जालंधर (अरोड़ा) :- मशहूर धावक फौजा सिंह की मृत्यु पर शोक व्यक्त करने के लिए लोक सभा मेंबर राजकुमार चब्बेवाल और आदमपुर से पार्टी के हलका इंचार्ज पवन कुमार टीनू ब्यास पिंड उनके घर गए एवं शोकाकुल परिवार से मिलकर अपनी संवेदना व्यक्त की। इस अवसर पर दोनो नेताओं ने कहा कि धावक फौजा सिंह के चले जाने से पंजाब ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले हर पंजाबी की भी आंखें नम हैं। 114 साल की उम्र में भी उनका जोश युवाओं जैसा था। वह युवाओं और खिलाड़ियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत रहेंगे। आप नेता ने कहा कि उनकी मौत से उनके परिवार को जो घाटा हुआ है वो कभी पूरा नहीं हो सकता। आम आदमी पार्टी हमेशा उनके परिवार के साथ खड़ी है। सोमवार को फौजा सिंह अपने पैतृक गांव में घर के बाहर सैर कर रहे थे। इसी दौरान एक अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। उसके बाद उन्हें जालंधर के एक निजी अस्पताल मे दाखिल करवाया गया, लेकिन बाद में डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पूरे विश्व में फौजा सिंह को टर्बन्ड टॉरनेडो, रनिंग बाबा और सिख सुपरमैन के नाम से जाना जाता है। फौजा सिंह का जन्म 1 अप्रैल, 1911 को पंजाब के जालंधर जिले के ब्यास पिंड में हुआ था। उन्होंने 90 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैराथन में दौड़ना शुरू किया। इस उम्र में मैराथन दौड़ने के उनके हौसले ने लोगों को आश्चर्य में डाल दिया। फौजा सिंह अपने इस साहस और दृढ़ निश्चय के कारण ‘टर्बन्ड टॉरनेडो’ (पगड़ीधारी तूफान) के नाम से मशहूर हो गए। उनके बायोग्राफी का भी शीर्षक यही है। फौजा सिंह ने 90 साल की उम्र में अपनी पहली मैराथन दौड़ पूरी की थी। 2004 में उन्होंने 93 साल की उम्र में लंदन मैराथन पूरी की। 2011 में 100 साल की उम्र में उन्होंने टोरंटो मैराथन पूरी की और 100+ की कैटेगरी में रिकॉर्ड बनाया। वह दुनिया के सबसे उम्रदराज मैराथन धावक थे।
