जालंधर (अरोड़ा ) :- दादी की रेसिपी में जादुई स्पर्श विषय पर केंद्रित आकर्षक पाक कार्यक्रम की मेजबानी की। इस कार्यक्रम में स्कूल के छात्रों और उनके माता-पिता की उत्साही भागीदारी देखी गई, जो अपने क़ीमती पारिवारिक रसोईघर से पारंपरिक लौ-रहित व्यंजनों को फिर से बनाने के लिए एक साथ आए। माहौल उत्साह और पुरानी यादों से भरपूर रहा क्योंकि परिवारों ने पीढ़ियों से चले आ रहे स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक व्यंजन तैयार करने के लिए कमर कस ली। इस कार्यक्रम ने न केवल दादी की रसोई के जादू को जीवंत कर दिया बल्कि छात्रों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने और पौष्टिक भोजन के महत्व को सीखने का एक अनूठा अवसर भी प्रदान किया। प्रधानाध्यापिका प्रियंका ने इस अवसर की शोभा बढ़ाई और युवाओं को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन के महत्व के बारे में प्रेरित करने का अवसर लिया।
उन्होंने कहा स्वस्थ भोजन करना सिर्फ फिट रहने के बारे में नहीं है यह उन प्राकृतिक अवयवों की अच्छाइयों को संजोने के बारे में भी है जिन पर हमारे पूर्वजों ने हमेशा हमे जोर दिया है।” उनके बच्चों और माता-पिता दोनों को पसंद आए जिससे उन्हें स्वस्थ भोजन की आदतें अपनाने और पारिवारिक व्यंजनों के मूल्य को पहचानने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के फ्लेम-लेस व्यंजन भी पेश किए गए जो प्रतिभागियों की रचनात्मकता और पाक कौशल को उजागर करते हैं। ताज़ा सलाद और पौष्टिक स्मूदी से लेकर स्वादिष्ट मिठाइयाँ तक इसका प्रसार आँखों और स्वाद कलियों के लिए एक दावत था। प्रत्येक रेसिपी एक कहानी बताती है जो इसमें शामिल परिवारों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पाक विविधता को दर्शाती है। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागी प्रसन्न मन और पेट के साथ-साथ अपने पारिवारिक व्यंजनों के सरल प्रामाणिक स्वादों में निहित जादू की गहरी सराहना के साथ चले गए।