जालंधर (अरोड़ा) :- हंसराज महिला महाविद्यालय के इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सैल की ओर से रोजमर्रा के जीवन को एआई से बनाएं बेहतर विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। बतौर रिसोर्स पर्सन डॉ. उर्वशी मिश्रा, एसोसिएट प्रो. कंप्यूटर साइंस एंड आईटी उपस्थित थे। सीनियर फैकल्टी डॉ. नवरूप कौर व कोआर्डिनेटर आईक्यूएसी डॉ. आशमीन कौर ने प्लांटर भेंट कर उनका स्वागत किया। डॉ. उर्वशी ने बताया कि आर्टीफिशियल इंटैलीजैंस का सिद्धांत काफी पुराना है। यह कोई नई तकनीक नहीं है। एआई का सिद्धांत सबसे पहले जॉन मैकार्थी ने 1956 में दिया। हम सभी एआई का प्रयोग किसी न किसी रूप में करते हैं। एआई का प्रयोग घरों में वॉयस असिसटेंट के तौर पर काम को शैड्यूल करने के लिए, हैल्थ एवं फिटनेस, ट्रास्र्पोटेशन, कस्टमर स्पोर्ट, फाइनेंस एवं शॉपिंग, गूगल मैप, रोबोटिक सर्जरी, नैवीगेशन, स्कियोरिटी, मनोरंजन, वीडियो गेम्स, स्मार्ट इनपुट कीबोर्ड, क्लिप आर्ट्स आदि के लिए किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एआई ने जीवन बहुत सरल बना दिया है। हम घरों का लाइटिंग सिस्टम, स्कियोरिटी सिस्टम तथा तापमान नियंत्रण तक एआई से कर सकते हैं। घर में वॉयस असिस्टेंट के तौर पर एलैक्सा मौजूद होती है। प्रतिभागियों को यह जानकारी मिली कि वे जाने-अनजाने में एआई का प्रयोग रोजमर्रा कर रहे हैं। प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन ने कहा कि कालेज का आईक्यूएसी फैकल्टी को हमेशा नवीन जानकारियां प्रदान कर अपडेट रखता है। मंच संचालन प्रोतिमा मंडेर ने किया।
