आपदा प्रबंधन में मीडिया एवं जनभागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका: पुलिस अधीक्षक
पीआईबी द्वारा किन्नौर में नशा मुक्त भारत अभियान सहित विभिन्न विषयों पर वार्ता का आयोजन
कैंसर और टीबी का सबसे बड़ा कारण है तम्बाकू : सीएमओ
चंडीगढ़ (ब्यूरो) :- हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के उपायुक्त डॉ. अमित कुमार शर्मा का कहना है कि देश में विश्वसनीय सूचनाओं के लिए वार्ता जैसे जिला स्तर पर आउटरीच कार्यक्रमों का अत्यधिक महत्व है। इनके जरिए न केवल सही सूचनाओं का मार्ग प्रशस्त होता है बल्कि प्रशासन और मीडिया के बीच सहज संवाद का सेतु भी कायम होता है। शर्मा आज रिकांग पिओ में पत्र सूचना कार्यालय, शिमला और चंडीगढ़ द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान, जनजातीय विकास, स्वच्छता, आपदा प्रबंधन एवं वन प्रबंधन विषय पर आयोजित सूचना, संचार और मीडिया समन्वय पर केंद्रित वार्ता कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम में किन्नौर जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक सेकर विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे। इस दौरान केंद्र सरकार के नशा मुक्ति अभियान के तहत कार्यशाला में उपस्थित युवाओं और मीडिया कर्मियों को शपथ भी दिलाई गई।
इससे पहले कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए पीआईबी शिमला के कार्यालय प्रमुख संजीव शर्मा ने वार्ता कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कार्यशाला मीडिया और सरकार के बीच सेतु का काम करती है। इस मौके पर पीआईबी, चंडीगढ़ के मीडिया एवं संचार अधिकारी अहमद खान ने सूचना प्रसारण मंत्रालय की विभिन्न इकाइयों की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला। उन्होंने पीआईबी की अनुसंधान इकाई द्वारा विभिन्न विषयों पर किए जा रहे विश्लेषण और तथ्य परक सूचनाओं के बारे में भी जानकारी दी।


उन्होंने पत्रकारों को इन विश्लेषक से महत्वपूर्ण विश्वसनीय आंकड़ों एवं जानकारियों का उपयोग अपने लेख और समाचार लेखन में इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए उपयुक्त डॉ. अमित कुमार शर्मा ने पीआईबी की विश्वसनीयता का उल्लेख करते हुए कहा कि पीआईबी के जरिए न केवल उन्हें अपने करियर के दौरान मदद मिली है बल्कि जब भी विश्वसनीय सूचनाओं की जरूरत पड़ती है पीआईबी की इसमें अहम भूमिका होती है।
कार्यक्रम के विशेष अतिथि पुलिस अधीक्षक अभिषेक शेखर ने आपदा प्रबंधन विषय पर अपने संबोधन में मीडिया कर्मियों से अनुरोध किया कि वे व्हाट्सएप पत्रकारिता करने से बचें और रिस्पांसिबल जर्नलिज्म का पालन करें और खबरों को सनसनीखेज बनाने के स्थान पर विश्वसनीय जानकारी प्रसारित करें। उन्होंने कहा कि कई बार बिना तथ्यों की पड़ताल किये खबरें प्रसारित करने से न केवल भ्रम की स्थिति बनती है बल्कि प्रशासन को स्थिति संभालने के लिए काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है। इससे पर्यटन से लेकर अन्य क्षेत्रों को भी नुकसान पहुंचता है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में मीडिया एवं जनभागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं।
किन्नौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा राकेश कुमार नेगी ने तम्बाकू मुक्त युवा अभियान 3.0 एवं नशा मुक्त भारत अभियान विषय पर अपने संबोधन में कहा की कैंसर और टीबी का सबसे बड़ा कारण तंबाकू या इससे जुड़े उत्पाद है। उन्होंने बताया कि देश में 50 फ़ीसदी असामयिक मौतें तंबाकू की वजह से हो रही है। उन्होंने केंद्र सरकार के कोटपा (COTPA) अधिनियम की जानकारी देते हुए बताया कि स्कूल कॉलेज से लेकर हर स्तर पर युवाओं को प्रशासन से जुड़े अधिकारियों को इसके बारे में जागरूक रहना चाहिए।
वार्ता के दौरान, स्वच्छता अभियान पर अपने संबोधन में कल्पा के एसडीएम अमित कलथाईक ने बताया कि जिले में बायो मेडिकल और ई-वेस्ट के निष्पादन के लिए विभिन्न प्रयास किया जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले में 700 से 800 किलो गीला कचरा निकाल रहा है जबकि सूखे कचरे की मात्रा बढ़कर 1000 से 1200 किलो तक हो गई है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान में समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका है और हमें अपने-अपनी स्तर पर इस अभियान को सफल बनाने के लिए सहयोग करना चाहिए । आपदा में अवसर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने कचरे को अलग-अलग कर उससे लाखों रुपए की कमाई भी की है।
किन्नौर के परियोजना अधिकारी घनश्याम दास शर्मा ने आदिवासी विकास कार्यक्रम पर अपने संबोधन में आदिवासियों के कल्याण के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के बजट का 9 फीसदी हिस्सा आदिवासी विकास योजना में दिया जा रहा है और किन्नौर जिले में इस 9 फीसदी का भी 30% हिस्सा खर्च किया जा रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार के आदि कर्मयोगी अभियान का उल्लेख करते हुए बताया कि पहले विकास की योजनाएं केंद्रीय स्तर पर तैयार होती थी लेकिन अब गांव में आदि साथी और आदि सहयोगी मिलकर विकास गतिविधियों की योजना बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान एक प्रशासनिक सुधार से बढ़कर यह एक जन आंदोलन है। यह अभियान जनजाति नागरिकों को भारत की विकास यात्रा के सह निर्माता के रूप में सशक्त बनाता है।
भावानगर के एसडीएम नारायण चौहान ने अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी ( वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 विषय पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घास काटना, लकड़ी एकत्रित करना, पानी और वन संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षण जैसे तमाम कामों पर स्थानीय लोगों का अधिकार है और वन अधिकार कानून उनके इस अधिकार को और मजबूत बनाता है। उन्होंने बताया कि किन्नौर जिले में अब तक 508 वन अधिकार पत्र जारी किए गए हैं जबकि 203 पर विचार विमर्श जारी है। किन्नौर में वन अधिकार की स्थिति प्रदेश के अन्य जिलों से बेहतर है। उन्होंने कहा कि वन कई लोगों के लिए आजीविका का साधन है इसलिए वनों की सुरक्षा करना समाज की और समुदाय की जिम्मेदारी है। कार्यक्रम में ठाकुर सेन नेगी महाविद्यालय के प्राध्यापक और विद्यार्थी भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन सहायक निदेशक संजीव शर्मा और आभार प्रदर्शन मीडिया एवं संचार अधिकारी अहमद खान ने किया।