जालंधर (ब्यूरो) :- समर्थन और सशक्तिकरण के एक सौहार्द कदम का परिचय देते हुए, भारतीय सेना के गोल्डन एरो डिवीजन ने नन्हे योद्धा सवर्ण सिंह के भविष्य को संवारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उसके असाधारण साहस और दृढ़ता को देखते हुए, भारतीय सेना ने मास्टर सवर्ण की शिक्षा को पूरी तरह से प्रायोजित करने की प्रतिबद्धता जताई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वित्तीय बाधाएँ उसके विकास और आकांक्षाओं में बाधा न बनें।



फिरोजपुर छावनी में एक विशेष समारोह के दौरान, पश्चिमी कमान के जीओसी-इन-सी, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने मास्टर सवर्ण को व्यक्तिगत रूप से सम्मानित किया,और पंजाब के लोगों के साथ भारतीय सेना के अटूट संबंध और अगली पीढ़ी के प्रति अपनी गहरी जिम्मेदारी की भावना को दर्शाया। यह पहल न केवल देश की सीमाओं की रक्षा करने, बल्कि उसके भविष्य को संवारने की सेना की वचनबद्धता का प्रमाण है। सवर्ण की कहानी देश भर के उन वीरों की याद दिलाती है जो सम्मान और समर्थन के हकदार हैं। इस पहल के तहत, सवर्ण को व्यापक शैक्षिक सहायता सुनिश्चित की जाएगी। भारतीय सेना का गोल्डन एरो डिवीजन, सवर्ण की स्कूली शिक्षा के सभी पहलुओं को, प्रवेश से लेकर शैक्षणिक आवश्यकताओं तक, कवर करेगा। इसका उद्देश्य सवर्ण को उसकी शैक्षिक यात्रा में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक अवसर और संसाधन प्रदान करना है। लेफ्टिनेंट जनरल कटियार ने इस बात पर ज़ोर दिया कि हमारी सेना मास्टर सवर्ण की भविष्य की यात्रा में हर कदम पर उसके साथ खड़ी है, और उन्होंने इस नन्हें योद्धा के उज्जवल भविष्य के निर्माण में इस साझेदारी के महत्व को रेखांकित किया। यह पहल न केवल भारतीय सेना की अपने नागरिकों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि करुणा और समर्थन का एक प्रेरक उदाहरण भी प्रस्तुत करती है।