अमृतसर (प्रदीप) :- बी बी के डी ए वी कॉलेज फॉर विमेन की आर्य युवती सभा द्वारा स्वामी श्रद्धानन्द जी के बलिदान दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु विशेष वैदिक हवन -यज्ञ का आयोजन किया गया। हवन का प्रारम्भ गायत्री मन्त्र से हुआ। इस अवसर पर सुदर्शन कपूर (अध्यक्ष, स्थानीय सलाहकार समिति) मुख्य यजमान के रूप में तथा प्रि. डॉ. पुष्पिंदर वालिया उपस्थित रहे। प्रिंसिपल डॉ. पुष्पिंदर वालिया ने सर्वप्रथम ईश्वर का धन्यवाद करते हुए अपने स्वागत संबोधन में ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ के साथ सर्वमंगल की कामना की। आपने स्वामी श्रद्धानंद जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वामी श्रद्धानंद जी ने स्वामी दयानंद जी की वैदिक शिक्षाओं और सिद्धांतों पर आधारित गुरूकुल की शिक्षा का प्रसार किया और सन् 1902 में गुरूकुल कांगड़ी की स्थापना की। आर्य समाज का उद्देश्य सभी को आर्य बनाना है और महर्षि दयानंद सरस्वती जी द्वारा स्थापित आर्य समाज से जुड़े लोग ही इसके वास्तविक सेनानी हैं। अपनी मूल्य आधारित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के फलस्वरूप ही लाहौर से प्रारम्भ हुई डी ए वी संस्था पद्मश्री डॉ पूनम सूरी जी, प्रधान, आर्य प्रादेशिक प्रतिनिधि सभा एवं डी ए वी प्रबन्धकर्त्री समिति, नई दिल्ली के कुशल नेतृत्व में आज पूरे विश्व में सहस्त्र शाखाओं में पल्ल्वित है। राकेश मेहरा (मंत्री, केंद्रीय आर्य समाज शक्तिनगर) ने स्वामी श्रद्धानंद जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए समाज में उनके योगदान की चर्चा की। इंद्रपाल आर्य (प्रधान, आर्य समाज लक्ष्मणसर) जी ने कहा कि आर्य समाज ऐसे बलिदानी महापुरुषों की श्रृंखला है, जिन्होनें समाज के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया। हमें ऐसे महापुरूषों के जीवन से प्रेरणा ग्रहण करनी चाहिए। सुदर्शन कपूर ने हवन के सफल आयोजन पर प्रिंसिपल डॉ. वालिया और स्टॉफ के सदस्यों को बधाई दी और इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि स्वामी श्रद्धानंद जी ने अपना संपूर्ण जीवन मानवता की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। कॉलेज के संगीत विभाग द्वारा मधुर भजन “भज मन ओम नाम सुखदायी” की प्रस्तुति दी गई। मंच संचालन प्रो. डॉ. अनीता नरेंन्द्र, द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्यारेलाल सेठ, सदस्य स्थानीय सलाहकार समिति, अनिल विनायक, हरीश ओबराय, रेणु घई आर्य समाज लारेंस रोड और कॉलेज के टीचिंग व नॉन टीचिंग के सदस्य तथा सभी आफिस बियरर्ज़ उपस्थित रहे।
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