Wednesday , 5 November 2025

ट्राइडेंट ग्रुप के साथ एमओयू पर एनआईटी जालंधर के हस्ताक्षर, छात्रों को मिलेंगे व्यावहारिक अनुभव

दिल्ली/जालंधर (ब्यूरो) :- डॉ. बी. आर. अंबेडकर नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी), जालंधर के टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी विभाग ने 17 सितंबर 2025 को भारत की प्रमुख टेक्सटाइल कंपनी ट्राइडेंट ग्रुप के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य उद्योग और शिक्षा जगत के बीच मजबूत सहयोग को बढ़ावा देना था। यह एमओयू औपचारिक रूप से प्रो. बिनोद कुमार कनौजिया, निदेशक, एनआईटी जालंधर, और नेमाई चंद्र राय, फंक्शनल हेड – फाइबर और यार्न इनोवेशन, ट्राइडेंट लिमिटेड द्वारा हस्ताक्षरित किया गया, इस अवसर पर मोनिका सिक्का (विभागाध्यक्ष, टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी विभाग), प्रो. अजय बंसल (रजिस्ट्रार), और डॉ. एम. डी. रॉय (डीन – इंडस्ट्री और इंटरनेशनल अफेयर्स) उपस्थित थे, साथ ही , टेक्सटाइल विभाग की ओर से प्रो. ए. मुखोपाध्याय, प्रो. विनय मिड्डा और प्रो. ए. के. चौधरी भी इस मौके पर उपस्थित रहे। इस सहयोग का उद्देश्य एनआईटी जालंधर और ट्राइडेंट के शैक्षणिक, शोध और इंटर्नशिप/प्रशिक्षण कार्यों को बढ़ावा देना तथा टेक्सटाइल क्षेत्र में ज्ञान और विचारों का आदान-प्रदान करना है।इस अवसर पर एनआईटी जालंधर के निदेशक प्रो. बी. के. कनौजिया ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि यह समझौता हमारे छात्रों को उद्योग से जुड़ने और अपने ज्ञान को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों पर लागू करने के अधिक अवसर प्रदान करेगा।ट्राइडेंट जैसे बड़े समूह के साथ काम करना उनके कौशल विकास और शोध को और मज़बूत करेगा और उनकी क्षमता को निखारेगा। ट्राइडेंट ग्रुप के नेमाई चंद्र राय ने भी इस पर अपनी राय देते हुए कहा कि ट्राइडेंट का मानना है कि शैक्षणिक संस्थानों के साथ मजबूत साझेदारी ही टेक्सटाइल इंडस्ट्री के भविष्य को नया रूप दे सकती है। एनआईटी जालंधर के साथ यह सहयोग हमें नई प्रतिभाओं को तैयार करने, नवाचार को आगे बढ़ाने और टिकाऊ समाधान विकसित करने में मदद करेगा, जिनसे उद्योग और समाज दोनों को लाभ होगा।यह साझेदारी छात्रों के कौशल विकास, शोध कार्य और व्यावहारिक अनुभव को बढ़ाएगी और साथ ही वस्त्र उद्योग की तकनीकी प्रगति में भी योगदान देगी।

Check Also

ਜ਼ਿਲ੍ਹੇ ਅੰਦਰ ਪਿਛਲੇ ਸਾਲ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਅੱਗ ਲੱਗਣ ਦੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ਹੁਣ ਤੱਕ

ਕਰੀਬ 60 ਫੀਸਦੀ ਕਮੀ ਆਈ-ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰਪਰਾਲੀ ਨੂੰ ਅੱਗ ਲੱਗਣ ਦੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਰੋਕਣ ਲਈ ਟੀਮਾਂ ਫੀਲਡ …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *