जालंधर (अरोड़ा) :- मेयर वर्ल्ड स्कूल राष्ट्र प्रेम को पोषित करता है और युवा मन में इन मूल्यों का संचार करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि अगली पीढ़ी भारत की विरासत की मशाल को आगे बढ़ाए। मेयर वर्ल्ड स्कूल के पी प्राइमरी विंग, मेयर गैलेक्सी ने 22 अगस्त 2025 को एक भावनात्मक रूप से प्रेरक संध्या सभा-स्वतंत्रता की गुज का आयोजन किया, जिसमें स्वतंजता संग्राम में भारत के साहस, बलिदान और विजय की यात्रा को याद किया गया। यह आयोजन केवल एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि इतिहास की गलियों से होकर एक भावपूर्ण यात्रा थी, जो पैर्य और दृढ़ता का उत्सव मनाती थी, जी हमारे स्वतंत्र भारत को आकार देने वाले स्तंभ है। इस अवसर पर हमारे संस्थान के सम्मानित मार्गदर्शक और दूरदर्शी स्तंभ उपाध्यक्षा सुत्री नीरजा मेवा, इस्टी चितज मेयर और उप.प्रधानाचार्य सुत्री चारु नेहान उपस्थित थे। उनकी उपस्थिति, जो अग्रणी भावना और अटूट प्रतिबद्धता का एक सच्चा प्रतीक थी, प्रेरणा का एक उज्ज्वल स्रोत बनी और हमारे छाती को सेवा, देशभक्ति और जिम्मेदार नागरिकता के मूल्यों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। शाम की शुरुआत मेयर गैलेक्सी के युवा कहानीकारों द्वारा जीवंत रूप से प्रस्तुत भावभीनी श्रद्धांजलि को देखने के लिए दर्शकों को आमंत्रित करके गर्मजोशी से स्वागत के साथ हुई। मेयर गैलेक्सी की प्रधानाध्यापिका प्रीना सबलीक ने अपने प्रेरक शब्दों से सम्मानित सभा को संबंधित किया, जिससे कार्यक्रम का एक चिंतनशील और उत्साहवर्धक माहौल तैयार हुआ। इसके गद मातृभूमि को समर्पित एक मनमोहक नृत्य प्रदर्शन हुआ, जिसके साथ सभा की औपचारिक शुरुआत हुई।




कथावाचकी ने दर्शकों को भारत के स्वतंत्रता संग्राम के माध्यम से मार्गदर्शन किया और अपने जन्मसिद्ध अधिकार स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले लोगों के अपार बलिदान, लचीलेपन और अटूट दृढ संकल्प पर प्रकाश डाला। सभा ने पारंभिक ब्रिटिश व्यापार की उपस्थिति से लेकर फूट डाली और राज करो की नीतियों के प्रभाव तक, ऐतिहासिक घटनाओं का वर्णन किया, और भारतीय युवाओं और स्वतंत्रता सेनानियों की अदम्य भावना पर जोर दिया। स्वदेशी और खादी आंदोलन का छात्रों ने खूबसूरती से मंचन किया, जिसने स्थानीय उद्द्योगों को समर्थन देने और भारत में निर्मित वस्तुओं को अपनाने के महत्व को दर्शाया गया। उनका जीवंत कोरस, विदेशी छोड़ो, स्वदेशी अपनाओ, देश को आगे बढ़ाओ पूरे समारोह में गूज उठा, जो देशभक्ति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक था। नमक सत्याग्रह और दांडी मार्च के भावनात्मक दृश्यों को दर्शाया गया, जिसमे नमक कानूनों से प्रभावित परिवारों को दिखाया गया, जिसकी परिणति महात्मा गांधी से उनकी मुलाकात में हुई, जिसने अन्याय के विरुद्ध साहस, आशा और एकता पर जोर दिया। प्रिंटिंग प्रेस की दुर्दशा ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संघर्ष को उजागर किया, जहाँ सपादको ने शिटश शासन के तहत सच बोलने के लिए निर्वासन का जोखिम उठाया। इस सभा में भारत छोड़ो आदोलन के दौरान राष्ट्र की एकता और सामूहिक भावना का प्रतिनिधित्व करने वाली सांस्कृतिक अभिव्यक्तियाँ भी प्रस्तुत की गई। संगीत, नाटक और संवादों ने मिलकर भारत की स्वतंत्रता की यात्रा का एक जीवत चित्रण किया। कार्यक्रम का समापन भारत की स्थायी भावना पर भावपूर्ण विचारों के साथ हुआ, जिसने दर्शको को प्रेरित और गहराई से प्रभावित किया। हर प्रस्तुति, हर संवाद और हर गीत में आजादी की गूंज सुनाई दे रही थी यह याद दिलाता है कि हमारे पूर्वजों का साहस और बलिदान आज भी गूंज रहा है। विद्यालय प्रबंधन ने इस आयोजन की शानदार सफलता के लिए शिक्षकों और प्रतिभानियों को हार्दिक बधाई दी। उन्होने अभिभावकों के प्रति भी उनके अटूट समर्थन और प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया, जिसने बच्चों को ऐसे समृद्ध कार्यक्रमों में पूरे मन से भाग लेने के लिए प्रेरित किया।