डी.ए.वी. कॉलेज, जालंधर ने सौर-आधारित हाइड्रोजन उत्पादन तकनीक के लिए पेटेंट पंजीकृत किया

जालंधर (अरोड़ा) :- डी.ए.वी. कॉलेज, जालंधर के स्नातकोत्तर भौतिक विभाग को “पानी के माध्यम से कुशल हाइड्रोजन उत्पादन के लिए सौर थर्मोकेमिकल रिएक्टर” नामक पेटेंट के सफल पंजीकरण की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है।पंजीकृत पेटेंट के डिज़ाइन का श्रेय संकाय सदस्यों डॉ. शिवानी ढल, डॉ. सुनील ठाकुर, डॉ. सुमित और श्री राहुल सेखरी को जाता है। विभागाध्यक्ष डॉ. कुंवर राजीव ने इस उत्कृष्ट उपलब्धि को हासिल करने में प्रयास करने वाले सभी शिक्षकों को बधाई दी।यह पेटेंट रिएक्टर हाइड्रोजन के स्वच्छ और कुशल उत्पादन के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो ईंधन कोशिकाओं और विभिन्न औद्योगिक अनुप्रयोगों में उपयोग किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हरित ईंधन है। अभिनव डिज़ाइन में केंद्रित सूर्य के प्रकाश के संपर्क को बढ़ाने के लिए अनुकूलित ज्यामिति, बेहतर थर्मल दक्षता के लिए पुनर्योजी ताप विनिमायक और कम ऊर्जा वाले जल विभाजन के लिए रेडॉक्स-सक्रिय सामग्री शामिल हैं। यह उपलब्धि अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार के लिए डी.ए.वी. कॉलेज की प्रतिबद्धता को उजागर करती है। प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने भविष्योन्मुखी और आशाजनक ग्रीन फील्ड प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में इस उल्लेखनीय नवाचार के लिए भौतिक विभाग के संकाय के प्रयासों की सराहना की और बधाई दी।

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