स्वतंत्रता दिवस-2024 के अवसर पर पंजाब के राज्यपाल और केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक श्री गुलाब चंद कटारिया जी

जालंधर (ब्यूरो) :- देश की आज़ादी के 77 वर्ष पूरे होने पर मैं समस्त भारतवासियों, विशेषकर पंजाब और चंडीगढ़ के लोगों को हार्दिक बधाई देता हूं। आज हम उन सभी बलिदानियों, समर्पित नेताओं और देशभक्तों को आदरपूर्वक नमन करते हैं, जिन्होंने जीवन भर आजादी के लिए संघर्ष किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, डॉ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, बाल गंगाधर तिलक और लाखों भारतीयों ने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके साथ ही हम अपने सशस्त्र बलों के बहादुर सैनिकों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने हमारे देश की अखंडता और सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। देश की आजादी के लिए पंजाब का अनूठा योगदान विश्व के इतिहास में कहीं भी देखने को नहीं मिलता। महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह, लाला लाजपत राय, शहीद उधम सिंह, करतार सिंह सराभा, दीवान सिंह कालेपानी आदि ने देश की आज़ादी के लिए अपने खून का एक-एक कतरा बहा दिया और जेलों में यात्नाएं झेलीं। वे हम सभी के लिए एक समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं, जो भारत की आन-बान-शान और स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ-साथ हमारी मातृभूमि के लिए असीम प्रेम और सम्मान की मांग करती है। स्वतंत्रता के लिए हमेशा साहस और प्रतिबद्धता दिखाने वाले पंजाब के लोगों के सराहनीय योगदान को याद करना बहुत गर्व की बात है। पंजाब हमेशा से ही भारत के प्रगतिशील राज्य के रूप में अग्रणी रहा है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के समक्ष ‘‘अमृत काल’’ की अवधारणा प्रस्तुत की। अमृत काल प्रधानमंत्री का 2047 का ‘नया भारत’ का विजन है, जो देश के लिए एक नई सुबह है, जो इसकी आकांक्षाओं को पूरा करने का अवसर लेकर आएगी। यह अमृत काल हम सभी के लिए कर्तव्य निर्वहन का समय है। यह अमृत काल हम सभी के लिए माँ भारती के लिए कुछ करने का समय है। जब आज़ादी की जंग चल रही थी, तो 1947 के पहले जिस पीढ़ी ने जन्म लिया था, उन्हें देश के लिए मरने का मौका मिला था। वो देश के लिए मर-मिटने का मौका नहीं छोड़ते थे। लेकिन हमारे भाग्य में देश के लिए मर-मिटने का मौका नहीं है। परन्तु हमारे पास देश के लिए जीने का कुछ कर दिखाने का इससे बड़ा कोई और अवसर नहीं हो सकता। हमें पल-पल देश के लिए जीना है, इसी संकल्प के साथ इस अमृत काल में 140 करोड़ देशवासियों के संकल्पों व सपनों को भी बुनना है। उनके संकल्प को सिद्धि में भी परिवर्तित करना है और जब वर्ष 2047 में तिरंगा झंडा फहरेगा, तब विश्व एक विकसित भारत का गुणगान करता दिखाई देगा। वर्ष 2024 में 18वीं लोकसभा के चुनाव के रूप में हमारे देश का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक त्योहार मनाया गया जो शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। पूरे देश के लोगों ने एक लोकतांत्रिक सरकार का चुनाव करके वास्तव में दुनिया को दिखा दिया है कि भारत एक परिपक्व लोकतंत्र बन चुका है, जिसका हिस्सा हमारे पूर्वजों द्वारा कल्पित आत्मविश्वासी और दूरदर्शी लोग हैं। हमें देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का सुनहरा अवसर दिया गया है। विभिन्न लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए देश के प्रत्येक नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण है। इसके लिए मैं समस्त नागरिकों से संविधान में निहित हमारे मौलिक कर्तव्यों का पालन करने की अपील करता हूं। ये कर्तव्य भारत को स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने पर एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में प्रत्येक नागरिक का आवश्यक दायित्व है। हम अयोध्या में प्रभु श्री राम जी की जन्मस्थली पर निर्मित भव्य नए मंदिर में उनकी मूर्ति की ऐतिहासिक प्राण-प्रतिष्ठा के साक्षी बने हैं। जब इस घटना को व्यापक दृष्टिकोण से देखा जाएगा, तो भविष्य के इतिहासकार इसे भारत की अपनी सभ्यता व विरासत की निरंतर पुनः खोज में एक मील का पत्थर मानेंगे। भारत की अध्यक्षता में देश की राजधानी में जी-20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन एक अभूतपूर्व उपलब्धि रही है। इसकी सबसे उल्लेखनीय बात यह थी कि जी-20 के आयोजनों में लोगों की व्यापक भागीदारी देखने को मिली। इस शानदार आयोजन ने नागरिकों को उनके अपने भविष्य को आकार देने वाले रणनीतिक और कूटनीतिक मामलों में भागीदार बनाने का सभी को सबक दिया। जब संसद ने ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक पारित किया, तो हमने लैंगिक समानता के आदर्श की ओर भी एक कदम आगे बढ़ाया। मेरा मानना है कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिला सशक्तिकरण का एक क्रांतिकारी साधन साबित होगा। एक और महत्वपूर्ण सुधार के अन्तर्गत डिजिटल इंडिया की शुरूआत की गई है जिसने देश में लोगों के जीवन और व्यापार को बहुत आसान बना दिया है। आज पूरा विश्व इसे भारत की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखता है। यहां तक कि विकसित देशों के पास भी भारत जैसी डिजिटल प्रणाली नहीं है। हमारे माननीय प्रधान मंत्री जी के गतिशील नेतृत्व में, हमारा देश विभिन्न वैश्विक मंचों पर अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज करवा रहा है। राष्ट्र में मौजूद प्रतिभाओं के विशाल भंडार की बदौलत देश का भविष्य और भी उज्जवल होने वाला है। आइए, हम समावेशिता और विकास के अवसरों से परिपूर्ण भारत को विकसित भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहें।
