी आगाह किया, कानूनी निर्णय लेने की प्रक्रिया में मानवीय निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया। सेमिनार में कानून में एआई के उपयोग को नियंत्रित करने वाले मौजूदा नियामक ढांचे पर भी प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर बोलते हुए एडवोकेट मंदीप सिंह सचदेव ने कहा, “एआई में कानूनी पेशे में क्रांति लाने की क्षमता है, जो ऐसे उपकरण प्रदान करता है जो दक्षता और सटीकता को बढ़ा सकते हैं। हालांकि, हमें नैतिक निहितार्थों के प्रति सचेत रहना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एआई का उपयोग मानव विशेषज्ञता के प्रतिस्थापन के रूप में न होकर पूरक के रूप में किया जाए।”