जालंधर (तरुण) :- पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर वूमेन, जालंधर की इकोनॉमिक्स एसोसिएशन द्वारा वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस सत्र की मेजबानी अर्थशास्त्र के स्नातकोत्तर विभाग द्वारा की गई थी। वाद विवाद का विषय था ‘संतुलित बनाम असंतुलित विकास: विकासशील देशों के लिए कौन सा रास्ता बेहतर है?’ यह सत्र उत्साहपूर्ण और विचारों के जीवंत आदान-प्रदान से चिह्नित था। विभाग के संकाय सदस्यों ने पूरे प्रतियोगिता में प्रदर्शित शोध की गहराई और विचारों की स्पष्टता को देखते हुए छात्रों के समर्पण की सराहना की। इस आयोजन ने न केवल प्रतिभागियों के विश्लेषणात्मक और सार्वजनिक बोलने के कौशल को निखारा, बल्कि उन्हें जटिल आर्थिक मुद्दों के साथ गंभीर रूप से जुड़ने के लिए भी प्रोत्साहित किया। बी.ए., बी.एससी.(अर्थशास्त्र), और बी.ए. बी.एड. से कुल सात छात्राओं ने बड़े उत्साह से भाग लिया। बहस करने वालों ने सर्वांगीण तर्क प्रस्तुत करते हुए विषय की गहरी समझ का प्रदर्शन किया। बी.एससी. (अर्थशास्त्र) सेमेस्टर पांच से अर्पिता, चांदनी और सुप्रीत और बी.ए. सेमेस्टर पांच की ममता ने संतुलित विकास के पक्ष में तर्क दिया, जबकि बी. ए. बी.एड. सेमेस्टर पांच से प्राची और अमीषा और सपना बी.ए. सेमेस्टर पांच ने असंतुलित विकास के पक्ष में विचार प्रस्तुत किए। विभाग के संकाय सदस्यों ने सभी प्रतिभागियों की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना की, एक जानकारीपूर्ण और गतिशील बहस सत्र देने के लिए उनकी सराहना की। अध्यक्ष नरेश बुधिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद दादा, प्रबंध समिति के अन्य सम्मानित सदस्यों और प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. पूजा पराशर ने छात्रों को उनकी उत्साही भागीदारी और असाधारण प्रदर्शन के लिए बधाई दी।
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