आज हमारे सामने कुछ चुनौतियां हैं और हमें विशेष रूप से युवाओं में नशे की लत जैसी सामाजिक बुराई को रोकने पर विशेष ध्यान देना होगा। पंजाब एक सीमावर्ती राज्य होने के कारण हमेशा हमारे पड़ोसी दुश्मन देश पाकिस्तान से चुनौतियों का सामना करता रहा है, जिसकी 245 किलोमीटर लंबी सीमा पाकिस्तान से लगती है। चूंकि पाकिस्तान के पास भारत के साथ सीधी लड़ाई लड़ने की हिम्मत नहीं है, इसलिए वह देश में अशांति पैदा करने के लिए विभिन्न तरीकों से ड्रग्स और हथियार भेजकर भारत के साथ प्रॉक्सी वार लड़ रहा है। हमें दुश्मन की ऐसी हरकतों और चालों से सावधान रहने और सामूहिक रूप से लड़ने की जरूरत है। देश के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार और पंजाब सरकार ने पाकिस्तान से ड्रग्स और हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए संयुक्त प्रयास शुरू किए हैं। केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों ने पंजाब के 6 सीमावर्ती जिलों में संयुक्त अभियान चलाए हैं जो ड्रोन के माध्यम से ड्रग्स की तस्करी से निपटने में बहुत सफल रहे हैं। सीमावर्ती क्षेत्र में देश विरोधी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लगभग 3000 एआई-सक्षम कैमरे लगाए जा रहे हैं। भारत सरकार सीमा पार से ड्रोन के माध्यम से होने वाली नशों और हथियारों की तस्करी से निपटने के लिए पूरी सीमा को ड्रोन रोधी तकनीक से सुसज्जित कर रहा है। अब पंजाब के सभी सीमावर्ती जिलों में भी ग्राम स्तरीय रक्षा समितियों का गठन किया गया है, जो सामूहिक रूप से पुलिस और सुरक्षा बलों को सीमावर्ती जिलों में असामाजिक और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के बारे में सूचित करके सीमा पार से होने वाली तस्करी के विरूद्ध जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। पंजाब के राज्यपाल ने इन समितियों में से पहली तीन सर्वश्रेष्ठ ग्राम स्तरीय रक्षा समितियों को उनके गांवों में नशीले पदार्थों के खात्मे के लिए उनके प्रदर्शन के आधार पर अपने विवेकाधीन फंड से 36 लाख रुपये वार्षिक पुरस्कार राशि देने का फैसला किया है। यह पुरस्कार सभी छह सीमावर्ती जिलों में प्रत्येक जिले के तीन गांवों को दिया जाएगा, जिसमें प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली समिति को 3 लाख रुपये, दूसरा स्थान पाने वाली समिति को 2 लाख रुपये और तीसरे स्थान पर आने वाली ग्राम स्तरीय रक्षा समिति को 1 लाख रुपये का पुरूस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा, पंजाब राजभवन ने पंजाब और चंडीगढ़ के मेधावी छात्रों को सम्मानित करने की परंपरा शुरू की है, जिसका उद्देश्य न केवल उनकी कड़ी मेहनत और उपलब्धियों की सराहना करना है, बल्कि उनकी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के उनके संकल्पों को और मजबूत करने हेतु उन्हें कुछ वित्तीय सहायता प्रदान करना भी है। इस पहल के तहत पंजाब और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ से 8वीं और 10वीं कक्षाओं में अव्वल आने वाले सरकारी स्कूलों के 300 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया जाता है। दी जाने वाली पुरस्कार राशि में 10वीं कक्षा के प्रत्येक छात्र को 10,000/- रुपये और 8वीं कक्षा के प्रत्येक छात्र को 5000/- रुपये की राशि शामिल है। मैं पंजाब के लोगों, जनता के निर्वाचित प्रतिनिधियों, सिविल और पुलिस अधिकारियों, पूर्व सैनिकों, युवाओं, डॉक्टरों, शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों, गैर सरकारी संगठनों, स्वैच्छिक संगठनों और मीडिया से नशीले पदार्थों के खिलाफ अभियान चलाने, हरित और स्वच्छ वातावरण के लिए सार्वजनिक अभियान चलाने के साथ-साथ हरित ऊर्जा, सौर ऊर्जा, वृक्षारोपण, भारत सरकार की योजना ‘एक पेड़ मां के नाम’, स्वच्छ भारत, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, महिला सशक्तिकरण, विकसित भारत आदि पहलों में अपना महति योगदान देने का आह्वान करता हूं।
आइए, आज के इस अवसर पर हम अपने देश के हितों को सर्वोपरि रखते हुए पूरी ईमानदारी, प्रतिबद्धता, भक्ति और समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए सामूहिक रूप से कड़ी मेहनत करने की अपनी प्रतिज्ञा को दोहराएं। मैं एक बार फिर स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ अवसर पर पंजाब और चंडीगढ़ के लोगों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

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